शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 1130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 21 Next शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 May 2021 · 1 min read 【 जब हुई बरसात आँगन में,वो बीते दिन याद आए】 जब हुई बरसात आँगन में, वो बीते दिन याद आए। जो दीपक जलता था, झरोखे के तले, उसका बुझना ठण्डी हवा के झोकों से, फिर जलाना उसी दृढ़ उत्साह के... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 2 568 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 27 May 2021 · 1 min read 【Solutions come from heart】 Solutions come, When we do the best, In our mind through Heart, Heart is the heaven, Which always reins, Sprit,ideas and knowledge, And covers mind,s habits, Of nimbleness, But it... English · Poem 1 510 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 27 May 2021 · 1 min read 【अश्रुरूपी गीतों की बरसात】 तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं, संसार से आती हैं जो आवाजें, तुझे ही खोजता हूँ अपने मन से, जो ख़्याल बनकर, लफ्ज़ बने, उन्ही लफ्जों में तेरी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 3 489 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 26 May 2021 · 1 min read ***Strength prevailing in you*** Actually, Man can do, The thing,which he, Can not achieve, But,from his strength, Prevailing inside him, When he feels it, To gain the supermacy, Fabricated with his Soul, From many... English · Poem 1 642 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 26 May 2021 · 1 min read **बरसात** ब बन्धन से जब स्वतंत्र हों, ज्ञानदीप जले, जले साथ ही अगणित शत्रु छिपे हुए तन में, तन ही ज्ञानाज्ञानाश्रय है और विवेक शिखर, शिखर पर बैठा प्रभु करता अमृत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 279 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 25 May 2021 · 1 min read God is infinite Infinite is, God and his nature, No difference, God and nature, Nature is God, And God is nature, God who play with, His lovely creature, Nature is his stature, His... English · Poem 1 1 353 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 25 May 2021 · 1 min read "सहजविद्या की प्राप्ति ही वास्तविक वृष्टि" अव्याकृता है सरल दृष्टि उसकी, अनुस्यूत जिसमें ब्रह्माण्ड सारा, अधम भी अनुभव करे पुण्यशाली, मातृका निज ममता पिरोती, है विवेचित शब्दों का अन्तर, प्रेमहेतु सृजन करता वह सृष्टि, सहज विद्या... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 3 457 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 24 May 2021 · 1 min read **हे प्रभु!यह कैसा मृत्योत्सव है** टूट चुके हैं स्वप्न जगत के, जीवन का परिमल सब छूटा, आशाएँ हैं भय से आकुल, बचे प्रेम का पुल जब टूटा, थोड़ी जो कुछ सहानुभूति थी, घर का रोशनदान... Hindi · कविता 1 289 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 16 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-7 लाल सिंह- हाँ क्यों नहीं।उन्होंने सर्वदा विचार रूपी जलजीरे की स्वाद वाली साधारण व्यक्तित्व से प्रभावित भाषिक पूरी का सेवन किया।मुंशी जी का साधारण व्यक्तित्व असाधारण था।पढ़ने के बहुत शौकीन... Hindi · कहानी 278 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 14 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-6 लाल सिंह-चिंता न करो, तुम्हारे ख़्यालात के अनुसार ही सभी कालों की ऐतिहासिक क्रमशः झण्ड उतारेंगे। चुनौती की आन्तरिक पहलू ऐसा रहा है कि इतिहास को फिरंगियों ने जैसा तय... Hindi · कहानी 1 1 263 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 13 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-5 लाल सिंह-(द्विवेदीजी की लाली से)ख़ैर,तुम्हारा ज्ञान आगरा के श्री राम कचौड़ी वाले की कचौड़ी जैसा है, जो झण्ड उड़ाते हुए घासलेट में सिकती है, परन्तु यह देखकर भी भूख तेज़... Hindi · कहानी 488 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 12 Apr 2021 · 3 min read प्रेम की राह पर-4 लाल सिंह-(द्विवेदीजी की लाली से)आद्यऐतिहासिक काल हड़प्पा की संस्कृति और वैदिक संस्कृति की गणना इस काल में की गई है, परन्तु इतिहासकारों की झण्ड तब उड़ जाती है जब इस... Hindi · कहानी 270 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 11 Apr 2021 · 3 min read प्रेम की राह पर-3 नवपाषाण काल का प्रथम प्रस्तर उपकरण झण्ड उड़ाते हुए टोन्स नदी के किनारे मिला था, जिसे लेन्मेसुरिअर ने 1860 में प्राप्त किया था।तो उसे झण्ड का परम लाभ मिला। वह... Hindi · कहानी 288 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 10 Apr 2021 · 3 min read 'प्रेम की राह' पर -2 प्रागैतिहासिक काल में झण्ड पुरापाषाणकाल, मध्यपाषाणकाल,नवपाषाणकाल में कई जगह उतरी है।जिसमें झण्ड का व्याख्यान पुरातात्विक,साहित्यिक स्त्रोत, विदेशी यात्रियों के विवरण से कई जगह झण्ड उड़ाते हुए मिल जाता है।तो इसका... Hindi · कहानी 275 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 9 Apr 2021 · 2 min read 'प्रेम की राह पर-1 मेरे उपन्यास से। तुम ऑनलाइन आकर ऐसे शरमाती हो,जैसे ससुर के कमरे में घुस रही हो और पर्दा डालकर ऐसी हो जाती हो जैसे मुझे कोई देख नहीं रहा है" द्विवेदीजी की लाली-(लाल... Hindi · कहानी 284 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 8 Apr 2021 · 1 min read 【तू सर्वदा, सत्य के साथ, मुक्त है】 मरा हुआ हूँ मैं जन्म लेते ही, मर चुका हूँ मैं, जीवन ढूँढ रहा हूँ, जो मुझे, जिलाए हुए हैं, वही तो सत्य है, जो जीवन है, शोध ही लूँगा,... Hindi · मुक्तक 1 544 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 8 Apr 2021 · 1 min read 【विशुद्ध प्रेम से, वह परमपुरुष भी, रीझ जाता है】 स्नेहिल हूँ, नहीं भी, प्रमाण दूँ, कुछ नहीं, क्या कहूँ, कुछ भी तो, कहा, क्यों कहा? कहकर क्या मिला? हल्का हुआ।, कहाँ, पेट पर, हाथ पर, सिर पर, भाल पर,... Hindi · मुक्तक 227 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Apr 2021 · 1 min read 【सुख के अभाव का चिन्तन ही कष्ट】 कष्ट क्या है? सुख के अभाव, का चिन्तन, बार-बार, कारण है जो, विनाश का, भ्रमित करता जो, नर को, भिन्न-भिन्न मार्गों पर, विकर्षण करता, आदर्श से, जो उपस्थित करता कैफ़ियत,... Hindi · मुक्तक 1 258 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Apr 2021 · 1 min read 【इस तरह न दो मुझे नज़र की सफ़ा】 इस तरह न दो मुझे नज़र की सफ़ा, कभी तो मेरे लिये सरेआम बन।।1।। ज़ख्म जो मिले तेरी वज़ह से दिल को, भरने को उनको सुहबत-ए-ताज़* बन।।2।। *अच्छी संगति चलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 6 Apr 2021 · 1 min read 【मित्र, एक चलता फिरता, हृदय】 मित्र, एक चलता फिरता, हृदय, द्वितीय, कर्तव्य, अधिकार, की भावना, का मिश्रण, प्रकाशक, संकटों का, अग्रिम, निवारण भी, देता संग संग, विनोद भी, प्रवर्त्तक सभी, कार्यों का, जो हितैषी है,... Hindi · मुक्तक 1 245 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 6 Apr 2021 · 1 min read 【मुझे जिंदगी का अंदाज़ क्या मिला】 मेरे फ़र्द^ इश्क़ का तग़ाफुल* क्या मिला, मुझे इस जिन्दगी का इनाम क्या मिला।।1।। ^इकलौते *उपेक्षा सवाल जो थे सब्र की सुर्खियाँ लिए हुए, इक ज़बाब को छोड़कर ज़बाब क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 406 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 5 Apr 2021 · 1 min read 【ज्ञान का दीपक,जो स्वयं भी, प्रकाशित है】 चाँद से होती बात, मिली शीतलता, जो करती है, शीतल, नख से शिख तक, उस दर्शन को, जो समाया है, मानव के रोम रोम में, वह रोम क्षण भर में,... Hindi · मुक्तक 438 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 5 Apr 2021 · 1 min read 【नष्ट नहीं होने वाला मैं, क्यों कि मैं, मैं हूँ】 सन्देह की, मर्यादा, पर अंकुश, प्रभावी हो, अगर, तो, व्याकुलता का, भंजन, हकीकत को, प्रमाणित कर, संयोग का अधिकार, विवेक का अधिकार, विनोद का अभिप्राय, संजोकर, निर्मित करता है, अन्तः... Hindi · मुक्तक 251 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 4 Apr 2021 · 1 min read 【लक्ष्य को, प्रदर्शित करता,एक, उत्प्रेरक तीर्थ】 कर न्यौछावर, कभी देह में, स्थिर कुटिलता, की डगर को, यह सोचकर कि, बुरा नहीं इससे अधिक, कोई विधानवश, संयम से, रख नज़र, इसके अन्य, पहलुओं पर, जो छलते हैं,... Hindi · मुक्तक 1 544 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 4 Apr 2021 · 1 min read 【कितने बसन्त अतीत के घूमते】 आँख से गिरते मोती, कहीं जम गए तो, बीतीं हुई यादों का सैलाब टूटेगा ये, कितने बसन्त अतीत के घूमते, लफ्जों के हक़ का बनाते साम्राज्य, उन्हीं लफ्जों के महल... Hindi · मुक्तक 1 271 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Apr 2021 · 1 min read 【मधुर स्मित, अधरों की लहर】 लोकों को, मोहित करती है, सँवारती है, बस यही है, सब कुछ जगत में, यही वर्ण का वेग, यही योग है, यही सुयोग है, न हो सम्मुख ये, तो महसूस... Hindi · मुक्तक 1 384 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Apr 2021 · 1 min read 【अन्तिम किरण, पुकारती है सुधार करो】 जलते दिये, रोशनी पर रोशनी, की परतें, बहुत दूर, पश्चाताप के अन्धेरें को, नष्ट करती उस रोशनी की, विलासी अन्तिम किरण, पुकारती है सुधार करो, ऐसे जैसे पंकज रहता है,... Hindi · मुक्तक 284 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 2 Apr 2021 · 1 min read 【जैसे शशि से, विलग न होती, तेजस्वी चाँदनी】 अधखुली झोली, दीखतीं रश्मियाँ, तेज की, ज्ञान की, वही तेज,जिससे, प्रकाशित साधक की, साधना, कल्पना, कल्पना में एक ही, अड़िग उद्देश्य जो, प्रदर्शन करता है, कभी न रुकने का, कभी... Hindi · मुक्तक 219 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 2 Apr 2021 · 1 min read "बातों की, बात में◆साहस का एकीकरण" सहसा, साहस का एकीकरण, बातों की, बात में, लच्छेदार, चित्रकारी, चित्रकारी में, शब्दों के पुष्प, शब्दों की सुबह और शाम, खिलने और बन्द होने की, प्रक्रिया अनवरत चलती हुई, द्योतक... Hindi · मुक्तक 406 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 1 Apr 2021 · 1 min read "उद्यम की क्रान्ति से तृप्त होती भूख" कोई, आवाज़ नहीं है, मूक पक्षी, और भूखा, देख रहा है, क्या वास्तव में, वह नहीं बोलता है, वह बोलता है, एकान्त में, वह देखता है, वह सुनता है, अपने... Hindi · मुक्तक 305 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "शुद्ध प्रेम नहीं अगर, हृदयरूप द्वार पर" अन्तरंग राग पर, स्नेह की नाव पर, प्रेम के दबाब पर, लफ्ज़ के ख़्याल पर, आशा की डोरी पर, श्वांस के अन्तराल पर, मूर्ख के आह्लाद पर, स्वयं के उद्यम... Hindi · मुक्तक 1 246 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "मन, भी अनन्त है,ईश्वर जैसा" कगार पर, खड़ा हुआ ज्ञान, अन्तर्द्वन्द से मचलती, वृत्ति को स्पर्श, न कर पाने से, संकोच की परिधि में, सामंजस्य की नित, नई प्रभाती से, विरोध की वृष्टि, भी सहकर... Hindi · मुक्तक 1 286 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "द्वेष भाव सब तजें" द्वेष भाव सब तजें, नेक राह सब चले, किसी से भी सदैव ही, व्यंग्य बात यूँ कहें, उसे वहीं नष्ट करें, विचिंत्य ही बोलते, मनद्वार खोलकर, बुद्धि के प्रभाव को,... Hindi · मुक्तक 1 410 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "शान्ति का उलाहना" असेव्य देव की तरह, सूखे पाषाण की, छाया भी शुष्क, वायु से खड़खड़ाते पत्ते, अज्ञात पुष्प की सुगन्धि, मन्द मन्द लहर, बलात खींचती नाक को, सुगन्ध प्रमाणित करती, जीवन भी... Hindi · मुक्तक 1 378 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "टूट रही है माला प्यारे" झूठ बोलते, आँख मरोरी, हाथ को जोड़े, सीना चौड़ा, कन्धे गिरते, त्वचा सिकुड़ती, रक्त गर्म है, लगी बीमारी, ये दुनियादारी, कितनी नारी, देखी भारी, आँख फुटाउ, काँपे कंकाल, कितने-कितने, माया... Hindi · मुक्तक 1 1 257 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "मेरे स्नेह को, पुकारना, अपने गीत से" मेरे स्नेह की, पगी चुनौती, लेकर देखना, तुम व्यापक हो, जाओगे अन्तरिक्ष में, वहाँ से दुनिया की, भाग दौड़ रूठ, जाएगी तुमसे, अकेले रहकर भी, वहाँ कितनी शान्ति, होगी समुद्र... Hindi · मुक्तक 1 287 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "मैं अकेला हूँ पर एक हूँ" जो खुशी, तुम्हारी नज़र में, है श्वेत श्याम, अनन्त की गोद में, तुम्हें देखना निरा, आलोक प्रमोद संग, खड़ा हूँ मैं अकेला, सरसराती पवन, टौंटी से गिरते, जल की टिप-टिप,... Hindi · मुक्तक 503 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "लक्ष्य से भटके अग़र, शरण कौन देगा मनुज" से, एक, महज़, द्वेष कब, प्रकट होता, कामना प्रखर, टिकी रही अधिक, तो निश्चित प्रयास में, लक्ष्य से भटके अग़र, शरण कौन देगा मनुज, तुझे,यह समझकर देख।।1।। से, द्वन्द, अथक,... Hindi · मुक्तक 1 546 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "किसी को क्या मिला-बिना प्रेम" अब्र^ पर है, रोशनी दिखाई दी, शुद्ध देह को ।।1।। ^बादल देह को जानो, उसमें सुन्दर जो, हृदय पथ ।।2।। उस पथ में, चलता राहगीर है, जो वहीं स्थिर।।3।। स्थिर... Hindi · हाइकु 3 451 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 29 Mar 2021 · 1 min read कुछ मिला है-वैराग्य पथ साधन पर, साध्य का महत्व ये, वैराग्य ही हैं।।1।। खोज कर तू, यत्र तत्र सर्वत्र, प्रभु हर जगह।।2।। यही आनन्द, और कहीं नहीं है, सब व्यर्थ है ।।3।। क्या मुक्ति... Hindi · हाइकु 1 219 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 Mar 2021 · 1 min read नज़र को, बे-नज़र करके तू श्रम करो रे, क्षण क्षण सदैव, रुको मत यूँ।।1।। रुकना नहीं, कार्य तुम्हारा प्रिय, सत्य कथन।।2।। बढ़ते चलो, तुम प्रकाशित हो, तुम देव हो।।3।। पुण्य क्षीण तो, देव भी गिरते... Hindi · हाइकु 354 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 Mar 2021 · 1 min read यही जीवन की पूर्णिमा है। अंतस से जब मिटे बुराई, ध्येय पर ही दृष्टि जमी हो, बाधाओं की अग्नि जलाकर, अपने में ही स्थिर रहकर, योग प्रयोग करें नित नव, प्रकृति के आकर्षण बल को,... Hindi · कविता 468 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 Mar 2021 · 1 min read प्रवचन से कुछ न हो, आत्मसात से विरत वह, देखकर यह सब दीन हीन कर्म ये।।1।। यह ग़रीब, वह भी ग़रीब है, स्ववचन से।।2।। अन्तःकरण, कैसे पवित्रतम, झूठ बोलते।।3।। प्रवचन से, कुछ न हो, मानव, आत्मसात से... Hindi · हाइकु 2 560 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 Mar 2021 · 1 min read कर्म विकर्म और अकर्म सब प्रभु पवित्र मठ, तन का है स्वरूप, सत्य असत्य।।1।। मानव हुआ, प्रतिफल जो है ये, सत्कर्म भक्ति।।2।। मौक्तिक टूटा, फिर पिरोया देह, नवीनता है।।3।। सदा है वो, नज़दीक बहुत, सतर्क रहो।।4।।... Hindi · हाइकु 380 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 27 Mar 2021 · 1 min read होली आनन्द रूप राग की बात, तिमिर में कब हो, जो अज्ञान का ।।1।। प्रतीक है ये, होली अज्ञान पर, जय ज्ञान की।।2।। ब्रह्म ने भी है, होली आनन्द रूप, खेली निकुंज।।3।। आसान... Hindi · हाइकु 1 1 287 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 26 Mar 2021 · 1 min read होली पे त्याग की पिचकारि लेके होली पे त्याग की पिचकारि लेके, प्रेम गुलाब जल भीजि भीजि के, अमिय की चाह में लोटि लोटि के, फाग की धुन्ध में समेटि तोरि के, आयें सब मिलके आनन्द... Hindi · कविता 1 350 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 11 Mar 2021 · 1 min read **शिवरूप गुरुदेव** निवसतिममहृदयेपार्वतीशंकरौ इव, विनस्यति ममसमस्तावगुणत्वानि, प्रकाशका: ज्ञानार्णवा: अहर्निश: , प्रणमति तं गुरुवरःशिवरात्रिदिवसे। अर्थ-जो रात्रि दिवस ज्ञान के समुद्र को प्रकाशित करने वाले है, जो मेरे हृदय में माँ पार्वती और महादेव... Hindi · कविता 493 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 10 Mar 2021 · 1 min read ***मृत्यु का प्रतिबिम्ब था वह** ***कोरोना काल का समय*** संवेदना थी, मर्म था, छिपा कोई कर्म था, नेह के नाते, द्वेष के संग किसी ने, ग़ैर छोड़ा, गुलाम थे, आज़ाद भी थे, उन क्षणों में,... Hindi · कविता 365 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Mar 2021 · 1 min read ️भैया!यह देखो बाबाजी का ठुल्लू️ रूप बसन्ती चितवन लेकर, घूम रहा था उपवन-उपवन, देख रहा था जीवन का कुछ, रूप मिले कुछ जादू जैसा, पर देखा यहाँ हर साख पर, बैठा रहता मूक-बधिर उल्लू, भैया!यह... Hindi · कविता 1 2 457 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 25 Feb 2021 · 1 min read यह विचार स्वदेशी है साँच को आँच नहि, उद्यम में दिन रात नहि, जीवनु, बिनु मातु नहि, यह विचार स्वदेशी है।।1।। भोजन,बिनु भात नहि, मित्र की कोई जाति नहि, दया बिनु साधु नहि, यह... Hindi · कविता 1 2 447 Share Previous Page 21 Next