Rita Singh 137 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rita Singh 13 Nov 2017 · 1 min read कुहासा भानु तेरी रश्मि के सँग आँख मिचौली करे कुहासा नभ जल थल सब राहों में विलंब सदा करे कुहासा शीत काल में डेरा डाले है मनमर्जी करे कुहासा कामकाज में... Hindi · मुक्तक 479 Share Rita Singh 30 Sep 2017 · 1 min read नीर वेदना से बहता है गीत ------ नीर वेदना से बहता है नीरस में भी रस मिलता है ।। जीवन सतत सरस बहता यह भले दूरियॉ हों प्रियवर से विरहा मन कविता कहता यह सुमिरन... Hindi · कविता 472 Share Rita Singh 12 Sep 2017 · 1 min read प्रद्युम्न हम बहुत शर्मिंदा हैं प्रद्युम्न हम बहुत शर्मिंदा हैं तेरे कातिल क्यों जिंदा हैं ? माँ का आँचल कह रहा तड़पकर क्यों मिला लाल को मौत का फंदा है ? स्कूल तेरा कैसा ये... Hindi · कविता 671 Share Rita Singh 7 Sep 2017 · 1 min read है ख्वाहिश मेरी तेरे संग वक्त बिताना है ख्वाहिश मेरी तुझे हर सुख दुख सुनाना है ख्वाहिश मेरी । तुझे ख़्वाबों में सताना है ख़्वाहिश मेरी । तुझे दिन रात हंसाना है ख़्वाहिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 314 Share Rita Singh 30 Aug 2017 · 1 min read दो एकम दो : बाल कविता दो दो एकम दो , दो दूनी चार आओ करें धरा से प्यार दो तिया छः , दो चौक आठ याद करो सब अपना पाठ दो पंजे दस , दो... Hindi · कविता 411 Share Rita Singh 13 Aug 2017 · 1 min read दिवस अंक -14 अगस्त दिवस अंक - 14 अगस्त आओ शोक मनाएँ हम भारत वासी अगस्त मास की सबसे अशुभ तिथि पर क्योंकि यह वर्ष गाँठ है भारत की अखंडता को खंडित कर अपने... Hindi · कविता 513 Share Rita Singh 10 Aug 2017 · 1 min read हरा भरा संसार वनों का हरा भरा संसार वनों का सुंदर सा घर बार वनों का घना घना परिवार वनों का महका सा दरबार वनों का सावन है त्योहार वनों का बसंत है शृंगार वनो... Hindi · कविता 559 Share Rita Singh 3 Aug 2017 · 1 min read तमन्ना है वो सलामत रहें सदा ही कहते हैं वो तुम याद करते नहीं हो पर हमने तो उन्हें कभी भुलाया नहीं है । वो बसे हैं हर कोने में दिल के हमारे पर उन्हें कभी हमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 364 Share Rita Singh 31 Jul 2017 · 1 min read मोहन तुम थे एक मुसाफिर मोहन तुम थे एक मुसाफिर हमको कभी नहीं ज्ञान हुआ , इक दिन तुमको जाना होगा इसका तनिक नहीं भान हुआ । नँदबाबा ने गोद खिलाया मैया से ममता पान... Hindi · गीत 377 Share Rita Singh 25 Jul 2017 · 1 min read सपने भी साकार हुए हैं करते जो श्रंगार श्रम का उनके दिन त्योहार हुए हैं अपने ही सत्कर्मों से सब सपने भी साकार हुए हैं । बसती लगन हिय में जिनके उनके कर्म उपहार हुए... Hindi · कविता 1 284 Share Rita Singh 19 Jul 2017 · 1 min read शैल शिखर से निकली सरिता शैल शिखर से निकली सरिता स्वयं ही मार्ग बनाती है , कभी न थकती , कभी न रुकती नित आगे बढ़ती जाती है । पाषाणों के संग खेलती लहर सखी... Hindi · कविता 369 Share Rita Singh 16 Jul 2017 · 1 min read महक तुम्हारी हमें साँवरे .... नित सुबह आती है , नित शाम आती है याद तुम्हारी हमें साँवरे दिन रात आती है । हर सहर भाती है , हर पहर भाती है महक तुम्हारी हमें... Hindi · गीत 518 Share Rita Singh 11 Jul 2017 · 1 min read झरने कर संघर्ष पाषाणों से मधुर संगीत सुनाते झरने कल - कल कल - कल गीत सुनाते आगे बढ़ते जाते झरने । कभी न रुकते कभी न थकते हिम्मत हैं बरसाते... Hindi · कविता 957 Share Rita Singh 26 Jun 2017 · 1 min read मोहन समझो मन की पीर मोहन समझो मन की पीर तुम बिन कैसे धरु मैं धीर । दिन रैना दर्श की तृष्णा किस विध तृप्ति हो बिन नीर । मोहन समझो. .... विरह वेदना भरी... Hindi · गीत 520 Share Rita Singh 14 Jun 2017 · 1 min read गगन भवन में घन हैं छाए गगन भवन में घन हैं छाए शीतल पवन संग लहराए । तपती धरती के आँचल में हरा भरा संदेशा लाए । तरुवर बाग बाग मुस्काए खेत क्यारी धान लहराए गौरैया... Hindi · कविता 273 Share Rita Singh 8 Jun 2017 · 1 min read मेघा क्यों बृजगाँव में आए मेघा क्यों बृजगाँव में आए मेघा क्यों बृजगाँव में आए नहीं तनिक तुम हमको भाए उलट पैर अभी जाओ पुरी को जहाँ राज मोहन मन छाए । कहना उन बिन... Hindi · कविता 547 Share Rita Singh 6 Jun 2017 · 1 min read तुम बिन सूना है मधुवन तुम बिन सूना वृंदावन है तुम बिन सूना है मधुवन तुम बिन सूना बृजगाँव है तुम बिन सूना नंदन वन । तुम बिन सूने ताल तलैया तुम बिन सूने घट... Hindi · गीत 696 Share Rita Singh 5 Jun 2017 · 1 min read आओ धरा अपनी सजाएँ वृक्ष लगाएँ और बढ़ाएँ आओ धरा अपनी सजाएँ । हरी चुनरिया इसे उढ़ाएँ हरा भरा श्रंगार कराएँ । आओ धरा अपनी सजाएँ । रोपित कर भूल न जाएँ नित इन... Hindi · कविता 417 Share Rita Singh 2 Jun 2017 · 3 min read जीवन में नारी शिक्षा का महत्व जीवन में नारी शिक्षा का महत्व इतिहास इस बात का साक्षी है कि मानव सभ्यता का विकास शिक्षा के द्वारा ही संभव हुआ है । कहा गया है कि बिना... Hindi · लेख 1 2 7k Share Rita Singh 24 May 2017 · 1 min read नहीं सरल राजत्व निभाना नहीं सरल राजत्व निभाना राजा तुम्हें समझना होगा , राजतिलक होतेे ही तुमको राजधर्म को जीना होगा । इक यज्ञ सा राजा का जीवन जो प्रजा हित आहुत होता है... Hindi · कविता 478 Share Rita Singh 19 May 2017 · 1 min read आओ रोपें इक तरुवर हम आओ रोपें इक तरुवर हम अपनी प्यारी तनुजा के नाम सींचें उसको नित प्रेम से आएगा वह सबके काम । प्रेम जल से सिंचित तरुवर बेटी सम परवाह करते हैं... Hindi · कविता 312 Share Rita Singh 15 May 2017 · 1 min read राजन हमें बताओ तुम ! राजन हमें बताओ तुम ! कितने सैनिक अभिमन्यु सम बलिदान हमें करने होंगे ? कितनी माँओं के आँचल ऐ शासन ! सूने हमें सहने होंगे ? कब तक नव वधूएँ... Hindi · कविता 518 Share Rita Singh 11 May 2017 · 1 min read गुलमोहर तुम हो शहजादे गुलमोहर तुम हो शहजादे तुमको मेरी राधे राधे , तप्त हवाओं संग खेलते बने बड़े ही सीधे सादे । मस्तक सोहें पुष्प अति सुँदर रँग है जिनका लाल मनोहर नहीं... Hindi · कविता 387 Share Rita Singh 7 May 2017 · 1 min read भगवन तूने माँ को बनाया भगवन तूने माँ को बनाया कैसा कृपा धन बिखराया , तेरा कैसे करूँ शुक्रिया ऐसा ममता जल बरसाया । बन निर्मात्री संस्कारों की उसने घर संसार बसाया , देकर शिक्षा... Hindi · कविता 734 Share Rita Singh 5 May 2017 · 2 min read एक सात्विक रिश्ता : सच्ची मित्रता निःस्वार्थ , निर्विकार , निष्पक्ष , निष्पाप भावों से युक्त होता है सच्चा मित्र । एक सच्चा मित्र जीवन का सबसे अनमोल उपहार है । उसकी रिक्तता से जीवन नीरस... Hindi · लेख 3 2 1k Share Rita Singh 30 Apr 2017 · 1 min read मैया की ममता मैया तेरा नटखट लाला -- किशन द्वारिकाधीश बना कल तक जिसने मटकी फोडी आज वही जगदीश बना ।। कैसा माखन दिया , यशोदा! राजबुद्धि उसको आयी । कैसे पाठ पढ़ाये... Hindi · गीत 461 Share Rita Singh 23 Apr 2017 · 1 min read सूरज काका सुबह सवेरे सूरज काका नित मुस्काते तुम आते हो अपनी सोने की किरणों को संग सदा ही ले आते हो । घड़ी भर भी विलंब न करते नियत समय पर... Hindi · कविता 363 Share Rita Singh 19 Apr 2017 · 1 min read अमलतास तरु एक मनोहर ग्रीष्म ताप पर प्रतिस्पर्धा में जीत सदा ही वो पाता है पीत वसन में सँवर सँवर कर जो लहर लहर मुस्काता है । तप्त हवा के संस्पर्शों से मोहक रूप... Hindi · कविता 325 Share Rita Singh 17 Apr 2017 · 1 min read ममता बेटी बिना न पूरी ************* ममता बेटी बिना न पूरी । मॉ की रहती आस अधूरी।।१!! बेटी ही घर का गहना है। बिन बेटी ऑगन सूना है।।२!! उत्सव बेटी बिना अधूरे ! बिन बेटी... Hindi · कविता 558 Share Rita Singh 12 Apr 2017 · 1 min read बैसाख मास सँग अपने बैसाख मास सँग अपने कनक उपहार लाया है , हुआ कण कण है प्रफुल्लित जन मन सब हरषाया है । चमके खेत स्वर्ण - आभ से कृषक हृदय मुस्काया है... Hindi · कविता 1 526 Share Rita Singh 8 Apr 2017 · 1 min read जल बिन सूना है संसार जल जीवन का है आधार जल जग का करता उद्धार । जल सृष्टि का एक उपहार जल से भू पर बनी बहार । जल औषध का एक प्रकार करता रोगों... Hindi · कविता 274 Share Rita Singh 5 Apr 2017 · 1 min read माला के जंगल: कुछ तपस्वी से लगते हैं शांत भाव से तप करते हैं हरे भरे तरोताजा से प्रफुल्लित मन से खड़े हुए हैं । कुछ बुझे बुझे मुरझाये से हैं कुछ झाड़... Hindi · कविता 545 Share Rita Singh 29 Mar 2017 · 1 min read आया बसंत सखी आया बसंत आया बसंत सखी आया बसंत चहुँदिशि खुशियाँ लाया अनंत महक रहे हैं सभी दिग दिगंत झूमा अवनी का अंग प्रत्यंग आया बसंत सखी आया बसंत । श्यामा ने गाया अब... Hindi · कविता 517 Share Rita Singh 27 Mar 2017 · 1 min read सजी धरा है सजा गगन है सजी धरा है सजा गगन है सज गया सृष्टि का कण कण है रँग बिरंगे पुष्पों की स्मित से मुस्काने लगा जन गण मन है । नवल धवल बने तरु... Hindi · कविता 416 Share Rita Singh 23 Mar 2017 · 1 min read वे बलिदानी मसताने थे राजगुरु सुखदेव भगत सिंह आजादी के दीवाने थे , हँसते हँसते गए फँदे पर वे बलिदानी मसताने थे । इंकलाब का नारा देकर वो नयी चेतना लाये थे देश प्रेम... Hindi · कविता 251 Share Rita Singh 22 Mar 2017 · 1 min read संकट और खुशहाली प्रभु ! संकट के समय ' मुझे बचा लो ' तुमसे ऐसी गुहार नहीं करूँगी , मुझे पता है कि तुमने अदृश्य रूप में मुझे संकटों से उबरने की शक्ति... Hindi · कविता 566 Share Rita Singh 16 Mar 2017 · 1 min read फाग माह का हैं उपहार नव पल्लव सज्जित तरुवर फाग माह का हैं उपहार , कोमल कोपल महक डाल पर करती सुरभित पवन बयार । मानो वृक्ष वर बन सँवरकर सेहरे की लड़ियाँ रहे सँवार... Hindi · कविता 547 Share Rita Singh 15 Mar 2017 · 1 min read नमामि गंगे जय जय गंगे , जय जय गंगे । नमामि गंगे , नमामि गंगे ।। पाप नाशिनी , जग तारिणी सुख कारिणी , दुख हारिणी हर हर गंगे हर्ष वाहिनी ।... Hindi · कविता 581 Share Rita Singh 14 Mar 2017 · 1 min read पथिक वही जो बढ़ता जाता पथिक वही जो बढ़ता जाता अवरोधों से कब घबराता , ऊँची-नीची सब राहों पर बिना रुके वो चलता जाता । पाषाणों से जब टकराता असंभव को संभव बनाता , बड़े... Hindi · कविता 405 Share Rita Singh 8 Mar 2017 · 1 min read क्षत्राणी की गौरव गाथा क्षत् से रक्षा करती है जो वह क्षत्राणी कहलाती है क्षत्राणी की गौरव गाथा ग्रंथों में गायी जाती है । पौराणिक युग से ही उसने यश पताका फहरायी है गंगा... Hindi · कविता 2k Share Rita Singh 7 Mar 2017 · 1 min read ये प्रातः तुम्हें सजानी है ओ भारत की भावी नारी ! बहुत सो चुकी अब तो जागो , ये प्रातः तुम्हें सजानी है । मत बोझ बनो तुम परिवारों पर सिर्फ भार बनो मत तुम... Hindi · कविता 310 Share Rita Singh 28 Feb 2017 · 1 min read आया फागुन मास रसिया के रंग में जब खेले गोरी फाग । समझो ए संग सहेली आया फागुन मास । आया फागुन मास देख कलियाँ भी हर्षायीं । फूलों के सँग सजी अब... Hindi · कविता 1 1 1k Share Rita Singh 22 Feb 2017 · 1 min read जीवन जीवन सरस सलिल सा बहता जीवन अवरोधों संग बढ़ता जीवन निशा दिवस है गतिमय जीवन हँसते गाते चलता जीवन । दुख के पल भी सहता जीवन सुख के क्षण भी... Hindi · कविता 549 Share Rita Singh 16 Feb 2017 · 1 min read गोपी दर्शन प्यासी हैं रम गये कान्हा राज पाट में गोपी दर्शन - प्यासी हैं , मिलना कैसै होगा उनसे जिनकी वो अभिलाषी हैं । सखा तुमको समझा कान्हा योग हमें सिखाओ न ,... Hindi · कविता 306 Share Rita Singh 12 Feb 2017 · 1 min read नेह की पीड़ा जब गमन तुम्हारा होना तय था क्यों गोपी में नेह जगाया था , कान्हा तुमने नेह की पीड़ा का , क्या मर्म कभी न पाया था । इस पीड़ा का... Hindi · कविता 602 Share Rita Singh 5 Feb 2017 · 1 min read कान्हा की वंशी वंशी तुम्हारी प्रिय कान्हा किस्मत कैसी लायी है , बनी काठ की होकर भी यह मन तुम्हारे भायी है । चाहा जैसा साथ तुम्हारा मुरली ने वो पाया है ,... Hindi · गीत 348 Share Rita Singh 31 Jan 2017 · 1 min read ऋतु बसंत कोयल डाल- डाल, जब बोली कलियों ने तब आँखें खोली पवन महक बिखराती डोली सजी धरा पर पुष्प- रँगोली गोपी लगी खेलने होली किया पराजित शिशिर शरद को ऋतु बसंत... Hindi · कविता 543 Share Rita Singh 27 Jan 2017 · 1 min read राजपथ पर चमका वैभव राजपथ पर चमका वैभव उसका मान सजाना है , भारत के बढ़ते कदमों को हमको और बढ़ाना है । शाहीपथ पर बढ़ी परेड की शान अजब निराली थी , देख... Hindi · कविता 2 1 348 Share Rita Singh 24 Jan 2017 · 1 min read मतदान जागरूकता के लिए प्रयास मतदान जागरुकता के लिए कुछ नारे - मतदान अगर शत प्रतिशत होगा, लोकतंत्र तभी उज्ज्वल होगा । जो अपना शासन चाहता है वो वोट डालने जाता है । मतदान हमारा... Hindi · कविता 1 593 Share Rita Singh 23 Jan 2017 · 1 min read सुभाष चन्द्र भारत भूमि पर सुभाष चन्द्र भारत भूमि पर फिर नेताजी बनकर आ जाओ , राष्ट्रवाद को भूली जनता में एक बार जोश जगा जाओ । जाति धर्म में बिखरी जनता देशहित को भूल... Hindi · कविता 546 Share Previous Page 2 Next