अरविन्द राजपूत 'कल्प' Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरा हो कर भी वो पराया है... मेरा हो कर भी वो पराया है। बाहों में गैर की समाया है।। दिल मे रहता जगह नही घर में। हमने कैसा नसीब पाया है।। ज़ख्म हमने छुपा लिए अक्सर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 290 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदगी का निशान बाक़ी हैं.... जिंदगी का निशान बाकी हैं। मुझ में अब भी तो जान बाकी है।। हौसलों की उड़ान बाकी है। नापने आसमान बाकी है।। हार तो हम गये बहुत पहले। झूठ तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 421 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Apr 2020 · 1 min read कविता:- कोरोना महामारी है.... कविता:- “कोरोना महामारी है” ✍ अरविंद राजपूत ‘कल्प’ सारे जग में फैल चुकी ये, कोरोना महामारी है। फैल रही जो छुआछूत से, ऐ संक्रामक भारी है।। दहलीज न पार करो... Hindi · कविता 339 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल- वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी... वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी। जो पास देखा मुझको तो उदास हो गई।। लो घर की मुर्गी घर में आज ख़ास हो गयी।। थी कड़वी नीम जैसी वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 255 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल:- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो... ग़ज़ल- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो। प्यार हम पर ही क्यों लुटाते हो।। कह न पाओ जुबां से दिल की लगी। खीज़ हम पर निकाले जाते हैं।। जानी दुश्मन समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है... मुसलसल ग़ज़ल:- सरिता-साहिल और सागर कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है। साहिल की रुकना मजबूरी रहती है।। एक कदम ना साथ चले साहिल उसके। दर्द जुदाई सरिता घटघट सहती है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी... जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी। इश्क़ की लबों पे इक़, प्यास बन गई होगी।। सर्दी धूप बारिश की, मौसमी बहारों में। आशिक़ी ही क़ुदरत का, रास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल;- क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे... क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे। घर की बिजली को बुझा दीप जलाने होंगे।। ताली थाली को बजा ध्यान जगत का भटके। अपनी नाकामी छुपाने के बहाने होंगे।। सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 254 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी... मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी। दिलवर की कही बात, सबक बनके रहेगी।। हाँथो की लकीरों में, नहीं नाम तुम्हारा। तेरी कमी तो दिल मे कसक बनके रहेगी।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 355 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी... वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी। यादों में तो हर बात, सबक बनके रहेगी।। गिनती में भले चार, मग़र स्वाद हमीं से। आंटे में नमक की ही, चमक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- नग़मे वफ़ा के गाएंगे... नग़मे वफ़ा के गाएंगे। हम तुम जब मिल जाएंगे।। मुश्किल है जिंदा रहना। बिन तेरे हम मर जायेंगे।। मिलना जुलना बंद हुआ। हम कैसे रह पायेंगे।। रहे सलामत घर तेरा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- पेड़ बड़ा हो इतराये... पेड़ बड़ा हो इतराये। देख जड़ों को शरमाये।। अपनों से डर लगता है। गैरों से कब घबराये।। अक़्सर झुक कर चलते हम। सर न फ़लक से टकराये।। सागर सहम गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 437 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read कोरोना गीत:- दुनिया भर में है रोना... दुनिया भर में है रोना। कोरोना बस कोरोना।। लाइलाज है बीमारी। दुनिया की ये लाचारी।। बचने की रख तैयारी। धीरज मत अपना खोना।। कोरोना... सर्दी खाँसी हो जाये। फीवर भी... Hindi · गीत 269 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो बेहद हठधर्मी थी... वो बेहद हठधर्मी थी। या उसकी बेशर्मी थी।। हमबिस्तर थी वो मेरे। तो सर्दी में गर्मी थी।। बहशीपन था आँखों में। पर साँसों में नरमी थी।। अकड़ मकड़ सब टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- राख को बारूद कर आतिश न कर... राख को बारूद कर आतिश न कर। यूँ ज़रा सी बात पर नाज़िश न कर।। हूॅं अभी मैं पारदर्शक काँच ही। बन न जाऊॅं आइना पॉलिश न कर।। अक़्ल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें... नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें। रोज महफ़िल में नये शे’र सुनाने होंगे।। कुछ रदीफों से नहीं काम चलेगा अपना। जाब़िया नेक नये क़ाफिये लाने होंगे।। रखे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 257 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Mar 2020 · 1 min read विवाह गीत- धरती अम्बर का, आज हुआ संगम... धरती अम्बर का, आज हुआ संगम। खुशियाँ ही खुशियाँ, ख़ुशियों का आलम।। =◆=●=◆=●=◆=●=◆=●=◆=●=◆= घोड़े पर है दूल्हा, बाराती मस्तमगन। समधी के स्वागत में, बारा है तनमन धन।। बारात पधारी है,... Hindi · गीत 207 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नज़र जहाँ भी दौड़ाई नज़र जहाँ भी दौड़ाई। इक तस्वीर उभर आई।। घर भी तो वीरान हुआ। खो गई घर की रानाई।। मातम पसरा है घर में वापिस आजा सौदाई।। आस पिता की अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 218 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गुलशन में कंगाली है... गुलशन में कंगाली है। माली ही तो जाली है।। अच्छे दिन कब आयेंगे। हर घर में बदहाली है।। भूख मिटेगी कैसे अब। थाली ही तो खाली है।। तांडव हाकिम मचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 536 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- समझो हमको शूल हैं हम... समझो हमको शूल हैं हम। इस गुलशन के फूल हैं हम।। मज़हब जाति में मत बांटो। भारत के अनुकूल हैं हम।। प्यार मोहब्बत भूल गये। लड़ने में मशगूल हैं हम।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बात जुबा से रहने दो... बात जुबा से रहने दो। आँखों को ही कहने दो।। मैल अगर मन का जाये। आँसू झर-झर बहने दो।। मिलने का सुख मिला नही। दर्द-ए-जुदाई सहने दो।। ठौर-ठिकाना पता नही।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 271 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े... सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े। जो छुप गये थे माद में सारे निकल पड़े।। दम भूख से निकल गया इक़ बदनसीब का। उसकी रसोई करने को सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए... जिसमें हो रूहानियत ऐसी कहानी चाहिए। शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए।। प्यार करने, के लिये फिर से ज़वानी चाहिए। रात हो गुलज़ार ख़ुशबू रात-रानी चाहिए। मौज़-ए-रानाई फरिश़्ता ख़ूबसूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 707 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम... पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम। ज़रा ज़रा सी ख़ुशी है ज़रा ज़रा सा ग़म।। मिली ख़ुशी या मिला ग़म, अज़ीब है दरहम। विदा का ज़ख्म तो साजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 482 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नित नये आयाम की तैयारी रख... नित नये आयाम की तैयारी रख। जीत लेगा जंग अपनी जारी रख। पक गये हैं बाल तो पक जाने दे। दाड़ी छुलवा मूछ अपनी कारी रख।। पैर काँपे सर हिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 302 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- युग युगों तक जो सुनें जग वो कहानी चाहिए। युग युगों तक जग सुनें ऐसी कहानी चाहिए। जो रहे अक्षुण हमेशा वो जवानी चाहिए।। दोस्त हमको कर्ण जैसा देहदानी चाहिए। दुश्मनी भी राम-रावण सी निभानी चाहिए।। मत चखो अमरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 312 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Feb 2020 · 1 min read अभिनन्दन *अभिनन्दन* बनी दुल्हन मेरी बेटी, प्रभु की मेहरबानी है। किशन राधा सी ये जोड़ी, ये पावन है सुहानी है।। मिलन अम्बर धरा का है, ख़ुशी से झूमती दुनिया। सुलक्षण है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 350 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं... भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं। विज्ञानी आज वेदों, में ज्ञान ढूँढते हैं।। माँ-बाप मत विसारो, भगवान हैं धरा पर। क्यों लोग पत्थरों में, भगवान ढूँढते हैं। जिनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ... क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ। दुनिया की हर बला का मैं ही इक़ निदान हूँ।। अस्तित्व में सिफ़र हूँ, ज़माना ये मानता। मत शून्य मुझको समझो , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 552 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये... वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये। मंज़िल थी आसमां पे ज़मीं पर अटक गये।। ऐ सोच कर बुज़ुर्ग है करते रहे अदब़। बच्चों सी करते हरक़तें वो क्या सटक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- दिल में मिलन की आस रहने दो... दिल में मिलन की आस रहने दो। सूखे लबों पे प्यास रहने दो।। वो तेरा है तू उसका है सच है। छोड़ो उसी को खास रहने दो।। जब भूख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 511 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर... रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर। बसा के दिल मे किराया बसूलते अक़्सर। क़दम-क़दम पे जिसे खुशियां मिली जन्नत सी। ज़रा ज़रा से ग़मों में वो कूल्हते अक़्सर।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में। बदन महकता पसीने से ही नहाने में।। बहाते खून पसीना महल बनाने में। लगे हैं लोग वहीं झुग्गियां जलाने में।। ज़मने भर की ख़ुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं... तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं। कि जिनको प्यार का हम आसरा बनाते हैं।। बुला के पास हमें ख़ुद ही दूर जाते हैं। ख़ुदा के वास्ते इल्जाम ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 193 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं... मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं। ज़रा सी बात पे शमशीर खींच लेते हैं।। दिखावा करते रहे रात भर अकेले में। भरी सभा में ही तौक़ीर खींच लेते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 232 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खुद पर ही शर्मिंदा हैं.. ख़ुद पर ही शर्मिंदा हैं। आज तलक क्यों जिंदा हैं।। कालख मुहँ पर पोत रखी। फ़िर भी हम ताबिंदा हैं।। ठौर-ठिकाना पता नहीं। हम दिल के वाशिंदा हैं।। भूल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 244 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला... लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला। कि दाग़ों ने ही मुझे लाज़वाब कर डाला।। जलो न मुझसे मेरे यार मैं तो छोटा हूँ। तेरी जलन ने ही तो आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 205 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल - जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं.... जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं। वही दवा के बहाने ज़हर पिलाते हैं।। दिखा के ख़्वाब-ए-ख़ुशी ग़म परोस जाते हैं। शिकारी ज़ाल मे अपने हमें फँसाते हैं।। पहाड़ लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गमों की रात है काली घना अंधेरा है.. ग़मों की रात है काली घना अंधेरा है। इसी के बाद ख़ुशी का नया सबेरा है।। ये तेरी भूल है नादा कि चाँँद तेरा है। हरेक बाम़ पे अब चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 244 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ.. तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ। नाम तेरे दिल की ये जागीर कर दूं।। गर मुहब्बत तू करे मुमताज़ बनकर। आशिक़ी में ताज़ भी तामीर कर दूँ।। इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 305 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हो रहा बदनाम तो अब होने दो... हो रहा बदनाम तो अब होने दो। होगी चर्चा आम तो अब होने दो।। हार कर घर बैठने से तो अच्छा है हो रहा जो काम तो अब होने दो।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 343 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Jan 2020 · 2 min read कविता- नेता जी की बंडी हो गये... नेता जी की, बंडी हो गये झण्डे वाली, डंडी हो गये खरपतवार हुए सरकारी तुम सारे, पाखंडी हो गये। नेता जी की... नाम बदल लो, जात बदल लो वक्त पड़े... Hindi · कविता 4 458 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- इस क़दर नैना कटीले हो गये... इस क़दर नैना कटीले हो गये। अधपके से फ़ल रसीले हो गये।। आपसे तो कुछ कहा हमने नही। आप क्यों गुस्से में पीले हो गये।। बेअसर काँटे हुये अब शर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read हर सीजन के फल लगते हो हर सीजन के फल लगते हो निर्मल गंगा जल लगते हो तुम्हें समझते लोग बुढापा तुम आने वाले कल लगते हो। पार कर गये उमर बाप की टपक रही क्यों... Hindi · कविता 301 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Dec 2019 · 1 min read ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? *1* झूठ को सच बनाने की मशीन आ गई है। जनता में भ्रम फैलाने की मशीन छा गई है।। हर कोई इसका दीवाना है हर... Hindi · कविता 282 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- आज सब का हिसाब कर दूँगा... आज सब का हिसाब कर दूँगा। सबको मैं बेनकाब कर दूँगा।। है गुमा जिनको इल्म पर अपने। उनको मैं लाजबाब कर दूँगा।। मुझको कमतर न आंकिये साहिब। जुगनू को आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 239 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Dec 2019 · 1 min read हज़ल- गप्पों में मेरी दर्शक तल्लीन हो गए हैं गप्पों में मेरी दर्शक तल्लीन हो गए हैं। दारू के साथ वाला नमकीन हो गये हैं।। उतरा नशा तुम्हारा ठुमकों का यार कब से। कविता के आज सारे शौकीन हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- आप काटोगे वही जो कभी बोया होगा। एक ताजातरीन ग़ज़ल आपकी नज़र?? बह्रे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन 2122 1122 1122 22 आप काटोगे वही जो कभी बोया होगा।। आज मिलता भी वही जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 200 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे। तोड़ कर इतने दिलों को क्या करोगे।। एक घर अपना सम्हलता है नही तो। जीत कर सारे किलों को क्या करोगे।। बाँट कर हिंदू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 434 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल:-तुम हमारे हम तुम्हारे हो गए हैं आज से... तुम हमारे हम तुम्हारे हो गए हैं आज से। एक दूजे के सहारे हो गये हैं आज से।। मिल गईं खुशियां हमें अब कष्ट सारे मिट गए। दुःख भरे पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share Previous Page 2 Next