Jayanti Prasad Sharma Language: Hindi 128 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Jayanti Prasad Sharma 24 Apr 2020 · 1 min read बिगड़ी ताहि बनाइये राह सुगम सबकी करो, पथ को देउ बुहार। कंकड़ पत्थर बीन कें, कंटक देउ निकार ।। बिगड़ी ताहि बनाइये, यदि सम्भव है जाय । सुखी होयेगी आत्मा, जो इज्जत रह... Hindi · दोहा 1 419 Share Jayanti Prasad Sharma 24 Apr 2020 · 1 min read मेरा भारत मेरा भारत अनेक भाषाभाषी रहते यहां। पालते धर्म बिना भेदभाव के करते कर्म। हवा सबकी आसमान सबका जमीं सबकी। झंडा उठाओ 'जय भारत माता' नारे लगाओ। करो न शक हैं... Hindi · हाइकु 1 465 Share Jayanti Prasad Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read आतंकबाद मुर्दाबाद लाशों के ढेर पर खड़ा हुआ वह मना रहा था जश्न, खून का लाल रंग उसे दे रहा था सुकून। वह कभी मुस्कुराता था, करता था जोर से अट्टहास। नफरत... Hindi · कविता 2 3 505 Share Jayanti Prasad Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read लावारिस कूड़े के ढेर पर पड़े उस लावारिस शिशु के आसपास- खड़ा था लोगों का हुजूम। लोग कर रहे थे तरह तरह की बातें। कोई कोस रहा था उसकी निर्दयी माँ... Hindi · कविता 2 3 488 Share Jayanti Prasad Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read डंडे का फंडा डंडा रखिये हाथ में आप सदा श्रीमान, डंडे से ही मिलेगा महामना अधिमान। महामना अधिमान सुनेंगे सभी आपकी, जब तक डंडा हाथ भैंस आपके बाप की। इसी समय लें जान... Hindi · कुण्डलिया 2 2 467 Share Jayanti Prasad Sharma 22 Apr 2020 · 1 min read मैं शराब हूँ मैं शराब हूँ लोग कहते हैं मैं ख़राब हूँ। खराबी मुझमें नहीं, पीने वालों की सोच में है। छक कर पीना, खोना होश में है। मैं अंगूरी आसव, घूँट दो... Hindi · कविता 1 1 258 Share Jayanti Prasad Sharma 22 Apr 2020 · 1 min read सदुपयोग सदुपयोग करो अवसरों का फल मिलेगा। रहो सजग नहीं हो अपकर्म सुखी रहोगे। भाई साहब आप न हों उदास रखें धीरज। मिलेगा चीता उचित अवसर जब आयेगा। रखें भरोसा हो... Hindi · हाइकु 1 2 332 Share Jayanti Prasad Sharma 22 Apr 2020 · 1 min read पवन तनय हनुमान पेशकार हैं राम के, पवन तनय हनुमान। उनके अनुग्रह के लिए, धरिये इनका ध्यान।। रामचन्द्र के इष्ट हैं, ओंकार महादेव। हनूमान के रूप में, सेवक रहे सदैव।। किया कर्म हर... Hindi · दोहा 2 2 539 Share Jayanti Prasad Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read मारी कान्हा के नेह की सिर मोर मुकुट, तन पीत पट। अधर मुरली, श्याम जू सोहत विकट। गौरोचन तिलक भाल, उर कंज माल। मन मोहते, नयना विशाल। देखि छवि मनहारी, ग्वालिनी बेचारी। भई चित्र लिखित... Hindi · कविता 1 2 463 Share Jayanti Prasad Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read आँसू आँसू अपने रोक तू आये ना सैलाब, बह जायेंगीं भावना डूबेंगे अनुभाव। डूबेंगे अनुभाव न बचेंगीं संवेदना, विरला होगा विकल किसी की देख वेदना। न कोई होय करुण न कोई... Hindi · कुण्डलिया 2 2 240 Share Jayanti Prasad Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read नाकाम का न करें तिरिस्कार मुझे बीता हुआ कल याद आता है, मेरी नादानियाँ मुझे बताता है। मैंने नासमझी में किये थे- बड़े कमाल। धोतियों को फाड़ कर, बना दिये थे सैकड़ों रूमाल। कुछ खास... Hindi · कविता 1 2 207 Share Jayanti Prasad Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read होली खेलें नँदलाल नँद नंदन, अइयों बरसाने- होली खेलिबे। करै चिरौरी, प्रेम दिवानी राधा- नँद लाल से। ढूँढते राधा, घूम रहे श्याम - बरसाने में। होली खेलते, भये रंग बिरंगे- घनश्याम। रंगी होली... Hindi · हाइकु 1 2 257 Share Jayanti Prasad Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read हे वीर सैनिक तुमको नमन सबकी अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग। किसी को सुहाता है सावन, किसी को भाता फाग। जब सब गाते कजरी-टप्पे, वे गीत ओज के गाते हैं। सीमा पर रहते मुस्तैद,... Hindi · कविता 2 4 416 Share Jayanti Prasad Sharma 20 Apr 2020 · 1 min read मैं कैसे स्वयं को परिभाषित करूं बोला गुरू से शिष्य, मेरी उलझन सुलझाइए। अंतरंग परिचय मेरा, मुझसे कराइये। मैं मन हूँ या तन हूँ, नूतन हूँ पुरातन हूँ। मैं अपने को समझ न सका, मैं कौन... Hindi · कविता 1 4 507 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read तुमने तो तुमने तो अपने तईं काँटे लीने बोय, वे सोवें चादर तान तू रातों को रोय। तू रातों को रोय चैन पल भर नहि पाती, रोवत कलपत रहति याद जब उनकी... Hindi · कुण्डलिया 2 474 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read वह है तो सब सम्भव है सड़कों के मोड़ पर, गलियों के छोर पर उसके ही चर्चे हैं - 'वह है तो सब सम्भव है।' दर्द से खिंचते हैं ओष्ठ, सामना होने पर मुस्करा कर कहते... Hindi · कविता 2 2 425 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read ब्रज धाम अति पावन माँटी है ब्रज की, तिलक लगाऔ समझि कें चन्दन। श्रद्धा सौं भैंटहु ब्रजवासिन, करत रहे केलि इन सँग नँद नंदन। गैया पूज्य हैं जमुना पूज्य है, पूज्य है... Hindi · कविता 1 284 Share Jayanti Prasad Sharma 17 Apr 2020 · 1 min read आओ करें भारत का नव निर्माण आओ लेकर हाथों में हाथ चलते हैं हम साथ साथ उन राहों पर जिनसे गुजर कर पहुँचें उस लोक में जहाँ न हो ईर्ष्या-द्वेष न हों व्यर्थ के क्लेश जहाँ... Hindi · कविता 1 2 422 Share Jayanti Prasad Sharma 17 Apr 2020 · 1 min read वक्त किसी का नहीं आता सारी उमर गई बीत, मैं कुछ नहीं कर पाया। मैं रीता घट- भर नहीं पाया। बीता सारा जीवन, कल कल करते। किंचित साहस नहीं किया, रहा व्यर्थ ही डरते। अब... Hindi · कविता 2 1 572 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Apr 2020 · 1 min read जय श्री राम सबकी बिगड़ी बन जाये, जय श्री राम जय श्री राम। नहीं मौत किसी की असमय आये, जय श्री राम जय श्री राम। पूरण होवे सबके काम, जय श्री राम जय... Hindi · कविता 2 352 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Apr 2020 · 1 min read जो अब तक न किया जो अब तक न किया, वो अब करेंगे। जो अब भी नहीं- तो कब करेंगे! तुमने बहुत ही किया तंग, हड़काया, नहीं बदला तुमने ढंग। हा-हा खाते फिरोगे- वो अब... Hindi · कविता 1 410 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Apr 2020 · 1 min read हराना है कोरोना करोना गंभीर अति जानो यह श्रीमान, लापरवाही आपकी ले ही लेगी जान। ले ही लेगी जान न कमतर इसको आँको, रहो घरों में बंद निकट भूले नहि झाँको। संक्रमितों से... Hindi · कुण्डलिया 2 224 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read अब क्या रोना अब क्या रोना, होगा वही जो है होना। नहीं माने बहुतेरा समझाया, किया वही मन में जो आया। नहीं माने लोगों से लिपटे, तुमसे अब लिपटा कोरोना। रखी नहीं सामाजिक... Hindi · कविता 1 2 391 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read घातक है कोरोना बड़ी ही घातक है कोरोना वबा, काम करती नहीं कोई दवा। जगह जगह लगे हैं लाशों के ढेर, नहीं देखती बच्चा या अधेड़। अमीरी गरीबी नहीं देखती, करीबी रकीबी नहीं... Hindi · कविता 1 248 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Apr 2020 · 1 min read कोई कब महामारी में नप जाये पता नहीं आँख कब झप जाये, कोई कब महामारी में नप जाये। रुका हुआ जो आँख में आँसू, पता नहीं कब टप जाये। वक्त का तकाजा है, नहीं किसी से... Hindi · कविता 2 599 Share Jayanti Prasad Sharma 5 Feb 2020 · 1 min read प्यार की प्यास सबको प्यार की प्यास, मुझको भी प्यार की प्यास। दूर दूर सब रहते मुझसे, पड़ा अकेला बातें करता खुद से। रहूँ बुलाता इसको-उसको, कोई नहीं आता पास। लगता है अब... Hindi · कविता 3 2 361 Share Jayanti Prasad Sharma 16 Jul 2019 · 1 min read जीवन है संग्राम बन्धु रे जीवन है संग्राम, निज अस्तित्व बचाने को, लड़ना पड़ता है आठौ याम। कभी समाज से कभी सिद्धांत से, कभी अपने मन की उद्भ्रान्ति से। बीत जाता है जीवन... Hindi · कविता 3 521 Share Jayanti Prasad Sharma 7 Nov 2018 · 1 min read माँ की ममता की छांव जब भी किसी ने मुझे सताया, माँ ने मुझको गले लगाया। जब भी दुखों की धूप से झुलसा, माँ ने ममता का छत्र लगाया। कभी सिर दर्द से हुआ परेशां,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 73 960 Share Previous Page 3