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Tag: कविता
210 posts
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ज्योति!!
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Jaikrishan Uniyal
कोरोना अप डेट!!
कोरोना अप डेट!!
Jaikrishan Uniyal
चुक हुई है तो, स्वीकारते क्यों नहीं?
चुक हुई है तो, स्वीकारते क्यों नहीं?
Jaikrishan Uniyal
बेबसी हार गयी !व्यवस्था मार गयी!!
बेबसी हार गयी !व्यवस्था मार गयी!!
Jaikrishan Uniyal
यह सियासत नही तो और क्या है?
यह सियासत नही तो और क्या है?
Jaikrishan Uniyal
एक लाख पार!!
एक लाख पार!!
Jaikrishan Uniyal
शब्दों से श्रद्धांजलि!!
शब्दों से श्रद्धांजलि!!
Jaikrishan Uniyal
सीखना होगा !हमें इन सब से सीखना होगा!!
सीखना होगा !हमें इन सब से सीखना होगा!!
Jaikrishan Uniyal
राहत में आम आदमी कहां पर है?
राहत में आम आदमी कहां पर है?
Jaikrishan Uniyal
तो ये राहत है?
तो ये राहत है?
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पराधिनता का बोध भाव!!
पराधिनता का बोध भाव!!
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लाचार किसान!क्या है समाधान?
लाचार किसान!क्या है समाधान?
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पाप की हांडी! फूटने को भरी है!!
पाप की हांडी! फूटने को भरी है!!
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पांडवों का गृहस्थी जीवन!उत्सर्ग एवं पराभव।।
पांडवों का गृहस्थी जीवन!उत्सर्ग एवं पराभव।।
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पांडवों की युवावस्था/किशोरावस्था!!
पांडवों की युवावस्था/किशोरावस्था!!
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पांडव गाथा। शैशव काल
पांडव गाथा। शैशव काल
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मुझ जैसा कोई देवव्रत होता।
मुझ जैसा कोई देवव्रत होता।
Jaikrishan Uniyal
देवव्रत से भीष्म पितामह तक। शेष भाग के अंश
देवव्रत से भीष्म पितामह तक। शेष भाग के अंश
Jaikrishan Uniyal
देवव्रत से भीष्म पितामह तक।
देवव्रत से भीष्म पितामह तक।
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महाभारत का सूत्रधार ।
महाभारत का सूत्रधार ।
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दानवीर कर्ण।।
दानवीर कर्ण।।
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धृतराष्ट्र का पुत्र मोह!
धृतराष्ट्र का पुत्र मोह!
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अद्भुत है पांचाली का जीवन!
अद्भुत है पांचाली का जीवन!
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और कितने लोक!
और कितने लोक!
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मृत्यु लोक के हम हैं प्राणी!
मृत्यु लोक के हम हैं प्राणी!
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अपनों के लिए,मर-मर के जी जाएंगे![घरेलू हिंसा पर विचारने हेतु]
अपनों के लिए,मर-मर के जी जाएंगे![घरेलू हिंसा पर विचारने हेतु]
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बगिया की फुलवारी में दो फूल ..प्रतिकात्मक प्रसंग !
बगिया की फुलवारी में दो फूल ..प्रतिकात्मक प्रसंग !
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एक बगिया की फुलवारी के वह दो फूल![प्रतिकात्मक.प्रसंग]
एक बगिया की फुलवारी के वह दो फूल![प्रतिकात्मक.प्रसंग]
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सब चलता है!
सब चलता है!
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क्यों डरते हैं हम, करने से सच का सामना!
क्यों डरते हैं हम, करने से सच का सामना!
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लौक डाउन [ताला बंदी] मेरे सपने में आया !
लौक डाउन [ताला बंदी] मेरे सपने में आया !
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जाता क्या तू चायना!
जाता क्या तू चायना!
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परीक्षा
परीक्षा
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चलो,जंलाएं दिए!
चलो,जंलाएं दिए!
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प्रसंग वश-वचन-प्रण-या हठ!
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छोड़ भी दो अब राग कोरोना!
छोड़ भी दो अब राग कोरोना!
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पलायन का संकट!-गाँवों की उपेक्षा-शहरों का आकर्षण!
पलायन का संकट!-गाँवों की उपेक्षा-शहरों का आकर्षण!
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जीवन जीने की जंग-गांव शहर के संग!
जीवन जीने की जंग-गांव शहर के संग!
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महाभारत का संदर्भ!कोरोना से जंग !!
महाभारत का संदर्भ!कोरोना से जंग !!
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कोरोना दिखा रहा डर भारी!
कोरोना दिखा रहा डर भारी!
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तृष्णा से पूर्णता की ओर!
तृष्णा से पूर्णता की ओर!
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पंचायत चुनाव-अबकी बारी
पंचायत चुनाव-अबकी बारी
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अभिनन्दन. का. अभिनन्दन
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गले लगना-गले मिलना-और गले पडना
गले लगना-गले मिलना-और गले पडना
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मेरी राशी किलै पैट्यां छैं
मेरी राशी किलै पैट्यां छैं
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कृष्ण - द्रौपदी सवांद
कृष्ण - द्रौपदी सवांद
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भूत लगी या देवता आई?
भूत लगी या देवता आई?
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जद्दो जहद की तिसरी कडी, सडक और नाली !
जद्दो जहद की तिसरी कडी, सडक और नाली !
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जिन्दगी की जद्दो जहद के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग!
जिन्दगी की जद्दो जहद के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग!
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आम आदमी की जद्दो -जहद्द के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग
आम आदमी की जद्दो -जहद्द के मध्य,ब्यथा और ब्यवस्था की जंग
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