डी. के. निवातिया Tag: मुक्तक 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डी. के. निवातिया 21 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-८ –मुक्तक—डी के निवातियाँ दरख्त मिटे गए मिटा परिंदो का आशियाना खेत खलिहानों को मिटा, बना लिया घराना इस कदर विकास हावी हुआ इस जमाने में पशु पक्षी दूजे से पूछे, कहाँ है मेरा... Hindi · मुक्तक 488 Share डी. के. निवातिया 18 Oct 2016 · 1 min read सरहद--मुक्तक--डी के निवातियाँ भायी न भाई को भाई की सूरत, बंटवारा कर डाला जन्मे थे एक कोख में, लालच ने दुश्मन बना डाला हमने तो सरहदे बनायी थी अमन-ओ-चैन के लिये ज़ालिमो ने... Hindi · मुक्तक 1 400 Share डी. के. निवातिया 11 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक---विजय पर्व---डी के निवातिया *----विजय पर्व ----* पूजा, भक्ति, ज्ञान, ध्यान में था वो देवो का ख़ास । सुत, बंधू, सगे, सेवक सहित किया कुल का नाश । अधर्म और अहंकार सदैव अहितकारी होते... Hindi · मुक्तक 2 535 Share डी. के. निवातिया 10 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-८ --मुक्तक---डी के निवातियाँ दरख्त मिटे गए मिटा परिंदो का आशियाना खेत खलिहानों को मिटा, बना लिया घराना इस कदर विकास हावी हुआ इस जमाने में पशु पक्षी दूजे से पूछे, कहाँ है मेरा... Hindi · मुक्तक 2 256 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-७---मुक्तक---डी के निवातिया तेरे दिल के खंडहर में पड़ा है फटा-टुटा बिछाना कल होते थे जहाँ पल गुलजार, आज है वीराना अल्फाज लंगड़े हो गये, जज्बातो की ज़ुबाँ गयी देह तो बेजान है... Hindi · मुक्तक 241 Share डी. के. निवातिया 6 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना -६---मुक्तक---डी. के. निवातियाँ हर किसी का होता है जहान में एक ठिकाना राहे भले हो जुदा-जुदा मंजिल सभी को पाना उम्र बिता देता है हर कोई ये पहेली बुझाने में ना जान पाता... Hindi · मुक्तक 4 324 Share डी. के. निवातिया 5 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-5---मुक्तक---डी के निवातियाँ जान लीजिये आज मेरा ठिकाना आपके संग में है वक़्त बिताना दिलबरों की नजरो का नूर हूँ मैं दुश्मनो की नजरो का निशाना !! ! ! ! @@@__डी के निवातियाँ__@@@ Hindi · मुक्तक 2 334 Share डी. के. निवातिया 5 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-4---मुक्तक---डी के निवातियाँ क्या करोगे जानकर तुम मेरा ठिकाना मैं ठहरा घुमक्कड़ रिवाजो का दीवाना रहता हूँ सफर -ऐ- जिंदगी में देह संग जाने कब छूट जाये ये मृद आशियाना !! ! !!... Hindi · मुक्तक 277 Share डी. के. निवातिया 4 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-3---मुक्तक ---डी के निवातियाँ अक्सर लोग पूछते है मुझ से मेरा ठिकाना अब किसे बताये कहाँ नही मेरा आशियाना हूँ यारो से दुश्मनो तक के जहन में शामिल ढूंढ लो खुद में, वैसा ही... Hindi · मुक्तक 2 835 Share डी. के. निवातिया 3 Oct 2016 · 1 min read कलयुग की रीत----मुक्तक----डी के निवातियां देख कलयुग की रीत दुनिया भ्रमित होती है नारी का सम्मान नही पूजा देवी की होती है मंदिर में चढ़ते फूल माल दंडवत करे प्रणाम घरो में उनके अक्सर बेटी... Hindi · मुक्तक 478 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read हौड़ में – मुक्तक – डी के. निवातिया क्या मिलेगा दौड़कर तुमको घुड़सवारो सी दौड़ में भुला दोगे खुद ही को दुनिया की इस अंधी होड़ में आना जाना कुछ कर जाना यही जीवन नियति है बेहतर होगा... Hindi · मुक्तक 204 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read दुश्मन की करतूत —डी. के. निवातियाँ देख ली आज फिर से दुश्मन की करतूत वार किया है पीठ पे धोखे से बन यमदूत गीदड़ बन हर्षाये है बहा निर्दोषो का खून हिम्मत हो तो सामने आ... Hindi · मुक्तक 259 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-2—मुक्तक —डी के निवातियाँ अब किस किस को बतलाऊँ अपना ठिकाना सीमा पर रहता हूँ, हर दिशा है आना जाना प्रेम से पुकारते है लोग मुझे कहकर जवान कर्म – धर्म है मेरा इस... Hindi · मुक्तक 1 2 241 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-1—मुक्तक —(डी के निवातियाँ) अक्सर लोग पूछते है मुझसे मेरा ठिकाना मै ठहरा बेघर परिंदा नही कोई आशियाना ठोकरे खाता फिरता हूँ सफर ऐ जिन्दगी में पा जाऊं मंजिल जिस रोज़, वही चले आना... Hindi · मुक्तक 239 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read कीट-पतंगे बात इंसानो की क्या पूछो विस्फोटक बम बनाते है । अपने ही हाथो ख़ुशी से मौत का सामान बनाते है । इनसे तो अच्छा जीवन कीट – पतंगों का होता... Hindi · मुक्तक 299 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read रूहानी लगे तेरे गाँव की गलियां बड़ी रूहानी लगे मिटटी से निकली सुगंध सुहानी लगे चुरा लूँ कुछ लम्हे अगर बुरा न मानो मुझे इनमे कृष्ण राधा की कहानी लगे !! !... Hindi · मुक्तक 438 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2016 · 1 min read गुरु को प्रणाम करे जीवन को साकार रूप प्रदत्त का काम पत्थर से मानव को तराशे दे नगीना नाम कभी मृदुल, कभी कठोर स्वरुप अपनाकर इंसानियत पाठ पढ़ा दे ऐसे गुरु को प्रणाम... Hindi · मुक्तक 2 680 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read निरर्थक हूँ अपनों का चहेता मै निरर्थक सामान की तरह फिर भी आ जाता हु सामने मजबूरियों की तरह जब जरुरत समझी सजा लिया गुलदान की तरह वरना पड़ा रहा किसी... Hindi · मुक्तक 494 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा………१ नशा………१ नशा दौलत का जब सर चढकर बोलता है हर एक शै: को कागजी टुकडो से तोलता है कर देता है कत्ल जहन से सब जज्बातो का इंसानियत को भी... Hindi · मुक्तक 2 510 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………२ नशा……………२ नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की... Hindi · मुक्तक 4 548 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………३ नशा……………३ नशा इश्क का हो तो मुहबब्त से दामन जोडता है, जुबान बंद होती है मगर नजरो से बहुत कुछ बोलता है आबाद हुआ तो ठीक है, वरना इस बेरहम... Hindi · मुक्तक 492 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………..४ नशा……………..४ नशा जवानी का अक्सर होश खो देता है अच्छे – बुरे मे फर्क कि समझ खो देता है भटक जाता इस उम्र में युवा जीवन पथ से बहकर रवानी... Hindi · मुक्तक 1 1 252 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………(5) नशा…………… नशा करना है तो ईश भक्ति का करो मादकता मे क्या रखा है। जिदंगी किसी नेक मकसद से जियो विलासिता मे क्या रखा है । वैसे तो संसार मे... Hindi · मुक्तक 1 467 Share डी. के. निवातिया 19 Jun 2016 · 1 min read फितरत..... इस ज़माने में लोगो कि फितरत की बात क्या कीजे, जो मतलब से बदले मुखड़े उनकी बात क्या कीजे जिनकी आँखों पर पड़ा हो अंधकार रूप का पर्दा, रोशन ह्रदय... Hindi · मुक्तक 588 Share Previous Page 2