डॉ०प्रदीप कुमार दीप 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Nov 2018 · 1 min read मां माँ ______ सबसे प्यारा और अनोखा ! रिश्ता अपनी "माँ" का है | तीनों लोक समा जाएेंगें..... ऐसा आँचल " माँ " का है || जननी बनकर जन्मा है और... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 34 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Feb 2017 · 1 min read झलकारी बाई "झलकारी बाई" झलकारी की झलक देखकर , वो बुन्देले भी हाँफ गये...... जब उतरी वो समरभूमि में , गौरे भी थर-थर काँप गये || जमुना-कोख से पैदा हुई ,... Hindi · कविता 5 4 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 7 min read राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " ============================ "नारी" विधाता की सर्वोत्तम और नायाब सृष्टि है | नारी की सूरत और सीरत की पराकाष्ठा और उसकी गहनता... Hindi · लेख 4 3 29k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Sep 2019 · 3 min read आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी _______________________ - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" प्रसिद्ध अद्वैतवादी दार्शनिक शंकराचार्य ने अपने मायावाद की स्थापना में माया की दो शक्तियों का उल्लेख किया था -... Hindi · लेख 4 5 871 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Jan 2019 · 4 min read भारत का असन्तुष्ट युवा भारत का असन्तुष्ट युवा ( आलेख ) ---------------------------- भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा वर्ग रखने वाला देश है | किसी भी देश के सर्वांगीण विकास के लिए युवाओं की... Hindi · लेख 3 380 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2020 · 7 min read रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व रामायण का नीतिमीमांसीय महत्व ______________ -डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण , गृहस्थ कर्त्तव्यबोध एवं कर्मयोग की दीक्षा , धर्म रक्षा एवं पालन , मानवीय मूल्यों... Hindi · लेख 3 2 868 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read मैं भारत का संविधान हूं । मैं भारत का संविधान हूं । ___________________ गणतंत्र का सजग प्रहरी... मैं भारत का संविधान हूं । समानता का पाठ पढ़ाता , मैं विस्तृत हिन्द-वितान हूं ।। हम भारत के... Hindi · कविता 3 2 580 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read सुगनी सुगनी " -------------- चिथड़ों में लिपटी हुई गरीबी , फटी एड़ियाँ, फटी वेशभूषा और इर्द-गिर्द भिनभिनाती हुई बहुत सी मक्खियाँ | जाने किस आशा में वो एकटक निहार रही है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 337 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 Apr 2017 · 3 min read स्वाभिमान बनाम अभिमान " स्वाभिमान बनाम अभिमान " --------------------------------------- सांख्य दर्शन की 'प्रकृति' की तरह ही मानवीय रचना भी त्रिगुणमयी है ,जिसमें सत्व ,रज और तम गुणों की प्रधानता पाई जाती है |... Hindi · लेख 2 6k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : रामायण प्रसंग (लेखक- श्री मनोज अरोड़ा) राजस्थान के लब्धप्रतिष्ठित लेखक , समीक्षक , और सामाजिक कार्यकर्ता श्री मनोज अरोड़ा की पुस्तक " रामायण प्रसंग " स्वामी विवेकानन्द द्वारा 31 जनवरी ,1900 ई० को अमेरिका के कैलीफोर्निया... Hindi · लेख 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Jul 2018 · 1 min read इंसाफ कौन करेगा ? इंसाफ कौन करेगा ? _________________ गिरे हुए इंसानों का एहसास कौन करेगा ? गली-गली-चौराहों पर दृष्टिपात कौन करेगा ? नरभक्षी कुछ नरों पर आघात कौन करेगा ? भारत की हर... Hindi · कविता 2 2 415 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Jan 2019 · 1 min read न तन तेरा न मन मेरा न तन तेरा न मन मेरा _________________ न तन तेरा ,न तन मेरा , न मन तेरा,न मन मेरा । न दिल तेरा ,न दिल मेरा , फिर होता क्यों... Hindi · कविता 2 494 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Apr 2020 · 1 min read अन्नपूर्णा अन्नपूर्णा ------------------ हाँ मैं कृषका हूँ ! सदियों से ही.... और सदियों तक भी ! अपनाया है मैंने ! कृषि और पशुपालन को ताकि कर्मण्यवादी बनकर सतत् कर्म करूँ !!... Hindi · कविता 2 2 499 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 15 Apr 2020 · 1 min read साक्षात्कार साक्षात्कार (लघुकथा) __________ हरिराम की उच्च आकांशा ने उसे कब क्रूर और अमानवीय बना दिया उसे पता ही नहीं चला । नित्य वन्यजीवों का शिकार कर उनका मांस और चर्म... Hindi · लघु कथा 2 729 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 544 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Apr 2017 · 3 min read भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ "भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ " ============================ जन का जनता के लिए ,जन का ऐसा कार | अपनी मर्जी से चुनें , सुयोग्यतम सरकार || ----------------------------------------------------- " लोकतंत्र... Hindi · लेख 1 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 30 Apr 2017 · 4 min read साहित्य समाज का दर्पण है " साहित्य समाज का दर्पण है " ------------------- लेखन ऐसा चाहिए,जिसमें हो ईमान | सद्कर्म और मर्म ही,हो जिसमें भगवान || --------------------------- जिस प्रकार आत्मा और परमात्मा का बिम्ब एक... Hindi · लेख 1 13k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 May 2017 · 1 min read मतलब " मतलब " --------------- मतलब...... केवल स्वार्थ नहीं ! लेकिन यह........ कोई परार्थ नहीं | बहुत से मायने हैं इस मतलब के ! जैसे कि -- अर्थ तात्पर्य समझ स्वार्थ... Hindi · कविता 1 602 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा : कतरा भर धूप(सुश्री अनुभूति गुप्ता) पुस्तक समीक्षा ------------------------ पुस्तक : कतरा भर धूप लेखिका : सुश्री अनुभूति गुप्ता संस्करण : प्रथम संस्करण(2017) पृष्ठसंख्या : 96 मूल्य : ₹ 75/- अभिरूचि की अभिव्यक्ति कहूँ या विचारों... Hindi · लेख 1 416 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक भूमिका : महाभारत प्रसंग भूमिका ---------------- भारतीय पुरातन सभ्यता , संस्कृति, संस्कार और सद्गुणों के आलोक में महान् विभूतियों के कर्म और मर्म को जानकर उन्हें पुन: प्रतिष्ठित करते हुए सुरूचिपूर्ण ,सार्थक, सकारात्मक और... Hindi · लेख 1 751 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 14 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक भूमिका : नया शहर हो गया(नरेश कुमार चौहान) भूमिका ---------------- अपने जनक एवं जननी को श्रद्धापूर्वक समर्पित श्री नरेश कुमार चौहान का समकालीन हिन्दी कविताओं का काव्य-संग्रह "नया शहर हो गया" एक श्रेष्ठ काव्य-संग्रह है | इनकी कविताओं... Hindi · लेख 1 368 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : बाल सुमन (सुश्री अनुभूति गुप्ता) पुस्तक समीक्षा ------------------------- पुस्तक : बाल सुमन लेखिका : सुश्री अनुभूति गुप्ता संस्करण : प्रथम संस्करण(2016) पृष्ठसंख्या : 46 मूल्य : ₹ 45 सुप्रसिद्ध कवयित्री, साहित्यकार ,समीक्षक , संपादक और... Hindi · लेख 1 349 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Jan 2018 · 1 min read माँ ! कब आएगी ? माँ ! कब आएगी ? ----------------------- पतंग !!!! नाम सुनते ही..... उमंग और तरंग ! दोनों ही हिलौरे लेती हैं !! उत्सुकता चरम पर ! कौतुहल सातवें आसमान पर !!... Hindi · कविता 1 281 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Jan 2018 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू का पद वैदिक काल से ही सतत् गरिमामय रहा है ,पर आज अक्सर देखने में आता है कि कुछेक असामाजिक तत्वों ने गुरू... Hindi · लेख 1 652 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 1 min read नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं ! ------------- नारी हूँ मैं ! कोई पत्थर नहीं ! मुझमें भी हैं...... एहसास निर्मलता और मानवता | सदियों से ही कहते आए हैं मैं अबला हूँ... Hindi · कविता 1 357 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Feb 2018 · 3 min read पवित्र साध्य है बेटी पवित्र साध्य है बेटी ------------------------- आन कहूँ या शान कहूँ ! मान कहूँ या मर्यादा ! खुशियों की चाबी कहूँ या हिस्सा कहूँ मैं आधा | हाँ ! सब कुछ... Hindi · लेख 1 542 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Feb 2018 · 2 min read प्रधानमंत्री जी का परीक्षा पर चर्चा के बहाने संस्कारों का बीजारोपण प्रधानमंत्री जी का परीक्षा पर चर्चा के बहाने संस्कारों का बीजारोपण माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत के भविष्य बच्चों से परीक्षा पर चर्चा तो एक बहाना था |... Hindi · लेख 1 356 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Mar 2018 · 1 min read कभी सोचा है ? कभी सोचा है ? ---------------------- कभी सोचा है ? मानव की परिधि क्या है ? कहाँ तक है ? कितनी है ? किस रूप में है ? हाँ ! सोचना... Hindi · कविता 1 394 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Aug 2018 · 1 min read सूक्ष्म आलोचना सूक्ष्म आलोचना ------------------------ सूक्ष्म-आलोचना अमृत के समान है जिसे सहर्ष स्वीकार करना अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है जबकि अति-प्रशंसा धीमा जहर है जो हमें विनाश की ओर ले... Hindi · लेख 1 648 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Oct 2018 · 1 min read मेरे देश का क्या होगा ? आदमी का आदमी से ब्याह होगा औरत का औरत से निकाह होगा बहुत चिंता में रहता हूं आजकल मैं न जाने; मेरे देश का क्या होगा!!! चढ़ती हैं बेटियां घोड़ी... Hindi · कविता 1 1 480 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read गुरू की गरिमा का अवसान ! गुरू की गरिमा का अवसान ! डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण गृहस्थ कर्त्तव्ययोगी , सृजनशीलता एवं दायित्व-बोध से युक्त गुरूओं ने इस जगत में मार्गदर्शक... Hindi · लेख 1 1 519 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Apr 2020 · 2 min read बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! बदलते मानवीय मूल्य, घटती संवेदनशीलता ! - डॉ० प्रदीप कुमार "दीप" जन्म से मनुष्य एक जैविक प्रक्रिया का परिणाम है और सजीव जगत की सर्वोत्तम प्रजाति की चरम परिणति है... Hindi · लेख 1 2 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 4 min read कर्तव्य कर्तव्य ” कर्तव्य ” साठ बसंत देख चुकी ‘कमली’ को देखकर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह जीवन के छह दशक पूरे कर चुकी है | वह घर के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 356 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Dec 2017 · 1 min read क्या वजह लिखूँ ? क्या वजह लिखूँ ? ----------------------------- क्या वजह लिखूँ तेरे इश्क की ? कोई वजह नहीं ,बेवजह हुआ ! ना कोई प्रतिस्पर्धा थी.......... बस प्रेम में मैं तो अजय हुअा ||... Hindi · कविता 405 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Jun 2023 · 1 min read अनुभव अनुभव की क्या बात करें ? अनुभव तो अनुभव होता है । कभी-कभी तो थोड़ा सा.... तो कभी गहनतम होता है ।। कभी होता है गलती से कभी संघर्षों से... Poetry Writing Challenge · कविता 157 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 6 Oct 2023 · 3 min read पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार नारी शक्ति में समाहित है पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और सतत् विकास की अदम्य क्षमता - डॉ० प्रदीप कुमार दीप पर्यावरण... Hindi 186 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read कर्ज कभी ना उतरेगा "कर्ज कभी ना उतरेगा" """"""""""""""""""""""""""""" पहन बसंती चोले को, सीने पर खाई गोलियाँ , अपने वीर शहीदों ने, खेली खून की होलियाँ | आजादी को गले लगाने ,निकली उनकी टोलियाँ,... Hindi · कविता 219 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read नारी व्यथा " नारी-व्यथा " """""""""""""""""" कैसी निर्बल ? कैसी निशक्त ? क्यों अबला मैं बन बैठी ?? क्यों मेरा अपमान हुआ ? क्यों मेरा चीर-हरण हुआ ? क्यों बाजारों में बेची... Hindi · कविता 460 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी की व्यथा "बेटी की व्यथा " """"""""""""""""""""" माँ ! तेरी इन बाहों में....... तेरी स्नेहिल निगाहों में , तेरे आँचल की पनाहों में , एक बार तो ! ले ले तू मुझको... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 702 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 1 min read दीप-परम्परा " दीप-परम्परा " """"""""""""""""'"'"""" सदियों पूर्व तात्कालिक परिस्थितियों में बने थे कुछ.... नियंत्रक नियम ! कुछ आवश्यक कार्यों का नित्य पालन बना था ! परम्परा का आधार !! तब परम्पराऐं......... Hindi · कविता 448 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 3 min read माँ भारती की व्यथा " माँ भारती की व्यथा " सदियों से संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का अनूठा संगम लिए "माँ भारती" तिरंगे से बनी उज्ज्वल साड़ी में अपने बहुआयामी सौन्दर्य की अनुपमता के... Hindi · कहानी 360 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 1 min read दर्द- ए- दवा "दर्द-ए-दवा" """"""""" दर्द में दर्द को दवा क्या दूँ ? दिल में दबी हैं जो दुआ वो क्या दूँ ? दहशत दाहक-सी है दगा क्या दूँ ? दौड़ती है दरिया-दिमाग... Hindi · कविता 279 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 30 Jan 2017 · 1 min read परिवर्तन " परिवर्तन " """"""""""""""""" परिवर्तन प्रकृति का नियम है ! यह नित्य है ! शाश्वत है ! अद्भुत है ! क्षणिक है ! नवीनता है ! मानवीय सोच और कृत्यों... Hindi · कविता 260 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 31 Jan 2017 · 1 min read बेवा का दर्द """""""""""""""""" "बेवा का दर्द" """""""""""""""""" सूना जीवन, बेदर्द बन गया ! दिखलाऊँ मैं ,किसको आज ? सूनी माँग ! मन मेरा सूना ! जीऊँ या मर जाऊँ आज ?? हिम्मत... Hindi · कविता 324 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 31 Jan 2017 · 1 min read मुझे खराब नहीं होना "मुझे खराब नहीं होना" (लघुकथा) ओजस्वदीप ,मूक-श्रोता और मूक-दृष्टा तो है ,पर ! कब समझदार हो गया ? ये पता ही नहीं चला | मैं सोचता था , कि ये... Hindi · कहानी 232 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read नव-बसंत " नव-बसंत " """"""""""""""""" गाती है धरा , फूलों से सजा ! सब हरा-भरा ! मन-भावन है || कितना प्यारा , कितना सुन्दर ! नव-सृष्टि सा मौसम है ! हर्षित... Hindi · कविता 468 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read पद्मिनी की मर्यादा " पद्मिनी की मर्यादा " """"""""""""""""""""""""""""""""""""" उस जौहर व्रत की अग्नि में , पद्मा ने खुद को हवन किया | वो नारी थी ,वो सबला थी , शक्ति को जिसने... Hindi · कविता 570 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read मजदूर हूँ " मजदूर हूँ " मजदूर हूँ मजबूर नहीं मन से मजदूरी करता हूँ | मैल नहीं मन में कोई माथे को सिंदूरी करता हूँ | मजहब मेरा मजदूरी है मैं... Hindi · कविता 325 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 4 min read कर्तव्य " कर्तव्य " साठ बसंत देख चुकी 'कमली' को देखकर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह जीवन के छह दशक पूरे कर चुकी है | वह घर के सारे... Hindi · लघु कथा 339 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Feb 2017 · 1 min read कल्याणी " कल्याणी " """"""""""""""""""" तू आदि शक्ति ! विधाता की और बहिन बनी , तुम भ्राता की | साध्य बनती ! तू साधक की और ध्येय बनी तू ध्याता की... Hindi · कविता 258 Share Page 1 Next