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7 Jul 2022 · 1 min read

मुक्तक

प्रतिदिन देखो इस दुनिया की, तस्वीर बदलती रहती है ।
लोगों के हाथों की अक्सर, तकदीर बदलती रहती है ।
जग में प्यासे कंठ भटकते, सरिताओं ने राहें बदलीं –
समय-समय पर हृदयों की भी, अब पीर बदलती रहती है ।

✍️ अरविन्द त्रिवेदी

Language: Hindi
246 Views
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