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हम में,तुम में दूरी क्यू है
Keshav kishor Kumar
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
Keshav kishor Kumar
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
Keshav kishor Kumar
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
Keshav kishor Kumar
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
Keshav kishor Kumar
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
Keshav kishor Kumar
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
Keshav kishor Kumar
इतना बेबस हो गया हूं मैं
Keshav kishor Kumar
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
Keshav kishor Kumar
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
Keshav kishor Kumar
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
Keshav kishor Kumar
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
Keshav kishor Kumar
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
बेवक्त बारिश होने से ..
Keshav kishor Kumar
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
Keshav kishor Kumar
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
Keshav kishor Kumar
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
हमारी दोस्ती अजीब सी है
Keshav kishor Kumar