मनोज शर्मा 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मां मां संग होती है रोज़ उम्रभर हर पल हर क्षण पर दिखती है एक बार 'मदर्स डे' पर व्हट्सअप्प फेसबुक पर फोटुओं में जैसे कोई नया खिलौना आता हो घर... Hindi · कविता 1 422 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 2 min read मेरी किताब खिड़की के शीशों पर गर्द जम चुकी है ओस की बूंदों से वो और भी घनी हो गई है बाहर झांकने के लिए खिड़की की तरफ देखा पर वहां अब... Hindi · लेख 1 484 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read किताब आज मैं मिलूंगा एक बार फिर स्वयं से कभी हरी घास पर कभी बादलों में कभी मखमली बिस्तर की झीनी चादर पर पैर पसारकर उन्मुक्त उच्छृंखल पूर्ववत हाथों के मध्य... Hindi · कविता 1 274 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read सिगरेट जी चाहता है तुम्हें अपने होठों से छूं लूं तुम मेरा पहला प्रेम हो।जानती हो तुम्हे मैं उन दिनों से चाहता हूं जब मैं स्कूल जाया करता था पर तुम्हे... Hindi · लेख 1 227 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मेरा चश्मा मेरा चश्मा रोज देखता एक सुनहरा सपना कभी इठलाता कभी सहम जाता नज़र बचाता आंख उठाता यौंही बादलों में घिर जाता घने कोहरे सा नित् आता मेरा जीवन उजियारा कर... Hindi · कविता 3 613 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मोहन राकेश वो आने वाला है एक बार फिर बस दो रोज़ में उसकी गहरी आंखों पर मोटा काला चश्मा है सिर पर उलझे बालों का पफ उसके गोल चेहरे की परीधि... Hindi · लेख 2 2 607 Share मनोज शर्मा 15 Feb 2017 · 3 min read काव्य का मानवीकरण काव्य तुम क्या हो शायद तुम नहीं जानते हो और न समझ सकते हो एक विशुद्ध साहित्य से,सह्रदय से ,एक सुखद आलिंग्न की भांति एक ऐसी अनुभूति और एक असहज... Hindi · लेख 1 792 Share Previous Page 3