डॉ. शिव लहरी 88 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ. शिव लहरी 17 Dec 2021 · 1 min read सत्यपथ लेकर मशाल अब कौन अड़ा है। परिवर्तन को अब कौन जड़ा है।। मंत्र बता मिल जाते उस ओर , सह लेते है अब करते ना शोर, अन्याय विरोध बजाय बिगुल,... Hindi · कविता 2 1 435 Share डॉ. शिव लहरी 3 Nov 2021 · 1 min read दीपावली चलो हम दीया सजाये, दीवाली आई दीवाली आई। रोशनी दीये की फैलाये, दीवाली आई दीवाली आई ।। बदली है सूरत यहां अब इस जमाने, खिलते नहीं चेहरे, बन्द क्यों मुस्काने,... Hindi 2 554 Share डॉ. शिव लहरी 16 Oct 2021 · 2 min read उत्सव का रंग न रहे फीका विद्यालय में प्रार्थना के बाद यह घोषणा सुनने को सभी छात्र कान लगाए हुए थे । कल से होने वाले दीपावली अवकाश के बारे में ज्योहीं कक्षाअध्यापक जी ने बताया,... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 294 Share डॉ. शिव लहरी 6 Oct 2021 · 1 min read जीत कभी जीत कर भी हारता है आदमी, जीतता नहीं जिताता भी है आदमी। हार व जीत दिलों का खेल होता है, कभी हार कर भी जीतता है आदमी ।। "दो... Hindi · मुक्तक 2 345 Share डॉ. शिव लहरी 2 Oct 2021 · 1 min read आओ श्याम श्याम तेरी बंशी के सब है दीवाने । आओ श्याम फिर से धेनु को बचाने।। गैया मैय्या बैठी है बीच सड़क खाली, खाती है कचरा पूछता नहीं हाली, नहीं है... Hindi · गीत 366 Share डॉ. शिव लहरी 1 Oct 2021 · 1 min read वरिष्ठ जन वरिष्ठ नहीं सिर्फ अनुभव के, भंडार होते है स्नेह प्यार के । इन्ही से शुरू होते है हम, यह शिखर है परिवार के । वृद्धजन अधिकारी सम्मान के।। खाते रूखा,... Hindi · कविता 2 2 449 Share डॉ. शिव लहरी 10 Sep 2021 · 1 min read जय गणराज पूजे हम प्रथम ही, प्रथम करते काज । मेरे मंगल मूर्ति, आओ गणेश आज ।।1।। विघ्न हरो मंगल करो, बुद्धि दो गण राज। प्रकृति ना दूषित हो, उत्सव हो यह... Hindi · दोहा 2 1 508 Share डॉ. शिव लहरी 5 Sep 2021 · 1 min read गुरुदेव गुरु मिटाया अज्ञान को, बिन उनके न ज्ञान। बिना गुरु के सारथी, बिना दिशा के जान।। गुरु चढ़ाते सीढ़ियां, मंजिल तभी ही जान। बिना गुरु के ना मिलता, जीवन में... Hindi · दोहा 1 1 603 Share डॉ. शिव लहरी 30 Aug 2021 · 1 min read प्रेम पाती मन हरण घनाक्षरी सखियाँ लिख रही है मोहन को प्रेम पाती, आओ श्याम तुम अब राधिका को मनाने ।। लगे मधुवन सुना मोहन तुम्हारे बिना, नाचे ना मन मयूरा बिन... Hindi · घनाक्षरी 819 Share डॉ. शिव लहरी 30 Aug 2021 · 1 min read भक्ति छंद- जन्माष्टमी प्रेम के तुम सागर हो, मनमोहक अभिराम । हरो आतप जनमन के, आओ मेरे श्याम ।।1।। प्रकटो मुरली धरो, निधि वन करे पुकार । बंशी की मधुर धुन का, व्याकुल... Hindi · दोहा 1 1 853 Share डॉ. शिव लहरी 14 Aug 2021 · 1 min read आजादी का जश्न आजादी का जश्न, नहीं आसान, सैकड़ों का इसमें, है बलिदान । लटके जो चूमके, फांसी का फंदा, उन्हीं में बसे, भारत माँ के प्राण।। तान के सीना गोलियां खा गये।... Hindi 4 2 738 Share डॉ. शिव लहरी 1 Aug 2021 · 1 min read मित्रता मित्र तो मित्र रहे, प्यारा सा साथ है, उनके बिना, सच ! लगता अनाथ है। खुशियां बांटना, मन का है मनोहारी, ग़म भी बंट जाता, गर उनका हाथ है।। मित्र... Hindi 1 531 Share डॉ. शिव लहरी 19 Jul 2021 · 1 min read हौसला हार गया, पर वो हारा नहीं, जीत कि जिद अभी जारी है। असफलता भी टिकी नहीं, उम्मीदों की किरण जारी है।। गिर गया, पर वो गिरा नहीं, संभला है, होश... Hindi 791 Share डॉ. शिव लहरी 15 Jul 2021 · 1 min read छाले चल पड़ा हूं लेकर, मेरे गांव का नाम। नहीं है कोई अपना, सिर्फ मेरे है राम। छाले कितने पड़ गये, मन बसा है गांव, रोजी को आया, नहीं शहर में... Hindi 1 680 Share डॉ. शिव लहरी 10 Jul 2021 · 1 min read ज़ख्म फ़ितरत इंसान की, भर जाते है, ज़ख्म तन के, समय के साथ। नहीं भरते है, हरे ही रह जाते है, ज़ख्म मन के, समय के साथ ।। करवट बदलते,निद्रा आ... Hindi · मुक्तक 2 515 Share डॉ. शिव लहरी 7 Jul 2021 · 1 min read मत लो मजाक मे (भाग 2) मत लो मजाक में, सहयोग करो बचाव में। भूलो ना तीन सूत्र, जीवन आपके हाथ में।। सजग सभी हो जाओ,लड़ना है तेज वार में, मत लो मजाक में, बचना है... Hindi · कविता 2 3 1k Share डॉ. शिव लहरी 4 Jul 2021 · 1 min read वन के वासी अनपढ़ कहना ना, शिक्षा प्रकृति की झोली, विषय उसका अलग है, भिन्न रही है बोली। कर्म जिसमें महारथ, शाला उसकी अनोखी, उस्ताद है हुनर का, उसने भी गठरी खोली। कार्य... Hindi · कविता 2 411 Share डॉ. शिव लहरी 23 Mar 2020 · 1 min read मत लो मज़ाक में (भाग 1) मत लो अब मजाक में,सहयोग करो बचाव में। जागो, अब ना मौजी बनो,कोरोना की मार में।। जब बहुत हँस लिये,देख पड़ौसी जलते हुये। हंसी नही,खांसी है, देख तमाशा बहुत हुये।... Hindi · कविता 1 2 690 Share डॉ. शिव लहरी 15 Sep 2019 · 1 min read चलती है जिन्दगी कदम एक बढ़ाती है, धीमी सी मुस्काती है, सरपट दौड़ लगती है, सुंदर भोर के आने से। देखो, सुबह जग जाती है, जिंदगी.. दिन के रेलम पेल में, निज जीवन... Hindi · कविता 2 458 Share डॉ. शिव लहरी 5 Jun 2019 · 1 min read वृक्ष की अभिलाषा भूल जावोगे गिनती, अनगिनत है, मेरे काम। क्या कभी चुकाओगे, कितने ऋण तेरे नाम।। सुबह की सैर भी, करते आकर मेरे पास। सावन के झूलो में भी, चुनते शाखाएँ खास।।... Hindi · कविता 5 4 868 Share डॉ. शिव लहरी 1 Mar 2019 · 1 min read हम हिंदुस्तानी हम दूर से भले ही,बटें बटें से लगते है, माँ भारती के लिये तो, इकट्ठे डटते है। कँही ग़लतफ़हमी है, मोती बिखरे हुये है, देशप्रेम के धागें में, बहुत कसे... Hindi · कविता 1 590 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jan 2019 · 1 min read बधाई गणतंत्र की लो आज गणतंत्र की बधाई। सैनिको को कोटिशः बधाई।। वतन की खुशियों के खातिर, उन परवानो ने जान गँवाई।। लो आज गणतंत्र की बधाई, लो जनो, लो गणों बधाई। पर... Hindi · मुक्तक 1 364 Share डॉ. शिव लहरी 4 Nov 2018 · 1 min read "माँं",क्या लिखूं? माँ,क्या लिखूं? लिखने को शब्द नहीं, विस्तृत सागर,ये बूंद रही। विराट रूप हो तुम माता, भाव इसके कहाँ कही।। माँ, क्या लिखूं? करुणा की मूरत बनाये, ममता की फिर सरयू... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 40 1k Share डॉ. शिव लहरी 2 Nov 2018 · 1 min read कीमत एक वोट की तुम क्या जानो, वोट की कीमत ? वोट मेरा अमूल्य है। ये लोकतंत्र की तस्वीर बनाता है। राष्ट्र के निर्माण में, सुनहरी कुंची चलाता है।। तुम क्या जानो, कीमत इसकी... Hindi · कविता 3 1 428 Share डॉ. शिव लहरी 19 Oct 2018 · 1 min read आओ हम दशहरा मनाये आओ हम दशहरा मनाये। सत्य का फिर धनुष चढ़ाये। अनाचार कृत्य, शीशो पर, सदाचार का बाण चलाये।। आओ हम दशहरा मनाये- शक्तियों का दम्भ जो भरते, भोगो से जो मनुजता... Hindi · कविता 5 2 459 Share डॉ. शिव लहरी 3 Aug 2018 · 1 min read जिंदगी एक ख़्वाब सी जिंदगी एक ख़्वाब सी, झिलमिल सितारों रात सी, टूटती बेबस नींद यहां, बदलते दिनरात सी। जिंदगी.... कड़कती है बिजलियां, खाली भरती बदलियां, खिलते झरते पुष्प यहां, बदलते मौसम चार सी।... Hindi 2 2 859 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jul 2018 · 1 min read क्या फर्क पड़ता है? क्या फर्क पड़ता है? आटे में नमक मिलाये। तो क्या फर्क पड़ता है? थोड़ा प्रतिष्ठान बढ़ाकर, घर की ड्योढ़ी सरकाकर, सकडाई से हो दुर घटनाये। क्या फर्क पड़ता है? लोकलुभावन... Hindi · कविता 2 1 595 Share डॉ. शिव लहरी 11 Apr 2018 · 1 min read आओ हम गीत लिखें आओ हम गीत लिखे, कुछ तो इसमे प्रीत लिखे।। बदले है मौसम,बदली है फिजायें, बदले है दिल भी,औ सूरत-ए-अदाएं। आओ फिर से हम, इस पतझड़ में बसंत लिखे।।आओ हम गीत... Hindi · कविता 1 369 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jan 2018 · 1 min read समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि दुनियां की भीड़ में , फसे जा रहे हम , पाने की ललक में , धकेले जा रहे हम। कुछ उम्मीद बनी थी कि नीर मिलेगा , परंतु सुखी नदी... Hindi · कविता 2 795 Share डॉ. शिव लहरी 19 Oct 2017 · 1 min read आओ दीप जलायें आओ दीप जलायें। आओ दीप जलाये।। ऋषि मुनियों की तपो भूमि में, संस्कारो के बीज उगाये।। आओ दीप जलाये--- आओ दीप जलाये--- हरी धरती, हरे वन है, संसाधन में नहीं... Hindi · कविता 5 3 647 Share डॉ. शिव लहरी 14 Sep 2017 · 1 min read मेरी हिन्दी हिन्दी की करुण व्यथा का, मैं क्या बयान करूँ? हिन्दी की सब हिन्दी करते, इंग्लिश पर अभिमान क्यों? बात यहाँ की शब्द वहाँ के, चाल यहाँ की,ढाल वहाँ के, हिन्दी... Hindi · कविता 4 2 621 Share डॉ. शिव लहरी 22 Aug 2017 · 1 min read चिकित्सक- देव तुल्य हम चिकित्सक है,भगवान कहलाते है। देव बनकर जी ले,ये चुनोति सह जाते है।। राज की आज्ञा है, ज़माने के रंजो गम है। हम अपने सीने में, यूँ ही छुपा जाते... Hindi · कविता 1 720 Share डॉ. शिव लहरी 15 Aug 2017 · 1 min read शहीद की पत्नी उनके मन की करुण व्यथा से, एक अमर कथा लिख जायेगी। घाव भरे गंभीर समंदर से, पाषाण धरती पिघल जायेगी।। ह्रदय में अग्निबाण लेकर, निज सूत को दूध पिलाएगी। भेज... Hindi · कविता 1 746 Share डॉ. शिव लहरी 9 Jul 2017 · 1 min read गुरु और लघु गुरु बिन ज्ञान कहाँ? गुरु बिन ध्यान कहाँ? गुरु बिन कहाँ जीवन, गुरु बिन सम्मान कहाँ।। गुरु बिन राज कहाँ? गुरु बिन साज कहाँ? नहीं चढ़ पाये शिखर, गुरु का... Hindi · कविता 2 1 686 Share डॉ. शिव लहरी 29 Apr 2017 · 1 min read तब तुम लौट आना पिय मन जब जब तुझको पुकारे तब तुम लौट आना पिय----- फूलों से लद जाये उपवन, भ्रमर सब गुन गुनगायें। सुगंध बहकाये तन मन, तब तुम लौट आना पिय।। अम्बर में... Hindi · गीत 1 859 Share डॉ. शिव लहरी 22 Apr 2017 · 1 min read कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर) आओ हम लाज बचाये। इस धरती पर पेड़ लगायें।। सुखी धरती, निर्झर सूखे, कूप सूखे तो रह जायेंगे भूखे। आओ हम बून्द बचाये, इस धरती पर पेड़ लगायें।। रूठी नदियां,... Hindi · कविता 4 3 821 Share डॉ. शिव लहरी 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियां है अनमोल, नहीं इनको तू तोल। बेटे से बढकर ही, ये करती रखवाली है।। माँ की सहेली है, पिता की चिड़कोलि है। भाई के लिये तो जैसे, दुआओं की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 957 Share डॉ. शिव लहरी 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटीयां है अनमोल, इनको तु ना तोल। बेटे से बढकर ही, ये करती रखवाली है।। माँ की सहेली है ये, पिता की चिड़कोलि है। भाई के लिए तो जैसे, दुआओं... Hindi · कविता 3 1 1k Share Previous Page 2