'अशांत' शेखर 640 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब... गर दिल मोहब्बत से भरा है तो इश्क़ फरमाइये जनाब नफ़रतों का नजरियां बदलकर चश्म में उठाइये ख़्वाब …………………………………………………………………....…// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 171 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ नही मिलता मुफ्त में.. ये जिंदगी यूँही मुफ़्त में किस को क्या बख्शती है नन्ही चिड़िया भी घोंसलों के लिए तिनके उठाती है …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 205 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️सोच तिलिस्मी तालों में बंद है... क्या असर होगा नस्लो पर सिर्फ मुर्दा ज़िस्म आझाद है और आपका दिल दिमाग दखियानुसी रिवाज़ो में क़ैद है दुनियां आसमाँ के चाँद सितारे छूने की होड़ में लगी है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 194 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️दुनियां को यार फिदा कर... इन कुम्हलाते जेहन में एक नई सोच तू जिंदा कर ये मन के स्याह अँधेरे है इसमें नई रोशनी पैदा कर गुमराह करते है वो रास्ते जहाँ संगमिल ना लगा... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 268 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दर्द खास होने चाहिये यादो में भी बसें कुछ दर्द खास होने चाहिये हम जिंदा है इसके कुछ एहसास होने चाहिये ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 200 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️आदमी ने बनाये है फ़ासले… दोस्त इस कायनात में सब कुदरत के है फैसले जन्नत और जहन्नुम में आदमी ने बनाये है फ़ासले ………………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 173 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है इस जिंदगी में थोड़ी ख़ुशी पाने के चाहत में कई ज्यादा गम मिलते है मगर जिंदा इँसान में जीने के बूलंद हौसले भी कहाँ कम मिलते है …………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 407 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️दिल चाहता... हर दर्द हर ख़ुशी को ये आँखों के अश्क़ ही बयां करते है पर दिल चाहता पुराने ग़मो को भूलाकर कुछ नया करते है ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 203 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️कर्म से ही वजूद… तेरे कर्म की कहानी ही तेरे वजूद की निशानी है ये अच्छा बुरा वक़्त ही हर इंसान की जुबानी है ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 323 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️जब रिक्त हथेलियाँ... जब रिक्त हथेलियाँ खाली पेट कड़ी धुप निगलकर ज़िस्म के पसीने से अश्क़ पीकर मेहनताने की तलाश में भूखी भटकती है हताश... सहनशीलता के अंत में वे आखिर मुट्ठियां बन... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 209 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह की जुबानी चलो इक फ़क़ीर के प्यार की वाणी बन जाये कोई एक इश्क़ की सूफ़ियाना कहानी बन जाये मैं कबीर के दोहे बनु तू मीरा के गीत बन जा... आओ इँसानियत... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 198 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️उम्मीदों की गहरी तड़प आखिर समंदर को पता है लहरें साहिल से टकराकर लौटेगी जरूर..! तु सागर के भाँति अपने हृदय में आशाओं का एक विशाल स्त्रोत निर्माण कर..! ये सच है उम्मीदों की... Hindi · Ashantlekhani · कविता 4 4 175 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️किसी रूठे यार के लिए... किस दर्द को तन्हा दबाये बैठा है यार मेरे वो कौनसा गम जो दिल पर है सवार तेरे बस दो पल का ये कैसा याराना जताया तूने गहरे अल्फाज़ो से... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 3 2 159 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️छल कपट सत्य को सदा छल कपट ने पराजित किया है पर झूठ को हमेशा तर्क ने ही परास्त किया है ……………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 29/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 160 Share 'अशांत' शेखर 27 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी मिटे ना पाँव के वजूद जरूर किसी से तो मिलता होगा ये चेहरा मेरा और उस मुकद्दर में भी लिखा होगा दायरा मेरा काली रातों ने तो सिखाया है उजाले ढूँढना हमें उम्मीदे जिंदा है... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 5 6 238 Share 'अशांत' शेखर 26 Oct 2022 · 1 min read ✍️तर्कहीन आभासी अवास्तविक अवतारवादी कल्पनाओ के आधार पर.. मैं मान भी लेता तुम्हारी पुरातन किताबो की काली सियाही से लिखी आदर्श कहानियां किस्से और कुछ तथ्यहीन बातें.. मगर वो मुझे भूतकाल के स्याह इतिहास में सफेद झूठ की... Hindi · Ashantlekhani · कविता 3 4 143 Share 'अशांत' शेखर 26 Oct 2022 · 1 min read ✍️आकाशदीप मिट्टी का दिया अँधेरे में मायुस बैठा है विद्युत की प्रकाश लड़ियाँ ऊँची ऊँची गगनचुम्बी इमारतों में जगमगा रही है धीरे धीरे दिये की छोटी सी इक लौ विलुप्त हो... Hindi · कविता 4 8 417 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️पेट की भूख का शोर वो नजरे गढ़ाये खड़ा था जगमगाती रोशनी उसकी आँखों में जुगनू की तरह आंखमिचौली खेल रही थी वैसे तो सारा आसमाँ बेशुमार प्रकाशदीपो से झिलमिल हो उठा था लेकिन उसके... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 232 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️ये अंधेरा मेरे रूह में निखर गया कुछ पल के लिए जरासा ठहर गया ये वक़्त मुझे यूँही अनदेखा कर गया वो साथ चलते रहा तन्हा मुसलसल.. जब काफ़िला सफर में बिखर गया चलने से सिर्फ ये... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 5 7 195 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच... अनित्य सनातनी अज्ञान के स्याह अंधेरो में ज्ञान की रोशनी यूँही झाँकती नहीं हटवादी अविवेकी अंधकार के तमस में परिवर्तनशील सोच की इक लौ कभी जलती नहीं क्यूँ की संस्कृती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 8 242 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ बाते… बाते मीठी.. बाते खट्टी.. बाते कड़वी.. बाते जहर भी होती है... बाते बोझ से दबे अंतर्मन को मुक्ति पाने का साधन होती है... बाते एक दूसरे के अंतर्मन से संवाद... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 223 Share 'अशांत' शेखर 16 Oct 2022 · 1 min read ✍️उत्सव और मातम… उत्सव जित का मनाया जाता है... उत्सव हार का भी मनाया जाता है... मातम हार का मनाया जाता है... मातम जित का भी मनाया जाता है... सिर्फ हार और जित... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 194 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी कभी कभी कभी रास्ते पैरोंतलों से गुमसुम गुजर जाते है कभी कभी कदमो के भरोसे हम मौन खड़े रह जाते है कभी कभी वक़्त छूट जाता है हम खाली हाथों को... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 190 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️समतामूलक प्रकृति… तर्क की कमियां विषमता की निर्वाहक होती है... सत्य से वो सदा पीछा छुड़ाकर पथभ्रष्ट रहती है... समतामूलक प्रकृति में निरंतर असत्य बाधाएं बनकर… …………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 15/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 197 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️मगर क्रांति के अंत तक.. पीड़ाएँ कभी बोलती नहीं वो मौन ही रहती है सब्र के अंत तक.. चेतन मन ही विद्रोह की निर्मिती करता है.. अक्सर पीड़ा का मौन टूटने के बाद.. मगर क्रांति... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 194 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह के एहसास... मैं गहरा दर्द हूँ आँखों में भरकर भी आप मुझे गिरा सकते हो मैं चोटिल लफ्ज़ हूँ जुबाँ से बोलकर भी आप मुझे महसूस करा सकते हो गर लफ्ज़ अश्क़... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 307 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर शिकायते हारे मन की सबब होती है हमदर्दी नर्म भावनाओ की वजह होती है मायूसी कमजोर जेहन की शिकार होती है हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर भी जिंदगी बसर होती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 236 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️और शिद्दते बढ़ गयी है... कुछ मुद्दते गुजर गयी है पहचानी राहों से मिले हुये..! और शिद्दते बढ़ गयी है अंजान मंझिलो से मिलने की..! …………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 14/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 2 331 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️यहाँ सब अदम है... चाँद सूरज को कहाँ मालूम है उनके नाम वैसे तो आकाश के कही सितारे है बेनाम धर्म मज़हब ये इँसा की ज़ेहनी खुरापात.. यहाँ अदम खुदा भगवान यूँही है बदनाम... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 217 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ चेहरे.. कितने परतों के नक़ाब में ढके होते है कुछ दगाबाज चेहरे शक़्ल पे तो सादगी मगर भीतर छुपे होते है कुछ राज गहरे ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 4 321 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ रिश्ते... मिट्टी के कच्चे घडे की तरह होते है कुछ रिश्ते.. अंदर मीठा पानी भरो फिर भी नीचे से टपकते.. ………………………………………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 3 2 256 Share 'अशांत' शेखर 8 Oct 2022 · 1 min read ✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है रोज कही ना कही उठती होगी आवाजें हमें तो शोरशराबे की आदत सी पड़ गयी है...! रोज कही ना कही उठता होगा धुँवा हम तो अंगारों में झुलसते ही रहते... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 9 201 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते गर किताबो में सारी बाते पढ़ लेते तो.. इस जिंदगी से फिर क्या सिख लेते हम सुबह को बेचकर शाम कैसे ख़रीदना..? इन तजुर्बों से यूँही अधूरे रह जाते हम... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 6 180 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️इतिहास के पन्नो पर... उन्ही की होती है इतिहास के पन्नो पर कहानियाँ जिन की वतन पे बेख़ौफ मर मिटती है जवानियाँ …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 197 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️दरबदर भटकते रहा.. जिस राह को मैं तलाश रहा था उसने मुझे मुड़ने का इशारा किया.. और उन्ही रास्तों को ढूंढते हुए वो मुसाफिर दरबदर भटकते रहा.. ……………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 04/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 169 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️वो सब अपने थे... अब मैं भी थक गया हूँ मेरे पीठ में खंजरों के घांव गिनकर हाँ सब तो उन्हीं के थे जिन्हें बैठा था मैं अपना समझकर …………………………………………..…// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 461 Share 'अशांत' शेखर 5 Oct 2022 · 1 min read ✍️'रामराज्य' प्रतिवर्ष मेरा दहन करने से भी आप अपने भीतर की बुराई को अब तक जला नहीं पा रहे हो ये आपकी हार,नाकामी या फिर कमजोरी मानो आप अपने ही आप... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 183 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुदरत और फ़ितरत गिरगिट को रंग बदलने का हुनर तो क़ुदरत से मिला मगर यहाँ हर वक़्त रंग इंसान के फ़ितरत ने बदला …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 02/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 5 323 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️हर इँसा समता का हकदार है राजा महाराजाओ के वो रजवाड़े रियासतो की वसीयतें कहाँ अब बरक़रार है भीम के संविधान का ये कमाल है इस बुद्धभूमि में हर इँसा समता का हकदार है ………………………………………………………………………// ©✍️'अशांत'... Hindi · Ashantlekhani 3 189 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था... सिर्फ गांधी का गांधी बनना ही पर्याप्त नहीं होता है… उनके महात्मा होने के सफर का पड़ाव कभी समाप्त नही होता है… एक जिंदा गांधी कभी कभी मर सकते है... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 144 Share 'अशांत' शेखर 1 Oct 2022 · 1 min read ✍️सूरज से रोशन है जहाँ दिन की रोशनी में चाँद की हैसियत ही क्या ? अँधेरे में तो सूरज के ही उजालो पे वो इतराता है हम हर खूबसूरत मुखड़े को यूँही चाँद कहते है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 238 Share 'अशांत' शेखर 30 Sep 2022 · 1 min read ✍️जिगर को सी लिया...! मुश्किलो ने ही सारी उम्र को जी लिया बाकी खुशियों को अश्कों ने पी लिया ज़िस्म के पुर्जो को मरम्मत चाहिए थी हमने एहसासो से जिगर को सी लिया ……………………………………………………//... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 178 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️अरमानों की ख्वाईश उजालो का सूरज ढल जाने से क्या होता है बस वो एक रात ही तो तन्हा खामोश होती है नींद का एक ख़्वाब टूट जाने से क्या होता है आँखों... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 181 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️शहीदों को नमन आपने महज़ चरखो पे महीन धागे कताये... उन्होंने धागों से रस्सी के फंदे बनाये... बाकी के आधे सच,आधे झूठ इतिहास ने बताये... ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 29/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 188 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास हां मेरी जाती का नाम सुनते ही उनके कदम ठहर जाते थे ठाकुर मोहल्ले के चौराहे पर आधे कोस की दुरी से वो मेरे बस्ती का जायजा कर लेते थे... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 244 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️मसला तो ख़्वाब का है एक आसान सी जिंदगी जीने के बेहद सरल रास्ते होते है जिंदगी के सारे खतरे तो ख़्वाब जीने के लिए उठाने होते है ……………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 28/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 257 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा पावलांना कधी कुठे उसंत असते... ते शोधत फिरतात आपल्याच अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा चुकलेल्या भूतकाळातल्या... पुन्हा पुन्हा भविष्याच्या वाटचालीत दिशाभूल करणारा तोच तो भूतकाळ येऊ नये म्हणून... मात्र वर्तमान निरंतर सांगड घालत... Marathi · Ashantlekhani · मुक्तक 308 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️मानव का वर्तन मानव का वर्तन अथाह सागर सा प्रतीत हो… ना ज्वार के चढ़ाव का अहम हो… ना भाटा के उतार की शरम हो… …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 27/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 169 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️संस्कारो से सादगी तक अल्फाज़ो की सोच समझ आपके तालीम और संस्कारो की एक बेहतरीन मिसाल होती है आवाजो के इस शोरशराबो में सिर्फ ख़ामोशी और सादगी इंसानियत के लिये बेमिसाल होती है …………………………………//... Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 2 5 174 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️अरमानों की फरमाईश कर बैठे इस भीड़भाड़ की दुनिया में हम रास्तो से गुंजाईश कर बैठे मंझिल को पाने की ज़िद में अपने हुनर की नुमाईश कर बैठे ढूंढने से मिलते नहीं राहों में यहाँ... Hindi · ग़ज़ल 1 2 164 Share Previous Page 3 Next