Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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लिख रहा हूं इक ग़ज़ल ले वज़्न तेरे प्यार का ।
Rakmish Sultanpuri
दोस्तों ने सभी फ़ासला छोड़कर ।
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क्या प्रेम है जहां मे करके दिखा दिया ।
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वो बारह दोहे ।
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तगादे आ रहे घर तक
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मुहब्बत मे मुहब्बत का हि मंजर तक नही आया ।
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जिंदगी मेरी अर्पण वतन के लिये ।
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इश्क़ मे लगने लगी हैं बोलियां ।
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बड़ी तकलीफ़ पाया हूं यह पर मुस्कुराने मे ।
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दिल तुम्हारा मुझे भ गया है ग़ज़ब ।
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दोस्ती के लिए मै रुका रह गया ।
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ग़ज़ल।दोस्तों का जिंदगी भर दाखिला बढ़ता रहा ।
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ग़ज़ल।हो गये अपने पराये लोग सब ।
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ग़ज़ल।मुझे आज अपनी कहानी बता दो ।
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ग़ज़ल।मुझे हर शख़्स प्यारा है ।
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ग़ज़ल।बन गया पत्थर ज़माना ।
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ग़ज़ल।मेरा यार मुझसे जुदा हो रहा है ।
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ग़ज़ल।हौसलें मेरी जिंदगी के ।
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ग़ज़ल।मौत को आज़माता जा रहा हूं ।
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ग़ज़ल।ऐ ख़ुदा तू पथ्थरे दिल हो नही सकता।
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ग़ज़ल।लौटा हूं मुहब्बत की दवा लेकर।
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ग़ज़ल।बस बेवफ़ाई प्यार में।
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ग़ज़ल।मौत भी अपमान की।
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ग़ज़ल।मुहब्बत जब नजऱ आती ।
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ग़ज़ल।बिंदास है कुहरा।
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ग़ज़ल।ख्वाहिशें तमाम न थी ।
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ख्वाहिशें तमाम न थी ।
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ग़ज़ल।मुहब्बत वो नही होती।
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ग़ज़ल।मुहब्बत आप करते हो ।
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ग़ज़ल।शिक़ायत अब नही होती।
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ग़ज़ल।क्यों ज़मीं से आस्मां मिलता नही ।
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ग़ज़ल।करे जज़्बात की ख़िदमत वही इंसान होता है ।
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ग़ज़ल।यहा सब दिल के सौदागर।
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ग़ज़ल।इशारों से समझ लेंगें।
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गीतिका।सब कुछ तमासा हो गया।
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ग़ज़ल।मेरी आदत तो नही ।
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ग़ज़ल।ये मुहब्बत तो नही।
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ग़ज़ल।तुम्हारे प्यार की दुनिया दिवानी अब नही होती ।
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ग़ज़ल।मेरे एहसास की दुनिया बसाओ तो तुम्हे जाने।
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ग़ज़ल।लगा है दाग़ दामन में दिखाई तो नही देता ।
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ग़ज़ल।दिवाने को नही मालुम।
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ग़ज़ल।यही दौलत कमाया कर।
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ग़ज़ल।इक आशियाना मिल गया ।
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ग़ज़ल।मुझको सिफ़ारिश न मिली ।
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