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स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
Arvind trivedi
सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी ।
Arvind trivedi
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
Arvind trivedi
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
Arvind trivedi
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
Arvind trivedi
मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है ।
Arvind trivedi
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
Arvind trivedi
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
Arvind trivedi
ख़ाक हुए अरमान सभी,
Arvind trivedi
मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
Arvind trivedi
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
Arvind trivedi
जो गलत उसको गलत कहना पड़ेगा ।
Arvind trivedi
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
Arvind trivedi
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
Arvind trivedi
दोहा
Arvind trivedi
मुक्तक
Arvind trivedi
लौह पुरुष
Arvind trivedi
प्रेम
Arvind trivedi
बारिश की बूँदें
Arvind trivedi
मुक्तक
Arvind trivedi
शिव स्तुति
Arvind trivedi
मुक्तक
Arvind trivedi
पिता
Arvind trivedi
मुक्तक
Arvind trivedi
नेह का भाव
Arvind trivedi
राम
Arvind trivedi
कोरोना
Arvind trivedi
मुक्तक
Arvind trivedi
आखिरी खत
Arvind trivedi