डॉ विजय कुमार कन्नौजे 165 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डॉ विजय कुमार कन्नौजे 17 Jul 2023 · 1 min read नाही काहो का शोक वर्तमान समय में लोगों को, एक नजर है आता जिनके पास है, धन दौलत ,, वो ही इज्जत है पाता पैसा पितु पैसा हितु, पैसा है ,साक्षात लक्ष्मी माता सज्जन... Hindi · कविता 2 265 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 Jul 2023 · 2 min read अनचाहे अपराध व प्रायश्चित अनचाहे अपराध व प्रायश्चित अत्यंत मृदुल भाषी सीधा सादा जीवन में,भी कभी कभी अनचाहे अपराध हो जाता है। एक घटना मेरे जीवन में प्रत्यक्षदर्शी बनकर अनुभव किया। एक परिवार में... Hindi · कविता 1 176 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 Jul 2023 · 1 min read प्रथम गुरु प्रथम गुरु प्रथम गुरु है मातु पिता रेंगन बोलन सिखलाये हैं निज हाथों में शर पकड़ जो अपना दुध पिलायें हैं जानता था कौन तुम्हें यहां अगर मातु पिता न... Hindi · कविता 2 696 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 Jul 2023 · 1 min read अपनी अपनी सोच खोजी हो तो खोजिये निज इच्छा की खोज घटना तो घटित हुआ है अपनी अपनी सोच खेल खेल था खेल समझ निज इच्छा से खेली खेल निज पति को पागल... Hindi · कविता 1 248 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Jul 2023 · 1 min read ख्याल ख्याल आता है तो आना ही चाहिए प्यासें को भी पानी पिलाना चाहिए नारी होने का गर्व न कर, है माटी का मंजर क्या सोचती क्या समझी, क्या रखी दिल... Hindi · कविता 1 303 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Jul 2023 · 1 min read भाग रही नारी है वह ,नार नहीं उनकी लीला न्यारी है पता नही उस बेला का ,जो तुमको प्यारी है दिल में बैठी तेरे अंदर ,तब तो ब्रम्हकुमारी है उन दिल पर... Hindi · कविता 1 339 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Jul 2023 · 1 min read सच्चे कवि,सच्चे लेखक सच्चे कवि,सच्चे लेखक अपमान नही सह सकते हैं जिनको सुनने की चाव नहीं वो कैसे चुप रह सकतें है कवि मित्रों के रहते रहते-जो साहित्य अनदेखा कर डाली वो शब्द... Hindi · कविता 1 318 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Jul 2023 · 1 min read बात बात बात में बात भींगी बात बात है काल बात बात में रात कटी बात बात बिछी जाल बात बात है मोहन मंत्र छन छन बदली चाल पर नार से... Hindi · कविता 1 344 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 10 Jul 2023 · 1 min read त्याग लोक लाज के भय से,अब बुढ़िया बैठी उदास सारी उमर बिता डाली ,,दिल म छिपाये आश,, त्याग मुरत कहलाती है,लोग किया बदनाम एक जनम वह खो बैठी, कैसा सुंदर सम्मान... Hindi · कविता 1 69 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 5 Jul 2023 · 1 min read पुरूषो से निवेदन ज्योति आलोक मौर्य की चर्चा हुआ है तेज शशंकित हुआ है पुरुष जन अपनी पत्नी देख पुरा तालाब को किया गंदा सड़ा है मछली एक सज्जन नर पीते हैं पानी... Hindi · कविता 1 465 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Jul 2023 · 1 min read सावन महिना सावन महिना सावन महिना भोंभरा तिपत हे बरषा कहां नंदागे अब आके बचाले अवघड़ दानी मोर मति छरियागे चारों कोती हावय गरमी अड़बड़ कुहक हावय भारी तरबतर पसीना में होवत... Hindi · कविता 1 277 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Jul 2023 · 1 min read चिड़ियां जगह जगह है अब पानी चिड़ियों का आया जवानी हरा भरा अब झाड़े है बंदर को भी पछाड़ें है निज चोंचों से बना घोंसला तन तंदरूस्त मन चंगा आंगन आंगन... Hindi · कविता 1 86 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 3 Jul 2023 · 1 min read समाज समाज समाज के नाम पर रहता था मुझे नाज भ्रष्टाचारियों के कारणे अब लगने लगी लाज पंच परमेश्वर भूल गए धर्म नीति की बातें निष्पक्ष न्याय संविधान का होने लगी... Hindi · कविता 144 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 24 Jun 2023 · 1 min read लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है। लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है। अरे सच बताऊं यारों ,घायल शेर भी दहाड़ रोता है।। न करना कभी विश्वास,इनके पके पके बालों में सपनों... Hindi 1 361 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 12 Jun 2023 · 1 min read प्रेम का पुजारी हूं, प्रेम गीत ही गाता हूं प्रेम का पुजारी हूं, प्रेम गीत ही गाता हूं प्रेम का ही खोज में ,लंदन घुमआता हूं प्रेम का दीवाना हूं, प्रेम नही ढुंढ पाता हूं प्रेम का ही वास्ते,जग... Hindi · कविता 1 774 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 11 Jun 2023 · 1 min read शर्म शर्म आती है मुझे , शर्म शर्म आती है मुझे , हिन्दुस्तानी कहलाने में हिन्दी के शब्द कोष को, अंग्रेजी में बतलाने में। चल गया है प्रचलन अब हिन्दी भी लिख न पाते बोलना तो... Hindi · कविता 2 524 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 9 Jun 2023 · 1 min read विधुर विरह विधुर विरह फुट रही है आंखें मेरी,फुट रहा अब है कान कहां होगी,कैसे होगी,मेरी अंजुलता का प्राण कहते हैं लोग सभी, अभी कलि काल सबेरा है विधुर के तीब्र नजरों... Hindi · कविता 2 275 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 6 Jun 2023 · 1 min read मौन बाण चलायेगा मौन बाण चलायेगा मौन रहकर पर्यावरण अपना बान चलायेगा क्या सोचे रे मन मुरख हा हा कार मचायेगा।। उबल पडे़गा धरा ह्दय भानू अग्नइ बरसायेगा जल विहीन होगी धरती सृष्टि... Hindi · कविता 2 240 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 5 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण पर्यावरण प्रकृति है मातु हमारा पुरूष पिता भगवान क्या समझेंगे मुरख जन पर्यावरण का सम्मान।। करके नष्ट पर्यावरण को अपनी मौत बुलाते हैं अपने हाथों से काट काट जंगल परआग... Hindi · कविता 2 343 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Jun 2023 · 1 min read फूल मोंगरा फूल मोंगरा तू स्वच्छ धवल ,शोभा आंगन की, दर्द न जानें कोंई । हार बना लेता है तुझको जस रावत की नोई ।। पर प्राण प्यारी हो तुम मस्त खिली... Hindi · कविता 2 670 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 4 Jun 2023 · 2 min read आज और कल आज और कल ,कल में धरती आसमान का अन्तर बीते हुए कल में महिलाओं ने खाना बनाना,परोसना पति के कपड़ा धोना शौभाग्य समझती थी और पति पत्नी और मां के... Hindi · कविता 2 985 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 26 May 2023 · 1 min read स्वप्न श्रृंगार स्वप्न श्रृंगार स्वप्न श्रृंगार नारी बन ,आती मेरे पास। अर्द्ध रात्रि में सजी धजी कहती हैं निज काम।। निद्रा बेला था भयंकर, स्वप्न शील था रात। कानों में कह रही... Hindi · कविता 2 424 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 25 May 2023 · 1 min read भरमाभुत भरमाभुत जन जन में ब्याप्त है भरमाभुत सवार मंशा भ्रम पाप का को है मेंटनहार। सुर्य ताप से तप रहा, जस अग्नि से आग भरमभुत म जग जलें, कौन कोयली... Hindi · कविता 2 339 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 17 May 2023 · 1 min read मुहब्बत का घुट मुहब्बत का घुट मुहब्बत छुपा है दिल में मेरी. मुहब्बत का घुट पी लिया. देख देख अब नयन तारो से चातक बनकर जी लिया.. तुम रहती है गगन मार्ग पर... Hindi · कविता 1 316 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 May 2023 · 1 min read मै ठंठन गोपाल मै ठंठन गोपाल बिछा हुआ हैँ सेज पर अब काँटों का बौच्छर मेरी मुहब्बत छोड़ गईं मै हुआ ठंठन गोपाल.. विरहागनी पर जलते जलते लिख रहा हूँ लेख मेरी मुहब्बत... Hindi · कविता 2 320 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 May 2023 · 1 min read मेरी मुहब्बत गुलाब कली मेरी मुहब्बत गुलाब कली मेरी मुहब्बत गुलाब कली है काँटों का ताज. बिन मुहब्बत जीवन अधूरा लगता है मुझे आज. न लगता था पता चुभन की ज़ब थी मेरी मुहब्बत... Hindi · कविता 1 87 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 May 2023 · 1 min read मेरी मुहब्बत मेरी मुहब्बत किसे बताऊं दिल का दर्द, ज़ब हाथ मेरा खाली है. मेरी मुहब्बत की दास्तान, विजय कलम से निराली है. बागो में बगिया महक सुंदर फूलों की फूलवारी थी.... Hindi · कविता 1 153 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 May 2023 · 1 min read भाई बहन का प्रेम भाई बहन का प्रेम भाई बहन का प्रेम अनोखा, कहे विजय का लेख. तड़फ होता बहन हृदय को दर्द भाई का देख. भाई, सग भाई ही होता है बहन ह्रदय... Hindi · कविता 2 302 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 Apr 2023 · 1 min read आनन्द कंद श्रीराम,, आनन्द कंद श्रीराम,, मानस के मर्मज्ञ तुलसी, अद्भुत रहे शिल्पकार। रसाभिलासी भक्त जन,आनन्द लिये अपार ।। शास्त्र दर्शन करा दिया, वेदों का दिव्य ज्ञान। नाना पुराण निगमागम , सत्संग लगाऊं... Hindi · कविता 2 204 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 16 Apr 2023 · 1 min read साधारण मानव के रूप में राम,, साधारण मानव के रूप में राम,, धरती पर अवतरित हो,मनुज समान किया काम। आदिब्रम्ह निर्गुण अविनाशी ,धन्य धन्य हो राम।। आदिशक्ति संग साथ रही,पर न किया अभिमान। कर लीला सामान्य... Hindi · कविता 1 97 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Apr 2023 · 1 min read पंच परमेश्वर,, पंच परमेश्वर,, ममता धरि धरि,भुमिधरा,पिता दुरिन आकाश। वायु मंडल घुमंतु फिरै ,सुरज करय प्रकाश।। छत्र छांया करें पिता , क्षितिज रहे निवास। धरा भुधरा ममता भरि,रख वारि निज साथ।। पंच... Hindi · कविता 1 93 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 15 Apr 2023 · 1 min read विशिष्ट हिन्दी भाषा विशिष्ट हिन्दी भाषा पाठक कहते ,सरल हिन्दी, संस्कृत की शहनाई। मातृ भाषा मातृभूमि की,किलिष्ट विशिष्ट है भाई ।। कनक मूल्य किमती रत्न,भारत मां की भाषा। मरते दम तक पढ़ चलूं,ख्वाब... Hindi · कविता 1 95 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 14 Apr 2023 · 1 min read जिमी कंद बन जाऊं मैं,, जिमी कंद बन जाऊं मैं,, जिमी कंद की ले आशा,जिमी कंद बन जाऊं मैं। न कड़ुवा,न मीठा ,न अपना स्वाद बताऊं मैं।। चांद सूरज को करूं नमन,धरती में मिट जाऊं... Hindi · कविता 125 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 14 Apr 2023 · 1 min read दलित के भगवान दलित के भगवान,, ज्योतिबा फुले अरू गाडगे, अंबेडकर रहे महान। विचारधारा एक रहे, ,करते रहे संग्राम।। दशा देख लो गन की, नैना बरसे नीर । माली हालत देख दशा, तीनों... Hindi · कविता 3 413 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 12 Apr 2023 · 2 min read मोर गांव के गौटिया मोती मोर गांव के गौटिया मोती मोर गांव के गौटिया मोती,नाम तो बड़ सुघ्घर रिहिस , आन गांव ले आया रिहिस जब पहिली अइस,तब केंवल पांच एकड़ खेत लिए रहीस ,गांव... Hindi · कविता 1 161 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 11 Apr 2023 · 2 min read त्रिवेणी संगम त्रिवेणी संगम,, कहे विजय अपन लेख में, नारी नारी रह जाओ । गंगा जमुना सरस्वती, त्रिवेणी संगम बन जाओ।। सास बहू और ननद, त्रिमूर्ति सुंदर नारी हो । नारी नारी... Hindi · कविता 146 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 8 Apr 2023 · 1 min read मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे छत्तीसगढ़ म छत्तीस किला, खाई हवय चिन्हारी। अड़बड़ मयारू दाई हवय, मोर छत्तीसगढ़ महतारी।। रुख राई के गहना सजे हैं, लुगरा,हरियर पियर,धान के। पर्वत पहाड़ मुकुट... Hindi · कविता 2 2k Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 7 Apr 2023 · 1 min read गंवई गांव के गोठ गंवई गांव के गोठ अल्करहा जगा बसे हे, मोर गवंई गांव । माटी हवे कन्हार जिहां रुख बमरी के छांव।। खोर गली एक जिहा डोर कस लंबा।। बीच तरिया म... Hindi · कविता 3 301 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 6 Apr 2023 · 1 min read कोन ल देबो वोट कोन ल देबो वोट दोनों बेटा चुनाव लड़त हे,बहावत हावय नोट। डोकरी डोकरा सोचत हवय,कोन ल देबो वोट।। बड़े ह पर बुधिया हे,छोटे हवय गंवार। बांट के देबो दोनों झन... Hindi · कविता 1 340 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 5 Apr 2023 · 1 min read युवा वृद्ध का द्वंद युद्ध युवा वृद्ध का द्वंद युद्ध, क्यों होत है यार। विचार क्यों मिलता नहीं, संग्राम होत है यार। चिंतन करता विजय बैठ,कारण क्या है यार। क्या ,युवा समझे वृद्ध को ,पंगु... Hindi · कविता 153 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 3 Apr 2023 · 1 min read सुख शांति मिले सुख शांति मिले राह पकड़ वहां चले ,जहां हमें सुख शांति मिले। चल पड़ो घर निकले ,जहां संतों का संगम, सत्संग मिले । हील हवाला हुआ हृदय माया की बजरिया... Hindi 1 90 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 3 Apr 2023 · 1 min read स्वजातीय विवाह पर बंधाई स्वजातीय विवाह पर बधाई आज मैं उन नौजवानों को , हृदय से नमन करता हूं। जो करे शादी सजाती से , उन्हें बधाई देता हूं ।। प्रेम जाल का महाजाल... Hindi · कविता 2 770 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 3 Apr 2023 · 1 min read बेटा बेटी का विचार बेटा बेटी का विचार पुत्र जुबां में होती हैं, मैं उस मां का बेटा। दुध पिया है मां का अपने, दर्द उनका देखा।। बेटी कहती निज जुबां से,मैं उस बाप... Hindi · कविता 1 913 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 1 Apr 2023 · 1 min read कर्म और ज्ञान, कर्म और ज्ञान, कार्य करें ,वह कर्म वीर हैं,ज्ञान रखें सो ज्ञानी। तप करें वह तपसी बाबा, ध्यान धरें सो ध्यानी।। ज्ञान बिनु कर्म अथुरा, कर्म बिना अधुरी ज्ञान। ज्ञान,... Quote Writer 2 455 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 1 Apr 2023 · 1 min read महाप्रलय 🐎महाप्रलय 🐎 आ गया है वक्त अब, कलयुग का अंत होंगा। गऊ श्राप के कारण अब महाप्रलय होगा।। जिस धरती पर होती थी पूजा, हरित क्रांति अऊ गऊ माताकी, उस... Hindi · कविता 2 638 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 31 Mar 2023 · 1 min read कारण कोई बतायेगा कारण कोई बतायेगा क्यों टुटी,क्यों टुट रहीं, कारण कोई बतायेगा। सीना तान कर कोईं क्षत्रिय अपना पन दिखायेगा।। जाति धर्म,जाति भेद, कोई ब्राह्मण इसे हटायेगा ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य,शुद्र,,वर्ण भेद मिटायेगा... Hindi · कविता 2 1 378 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 31 Mar 2023 · 2 min read दलित समुदाय। 🌷 दलित समुदाय 🌷 कोंई बता सकता है,तो बता दीजिए मुझको कारण। क्यों हैं ॽएकाधिकार, वेदों पर, केंवल पढ़ सकते हैं ब्राह्मण।। हिंदू हैं हम ,हिंदू रहेंगे,पर विरोध का है... Hindi · कविता 2 469 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Mar 2023 · 1 min read 🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻 🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻 सोच रहा था, मन में मैं एक अकेला अच्छा हूं। । साहित्य जगत की राह पर अभी तो मैं बच्चा हूं ।। बचपन बीता जवानी... Quote Writer 3 1 577 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 28 Mar 2023 · 1 min read बगिया बगिया,क्या कसुर है किसी का,जो बगिया देख ललचा जायें। कभी गुलाब,कभी मोंगरा,तो कभी गेंदा पर नजर लग जायें।। मनमोहक बगिया सुन्दर,भौंरा तो इठलाता है। ले चुस पराग फूलों का,मंद मंद... Hindi · कविता 2 581 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 27 Mar 2023 · 1 min read प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी अनुपम अद्वितीय विभुति, प्रखर प्रबुद्ध प्रणेता। राग द्वेष, न ईर्ष्या,न हार राड़ का फेटा। निर्विवाद,निर्वहन किये , राष्ट्र धर्म का नेता।। अनुपम अद्वितीय विभुति, प्रखर प्रबुद्ध... Hindi · कविता 2 1 600 Share Previous Page 3 Next