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9 Jan 2023 · 2 min read

ये आग कब बुझेगी

ये आग कब बुझेगी..

विचार मंथन

अभी कुछ समय पूर्व दिल दहलाने वाले श्रद्धा कांड की आँच ठंडी हुई भी न थी कि अंजलि सिरफिरों की साजिश का शिकार हो गयी।
कुछ वर्षों पूर्व निर्भयाकांड ने युवाओं के अंतर्मन को झिंझोड़ दिया था। पर अब तो अखबार व टेलीविजन की सुर्खियाँ ही बन के रह जाती हैं ऐसी घटनाएँ।
आखिर दोषी कौन है ?
-शायद माँ-बाप ..जो बच्चों की जिंदगी के फैसले लेते वक्त बदलती बयार को भाँप नहीं पाते और उन्हें उच्च शिक्षा केसाथ छूट देते वक्त आजादी काअसली मतलव नहीं समझा पाते।
-नवख्याल का साबित करने हेतु आँख मूँद लेते हैं और संस्कार नहीं दे पाते अथवा युवा पीढ़ी जो स्वयं को शिक्षित और माँ बाप कोअशिक्षित, पिछड़ा हुआ मान उनकी सीख को नजरअंदाज कर देती है। अथवा उच्च धनाढ्य दोस्तों की संगति मेंस्वयं को आधुनिक ,उन्मुक्त ख्याल दर्शाने के लिए हर वो हरकत करना जरुरी लगता है जो उनके तथाकथित दोस्तों की नज़र में सही है ।
या कि वे दोस्त जो केवल हर #चीज को #यूज करना जानते हैं। चाहे मित्र हो,भावनायें हों या कोई नारी शरीर !!

आज सोचना आवश्यक हो गया है कि लड़कियों के साथ लड़कों को भी संस्कार देने का।गलती पर केवल लड़कियों को नहीं लड़कों को भी सजा मिलनी चाहिये। माँ बाप को केवल लड़कियों को ही रोकना टोकना नहीं चाहिये अपितु लड़कों को भी रोकना टोकना चाहिये।
आभासी दुनियाँ के मित्रों को दोस्त अवश्य बनायें पर न तो उनसे अपनी परेशानी शेयर करें न निजी जिंदगी के बारे में चर्चा करें।
मित्र के बारे में गलत जानकारी मिलने पर लाइटली नलेकर गँभीरता पूर्वक सोचें कि कहीं गलत है तो इसका उन पर क्या असर होगा।
अंजलि बच सकती थी अगर निधि के अतीत के बारे में जानकर दूरी बना लेती।
ड्रग माफिया से उसके जुडाव को लेकर स्वयं को उससे दूर रखती अंजलि ।
..
वस्तुतः नकली आई डी ,प्रेम आकर्षण (झूठा) टेलीविजन आने वाले सीरियल .जिनमें एक खास तब के के युवाओं को साहसी ,सच्चा बताया जाता है।
युवा होते बच्चों में हार्मोन चेंजिंग होने पर विपरीत आकर्षण होना सहज है पर परिवार का दायित्व है बड़े होते बच्चों को उचित मार्गदर्शन दें।
पुलिस विभाग गँभीरता से ऐसे मामलों को लें ।
वकील दोषी को बचाने का प्रयास न करें।
इंस्पेक्टर सही जांच कर दोषी को बिना दबाव में आये पकड़े।
कानून व्यवस्था में ऐसे केसों पर तुरंत सुनवाई हो जिससे अपराधी को सबूत मिटाने का समय न मिल सके।
अंजलि परिवार में कमाने वाली लड़की थी जिसके माता पिता दोनों ही नहीं थे। लेकिन गलत मित्रता ने उसे जिस तरह की मौत दी वह.काफी दिल दहलाने वाली थी।
निर्भया की मौत का मंजर भी दहशत पैदा करने वाला था।
आखिर नारी भावनाओं के साथ खेल कर इस तरह हत्या करने वाली सोच की आँधी कब रुकेगी?
#येआगकबबुझेगी????

मनोरमा जैन पाखी

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 114 Views
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