Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2019 · 3 min read

आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी

आभासी दुनिया और युवा पीढ़ी
_______________________

– डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”

प्रसिद्ध अद्वैतवादी दार्शनिक शंकराचार्य ने अपने मायावाद की स्थापना में माया की दो शक्तियों का उल्लेख किया था – आवरण और विक्षेप । इसमेंं माया की आवरण शक्ति ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप पर आवरण डालने का काम करती है, जबकि विक्षेप शक्ति जगत को ब्रह्म पर विक्षेपित कर देती है , जो कि मिथ्या है ।
कुछ इसी तरह का आवरण और विक्षेप आज की आधुनिक युवा पीढ़ी पर हावी हो रहा है । यह कहें कि आज के युवा पूरी तरह मायावी दुनिया में फंस चुके हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । क्योंकि वर्तमान में सोशल मीडिया भी एक प्रकार का आभासी और मिथ्या जगत ही है , जो युवाओं के ब्रह्म-तत्व (यथार्थ ज्ञान) पर पूर्णत: अनावरित हो चुका है । इस आवरण के कारण सोशल मीडिया का मायावी संसार ही उनके लिए यथार्थ, असंदिग्ध और सत्य है । आभासी संसार के जाल में पूर्ण रूप से फंसकर संस्कार , सद्गुण और राष्ट्रभक्ति जैसे मूल्यों का कोई औचित्य नहीं रह गया है और ये इसी आभासी दुनिया के नीचे गहराई में दफन हो चुके हैं ।
विवाहित युवाओं में हालात यहां तक पहुंच चुके हैं की पति का अपना आभासी संसार तो पत्नी का अपना आभासी संसार निर्मित हो चुका है । मजे की बात यह है कि इसी संसार में वह सुख का अनुभव करने लगे हैं । आज की नौजवान माताएं ऐसे अभिमन्यु को जन्म देती हैं जो कि बिना मोबाइल के रह ही नहीं सकते । ऐसे प्रत्यक्ष और परोक्ष उदाहरण नित्य देखने को मिलते हैं । गाड़ी चलाते समय , सड़क पार करते समय , यहां तक कि तीये की बैठक में भी बिना मोबाइल के युवा रह नहीं पाते । चलते वाहन में आभासी दुनिया से रूबरू होते हुए बहुत से नौजवानों को प्रत्यक्ष देखा है कि वे किस कदर इस मायावी संसार में विचरण करने लगे हैं ।
सोशल मीडिया के आधारभूत तत्वों जैसे फेसबुक , टि्वटर , व्हाट्सएप , इंस्टाग्राम , यूट्यूब , टिकटॉक इत्यादि के प्रयोग के कारण हमारी गरिमामयी सांस्कृतिक विरासत खतरे में पड़ गई है तथा जीवन अनुशासन विहीन हो चुका है और मानवीय मूल्यों का अंशत: बलिदान हो चुका है । युवाओं में सतत् बढ़ते मानसिक तनाव के कारण अनेक कुंठाएं जन्म लेती जा रही हैं , जिसके परिणामस्वरूप हत्या , डकैती , लूट, बलात्कार ,अपहरण , ठगी और आत्महत्या जैसे अपराधों का ग्राफ निरंतर ऊंचाई की ओर जा रहा है । मनुष्य मानसिक , भावनात्मक और शारीरिक रूप से अक्षम होता जा रहा है । सहनशक्ति और धैर्य जैसे मानवीय गुण तो लुप्त ही होते जा रहे हैं और निरंतर विविध प्रकार के रोगों से मानवता जर्जर होती जा रही है । युवाओं में पोर्न फिल्म देखने की होड़ लगी हुई है , जिसके कारण नैतिक और चारित्रिक पतन तो होता ही है , साथ ही सामाजिक व्यवस्था भी चौपट हो रही है , जिसके चलते मासूम बच्चे तक सुरक्षित नहीं है । आज अमर्यादित आचरण के कारण मनुष्य जानवर से बदतर हिंसक हो चुका है जिसका एकमात्र कारण यह आभासी दुनिया ही है । माता-पिता , परिवार ,समाज और राष्ट्र को इस आभासी दुनिया से भीषण हानि हो रही है । इसने राष्ट्र के सामाजिक-सांस्कृतिक , आर्थिक , भौगोलिक और ऐतिहासिक सभी पहलुओं को बदल कर रख दिया है । गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है , जिससे भविष्य के लिए गुणवान नागरिकों का निर्माण होना असंभव लग रहा है । आने वाली पीढ़ियां अपनी भावी पीढ़ियों को क्या देंगे ? यह एक सोचनीय प्रश्न उभर कर सामने आ रहा है । आभासी दुनिया ही है जो युवाओं को प्रकृति से भी दूर ले जा रही है । वर्तमान में युवाओं के वास्तविक ध्येय में ना प्रकृति का सानिध्य है , ना ही व्यवस्थित दिनचर्या । ना ही योग का सानिध्य है , ना ही स्वास्थ्य की चिंता । युवाओं के लिए बस एक ही सर्वोपरि सत्ता है और वो है – आभासी दुनिया ।

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 5 Comments · 864 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वक्त एक हकीकत
वक्त एक हकीकत
umesh mehra
चालें बहुत शतरंज की
चालें बहुत शतरंज की
surenderpal vaidya
बाल कहानी- अधूरा सपना
बाल कहानी- अधूरा सपना
SHAMA PARVEEN
सुनो सरस्वती / MUSAFIR BAITHA
सुनो सरस्वती / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मजदूर की अन्तर्व्यथा
मजदूर की अन्तर्व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
आहटें।
आहटें।
Manisha Manjari
किसी बच्चे की हँसी देखकर
किसी बच्चे की हँसी देखकर
ruby kumari
हे कृतघ्न मानव!
हे कृतघ्न मानव!
Vishnu Prasad 'panchotiya'
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
कल और आज जीनें की आस
कल और आज जीनें की आस
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल आइना
दिल आइना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
उदारता
उदारता
RAKESH RAKESH
आओ चले अब बुद्ध की ओर
आओ चले अब बुद्ध की ओर
Buddha Prakash
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
💐प्रेम कौतुक-496💐
💐प्रेम कौतुक-496💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3207.*पूर्णिका*
3207.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हलमुखी छंद
हलमुखी छंद
Neelam Sharma
सफर सफर की बात है ।
सफर सफर की बात है ।
Yogendra Chaturwedi
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
Loading...