Naresh Pal Tag: ग़ज़ल/गीतिका 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read गरीबी है उसके घर में गऱीबी है उसके घर में ,कौन सा खजाना है। लूट लिया उसे भी दिन में ,वो अनजाना है।। कल झोपडी थी अपनी,जिशम से भी प्यारी जला गया कोई अँधेरे में,सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read तेरे सवालों का जबाब तेरे सवालों का जवाव मुशिक्ल हुआ मुझे। कोशिश ए लगा हूँ ,मत देना वरदुआ मुझे।। दविश बोझों की साकिया,मुझपे वेशुमार है होके टशन में उनकी,मत कर अनछुआ मुझे।। कभी बुरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 301 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read खुली रखी है हमारी किताब ऐं जिंदगी की जन्म से खुली रखी हैं। जितना हमें दिया है, हमने वो सब जोड़ बनाके रखी हैं।। हमारे दिल में नहीं है कि ढेरों रकब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read जंतर लिए बैठे हैं उधर वो हाथ में जंतर लिए। आ रहे हैं इधर वो फिर हाथ में मन्तर लिए।। अग़र की जलती प्यालियाँ हैं भीतर रखी सजी बाहर हैं भिखारी बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 299 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read अकेले में वो यादें आती हैं जब बैठे हो अकेले में । जैसे तड़पता है कोई घुसे जब कबेले में।। कहां डालें हम कल की उन परछाइयों को खिर रही हैं वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read तहजीब निकला विसवास के अंधेरों से मजबूर होके तहजीब निकला। हम सिर सहलाते रहे मनु का ,दोश्त मजीद निकला।। सीख कहाँ मानी शहद समझ के पीते रहे नासमझ नशा उतरा तव समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 514 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read क्या जानूँ कुदरत क्या है आदमी के वश में रहके में क्या जानूँ कुदरत क्या है। आँखें देखता हूँ शाम तक, क्या जानूँ मैं इशरत क्या है। दिन निकलते ही चौराहे पे होती है हाजिरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read नसीहत कुछ भी नहीं भले आदमी के मुहं पे थुक जाए,नसीहत कुछ भी नहीं। नँगा ग़लीयों में नाचे कूदे,मग़र,फजीहत कुछ भी नहीं।। अजीब चलन है जमाने का शर्म वाकी नहीं रह गयी ग़रीब इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 426 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read *बताना क्या है* हमें कितनी मोहब्बत है तुमसे,बताना क्या है। गीत रह जाएंगे गुंन गुनाने के लिए,जताना है।। हमारे बुजुर्गों के हौशले नहीं पढ़े तुमने अभी जिशम ए रंग निछावर कर दिया जाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share Naresh Pal 21 Jan 2018 · 1 min read हथकरियां बहुत चाहिए । जरूरत पड़ रही है यकायक हथकरियां बहुत चाहिए।। बीमारों के दिमाग़ में गन्दगी सड़ी मखरियाँ बहुत चाहिए।। चाट लेंगी लिपट के बदबू भरी कुछ भिनभिना भी लेंगी दिनरात वही घुटरघूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 222 Share Naresh Pal 21 Jan 2018 · 1 min read *सरहद के पार कर दो* हटा दो दुश्मनों को दूर उन्है सरहद के पार कर दो । ये दिखें ना काफ़िर इधर मामला आर पार कर दो ।। बक़्त आ गया है पिला दो जूनून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 415 Share Naresh Pal 20 Jan 2018 · 1 min read *मोहब्बत का दस्तूर ऐसा * मुद्दतों से चला आ रहा है ,मोहब्बत का दस्तूर ऐसा। है आया क्यों दिल में आज,ये गमगीन फितूर ऐसा।। सारा जहां हमारा है यह कहना लाजिमी तो है मग़र कट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 452 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *उस पार हमें * अपनी किश्ती को ले जाने दो तुम ,उस पार हमें। आ गया है गुजर के जाना,अपनी रफ़्तार पे हमें।। जिकर उन फितरतों का किया है बार बार तुमसे जनाजा खासियतों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 458 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *तुम्हारे सवालों में* उलझ के रह गयी जिंदगी अपनी तुम्हारे सवालों में। यार सब तरफ बो सी रखीं हैं फसादें,हमारे खयालों में।। दिखाया है कोई करिश्मा अब तक,ढंग भरा तुमने दौड़ें जिसमें भरोसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *दांव आजमाने लगी हैं* दाँव आजमाने लगी हैं सियासतें,गाँव में नगर में। कब तक चुप रहके बैठेंगे अब, कौओं के शहर में।। मिठास दिखती थी हलक में तव ,पहरुओं के वो अब् फ़लक ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *मन चाहे जो करिए* कुछ नहीं होता है यहां ,मन चाहे जो करिए । जहां आदमी मालिक हो, कतई मत डरिये ।। यहां पे जिंदगी खराब है, तो बस वेसबूर की ग़लीयों से क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 377 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *रिझाया तो बहुत* रिझाया तो बहुत मग़र ,नहीं पयामों के पाबन्द निकले। बाँहें उठा के दिखाया तो बहुत ,मग़र नहीं पसन्द निकले।। मेरी फुंगाँ को कभी सुना तुमने,यार किस तरह सहा है हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *करिए कुछ करिए* करिए करिए मुलाज़िम,जमुरियत के लिए कुछ तो करिए। मौक़ा दो संवरने का सरकार, और खुद भी सुधरिये ।। तुम तखत पे आसीन हुए तो कुछ जिम्मेदार भी बनो मालिक़ हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *धरम भी कहें हम * पलने लगे इंसानियत जिगर में,तो इसे धर्म भी कहें हम। निकल जाए आँखों से नफरत,तो आई शरम भी कहें हम। खंडहर को नज़ाकत दिखाने से ,क्या फायदा होता तुम्हें तारीफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 373 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *रोष दिखाने का * तुम्हारी तरह बक़्त कहाँ है, हमें रोष दिखाने का । करते रहो बदतमीजी भर ,हमें खौप से डराने का।। हम जुट जाते हैं काम पे ,तो सर करके छोड़ते हैं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *चुप बैठें * तुम बहरे हो तो क्या ? हम सुनके भी चुप बैठें । वेदम समझते हो तो क्या ,हम पिटके झुक बैठें।। हमारा सलाद बनाने की जोखिम मत लो मिंया जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *तुमने पढ़ा नहीं* दिल ए अखबार पे छ्पा है क्या ? तुमने पढ़ा नहीं । मेरी कशिश को क्यों ?अपनी दिले परत में गढा नहीं।। हरेक वरक़ पे मेरी ,अनगिनत लकीरें कूँड़ सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 312 Share Naresh Pal 9 Jan 2018 · 1 min read *बोटी बोटी ले जा रे* किंचित भी ना मुझे छोड़ना, बोटी बोटी ले जा रे । मेरी क्या है ?मैं तुच्छ तुम्हें,शब्द और थुक जा रे ।। ढक लूंगा चीथड़ों से शर्म, ले लूंगा आड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share Naresh Pal 8 Jan 2018 · 1 min read *हैं अपनी आशाएं* अपने हाथों और क्या है ?हैं अपनी आशाएं । होंगी या ना होंगी पूरी, वस बैठे हम पछताएं।। सहम रहे हैं सभी रास्ते ,गलियाँ डरीं हुयी हैं । थर थर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 476 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *उदास आये * पत्थर उठाके फेंके ,लौटे तो उदास आये । सियासत के प्यारे को ,उन्माद रास आये ।। जब भी पूंछो तो यार ,मजबूरी ही बतावे है तिजारत का तजुर्वेकार है क्योँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 414 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *बोला नहीं करते* समझदार कभी ज्यादा, बोला नहीं करते । तिजारत बाले कभी ,वाट तोला नहीं करते।। तोते बोलते हैं ,रटाई गई तहजीब हमेंशा तकदीर बेचने वाले,भेद खोला नहीं करते।। सीधे रास्ते से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *नहीं बता पा रहे हैं हम * अपना दर्द किसी को नहीं बता पा रहे हैं हम। यों ही सहने का हुँनर नहीं बता पा रहे हैं हम ।। कभी बारहबी में हुआ था दर्द ठूंठ का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *बेटियों के बाप* बेटियों के बाप हैं तो क्या प्राणों की सांस उनमें बसती हैं।। पाके गोद हंसती है वो जैसे आंगन में किरण हंसती है।। हमें कितना वेशुमार प्यार दिया हमारी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 434 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *मिलने वाला नहीं है * उनकी फ़रियाद में कुछ ,मिलने वाला नहीं है । जाना वेजान पत्थर वो पिघलने वाला नहीं है ।। हमें याद है अगरबत्तियां जलाने का शौक वो धुँआ उड़ते देखा समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *एकांत नहीं मिलता* एक पल अमन हो , वो एकांत नहीं मिलता। हर कोई वजह में उलझा शांत नहीं मिलता।। याद है मुझे बहुत पहले की,वो सुबह आ जाते थे अब् इस दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *गमों का खजाना* विरासत में मिला है ,गमों का खजाना। मुझे रास आ गया है , इनको निभाना ।। आ और आ मजबूर हो जाए तो कहना बड़ा मजबूत है यार , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 513 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read * कंगूरे पे बैठे हैं* कंगूरे पे बैठे हैं यह देखिए करिश्मा हम रास्ते के फलक में खड़े,यह है नसीव अपना।। हमें डर है कि रुखसत ही सलामत रहे तुम समेंट लो मुल्क सारा ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *शांत लहरों को मत छेड़ो* शांत लहरों को मत छेड़ो,आँखें लाल हो जाएंगी। ग़र तासीर गरम हो उठी,तो फिर काल हो जाएंगी।। बो बात अलग है कि हमें आग उगलना नहीं आता आंधियां बनीं तो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read *मुरादें क्या,मन्नत क्या* हाशिल ही नहीं हुयीं चाहतें,तो मुरादें क्या?मन्नत क्या? देखते रहे सींकचों से फ़जर, दोजख क्या?जन्नत क्या? सराबोर होके नहाते रहे, रात दिन नमक की तरह जम ही ना सके पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 397 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तेरे जहाज का मस्तूल क्या है * "मैं हूँ तेरा दीदार"कहने वाले तेरे जहाज का मस्तूल क्या है । गरेवां दबा के और का बोले बता जमाने का उसूल क्या है ।। किसी किताब में नहीं लिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तू आया कहाँ* आज का दिन भी गया तू आया कहाँ । नज्म का एक सुना भी है सुनाया कहाँ।। कल कहा था कि झोली भर दूंगा तेरी मग़र मोहब्बत ए दिलासा पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *एक किसान* कल साल बदल गयी तो हुआ क्या ?आज फिर । दिन महीने रात घड़ियां , वैसी ही रही आज फिर।। हमें तो ढूंढनी ही पड़ेगी , खेतों में वे मंडियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 524 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *लगा लो विराम* अब् तमाशे पे लगालो विराम,ए तमाशा करने वालो। समझती है खूब दुनिया, ऐसे बबाले परचम न उछलो। खत्म हो सकता है तुम्हारा खेल, ये पेंचों परचम का उठाओ ना ऐसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 417 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *भयभीत है * दिल भी अलग रास्ते भी अलग, यह आज की प्रीति है। सैकड़ों घूमते हैं होके निडर , कोई बड़ा भयभीत है ।। बदल लेंगी ये अपना राश्ता , चलती हुईं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 201 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *समझ लें सीख नये साल में* जिंदगी खराव ही गई वेसबुरी में महताब की । किस्मत ही डुबा ली खुद की और औलाद की ।। अब् आखै खुलीं तो दुआ देने बैठे बुढापे में हरिफों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share Naresh Pal 30 Dec 2017 · 1 min read *आज दिल खुश नजर है ।* आज दिल खुश नजर है,मन करता कुछ बोल दूँ मैं। दिए दर्द उपहार में , तो बदले में क्या अब् तोल दूँ मैं।। सिवा उसके क्या पास मेरे,मंडियों का तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *इतना शोषित क्यों* इंसान आदमी से हुआ ,इतना शोषित है क्यों ? वर्ताव ए इस जमीं के ,इतने अनुचित हैं क्यों? अवसादों का वजन इतना, की ढुलता नहीं हो गया है अकारण ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 507 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *सांझें होना वाकी हैं* बीत गए अनगिनत सवेरे,अब् सांझें होना वाकी हैं। उसाँस शेष बची कंठ की, वे साँसों की साखी हैं ।१। जो पाया वह अर्पित कर दूँ ,ऐसे पल में ढूंढूं रोज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read कुछ कहने के लिए बक़्त है नजाकत का कुछ कहने के लिए । कुछ खंडहर बचे हैं ,अभी ढहने के लिए।। खिर रहे हैं वालू की तरह यारों दम रहा नहीं मजबूर हो रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read * बहाने आते हैं* ना जाने कितने बहाने आते हैं उन्हें बनाने के लिए। कोई अजीव रास्ता ढूंढ़ लेते हैं मुकर जाने के लिए।। हाथ उठा उठाकर कसमें खाते है पैदा करने वालों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read हमने नहीं देखा हमने नहीं देखा कभी चाँद को गर्म आग उगलते । हमने नहीं देखा कभी आफ़ताब को आँखें मसलते।। किरणें हंसती रहती हैं फिर भी वो वचपन की तरह दरख़्त नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 191 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read तुम्हारे घर आएं । हम पूंछ ले रहे हैं उनसे इस बार भी तुम्हारे घर आएं। कहीँ नये वरस में पिछले की तरह ना ठुकरायें जाएँ ।। सजा रखा है मोहब्बत का गुलदशता हमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read *संसार देख के* डूबती है आँख , संसार देख के । भीगती है आँख तार तार देख के । देखते ही देखते सब मौन हो गया । सोच रखा रात सुबह कौन धो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 454 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 08-कोई करे तो । हमें तो मोहब्बत करने का शौक है कोई करे तो । हम तो मर जाएँ देख के यार कोई हमपे मरे तो ।। हमें नहीं है फ़िकर की कहीँ हमारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 07-रीते हुए दिन । यादें बन के उभरने लगे हैं ,बीते हुए दिन । अब जुम्म्स नहीं रह गई है, रीते हुए दिन ।। जवान था जिस्म तब तूफ़ान सी ताक़त थी अब गुजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 455 Share Page 1 Next