Pakhi Jain Language: Hindi 149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pakhi Jain 5 Aug 2024 · 4 min read अमीरी गरीबी अमीरी-गरीबी आज से तीस -बत्तीस साल पहले की बात बतलाऊँ। तब अमीर भी इतने अमीर नहीं होते थे कि एकदम अलग-थलग हो जावें। अपना लोटा-थाली अलग लेकर चलें। पंगत में... Hindi 2 2 89 Share Pakhi Jain 4 Feb 2024 · 1 min read चैलेंज कविता शीर्षक — जब से तुम पाषाण बने अश्रु प्रवाहित हुए नयनों से, जब से तुम पाषाण बने। भाव वेदना मय हो कर क्यों सपने सब नादान बने। बीती सदियाँ... Poetry Writing Challenge-2 2 2 109 Share Pakhi Jain 4 Feb 2024 · 1 min read चैलेंज शीत .. नववर्ष की शीतल ऋतु में , तन थर थर काँपे जब । उल्लास की एक किरण गर्माहट से भर जाती तब। अलस सुबह कोहरे की चादर , प्रकृति... Poetry Writing Challenge-2 1 164 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता-महावर रचना क्रमाँक --4 मन- बतियाँ विधा काव्य .. जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मिले , जान दे दूँ वतन के लिए,होंठ हैं सिले। मक्कारियाँ लहू में इस कदर है... Poetry Writing Challenge-2 168 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना --3 चिंतन की कंदराओं में सांझ जब जब ढलती है । ऊहापोह में डूबी साँसें अंतर में तब जलती हैं। हुई बैरन निंदिया क्यूँ क्यूँ परित्याग हुआ मेरा। किस... Poetry Writing Challenge-2 135 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना क्रमाँक --2 आना ही होगा मेरे मन के आँगन का , वह झरोखा खुला हुआ है , आओगे तुम!! आना ही होगा, नेह निमंत्रण पड़ा हुआ है। ले आना... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना क्रमाँक 1-- "जीवन के रथ पर चढ़कर" #विधा -कविता मेरे जीवन रथ पर चढ़कर , प्रेम तंतु भी जल जाते हैं। हुये सभी करुणा कोष रिक्त, मधुकर ज्यों मधु... Poetry Writing Challenge-2 188 Share Pakhi Jain 22 Dec 2023 · 12 min read जीवन के रूप (कविता संग्रह) प्रस्तुत संग्रह पूर्णतः स्वरचित है। छंद मुक्त कवितायें जीवन के विविध रूपों को दर्शाने का प्रयास है। आशा है पसंद आयेगा। लंबी कविता ..अतुकांत .एकाकी मन जब विचलित होता ,शब्द... Hindi · कविता 3 2 185 Share Pakhi Jain 7 Apr 2023 · 5 min read शीर्षक--उड़ान शीर्षक--उड़ान ..लेखिका --मनोरमा जैन पाखी मेहगाँव जिला भिण्ड मध्य प्रदेश. आज फिर अपनी छत की मुंडेर से टिकी उड़ते पक्षियों को देखने में मगन थी। उसे आसमान में उड़ते पक्षी... Hindi · कहानी 1 205 Share Pakhi Jain 1 Apr 2023 · 2 min read पतिता शीर्षक ---पतिता बस स्टाप के कुछ आगे एक छोटी सी टपरी के बाहर खड़ी वह शायद किसी का इंतजार कर रही थी। हो सकता है बस का ही इंतजार हो।... Hindi · लघु कथा 1 223 Share Pakhi Jain 21 Mar 2023 · 3 min read सुंदर रानी 21/03/2023 दिन मंगलवार कहानी-- शीर्षक --सुंदर रानी भोलूराम बहुत गरीब लेकिन ईमानदार व्यक्ति था। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक प्यारी सी बिटिया भी थी। भोलूराम का... Hindi · कहानी 188 Share Pakhi Jain 4 Feb 2023 · 2 min read विषय --शीर्षक-- जमीर विषय --शीर्षक-- जमीर "साधना, लंच ब्रेक में ऑफिस में आना।" पीरियड चेंज की रिंग बजते ही सुवीर सर ने रजिस्टर उठाया और एक गहरी नज़र से साधना को देखकर कहा... Hindi · लघु कथा 201 Share Pakhi Jain 21 Jan 2023 · 2 min read परिचय शीर्षक :--परिचय देवेश काफी देर से युवा डाक्टर को अपनी पत्नी का इलाज करते देख रहे थे। पता नहीं क्यों उस युवा डाक्टर से उन्हें आत्मीयता महसूस हो रही थी।... Hindi · लघु कथा 3 2 485 Share Pakhi Jain 9 Jan 2023 · 2 min read ये आग कब बुझेगी ये आग कब बुझेगी.. विचार मंथन अभी कुछ समय पूर्व दिल दहलाने वाले श्रद्धा कांड की आँच ठंडी हुई भी न थी कि अंजलि सिरफिरों की साजिश का शिकार हो... Hindi · लेख 2 171 Share Pakhi Jain 5 Jan 2023 · 1 min read दिनांक --5/1/2023 दिनांक --5/1/2023 नववर्ष की शीतल ऋतु में , तन थर थर काँपे जब । उल्लास की एक किरण गर्माहट से भर जाती तब। अलस सुबह कोहरे की चादर , प्रकृति... Hindi · कविता 2 293 Share Pakhi Jain 4 Jan 2023 · 6 min read मैं चोर नहीं। बाल कहानी --मैं चोर नहीं वह एक छोटा सा गाँव था। कभी खूबसूरत और हलचलयुक्त रहा होगा,ऐसा आभास गाँव के सूने पड़े घर,मकान औसारे देते हैं। छोटे-मोटे जीविकोपार्जन के साधन... Hindi · बाल कहानी 2 151 Share Pakhi Jain 5 Dec 2022 · 1 min read जन्मदिन स्पेशल परम् आदरणीया मनोरमा जैन पाखी जी के अवतरण दिवस पर लिखी मेरी एक रचना उनको समर्पित...... मन मनोरम दृष्टि चंचल । कुञ्ज की पाखी अरी ! हूँ।।00 स्नेह के निर्झर... Hindi · कविता 2 144 Share Pakhi Jain 2 Dec 2022 · 1 min read मुक्तक करके बंद आँखों को ,जब भी मुझको देखोगे , अलस्सुबह देखा हुआ वही सपना सा लगूँगी। महसूस कर सको मुझे गर दिल से दिलवर , लबालब प्यार का बहता हुआ... Hindi 1 173 Share Pakhi Jain 25 Nov 2022 · 1 min read Daily writings challenge साहस साहस .... वीरता ...एक ही सिक्के के दो पहलू कहे जा सकते हैं। अक्सर साहस हमसे वह काम करवा देता है जो हम सहज में नहीं कर सकते। उसके... Hindi 3 192 Share Pakhi Jain 25 Nov 2022 · 1 min read रात भर 212 212 212 212 काफिया आती रदीफ रही रात भर रूठ के नींद जाती रही रात भर सूर्य दिल में उगाती रही रात भर । छोड़ कर हाथ जब जा... Hindi · ग़ज़ल 2 139 Share Pakhi Jain 10 Nov 2022 · 1 min read कविता कविता शीर्षक -- जब से तुम पाषाण बने अश्रु प्रवाहित हुए नयनों से, जब से तुम पाषाण बने। भाव वेदना मय हो कर क्यों सपने सब नादान बने। बीती सदियाँ... Hindi · गीत 2 182 Share Pakhi Jain 6 Nov 2022 · 4 min read बाल मनोविज्ञान शीर्षक :-- बाल विमर्श के तहत बाल मनोविज्ञान की बढ़ती आवश्यकता वर्तमान समय प्रतियोगिता का है साथ ही नेटवर्क और सोशल मीडिया के माध्यम यथा ओन लाइन शिक्षा के चलते... Hindi · लेख 1 278 Share Pakhi Jain 15 Oct 2022 · 4 min read कहानी कहानी विधा गद्य 15/10/2022 शीर्षक ..असली चेहरा दीप्ती घर के काम जल्दी जल्दी निबटा रही थी। दीपावली पर काम खतम ही होने पर नहीं आ रहा था। तभी एक फोन... Hindi · कहानी 2 396 Share Pakhi Jain 11 Oct 2022 · 2 min read तुला शीर्षक तुला "देख नेहा,मैं फिर समझा रहा हूँ तुझे।हम दोनों भाग जाते हैं।"राहुल ने कहा "राहुल ,हमारा भागना समस्या का समाधान नहीं है।तुम समझते क्यों नहीं?"नेहा तनाव में थी "फिर... Hindi · लघु कथा 2 2 189 Share Pakhi Jain 10 Oct 2022 · 1 min read मेरी निंदिया तेरे सपने ... मेरी निंदिया तेरे सपने ... लोरी (प्रयास) मनोरमा जैन पाखी गा गा के सुनाऊँ लोरी तुझे अपना सा लागे है तू मुझे सपन सलोने लेकर आये चंदा देख, गगन मुस्काये।... Hindi · बाल कविता 2 256 Share Pakhi Jain 10 Oct 2022 · 1 min read माँ थाम के ऊँगली तेरी ..हर रिश्ता पीछे छोड़ चला। माँ थाम के ऊँगली तेरी ..हर रिश्ता पीछे छोड़ चला। बीती यादों के संग ही अब देख नाता जोड़ चला । सुख के दिन बीत रहे थे .थाम पिता की... Hindi · कविता 2 168 Share Pakhi Jain 9 Oct 2022 · 1 min read तुझे क्या कहूँ अपनों से गिला करूँ तो गैरों से क्या कहूँ। वार जब अपने ही करें तो गैरों से क्या कहूँ। बहुत आशनाई थी तुझे हमसे भरोसा जताया लेकर मन के भेद... Hindi · कविता 2 249 Share Pakhi Jain 2 Oct 2022 · 3 min read विजयादशमी विजयादशमी का महत्व मौलिक ,स्वप्रेरित "विजयादशमी पर्व हुआ महान , हुआ वध रावण का ,कहते श्रीमान् अन्याय पर ,न्याय की जीत की रीत असुरों पर देवी की शक्ति की थी... Hindi · लेख 2 183 Share Pakhi Jain 25 Sep 2022 · 1 min read बेटियाँ, कविता बेटियाँ 25/09/2022 छंदमुक्त कविता कभी हिज़ाब के नाम पर , कभी लिहाज के नाम पर रोज मारी जा रहीं बेटियाँ। कहीं शिक्षा अधिकार के लिए कहीं शिक्षा की प्राप्ति के... Hindi · पं.संजीव शुक्ल सचिन 2 480 Share Pakhi Jain 14 Sep 2022 · 3 min read पाब्लो नेरुदा पाब्लोनेरूदा के जीवन का आधा भाग राजनैतिक उठापटक में बीता तो आधा संघर्ष व अपनी कर्मठता के साथ न्याय करते हुये सृजनशीलता में। पाब्लो नेरूदा साहित्यिक नाम था असली नाम... Hindi 2 212 Share Pakhi Jain 13 Sep 2022 · 1 min read धार छंद 22 21 होगी बात ,बोलो मात ? बीती रात, कैसा घात? मीठी याद, मिथ्या वाद होगी बात ,बोलो मात ? जै जै कार, सच्ची नार माने हार,अत्याचार रोती रात ,... Hindi 3 2 274 Share Pakhi Jain 12 Sep 2022 · 7 min read समीक्षा सॉनेट संग्रह सॉनेट के दो अनुदित पुष्प प्रतीची ....और ओ प्रिया अनुवादक -श्री विनीत मोहन औदिच्य ज समीक्षक -श्रीमती मनोरमा जैन "पाखी" सॉनेट एक ऐसी विधा जो अपने विन्यास और विधान के... Hindi 2 469 Share Pakhi Jain 11 Sep 2022 · 4 min read बाल कहानी परोपकार का फल एक गाँव में एक विधवा स्त्री अपने पुत्र के साथ रहती थी। बहुत गरीब थी।इस कारण अपने पुत्र को पढ़ाना तो दूर ढंग का भोजन भी नहीं... Hindi 2 305 Share Pakhi Jain 6 Sep 2022 · 1 min read साधिका भी ... शीर्षक गीत --साधिका भी ... (पहले मिलन ,फिर कर्म पथ। अंत संधिकाल में समागम।) मात्रा भार 26 साधिका भी सिंधु तट पर झूमती हिय नेह की। उर प्रकम्पित कर रही... Hindi 1 152 Share Pakhi Jain 29 Aug 2022 · 1 min read क्या लिखूँ....? जय माँ शारदे. क्या लिखूँ?.. लिखना चाहती हूँ दर्द ,यशोधरा का। फिर चाहा लिखूँ फ़र्ज,उर्मिला का । सुनो,क्या लिख दूँ तप मैं माण्डवी का? या फिर प्रेम लिखूँ जनकसुता सीता... Hindi 2 2 244 Share Pakhi Jain 28 Aug 2022 · 1 min read मुनिशेखर छंद जय माँ शारदे सादर नमन मुनिशेखर छंद यह एक वर्णिक छंद है। #अथकृति: जाति का यह छंद #विशत्यक्षरावृति: है। अर्थात इसमें 20 वर्ण होते है। इस छंद का वर्ण विन्यास... Hindi 1 208 Share Pakhi Jain 16 Aug 2022 · 1 min read तिरंगा लहर लहर जब लहराता.तिरंगा गीत अतीत के सुनाता तिरंगा। शौर्य बलिदान शांति का प्रतीक नभ को सदा छू आता तिरंगा।। जाति पाँति मजहब के झगड़े। दीन हीन, अमीर गरीब के... Hindi 2 248 Share Pakhi Jain 7 Aug 2022 · 1 min read मन विषय :--मन मन की नम मरुभूमि पर ,अहसास तरू उगते हैं। शब्द,वर्ण की टहनियों पर, भाव पुष्प खिलते हैं। कर्म की रेख होती बड़ी गहरी, मन पर अटल खिंचती है।... Hindi 2 301 Share Pakhi Jain 2 Aug 2022 · 2 min read सीख शीर्षक --सीख "कौन करेगा इनके बिस्तर साफ?जब देखो तब गंदा करती रहतीं हैं।"देवरानी ने नाक से साड़ी का पल्लू दबाया "बड़ी के ठाठ हैं।कुछ करना न पड़े इसलिए अलग हो... Hindi 2 180 Share Pakhi Jain 26 Jul 2022 · 5 min read स्वतंत्रता संग्राम में महिलायें *स्वाधीनता संग्राम और महिला सेनानी* लेख-- मनोरमा जैन पाखी मेहगाँव ,जिला भिण्ड, मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्वाधीनता की आग ऐसी थी जिसने हर दिल में जोश भड़का दिया था। जाति-पाँति,ऊँच -नीच,अमीर-गरीब,स्त्री-पुरुष, बच्चे-वृद्ध... Hindi · अभिनीत · पं. संजीव शुक्ल 1 445 Share Pakhi Jain 8 Jun 2022 · 1 min read मिट्टी का मटका,कुंडलियाँ छंद कुंडलियाँ छंद जीवन दाता नीर है ,छलके गगरी धार प्यास बुझे जलधार से,है कोका बेकार । है कोका बेकार ,मिले मिट्टी से धन-बल । सौंधी गंध अपार,धरा का जीवन है... Hindi · कुण्डलिया 1 421 Share Pakhi Jain 7 Jun 2022 · 1 min read निशा ,महामोदकारी छंद जय माँ शारदे 🙏🏻 122 122 122 122 122 122 आधार छंद महामोदकारी ध्रुव छंद निशा कहो कौन हो मोहिनी ,क्यों चली आ रही हो निशा में। मिलेगा यहीं चाहती... Hindi · छंद 2 2 218 Share Pakhi Jain 26 May 2022 · 2 min read चार कवितायें मुक्त छंद मुक्त छंद 1- कौन तुम ? मुझे अर्धरात्रि में छोड़कर जाने वाले ! पाहुन तो नहीं थे तुम , फिर कौन थे ? अबोध दुधमुंहे शिशु को अनाथ करने का... Hindi · कविता 2 1 191 Share Pakhi Jain 26 May 2022 · 1 min read देख रहा हूँ 221 1221 1221 122 काफि़या --नया रदीफ:--देख रहा हूँ। दिया गया मिसर'अ:-- तहज़ीब का ये रूप नया देख रहा हूँ। बदले इस जमाने की हवा देख रहा हूँ। गैरों में... Hindi · मुक्तक 1 357 Share Pakhi Jain 19 May 2022 · 1 min read कुंडलियाँ,नारी नर नर नारी पूरक बने, सदा रहें वे साथ। ग्रंथ पुराण सभी कहें,कभी न छूटे हाथ।। कभी न छूटे हाथ, बात ग्रंथों की मानो। सुखी रहोगे साथ,गूढ़ तत्वों को जानो।। बुजुर्ग... Hindi · कुण्डलिया 3 2 158 Share Pakhi Jain 17 May 2022 · 1 min read बाज़ार में 2122 2122 212 फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन गज़ल खोट है कहते रहे किरदार में मात खाई है सरे बाज़ार में ।1 बिक गये जिनके लिए हम आज यूँ छापते थे वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 145 Share Pakhi Jain 17 May 2022 · 1 min read लौट आए.। वज़्न --2122 2122 2122 2122 क़ाफिया --'आरे' की बन्दिश रदीफ़ -लौट आए लौट आए गुलमुहर से दिन हमारे लौट आए। *********************************** 2122 2122 2122 2122 आरे की बंदिश, लौट आए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 143 Share Pakhi Jain 9 May 2022 · 1 min read नेत्र ,दोहा दोहा 🙏🏻🙏🏻 आँखें दर्पण बन रही,आँखें करती बात। आँखों से आँखें मिलें, आखें करतीं घात।। झुकती पलकों से दिखे,झीना सा संसार । नैनों की भाषा पढ़ो, हो जाये इज़हार।। अधर... Hindi · दोहा 1 207 Share Pakhi Jain 9 May 2022 · 1 min read यौवन के मद सवैया छंद शब्द -यौवन के मद 1- प्रीत अधीर बने कर चंचल, जी परिरंभण को ललचाती । दूर कभी पुनि पास बुलाकर,नैन मिला फिर नैन चुराती।। काग कपोत सखी दृग... Hindi · सवैया 1 188 Share Pakhi Jain 8 May 2022 · 1 min read मदर्स डे स्पेशल खत़ माँ के नाम, मन की कारा में छिप के बैठी बातें आज लिख रही खत़ में वह,सारी ही जज्बातें । विषय अनकही बातें दिनांक 8/05/2022 मेरी मम्मी,.। लिख रही... Hindi · कविता 1 162 Share Page 1 Next