राकेश चौरसिया Language: Hindi 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 राकेश चौरसिया 12 May 2022 · 1 min read "पैसे का मोल" नमक औ चीनी के लिए भी पैकेट में पैसे नहीं है, दूध का भी पैसा बाकी है,घी का भी पैसा बाकी है, ये कैसा नाजुक घड़ी आया है, देखो आज... Hindi · मुक्तक 1 206 Share राकेश चौरसिया 23 Apr 2022 · 1 min read "दीप जलाओ प्यार का" दीप जलाओ प्यार का, सद्भभावना, सदाचार का, न हो किसी का अन भला, न साथ किसी के अत्याचार। वक्त के शिकंजे में , हर कोई बंधा है यहां, दिन-रात सबका... Hindi · कविता 1 160 Share राकेश चौरसिया 13 Apr 2022 · 1 min read "घड़ी" टिक-टिक-टिक घड़ी चलती, भाग्य पर नित ताने कसती मेहनत करना हमें सिखाती, रोज हमें सुबह जगाती। एक लक्ष्य लिए दौड़ती, प्रति सेकेंड मोल समझती, कभी नहीं राह भटकती, अविराम पथिक... Hindi · बाल कविता 1 192 Share राकेश चौरसिया 11 Apr 2022 · 1 min read "हमें इश्क़ ना मिला" हमें वो "इश्क़" ना मिला, हमें वो "प्यार" ना मिला, झूठे इस "संसार" में, हमें वो "यार" ना मिला। शायद हम, उस काबिल नहीं, चमकते "चांद" सा, कोई हमें दीदार... Hindi · कविता 1 143 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "कटी पतंग हूं डोर से" बंधे प्रेम के सूत्र से, कटे स्वार्थ की चोट से, वृक्ष डाल पर लटका, चीरे वस्त्र लाज के, बंधन भाव के टूटे, दूर कहीं धरातल से, मिले एक कोण से,... Hindi · कविता 1 319 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "हम अखंड देश के नागरिक हैं" हम अखंड देश के "नागरिक" हैं, अखंडता है हमारी "शान", अखंडता में ही "शान्ति" है, अखंडता में ही शक्ति है, अखंडता में है अटूट "विश्वास"। अखंडता पर "गर्व" है हमें,... Hindi · कविता 1 150 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "जब-जब जरूरत पड़ें हमारे" जब-जब जरूरत पड़ें हमारे, हार बनकर गले का मान बढ़ाया, तुम भी मेरे मर्यादा का, देखो! थोड़ा सम्मान करो। यहां-वहां ना फेंकों मुझे, राहों में कुचला जाता हूं मेरे कोमल... Hindi · कविता 1 156 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "बीच सभा द्रौपदी पुकारे" बीच सभा, द्रौपदी पुकारे, हे गिरधर! तुम कहां पधारे ? है समर्पित सब हाथ तुम्हारे, तुम बिन संकट कौन उबारे? दुष्ट दुशासन, खींच रहा चीर , बेबस अबला तन हारे... Hindi · कविता 1 241 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा" तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा। साथ खेले खाए, बचपन बिताए हो बाबा, प्यार, तकरार, वाद-विवाद, सब निभाए हो बाबा, तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा।1... Hindi · कविता 1 174 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "नन्हें-मुन्हें प्यारे बच्चों" नन्हें- मुन्हें,प्यारे बच्चों, तुम दिल के हो न्यारे बच्चों, अपने प्यारी-प्यारी बातों से, सबके मन को भाते हो, तुम्हें बुलायें मम्मी-पापा, दौड़ बाहों में लिपट जाते हो, उंगली पकड़, मम्मी-पापा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 132 Share राकेश चौरसिया 21 Mar 2022 · 1 min read "तूने चंद क्षणों में" तूने चंद क्षणों में, जीवन भर की खुशी दे दी, मन का एहसास बदल दिया, होठों पर हंसी दे दी। आज लग रहा ऐसा कि, साकार हुए मेरे सपने, इससे... Hindi · कविता 2 380 Share राकेश चौरसिया 21 Mar 2022 · 1 min read "डरता हूँ-------------" डरता हूँ--------------------------- कहीं आकाश छूने के कोशिश में धरती न छूट जाये। इसलिए न तो आकाश को छू पाता हूँ, न तो धरती पर रह पाता हूँ। बस--------------------------------- आकाश और... Hindi · कविता 1 149 Share राकेश चौरसिया 17 Mar 2022 · 1 min read "सखी री देखो, आई होली" मोहि मन भावैंं, स्नेह की बोली, सखी री देखो, आई होली, गोरी की रंग रेशमी चोली, लाल कपोल मिठी बोली, कोयल गान अति प्रिय लागैं, गली-गली हुड़दंग मचावै टोली, सखी... Hindi · कविता 2 728 Share राकेश चौरसिया 15 Mar 2022 · 2 min read "गांव से दूर" जब मार्च-जून महीने में, मन के एहसास बदलते हैं। जब मध्याह्न पीपल के नीचे, सर-सर तेज हवा की धुन सुनाई देती हैं। जब दूर खड़ी दोपहरीया, झिलमिल-झिलमिल करती हैं। जब... Hindi · कविता 1 383 Share राकेश चौरसिया 4 Mar 2022 · 1 min read "उत्पन्न कैसी बिमारी है" एक प्रश्न चिह्न खड़ा किया तू, जीने का ढंग तलाश रहा युग, आज विश्व पर पड़ता भारी है, ये विनाशकारी महामारी है। उत्पन्न कैसी बिमारी है? मन में भय, संशय... Hindi · कविता 1 199 Share राकेश चौरसिया 4 Mar 2022 · 1 min read "चांद है पर्याय हमारा" हमें सुला लो ऐ! उपवन, अपने बेदाग सायें में। दाग लगा मुझ पर, चांद सा , बेदाग अपने राहों में । इसलिए जल रहा ये चांद, देखकर उस चांद को,... Hindi · कविता 1 201 Share राकेश चौरसिया 2 Mar 2022 · 1 min read "नेताओं के झूठे वादें" तुम चाहे जितने झूठे वादें कर लो, हम रुख़ हवा की समझते हैं। फिर भी अमूल्य वोट देकर अपना, फ़र्ज़ अदाईं करते है। चाहे तुम कुछ करो, ना करो, देशहित... Hindi · कविता 1 584 Share राकेश चौरसिया 1 Mar 2022 · 1 min read "सावन की अद्भुत छटा" सावन तेरी अद्भुत छटा, देख, मन हर्षे, घन गरजे, बिजली तड़के, भू तल, शून्य प्रति ध्वनि गूंजे। प्यास धरती की बुझाती, रिमझिम सावन बरसे, काली-काली,घोर घटाएं, बूंद बन आंगन में... Hindi · कविता 1 299 Share राकेश चौरसिया 28 Feb 2022 · 1 min read "मेरे सपने, मेरा चांद" मेरे सपने, मेरा चांद, बाकी उसके बाद है, मेरी परिकल्पना का सागर, मेरा जीवन पथ का श्रृंगार है। मेरे जीवन का अथक परिश्रम, सबके नयनों से ओझल है, अनजान बने... Hindi · कविता 1 1 212 Share Previous Page 3