पंकज कुमार कर्ण 254 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2024 · 1 min read 'आरक्षितयुग' आरक्षितयुग ___________ सुन जनता,ज्ञान जरूरी नहीं; ये बात, निज विधान ने कही। जाति- धर्म, ज्ञान पर है भारी; विद्वान, अज्ञानी का आभारी। ज्ञानी पे , राज करता अज्ञानी; योग्यता शर्म... Hindi · कविता 1 55 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jun 2024 · 1 min read जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला; जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला; निज भारत देश को, मोदी मिला। हरेक भाषा-भेष को,मोदी मिला; खुशी संग क्लेश को मोदी मिला। भाई-चारे संदेश को, मोदी मिला; पड़ोसी धूर्त राष्ट्रों का धरती... Quote Writer 70 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jun 2024 · 1 min read देशभक्ति राष्ट्रभक्ति राह में देशी मिले; इस राह नहीं, शिकवे गिले; राष्ट्र रक्षित,जब फूल खिले; कुपित हैं ,जो स्वार्थ में पले। 'देशभक्ति', अंधभक्ति नहीं; बाकी भक्ति में, शक्ति नहीं; कोई किसी... Hindi · कविता 61 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Apr 2024 · 1 min read मैंने, निज मत का दान किया; मैंने, निज मत का दान किया; तुम भी , सही से ये दान करो। देशभक्त, कर्मठ नेता चुन कर; राष्ट्र निर्माण हेतु,ये काम करो। ______________________ pk Quote Writer 39 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Apr 2024 · 1 min read मतदान से, हर संकट जायेगा; मतदान से, हर संकट जायेगा; बदलने से, बदलाव आएगा। जो सोएगा, वो खोएगा; जो जागेगा, वो पाएगा। ____________________ पंकज कर्ण Quote Writer 1 167 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक सुनो हे! जनता , नींद से जागो। मतदान से तू , कभी मत भागो। चुनो , निज सरकार हिंदुस्तानी ; सही बटन दबा,निज वोट दागो। _________________________ स्वरचित; पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 1 158 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Nov 2023 · 1 min read साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है। साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है। Quote Writer 200 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक टूटकर, सब बिखर जाते हैं। टूटकर , वह निखर जाते हैं। जो चोट सहकर,बिन सहारे; टूटकर भी सदा मुस्कुराते हैं। ___________________ स्वरचित सह मौलिक ✍️पंकज कर्ण Hindi · मुक्तक 719 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बाबा के डंडा में है, इतना दम। यूपी में हुआ,कसाई गुंडा कम। कुछ भागे,दुम उठाकर दिल्ली; बाकी बिहार में नाचे,छम-छम। स्वरचित सह मौलिक; ..✍🏻 पंकज कर्ण ...कटिहार(बिहार) Hindi · मुक्तक 1 422 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read "ऐसा मंजर होगा" "ऐसा मंजर होगा" ************** एक दिन, ऐसा मंजर होगा; जगह -जगह पर घर होगा, आगे, अनजाना डगर होगा, हवा ही , सस्ता जहर होगा; ऐसे बसा हुआ, शहर होगा। एक... Poetry Writing Challenge · कविता 2 169 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read ‘बेटी की विदाई’ ‘बेटी की विदाई’ ~~~~~~~~ अजीब क्षण,इस विदाई का; गम है, ‘खुशी’ के जुदाई का; खुशियां टपकती, आंसू बन; हल्का होता , अब भारी मन; हर आंखों में ही , अश्रु... Poetry Writing Challenge · कविता 200 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read कल रहूॅं-ना रहूॅं.. कल रहूॅं-ना रहूॅं… —————– ‘पिता’ कहे , सुन ‘पुत्र’ तू मेरा; तू देखे , नित ही ‘नया-सबेरा’; चाहूॅं मैं,सुखद हो तेरी ‘जिंदगी’; मैं हर-पल साथ रहूॅं ,सदा तेरा; हमेशा यही,निज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 167 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read “बदलते भारत की तस्वीर” “बदलते भारत की तस्वीर” ०००००००००००००००० निज भारत की , सुनो दास्तान; ये छुए, नित्य ही नई आसमान; सर उठा , हम ही आगे चल रहे; देख , सारे दुश्मन हाथ... Poetry Writing Challenge · कविता 335 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 2 min read “यादों के झरोखे से” “यादों के झरोखे से”.. °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° “यादों के झरोखे से”, मैं क्या-क्या बताऊॅं, क्या-क्या याद करूॅं और क्या भूल जाऊॅं। अपना बचपन था,जैसे समुंदर की हों लहरें; मस्ती थी, सस्ती; बगीचों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 132 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 2 min read बेरोजगारी बेरोजगारी बेरोजगारी आज कुछ नही, यह तो है, बस एक विचार। युवाओं के अपने सपने पर, यह तो है, बस एक प्रहार।। सरकारी के चक्कर में सदा, पूरा निजी मत... Poetry Writing Challenge · कविता 1 182 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read "लाभ का लोभ” "लाभ का लोभ” _____________ नित्य बढ़ रहे, अब आबादी; मिली जबसे हमें , आजादी; होती , संसाधन की बर्बादी; सबमें, लाभ का ही लोभ है। फैला हुआ पूरा भ्रष्टाचार है;... Poetry Writing Challenge · कविता 329 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read हिंदी ‘हिंदी’ •••••• सब सुनो!’हिंदी’ की ‘कहानी’ सदा ये,’भाषा’ की ‘महारानी’ खुद में ग्यारह ‘स्वर’ है समेटे; तैंतीस ‘व्यंजन’, यह है लपेटे; शामिल,अंत:स्थ’ व ‘उष्ण’हैं; ‘वर्ण’, फिर क्ष,त्र,ज्ञ,श्र जानो; चार है... Poetry Writing Challenge · कविता 168 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read “मां बनी मम्मी” “मां बनी मम्मी” ‘मां’ बन गई है , जबसे मम्मी; बाबूजी भी, बन गए हैं पापा; सनातन में,ये शब्द परिवर्तन; किसने किया है, हे! विधाता। मम्मी में, मां सी वो... Poetry Writing Challenge · कविता 262 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read “गणतंत्र दिवस” “गणतंत्र दिवस” ‘आजाद’ होकर भी, जब ‘गुलामी’ थी; सन् पैंतीस की , वो विधान पुरानी थी; निज देश की, सदा बहुत बदनामी थी; हिन्दुस्तान को भी,पहचान बनानी थी। टिकी नजर,... Poetry Writing Challenge · कविता 406 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2023 · 1 min read वरदान “वरदान” वरदान दो, हे! मां विद्यादायनी। हमसब बालक हैं तेरे, अज्ञानी। बिन तेरे दया , कहीं ज्ञान कहां; दया कर दो, हे!मां हंसवाहिनी। सभी कहते तुझको, मां भारती। करते हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 147 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read फागुन फागुन ****** बीता पूस माघ, अब फाल्गुन आयेगा; अब बसंती कोयल, नित खूब गाएगा। हवा में रंग उड़ेंगे, खूब गुलाल बिखरेंगे; हर तन-मन को ही , ये फागुन भाएगा। ये... Poetry Writing Challenge · कविता 392 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "बोलती आँखें" बोलती आँखें 👁️ 👁️ सदा कुछ, तो ‘बोलती ऑंखें’; कई राज को , खोलती ऑंखें; ऑंखों से ही, खुशियां झलके; गम में भी , ऑंखें ही छलके। अपने भूले ,... Poetry Writing Challenge · कविता 378 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read 🌷ज़िंदगी के रंग🌷 🌷ज़िंदगी के रंग🌷 *****************” इंद्रधनुष सा , जीवन हो सतरंगी; बै_आ_नी_ह_पी_ना_ला , संगी। बैंगनी, जीवन में एकाग्रता लाए; भोग और विलासिता को बढ़ाए। आसमानी रंग, शीतलता समाए; सुख, शांति व... Poetry Writing Challenge · कविता 253 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “मत लड़, ऐ मुसाफिर” “मत लड़, ऐ मुसाफिर” ~~~~~~~~~~~~ मत लड़, ऐ मुसाफिर,,, मंजिल तेरी आने वाली है, कुछ भी कर ले तू, नहीं मिलेगा कुछ भी, मंजिल पूरा खाली है, जबतक सफर में... Poetry Writing Challenge · कविता 131 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “एक नई सुबह आयेगी” “एक नई सुबह आयेगी” ~~~~~~~~~~~~ जब,एक नई सुबह आयेगी; संग में,नई शाम भी लाएगी; हर तरफ होंगी खुशियां,सह; खूबसूरत,पैगाम भी लाएगी। सबमें, नई उम्मीद जगाएगी; बदलेंगे , सबके ही जज़्बात;... Poetry Writing Challenge · कविता 142 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read 🌷मनोरथ🌷 🌷मनोरथ🌷 रंग-बिरंगे ही, मनोरथ बसे; हरेक प्राणी के , रग-रग में; हर मनोरथ सदा, पूरे होते; सबके कभी , यही जग में। कुछ मनोरथ , दिखावे की; कुछ है ,... Poetry Writing Challenge · कविता 146 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "फूलों की तरह जीना है" 🌷”फूलों की तरह जीना है”🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 ‘मन’अनुरंजित, ‘तन’ अनुरंजित; सदा कुसूमित हो, जीवन अपना। हर कोई ही प्रफुल्लित हो, हमसे; आते ही पास,दूर हों निज गम से। खिला-खिला रहे, जीवन,मन... Poetry Writing Challenge · कविता 184 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “बदलते रिश्ते” “बदलते रिश्ते” ~~~~~~~~ मैं किस रिश्तों की, बात करूं; हर रिश्ते ही, अब तो सस्ते है। जहां कोई भी, नुकसान दिखे; नफा हेतु ही, बदलते रिश्ते हैं। रिश्तों में अब,... Poetry Writing Challenge · कविता 147 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “ज़िंदगी अगर किताब होती” “ज़िंदगी अगर किताब होती” ********************** हमारी ज़िंदगी अगर किताब होती; पन्ने-पन्ने पे लिखी,कई ख्वाब होती। भूत, भविष्य व वर्तमान, तीनों की; बातें इसमें , लिखी बेहिसाब होती। कुछ पन्नों में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 164 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "शिक्षक तो बोलेगा” "शिक्षक तो बोलेगा” **************** शिक्षक तो बोलेगा ही अलबत्ता, सुनो, स्कूल व गुरु की गुणवत्ता; कैसे हावी है यहां शिक्षा पे सत्ता, स्कूल में, एक पाठ पढ़ाई जाती; सबको, जाति... Poetry Writing Challenge · कविता 192 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read संज्ञा संज्ञा सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम; विकल्प है मेरा ही, सर्वनाम; मेरे गुण को,विशेषण बताये; व्यक्ति,वस्तु, स्थान मेरे साये; हर जगह आता, मैं ही काम; सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम।... Poetry Writing Challenge · कविता 155 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम का न परिभाषा न अर्थ है। प्रेम में दिखे न, कभी स्वार्थ है। प्रेम ही तो, आधार है सृष्टि का; बिन त्याग के तो, प्रेम व्यर्थ है। प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 458 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "जंगल की सैर” "जंगल की सैर” •••••••••••••••• आओ, ‘जंगल की सैर’ कराऊॅं; जंगली जीव,के बारे में बताऊॅं। वे हैं,एक-दूजे के जानी दुश्मन; जंगल में न लगता, उनको मन। बोझ बनता,जब उनका जीवन; तोड़... Poetry Writing Challenge · कविता 226 Share पंकज कुमार कर्ण 23 May 2023 · 1 min read स्वार्थी नेता स्वार्थी नेता °°°°°°°°°°° भारत देश नित्य विश्वगुरु बनने को, कदम बढ़ा रहा; यह देख हरेक बुरी आत्मा, कुर्ता फाड़ के कराह रहा; फिर निज दुश्मन को भी, प्यार से वह... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1 915 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Apr 2023 · 1 min read "जंगल की सैर" "जंगल की सैर" •••••••••••••••• आओ, 'जंगल की सैर' कराऊॅं; जंगली जीव,के बारे में बताऊॅं। वे हैं,एक-दूजे के जानी दुश्मन; जंगल में न लगता, उनको मन। बोझ बनता,जब उनका जीवन; तोड़... Hindi · कविता 2 645 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Apr 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक '''''''''''''''''''' मूल के चक्कर में,तेरा समूल नष्ट हो जायेगा। आपसी प्रेम से ही , जन कल्याण हो पाएगा। अगर लगे, तू ही महान है, तुझमें महाज्ञान है; तो छोड़... Hindi · मुक्तक 1 419 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Mar 2023 · 1 min read 'पिता' पिता °°°°° जो , जन का जन्मदाता है; जो मन को , खूब भाता है; प्यारा सा , जिससे नाता है; वह ही 'पिता' कहलाता है। जो,सदा जीना सिखाता है;... Hindi · कविता 1 241 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Mar 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम का न परिभाषा न अर्थ है। प्रेम में दिखे न, कभी स्वार्थ है। प्रेम ही तो, आधार है सृष्टि का; बिन त्याग के तो, प्रेम व्यर्थ है। प्रेम... Hindi · कविता 1 286 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Mar 2023 · 1 min read एक नेता एक नेता _______ आओ,एक नेता को जानें; बेचैन जो,सदा कुर्सी पाने। हसता जिसपर,जग सारा; जिसे देख,चढ़ जाए पारा। बदल-बदल , अपना भेष; वह बंदा, जाता है विदेश। बुद्धि पायी है,... Hindi · कविता 1 276 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Mar 2023 · 1 min read बूझो तो जानें (मुक्तक) बूझो तो जानें (मुक्तक) °°°°°°°°°°°° पहेली यह,बूझो तो जानें। बेचैन है कौन, कुर्सी पाने। हसता उसपर, जग सारा; कुछ जन,निज नेता माने। बदल-बदल, अपना भेष। वह बंदा, जाता है विदेश।... Hindi · मुक्तक 2 262 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Feb 2023 · 1 min read धर्म मुक्तक(धर्म) जहां,न कोई सत्यकर्म है। हर दृष्टि से, जो बेशर्म है। अब,बौखलाए खोज रहे; वो अधर्मी, सच्चा धर्म है। ___________________ पंकज कर्ण कटिहार। Hindi 1 273 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jan 2023 · 1 min read रामचरित पे संशय (मुक्तक) कुछ मानस का, रामचरित पे संशय है। हनुमान चालीसा रचने वाले से भय है। हे! बजरंगी, बजरंग बाण मारो इनको; ये सनातनी बाधा,सदा ही स्वार्थमय है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 4 1 340 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jan 2023 · 1 min read हे! दिनकर हे! दिनकर 🙏🙏 कहीं दिखाई न दे रहा, भास्कर; रैन भयावह,पग-पग शीतलहर। चैन न बिन वासर,मचा है कहर; सिहर रहा है शहर,भरी दोपहर। निकल ना पा रहे, घर से बाहर;... Hindi 2 2 245 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Oct 2022 · 1 min read 'संज्ञा' 'संज्ञा' सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम; विकल्प है मेरा ही, सर्वनाम; मेरे गुण को,विशेषण बताये; व्यक्ति,वस्तु, स्थान मेरे साये; हर जगह आता, मैं ही काम; सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम।... Hindi · कविता 3 2 443 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Oct 2022 · 1 min read "बिहार में शैक्षिक नवाचार" "बिहार में शैक्षिक नवाचार" ••••••••••••••••••••••••••• देखो , यह निज प्राचीन बिहार है; यहां प्रतिभा ही, सदा हथियार है। कई महापुरुष यहीं के,अवतार है; विध्वंश चैतन्य केंद्र की भरमार है। सदा... Hindi · कविता 2 1 783 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Oct 2022 · 1 min read संघर्ष संघर्ष ••••••• हर जीवन ही, एक संघर्ष है; हर संघर्ष में, छुपा विमर्श है। कहीं कहलाता, ये प्रयास है; तो कहीं, बच्चों का आस है। यही, प्रतियोगिता का रूप है;... Hindi · कविता 3 295 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Oct 2022 · 1 min read 'घायल मन' 'घायल मन' --------------- मानव मन,परेशां सह घायल है; पर दु:ख में, सुख के कायल है। जैसे, देखो नारी मन का पुरनूर; तन लदे गहने, पैरों में पायल है। घायल मन,भी... Hindi · कविता 4 2 335 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Sep 2022 · 1 min read 'राजूश्री' 'राजूश्री' """"""""""" हॅंसानेवाले, 'राजूश्री' वास्तव में विदा हुए। जग को , हॅंसा-हॅंसा कर सबसे जुदा हुए। हास्यलोक के थे,वह कायस्थ कुलदीपक; जिनके,शब्द के प्रकाश पे सब फिदा हुए। समाई थी,उनके... Hindi · कविता 5 279 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2022 · 1 min read "हिंदी से हिंद का रक्षण करें" "हिंदी से हिंद का रक्षण करें" """"""""""""""""""""""""""""""""""""" निज भाषा को , यों न नजरंदाज कर। झूठी शान से , भविष्य ना बर्बाद कर। 'हिंदी' ही तो, भारत-माता की शान है;... Hindi · कविता 4 2 285 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2022 · 1 min read मुक्तक मुक्तक """"""""_""""""""""""""""" पावनी 'गंगा' सी पवित्र, 'हिंदी' हमारी। इसकी बोली है , जग में सबसे प्यारी। देवनागरी लिपि से,सदा ये सुसज्जित; इसे अपनाएगी एकदिन,दुनिया सारी। ____________________________ स्वरचित सह मौलिक; ....✍️... Hindi · मुक्तक 4 1 267 Share Page 1 Next