Anil Mishra Prahari 136 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Anil Mishra Prahari 14 Mar 2023 · 1 min read जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए एक चिंगारी काफी है घर जलाने के लिए। a m prahari Hindi · Quote Writer 428 Share Anil Mishra Prahari 17 Nov 2022 · 1 min read परवाना । जल-जलकर इस तरह भी बिखर जाना होता है मुहब्बत में बेवफा नहीं परवाना होता है। a m prahari. Hindi · मुक्तक 187 Share Anil Mishra Prahari 17 Nov 2022 · 1 min read फूलों से। पत्तों को छूती है, कलियों को सहलाती है हवा जब फूलों से खुशबू चुराती है । a m prahari. Hindi · मुक्तक 270 Share Anil Mishra Prahari 10 Oct 2022 · 1 min read ऐतबार । वो क्या लड़ेंगे लहरों से जो खुद पर ऐतबार नहीं करते, सिर्फ किनारों पर चलने वाले दरिया को पार नहीं करते। anil mishra prahari. Hindi · मुक्तक 1 267 Share Anil Mishra Prahari 1 Oct 2022 · 1 min read माँ दुर्गा। माता अपने भक्त को, रखना दिल के पास हे जननी कात्यायनी, विनती करता दास । माता तेरे हाथ में, साँसों की है डोर नौका बिन पतवार के, जाएगी किस ओर!... Hindi · दोहा 477 Share Anil Mishra Prahari 4 Jun 2022 · 1 min read आया यह मृदु - गीत कहाँ से! आया यह मृदु - गीत कहाँ से! कलित पुष्पदल निज मुख खोले पत्र समीरण के संग डोले, सुर-संगम, संगीत कहाँ से आया यह मृदु-गीत कहाँ से! मंद-मंद खगकुल के कलरव... Hindi · कविता 2 440 Share Anil Mishra Prahari 31 Jan 2022 · 2 min read जागो। देखो विघ्नों के बीच खड़ी है माता जागो - जागो, अब जाग वीर हे भ्राता, दुश्मन सीमा पर वह्नि प्रखर बरसाते उठती लपटों में जलते और जलाते। है ध्येय एक... Hindi · कविता 651 Share Anil Mishra Prahari 29 Jul 2021 · 1 min read हरित वसुंधरा। देख अम्बर मेघ फूलों के अधर लाली प्रेमरत मधुकर,मगन मकरंद, तरु- डाली, वल्लरी झूमे, पवन मुकुलित कली चूमे कर रही अरुणिम प्रभा रुत मत्त,मतवाली। जी उठी सरिता, सरोवर नीर छलकाये... Hindi · कविता 3 2 1k Share Anil Mishra Prahari 22 May 2021 · 1 min read बरसात। अब तो मेघ करो बौछार। झुलस गये तृण-पात, विकल जन नदी, सरोवर , तप्त निखिल वन, व्यग्र कृषक- मन नित्य पुकारे बरस मेघ, हर तम, अंगारे। हरित, तृप्त कर दे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 8 608 Share Anil Mishra Prahari 23 Feb 2021 · 1 min read दिल में आने की बात। वह अपनी हस्ती मिटाने की बात करता है मेरे दिल में आने की बात करता है। डरता है मगर जमाने से बहुत वह आने से पहले जाने की बात करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 443 Share Anil Mishra Prahari 3 Nov 2020 · 1 min read एक घर। सपनों का घर, जिसे हकीकत में देखना चाहता हूँ। एक सुन्दर, मजबूत घर, जिसमें निर्जीव ईंटों को नहीं, बल्कि छोटी-छोटी जीवन्त इच्छाओं, तमन्नाओं, जरूरतों को जोड़ने का क्रम अथक, अनवरत... Hindi · कविता 1 2 412 Share Anil Mishra Prahari 28 Jul 2020 · 1 min read पानी में सब गाँव। पानी-पानी ही दिखे,पानी में सब गाँव चलती थी मोटर जहाँ,तैर रही है नाव। बरसे बादल झूमके, नदियाँ हुईं अबन्ध सड़कें सारी बह गईं, टूट गया तटबन्ध। बाल,वृद्ध बेहाल हैं, नींद... Hindi · दोहा 3 8 420 Share Anil Mishra Prahari 16 May 2020 · 1 min read मजदूर। बढ़ता जाए अपने पथ पर सतत कौन मजबूर चला सैकड़ों मील गाँव के लिए विवश मजदूर। सूखे - सूखे होंठ , पाँव के रीस रहे हैं छाले आग उदर की... Hindi · कविता 1 390 Share Anil Mishra Prahari 16 Apr 2020 · 1 min read मुख का कौर। कोरोना-रूप विकट,विकराल घूमता निर्भय होकर काल। गया है विश्व रोग से काँप जिन्दगी मौन, मुखर कंकाल। कोकिला कैसे छेड़े राग? झुलसते पात, सूखती डाल। रोग ने छीना मुख का कौर... Hindi · कविता 1 2 485 Share Anil Mishra Prahari 24 Mar 2020 · 1 min read करोना का कहर। रोग कोरोना से हुई , मानवता बेचैन जीवन लगता रुष्ट है, बैरी दिखता चैन, बैरी दिखता चैन, मौत का नग्न - नृत्य है मौन-विधाता बता,किया क्यों क्रूर कृत्य है? रोग... Hindi · कुण्डलिया 1 489 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2020 · 1 min read प्रेम सुखद एहसास। जीवन की बुनियाद है, प्रेम सुखद एहसास प्रेम मधुर रस, रंग है , उड़ता हुआ सुवास। प्रेम ह्रदय निर्मल करे, कलुष मिटे, संताप सुख-सरिता कलकल बहे,बिन माला,बिन जाप। प्रेम मलय,... Hindi · दोहा 1 2 639 Share Anil Mishra Prahari 1 Jan 2020 · 1 min read तारों के मोती अम्बर में। नव-वर्ष 2020 की शुभकामनाएँ। आया नूतन वर्ष लिए अगणित आशाओं को कर में, धरती को देने सुख - सरिता तारों के मोती अम्बर में। सुख के साधन, संसार नया नव-वर्ष... Hindi · कविता 348 Share Anil Mishra Prahari 18 Dec 2019 · 1 min read सर्द हवाएँ। सर्द हवाएँ चल रहीं, धुंध भरी हर ओर सूरज घन में है छिपा , जैसे कोई चोर, जैसे कोई चोर , रात में छुपके आता थर्र-थर्र काँपे अंग , दिसम्बर... Hindi · कुण्डलिया 2 2 300 Share Anil Mishra Prahari 3 Dec 2019 · 1 min read हवस में कहाँ। जलन है नहीं मेरे तन की ये यारों मेरे प्राण धू- धू जले जा रहे हैं, न आखों में पानी, नहीं नेक नीयत हवस में कहाँ हम चले जा रहे... Hindi · मुक्तक 535 Share Anil Mishra Prahari 30 Nov 2019 · 1 min read तुम और बातें। शीतल चाँदनी में लिपटीं वो हसीन रातें, तेरी जुल्फों को छूने के लिए बेकरार , बेकल, बदहवास - हवा के मासूम झोंके, मदमस्त कलियों की नाजुक पंखुड़ियों से निकलता मदहोश... Hindi · कविता 1 464 Share Anil Mishra Prahari 22 Nov 2019 · 1 min read आदमी को आदमी से प्यार हो। धर्म की न जाति की तकरार हो नस्ल का उड़ता नहीं अंगार हो, एक नई दुनिया बना ऐसी विधाता जहाँ आदमी को आदमी से प्यार हो। अनिल मिश्र प्रहरी। Hindi · मुक्तक 1 345 Share Anil Mishra Prahari 8 Nov 2019 · 1 min read सुन्दर तन। तन धो - धो पावन करे ,मन को करे न कोए सुन्दर तन किस काम का ,मन जो पापी होए। अनिल। Hindi · दोहा 445 Share Anil Mishra Prahari 21 Oct 2019 · 1 min read न मंजिल मिली। दिखाके गगन के चमकते सितारे सलीके से खुद को छले जा रहे हैं, न मंजिल मिली न पता कोई इसका न जाने कहाँ हम चले जा रहे हैं। अनिल मिश्र... Hindi · मुक्तक 257 Share Anil Mishra Prahari 7 Oct 2019 · 1 min read एकता। अगर यही है तेरी चाहत तोड़ूँ पर्वत की छाती, बिजली बन मैं कड़कूँ नभ में चलूँ चाल भी मदमाती। हो और शान्ति की अभिलाषा तो करो नहीं कोई दूजा, भाई-... Hindi · कविता 349 Share Anil Mishra Prahari 30 Sep 2019 · 1 min read धधकी ज्वाला में। धधकी ज्वाला में जब लोहा गलता है नये रूप में भाग्य तभी तो ढलता है, जो अपने को पतझड़ तक पहुँचा न सका वृक्ष कहाँ वह डाली - डाली फलता... Hindi · मुक्तक 1 329 Share Anil Mishra Prahari 25 Sep 2019 · 1 min read बेरोजगारी। बेरोजगारी नाम है। फैला चतुर्दिक भुज मेरा दुर्दिन दुलारा, अनुज मेरा, सत्ता हमारी जगत् पर गृह हर नगर, हर ग्राम है। बेरोजगारी नाम है। अगम्य, विस्तृत जाल हूँ बढ़ती रही... Hindi · कविता 1 2 508 Share Anil Mishra Prahari 14 Sep 2019 · 1 min read हार सहज स्वीकार नहीं है। यह कैसी है घिरी निराशा ? भटक रहा तू दर- दर प्यासा, बाधा अडिग खड़ी पथ होती सागर के तल मिलता मोती। जीवन मृदु रसधार नहीं है हार सहज स्वीकार... Hindi · कविता 376 Share Anil Mishra Prahari 10 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक फेर गया है चाँद हमारे सपनों पर आँखों का पानी रूप सलोने, मदिर, मनोहर चेहरे ने की ये नादानी! Hindi · मुक्तक 1 335 Share Anil Mishra Prahari 9 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक वह कैसी तलवार कि जिसमें धार नहीं है कौन कहेगा सिन्धु जहाँ मँझधार नहीं है, सिर्फ ताप के लिए जले वह ज्वाला कैसी आँखों से न बरसे तो अंगार नहीं... Hindi · मुक्तक 1 665 Share Anil Mishra Prahari 7 Sep 2019 · 1 min read गुरूर। हममें - तुममें गुरूर न होता यह फासला जरूर न होता। अनिल। Hindi · मुक्तक 313 Share Anil Mishra Prahari 5 Sep 2019 · 1 min read गुरु वंदना। गुरु का कर वन्दन, रज चंदन कर गुरु का सम्मान, हरता तम, पथ आलोकित कर करता गुरु कल्याण। ज्ञान अलौकिक भरता पशुता का होता संहार, गुरु जब है पतवार मनुज... Hindi · कविता 1 484 Share Anil Mishra Prahari 4 Sep 2019 · 1 min read गजल वो तेरी हर बात का जवाब रखते हैं सुना कि पहलू में आफताब रखते हैं। उन्हें जानना है तो उनके दिल में झाँक असली चेहरे पर हरदम नकाब रखते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 533 Share Anil Mishra Prahari 3 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक सूखी जमीं पर मेघों को गरजते देखा समंदर में जाकर उन्हें बरसते देखा, मेरे शहर में झुग्गी-झोपडी की कमी नहीं जहाँ बचपन को हर चीज पर तरसते देखा। अनिल कुमार... Hindi · मुक्तक 319 Share Anil Mishra Prahari 2 Sep 2019 · 1 min read नन्हीं - सी प्यारी गौरैया। नन्हीं - सी प्यारी गौरैया। फुदक - फुदककर चुगती दाने चूँ-चूँकर गाती मृदु गाने, घर - आँगन है रैन - बसेरा छत चढ़ करती ता-ता थैया। नन्हीं - सी प्यारी... Hindi · कविता 616 Share Anil Mishra Prahari 30 Aug 2019 · 1 min read मदमस्त पवन। मदमस्त पवन। खुशबू है साँसों में तेरी कानन, उपवन करते फेरी, किन फूलों से गंध चुराकर मुकुलित कलियों से टकराकर। मेरे आज भवन, मदमस्त पवन। किन देशों से होकर आये... Hindi · कविता 613 Share Anil Mishra Prahari 29 Aug 2019 · 1 min read यह सागर कितना प्यासा है। जिसको जितना मिलता रत्न और अधिक का करता यत्न, अगणित नद पीकर सागर की बुझती नहीं पिपासा है। यह सागर कितना प्यासा है। मिला न जग को अबतक तोष विभव,... Hindi · कविता 2 803 Share Previous Page 3