Dushyant Kumar 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dushyant Kumar 14 Nov 2024 · 1 min read *बचपन* *बचपन* मन में जो आता करते हैं, बचपन होता सबसे खास। शहंशाह होते अपने मन के, खोते नहीं कभी हम आस।। खेल खिलौने गुल्ली डंडा, जब चाहे तब हम खेलें।... Hindi · बाल कविता 20 Share Dushyant Kumar 7 Nov 2024 · 1 min read *हाथी* *हाथी* सबसे बड़ा होता है हाथी, सारे छोटे संगी साथी। बैठो इस पर कराये सवारी, घूमने की कर लो तैयारी।। हाथी आया हाथी आया, चलता धम-धम चाल। चारों ओर सूंँड... Hindi · बाल कविता 15 Share Dushyant Kumar 7 Nov 2024 · 1 min read *कैसा है मेरा शहर* *कैसा है मेरा शहर* जेपीनगर नाम था पहले, मुरादाबाद का था हिस्सा। अमरजोधा ने किया था शासन, पुराना है इसका किस्सा। रोहू आम से नाम पड़ा है, अमरोहा है इसका... Hindi · कविता 21 Share Dushyant Kumar 17 Oct 2024 · 2 min read *वो मेरी मांँ है* *वो मेरी मांँ है* मैं एक मांँगूं तो वो रुपये हजार देती है। वो मेरी मांँ है जो सब कुछ सम्भाल लेती है। उसने रखा है मुझको नौ माह पेट... Hindi · कविता · गीत 1 32 Share Dushyant Kumar 11 Oct 2024 · 1 min read *आदर्श युवा की पहचान* *आदर्श युवा की पहचान* जो चुनना गुनना बुनना सीखे, बेमतलब ना बात करें। बोल हों जिसके यथार्थ तीखे, जो परोपकार की बात करे। जो कमजोर की करें भलाई, मन लगाकर... Hindi · कविता 2 34 Share Dushyant Kumar 30 Sep 2024 · 1 min read *प्यासा कौआ* *प्यासा कौआ* एक कौआ था बहुत प्यासा, पानी पीने की थी आस। एक-एक कंकड़ बीन के लाता, बुझाएगा अपनी प्यास।। मटके में डाली थीं कंकड़, पानी का था तल नीचा।... Hindi · बाल कविता 1 40 Share Dushyant Kumar 30 Sep 2024 · 1 min read *चार भाई* *चार भाई* चार भाई रहते थे घर में, चारों मे था गहरा प्यार। करने को किसी काम से पहले, करते मिलकर सोच विचार।। इन चारों की हो गई शादी, बंँट... Hindi · बाल कविता 1 30 Share Dushyant Kumar 8 Sep 2024 · 1 min read *बता दे आज मुझे सरकार* तड़प रहा है कोई दर्द से, कहीं पे चीख पुकार। बता दे आज मुझे सरकार--- गाय गौमूत्र धर्मवाद से, छुआछूत और जातिवाद से, क्यों बनाते अपना शिकार। बता दे आज... Hindi · कविता · गीत 1 33 Share Dushyant Kumar 3 Sep 2024 · 1 min read *आहा! आलू बड़े मजेदार* जन्म है इसका द.अमेरिका, स्वाद है इसका ऐसा मीठा। पूरे देश में इसका प्रचार, आहा! आलू बड़े मजेदार।। राजा हो चाहे कोई रंक, न आता कोई इससे तंग। बाजारों में... Hindi · बाल कविता 1 50 Share Dushyant Kumar 25 Aug 2024 · 1 min read *आवागमन के साधन* *आवागमन के साधन* घोड़ा खच्चर बैलगाड़ी, हवाई जहाज बस रेलगाड़ी। घूमने की कर लो तैयारी, करेंगे मस्ती खूब सवारी।। मोटरसाइकिल टेम्पो कार, दो बैठो चाहें चार सवार। साइकिल स्कूटी पर... Hindi · बाल कविता 1 52 Share Dushyant Kumar 25 Aug 2024 · 1 min read *खेल खिलौने* *खेल खिलौने* सुन्दर -सुन्दर खेल खिलौने, इनसे खेलें भैया बहनें। रंग-बिरंगे सुन्दर-सुन्दर, छपे हैं इन पर चिड़िया बन्दर।। तन मन होते दोनों पुलकित, खिलौने का यह संसार। माता बिन बच्चा... Hindi · बाल कविता 1 44 Share Dushyant Kumar 10 Aug 2024 · 1 min read *मेरी गुड़िया सबसे प्यारी* *मेरी गुड़िया सबसे प्यारी* लगती घर में सबको प्यारी, मासूम सुन्दर और बेचारी। सबसे अलग लगती है न्यारी, मेरी गुड़िया सबसे प्यारी।। लगती है यह क्यूटी ब्यूटी, प्यार से कहते... Hindi · बाल कविता 1 88 Share Dushyant Kumar 10 Aug 2024 · 1 min read *आजादी और कर्तव्य* मिली आजादी हमको ऐसे, लहू बहाया वीरों ने। हृदय हमारा हो गया छलनी, फर्ज निभाया वीरों ने। यह देश हमारा है धरोहर, इसकी करनी है रक्षा। आज भी इसको खोखला... Hindi · कविता 1 67 Share Dushyant Kumar 30 Jul 2024 · 1 min read *मजदूर* भूगगन में काम कर, पाताल में सुरंग बनाई। चट्टानें तोड़ी और रूक मोड़े, रेल लाइन भी बिछाई। नहीं मानी कभी मैंने, किसी कार्य से हार, बनाता ताजकिला तक, होता शहंशाह... Hindi · बाल कविता 2 85 Share Dushyant Kumar 28 Jul 2024 · 5 min read कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय) *लेखक के बारे में* युवा कवि एवं लेखक 'दुष्यन्त कुमार' का जन्म उत्तर प्रदेश में अमरोहा जिले के ब्लाक हसनपुर के एक छोटे से गांँव तरारा में पिता श्री बदलू... Hindi · निबंध · लेख 1 108 Share Dushyant Kumar 14 Jul 2024 · 1 min read *प्रकृति के हम हैं मित्र* पेड़ पौधे मिट्टी और नदियांँ, औलादें इसकी सारी। फर्ज हमारा रक्षा करना, समझो तुम जिम्मेदारी। तुम्हारे कारण आज दिखती,विवश बनी वो लाचारी। प्रकृति के हम हैं मित्र, प्रकृति है मांँ... Hindi · कविता 2 77 Share Dushyant Kumar 15 Jun 2024 · 4 min read *पीता और पिलाता है* पीता और पिलाता है, दिन भर मौज उड़ाता है। ऐसे उसके होते हाल, लहरा लेकर चलता चाल। नशे में रहता मस्त मलंग, बेच दिए सब खाट पलंग। बके गालियांँ घूसे... Hindi · कविता 1 126 Share Dushyant Kumar 2 Jun 2024 · 1 min read *भारत नेपाल सम्बन्ध* चरण छुए सागर भारत के, हिमालय जिसका भाल है। रमणीक अनोखा प्यार सुन्दर, उत्तर में नेपाल है। नेपाल कभी न गुलाम हुआ, भारत को इस पर गुमान है। जहांँ अनेकता... Hindi · कविता 1 126 Share Dushyant Kumar 2 Jun 2024 · 1 min read *नर से कम नहीं है नारी* नर से कम नहीं है नारी, भविष्य की है ये तैयारी । नर अगर है देव तो, देवी का स्वरूप है नारी। दोनों से ही घर रिश्ते नाते, गूंजे बच्चों... Hindi · कविता 2 83 Share Dushyant Kumar 29 May 2024 · 1 min read *गर्मी पर दोहा* बढ़ रही है गर्मी, द्वार खड़ी है मौत। न जागे गर नींद से, मनाओगे रोज शोक।।१।। काट जंगल वनों को, बन गए खुद यमराज। फँसोगे अपने जाल में, वरना आ... Hindi · कविता · दोहा 3 130 Share Dushyant Kumar 16 May 2024 · 1 min read *शिक्षक हमें पढ़ाता है* शिक्षक हमें पढ़ाता है, हमको लाड़ लड़ाता है। जिस रास्ते से जाना हमको, उसको सरल बनता है। स्थान जिसका रब से ऊपर, बनाता हमको सूपर डूपर। जो हमसे नहीं आता... Hindi · कविता · गीत 1 129 Share Dushyant Kumar 12 May 2024 · 1 min read *किसान* करते हैं खेतों पर काम, जीतोड़ मेहनत नहीं आराम। काम उसका नहीं है आम, देते सबको अन्न किसान।। नहीं देखते जाड़ा गर्मी, नहीं देखते वो बर्षा। उसका साहस है अदम्य,... Hindi · बाल कविता 1 78 Share Dushyant Kumar 12 May 2024 · 1 min read *शिक्षक* शिक्षक मेरे कितने अच्छे, खुश रहते उनसे सब बच्चे। इतनी पढ़ाई उतना प्यार, शिक्षक ज्ञान के आधार।। रखो हमेशा आदर भाव, सीखो सहज नए-नए दाब। शिक्षक माता-पिता समान, न करना... Hindi · बाल कविता 1 96 Share Dushyant Kumar 6 May 2024 · 1 min read *रंगों का ज्ञान* दूध सफेद काले बाल, लाल सेब खाओ निहाल। हरी घास नीला आसमान, काली रात से पकड़ो कान ।।१।। बैंगनी बैंगन पीला आम, भीड़ होगी लगेगा जाम। जामुन जामुनी मीठे फल,... Hindi · बाल कविता 1 106 Share Dushyant Kumar 6 May 2024 · 1 min read *किताब* किताब हमारी कितनी सुन्दर, छिपा खजाना इसके अन्दर। सुन्दर कागज काला लेख, सुबह शाम किताबें तू देख।।१।। किताबें देतीं हमको सीख, पढ़ो लिखो न मांगों भीख। किताबें देतीं ऐसा ज्ञान,... Hindi · बाल कविता 1 90 Share Dushyant Kumar 9 Apr 2024 · 4 min read *मुर्गा की बलि* हमारा देश आस्था और धार्मिक रीति-रिवाज का देश माना जाता है। लोग इस देश में इतने आस्थावान हैं, कि पत्थर जिस पर लिखा होता है फलां गांँव,शहर या कस्बा इतनी... Hindi · कहानी 1 183 Share Dushyant Kumar 9 Apr 2024 · 5 min read *दादी की बहादुरी(कहानी)* बात आज से लगभग 60-70 साल पहले गांव- तरारा, पोस्ट- उझारी, तहसील- हसनपुर, जिला- अमरोहा की है।उस समय गांव में अधिकतर कच्चे घर हुआ करते थे। कोई व्यक्ति जो अमीर... Hindi · कहानी 1 109 Share Dushyant Kumar 23 Mar 2024 · 1 min read *इन तीन पर कायम रहो* सोच समझ कर देना तीन, जवाब सलाह और उधार। नहीं तो मिलेगा पछतावा ही, घूम लो सारा संसार। ये तीन चीजें सबको प्यारी, दौलत औरत और औलाद। इनके लिए अडिग... Hindi · कविता 1 124 Share Dushyant Kumar 19 Mar 2024 · 1 min read अद्वितीय गुणगान तू अद्वितीय तू अनन्त अनन्य तेरी भक्ति, अंर्तयामी सबका स्वामी, इसमें ना कोई श्योक्ति। दीन दुखियों असहायों का रक्षक है तू, तू आदि है न कोई अन्त, ऐसी तेरी शक्ति।।१।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · मुक्तक 5 85 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 2 min read *कुकर्मी पुजारी* एक पुरानी दास्ता है, एक लड़का था लालू। बहन श्यामा पिता कल्लू और भाई था डल्लू। सब परिवार मिलकर करता, पब्लिक सफाई। गरीबी और छुआछूत में, करते भी क्या भाई।।१।।... Hindi · कविता 1 145 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 1 min read *हुस्न से विदाई* बाइक थी उसकी शौक सवारी, घूमने की थी फुल तैयारी। करतूतें थी उसकी न्यारी, यात्राएं लगती थी उसे प्यारी। ना पढ़ाई की थी तैयारी, भाड़ में जाए दुनियादारी। भीड़ खचाखच... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 127 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 1 min read *पलटूराम* यह बात हो गई है आम, पलट रहे हैं पलटूराम। अपना सिक्का खुद ही खोटा, बेपेंदी के बने हैं लोटा। अपनों से विमुख होकर, गैरों के पियें चरण धोकर। पहले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 85 Share Dushyant Kumar 16 Feb 2024 · 1 min read *घर* प्यारे प्यारे होते घर, न्यारे न्यारे होते घर। मिलकर रहते सब अपने, यहां साकार होते सपने।। खिलाता पिलाता आराम दिलाता, हमारे स्वागत में बिछ जाता। ईंटों का यह नहीं है... Hindi · बाल कविता 1 166 Share Dushyant Kumar 15 Feb 2024 · 1 min read *पेड़* लगाओ पेड़ ना कटे माटी, पेड़ हमारे जीवन साथी। पेड़ों की है माया न्यारी, फर्नीचर मिले छाया भारी।। रोगों को ये दूर भगायें, घर आंगन में इन्हें उगायें। सुन्दर वातावरण... Hindi · बाल कविता 1 186 Share Dushyant Kumar 5 Feb 2024 · 1 min read *हुस्न से विदाई* बाइक थी उसकी शौक सवारी, घूमने की थी फुल तैयारी। करतूतें थी उसकी न्यारी, यात्राएं लगती थी उसे प्यारी। ना पढ़ाई की थी तैयारी, भाड़ में जाए दुनियादारी। भीड़ खचाखच... Hindi · कविता · मुक्तक 1 106 Share Dushyant Kumar 27 Jan 2024 · 1 min read *भ्रष्टाचार* आज है भ्रष्टाचार का युग हुआ, चारों ओर है भ्रष्टाचार। कोई क्षेत्र नहीं बचा है, राजनीति हो या व्यापार। राजनीति हो या व्यापार, इससे कोई बच नहीं पाया। भ्रष्टाचार के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 2 170 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 5 min read वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से) वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है। वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। उसका गोल चांद सा चेहरा, मासूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 100 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 2 min read *यातायात के नियम* यातायात नियम बताता, हाथ जोड़कर तुम्हें समझाता। ये बात लो मेरी मान, यातायात पर दो सब ध्यान। करो यातायात नियम का पालन, मेरी बात लो मान। जीवन मूल्यवान है, हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 192 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *बेटी की विदाई* एक तरफ नजारा खुशियों का, रंग बिरंगे फूल मालाएं गलीचे, रंगभूमि आतिशबाजी का शोर, कहीं बाजे डीजे की झंकार। कहीं पायलों की छम छम,कही रंगों की बहार। चारों ओर खुशी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 103 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *हम किसी से कम नहीं* हम किसी से कम नहीं, जवाब देना जानते हैं। दिल की गहराइयों को, हम समझना जानते हैं। आप ठहरे फिरंगी, तुम क्या जानो हमारी। तकदीरों की लकीरों को हम बदलना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 74 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *मानव शरीर* कोशिका ऊतक अंग, अंगतंत्र और अस्थि से बना शरीर। सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है, यह मानव शरीर। 639 पेशियां इसमें, 206 हैं अस्थियां। 12 जोड़ी होती हैं, मानव शरीर में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 94 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 3 min read *गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)* आजादी तो हक है मेरा, बेगुनाह को फांसा क्यों? रोम रोम में कपट तुम्हारे, देते क्यों दिलासा यूं? चोर उचक्के और लुटेरे, चारों ओर मिल जाएंगे। दया ईमान व सच्चे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 2 72 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)* व्यवस्था पर सवाल उठाता, सब जन को यह बात बताता। ध्यान लगाकर पढ़ना सुनाना, झूठ सच्चाई की तुलना करना। इसमें कितनी है सच्चाई, जवाब दो क्यों मौन हो भाई? कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 54 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *इन्हें भी याद करो* भुला दिया क्यों आज तुमने, ऐसे वीर शहीदों को। सींचकर अपने लहू से, जन्म दिया हम बीजों को। भीमराव चंद्र बोस भगत की, भूल गए क्यों आंधी को। क्यों आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 67 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *क्या आपको पता है?* टपकता है छप्पर, आशियाना भी टूटा है। जाड़े गर्मी में रहते नंगे पैर, जूता भी टूटा है। अरे इन टूटे आशियानों की तुलना हमसे मत करिए, अरे! साहब खुद को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 58 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *आदर्शता का पाठ* प्रातः उठो, शौच करो व्यायाम। थोड़ा लो फिर आराम। बुरा न हो पकड़ो कान। मात पिता का कहना मानो, शिष्टाचार की भाषा जानों। अच्छे बुरे को तुम पहचानो। गुरु का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 77 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *वोट की ताकत* पापा माता सुन लो भाई, वोट बनवाओ जाकर ताई। किसान बाबू और हलवाई, सरकार बनेगी वोट से भाई।।१।। हो गई उम्र अट्ठारह अब, वोट हमें बनवाना है। वोट की ताकत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 70 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *ऐसी हो दिवाली* ऐसी न हो दिवाली, जिसमें दीप जले खाली। दीपों के साथ-साथ हृदय हो प्रफुल्लित, गरीबों की भरो थाली, ऐसी हो दिवाली।।१।। रद्द करो पटाखे, इत्यादि का प्रयोग। घर-घर कर लो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 78 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *देश का दर्द (मणिपुर से आहत)* आंँखें सबकी मिची हुई हैं, चारों ओर अंँधेरा है। अस्मत इज्जत तार-तार हुई, ऐसा नया सवेरा है। देश में कितनी घटनाएंँ ऐसी, संख्या गिनना भारी है। न्याय में देरी सजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 89 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)* पुरानी पेंशन हक है मेरा, बुढ़ापे का सहारा है। अपने भी जब साथ छोड़ दें, यही है एक सहारा है। माननीय लेते कई-कई पेंशन। हमारे लिए क्यों नहीं है पेंशन।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · मुक्तक 1 93 Share Page 1 Next