सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Language: Hindi 143 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read दो मुक्तक जबसे दिल पर वार हुआ है। घायल दिल बीमार हुआ है। अश्क छुपाए रहता हरपल- आशिक क्यों लाचार हुआ है। रिमझिम बारिश की बूंदों को, लाया सावन। बच्चे बूढ़े सबके... Hindi · मुक्तक 276 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 739 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 3 min read देशभक्ति मुक्तक **************************** तिरंगा तीन रंग का प्यारा झंडा, भारत की है शान। इस झंडे के खातिर लाखों, वीरों ने दी जान। झुकने कभी न देंगें इसको, जब तक तन में प्राण-... Hindi · मुक्तक 457 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 2 min read कुछ मुक्तक विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read सजन ना आए विधा- गीतिका आधार छन्द-राधिका (22 मात्रा ,मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल अनिवार्य। समान्त-आए,अपदान्त। ******************************************** अब सावन बीता जाय, सजन ना आये। भेजत नाहीं संदेश, हृदय घबड़ाये। कछु भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 420 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read माँ माँ की ममता का इस जग में, मोल नहीं है भाई। बेटा चाहे जैसा भी हो, माई होती माई। लाज शर्म सब त्याग तुझे वह, इस जग में लाती है।... Hindi · गीत 2 2 482 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read कर्त्तव्य विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 461 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read प्रेम का उपहार हो तुम ============================ आधार छन्द- "माधवमालती" (28 मात्रा, मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगागा समान्त- "आर, पदान्त- "हो तुम"। =============== राम ने मुझको दिया जो, प्रेम का उपहार हो तुम। थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read रंजिश रंजिश मत रखिए कभी, आपस में ऐ मीत। जबतक धड़कन जान है, करते रहिए प्रीत। करते रहिए प्रीत, सदा सुखमय जीवन हो। दूर रहेगा रोग, निरोग सदा तन-मन हो। कहें... Hindi · कुण्डलिया 358 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read ओलंपिक आयोजन था ओलंपिक का, शहर टोक्यो था जापान। हाथ तिरंगा लेकर पहुँचे, शेर हिंद के वीर जवान। कांसा जीता चांदी जीता, उन्नत कर भारत का भाल। गोल्ड न आया ओलंपिक... Hindi · कविता 496 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read सबके दिलों में प्यार हो छन्द हरिगीतिका मापनीयुक्त वाचिक मापनी गागालगा गागालगा गागालगा गागालगा ध्रुव शब्द-प्यार हो मुक्तक धड़कन रहे जबतक हृदय में सत्य ही आधार हो। दौलत रहे या ना रहे खुशियों भरा संसार... Hindi · मुक्तक 317 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Jul 2021 · 1 min read आँसुओ का नल खुला यूँ छोड़कर विधा-गजल बेखबर होने लगे हो आजकल। चैन से सोने लगे हो आजकल।१ जख्म कुछ गहरा मिला क्या आपको, हर घड़ी रोने लगे हो आजकल।२ हो गई है पुष्प से क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 27 Jul 2021 · 1 min read राधिका छंदाधारित चार मुक्तक आधार छंद- राधिका (मापनीमुक्त मात्रिक, 22 मात्रा) विधान- 13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल, गाल-यति-लगा उत्तम, आदि में वाचिक गा अनिवार्य। ---------- देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ... Hindi · मुक्तक 589 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read जय महादेव देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ , अनघ त्रिपुरारी। आदर पाते सर्वत्र, उमापति भोले- बोलो सब जय जयकार , चलो नर-नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया,... Hindi · मुक्तक 208 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read बिरहन साजन सावन का मास, करूंँ मनुहारी। देखो बिरहन है आज, तुम्हारी प्यारी। चूड़ी कंगन बेकार, महावर पायल- आदर सादर बिन हाय, तुम्हारी नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.) ☎️7379598464 Hindi · मुक्तक 1 339 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read आँख मेरी हमेशा छलकने लगी गीतिका साँझ बनकर जवानी ये' ढलने लगी। जिंदगी रेत जैसे फिसलने लगी। उम्र के साथ अनुभव बढ़ा हर समय, जिंदगी ठोकरों से सँभलने लगी। लाख दौलत कमा कर बनाया महल,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read मेरा कुछ अधिकार नहीं तुम ही साँसें तुम ही धड़कन, तुम बिन यह संसार नहीं। छोड़ दिया मैं सबकुछ अपना,फिर भी कहते प्यार नहीं। बिंदी चूड़ी कंगन पायल, सिंदुर सर पे तेरा है- इच्छाएँ... Hindi · मुक्तक 1 327 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read नेह वासना लिपटी हुई है नेह में। ढूंढते हो क्या न जाने देह में। है वचन झूठा तुम्हारे प्रेम का- मर रही मैं आँसुओं के गेह में। 'सूर्य' (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Hindi · मुक्तक 1 515 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Jul 2021 · 1 min read वाह जी अब क्या कहने कहने को सब ने कहा, समझ न पाए लोग। आज भयानक हो गया, जनसंख्या का रोग। जनसंख्या का रोग, मिटाना अब है भारी। साधन रिक्त समाज, आज की है बीमारी।... Hindi · कुण्डलिया 263 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read अभी उतना नहीं लिखता हृदय में दर्द है जितना अभी उतना नहीं लिखता। बनावट के वुसुलों पर कोई रिश्ता नहीं टिकता। दिखावे के लिए सब लोग कहते हैं तुम्हरा हूंँ। मुसीबत में यहाँ कोई,... Hindi · मुक्तक 370 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read मास्क मत छोड़ो रहे दो गज भले दूरी मगर मुखड़ा नहीं मोड़ो। रहो घर में ही अपने और कोविड चेन को तोड़ो। सुनो यह रोग भारी है इसे हल्के में मत लेना। अगर... Hindi · मुक्तक 1 252 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read चलो अब गाँव चलते हैं जहाँ सबके दिलों में प्रेम के हीं दीप जलते हैं। मटर सरसो के फूलों पर जहाँ भँवरे मचलते हैं। यहाँ की मखमली बिस्तर से सुंदर गाँव की माटी। शहर में... Hindi · मुक्तक 1 530 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read तरुवर आधार छंद- लावणी(मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-30 मात्रा,16,14 पर यति, अंत में वाचिक गा लावणी-(30)=चौपाई (16)+मानव +(14)गा ध्रुव शब्द-तरूवर ***************************************** वृक्ष धरा का गहना होता, आओ उनसे प्यार करो। प्राणवायु देते... Hindi · मुक्तक 1 2 365 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सेनुर शौक हमार।। सावन, बिन साजन सखी, बरसाता अंगार। तन मन मुरझाने लगा, शीतल मन्द... Hindi · दोहा 355 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read साधन सावन में साजन नहीं, नैन करे बरसात। हरपल विरह वियोग में, कटते हैं दिन-रात। साजन सुधि लेते नहीं, तड़प रहा मन मोर- मिले नहीं संदेश कुछ, होती है ना बात।... Hindi · मुक्तक 1 2 384 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सूना मन के द्वार। धन दौलत रुपया वसन, ना पूरी पकवान, ना मांँगू मैं आपसे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 574 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read हाय क्या जालिम जमाना आ गया गीतिका आधार छन्द- "आनंदवर्धक" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगा (19 मात्रा) समान्त- "आना', पदान्त- "आ गया". =============== ॐ "गीतिका" हाय क्या जालिम जमाना आ गया। जख्म में नश्तर चुभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 291 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read कामना गीतिका -- आधार छंद - सार्धमनोरम मापनी - 2122 2122 2122 समांत - अना, पदांत - है । *********************** प्रेम डोरी से तुझे अब बाँधना है। आज नैनों को तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 438 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read गम खुशी के मध्य में समतल तुला रखना एक गीत और- गम खुशी के मध्य में समतल तुला रखना। हो सके तो दर्द से कुछ फासला रखना। दर्द गम सहना पड़ेगा जिंदगी है जी। श्वांस का उपहार जबतक... Hindi · गीत 1 2 407 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक नींदक औषधि नीम सम, कड़वी है तासीर। कमी हमारी देख वह, होता बड़ा अधीर। करता भले आलोचना, देता हमको सीख- अपनी कमियों के लिए , बने रहो गंभीर।२ निंदक... Hindi · मुक्तक 1 2 256 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक विधा- मुक्तक (सादर समीक्षार्थ) *************************** साँस जाती रही आश जाता रहा। मौत के संग मैं गुनगुनाता रहा। लोग अपने खड़े थे मुझे घेर कर- मैं तुझे याद कर तड़फड़ाता रहा।... Hindi · मुक्तक 2 251 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा मुक्तक माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 310 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा गजल विधा --दोहागजल ??????????????? आओ हम फिर से करें, नवयुग का निर्माण। सबका सम अधिकार हो, सबका हो कल्याण। औषधि शिक्षा मुफ्त हो, हाथ सभी के काम, देखो अन्न अभाव में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 258 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read तो क्या ******************************************* सतरंगी है जीवन यारों, गम खुशियों की थाली होगी। कहीं खुशी, गम, दर्द मिलेगा, रात कहीं कुछ काली होगी। पतझड़ का मौसम कुछ पल का, तो क्या बंद चहकना... Hindi · मुक्तक 1 233 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read ऐ खुदा आह! गम का आज जो हलचल मचा है। जिंदगी में दर्द तुम ने ही रचा है। अब नजर आती नहीं है राह कोई- ऐ खुदा तेरा सहारा ही बचा है।... Hindi · मुक्तक 1 404 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मैं सपनों में आऊँ कैसे द्वार हृदय का बंद पड़ा है, मैं सपनों में आऊंँ कैसे। इश्क मुहब्बत दुनिया दुश्मन, तुमको गले लगाऊंँ कैसे। हुआ मरुस्थल जीवन तुम बिन, पुष्प बिना उपवन हो जैसे- सांसें,... Hindi · मुक्तक 1 226 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Jul 2021 · 1 min read दर्द का यह काफिला प्यार उनसे कर के मुझको, क्या बताएँ क्या मिला। अब कहाँ जाने रुकेगा, दर्द का यह काफिला। जान कहते थे मुझे जो, जान लेकर चल दिए। प्यार का सपना दिखाए,और... Hindi · गीत 2 604 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Jul 2021 · 1 min read जल विधा-गीत व्यर्थ इसे करता है जो, उसकी नादानी है। जल ही जीवन है धरती पर, अमरित पानी है। भर डाले सब कूप पोखरा, जंगल काट दिए। पर्यावरण बिगाड़ दिए अरु,... Hindi · गीत 1 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ ममता प्रतिमूर्ति है, है ईश्वर का रूप। माँ चरणों में बैठ जा, नहीं लगेगी धूप।१। माँ के चरण पखार जो, वंदन करता नित्य। माँ के आशिर्वाद से, बन जाता... Hindi · दोहा 1 2 308 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 270 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सदा खुशियांँ नहीं रहती, सदा गम भी नहीं रहते। जिगर पत्थर बना डाला, नयन अब नम नहीं रहते। समय के साथ बदला है, जमाना भी अजी अब तो- मुसीबत लाख... Hindi · मुक्तक 1 2 192 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read बाल कविता मेरी पहली बाल कविता *********"********** बिटिया मेरी सोई। सपने में है खोई। सपने में है हाथी। हाथी सबका साथी। देखो भागा बन्दर। फूलवारी के अंदर। तोड़ रहा है केला। मारो... Hindi · कविता 1 247 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read अपने लगा हुआ यह दर्द खुशी का, कैसा मेला है। कहने को सब ही अपने पर, मनुज अकेला है। कोई हँसता कोई रोता, दुख-सुख है जीवन- अपने-अपने कर्मों का सब, साथी... Hindi · मुक्तक 2 249 Share Previous Page 3