अरविन्द राजपूत 'कल्प' Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले... मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले। हुआ अवसान दिनकर का सवेरा ढूॅंढने निकले।। घरौंदे को जो ठुकरा कर उड़े थे आसमानों में। परिंदे सांझ होते ही बसेरा ढूॅंढने निकले।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 431 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हो गया सो हो गया हम क्या करें... हो गया सो हो गया हम क्या करें। खो गया तो खो गया हम क्या करें।।। रात भर जागा तो दिन में सो गया। सो गया तो सो गया हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 518 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके... रोशनी देता है सूरज को शरारा करके छीन भी लेता है बस एक इशारा करके दूर मत भाग कभी रब से किनारा करके चमका देगा तुझे इक़ रोज सितारा करके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 408 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो... मैं ज़मीं प्यासी मेरे अंबर तुम्हीं हो हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो प्यार की इक़ बूंद तुम सागर तुम्हीं हो दिल के अंदर भी तुम्ही बाहर तुम्हीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 426 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए... क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए। क़ुदरत न बदली आपके तेवर बदल गए।। सबका मक़ाम एक है क्यों घर बदल गए। बदले न रूह ऐ कभी पैकर बदल गए।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 374 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना... भूला नहीं हूॅं कुछ भी, सब याद है पुराना। जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना।। पिंजरा बदल बदल कर, चिड़िया फुदक रही है। नादां समझ न पायी, सय्याद है पुराना।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 379 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो... जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो। मर न जाऊं जब तलक मैं उस खुशी तक ले चलो।। नींद गहरी मिल सके ग़र तीरगी तक ले चलो। ज़िन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 446 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना... कभी तू ख़्वाब में आकर नज़र मिला लेना। नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना।। नज़र सभी से चुरा कर नज़र मिला लेना। ऐ चश्म-ए-नाज़ उठा कर नज़र मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ.... सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ। अपने ही जैसा कल्प दोबारा नहीं हुआ।। आया था अकेला तू अकेला ही जा रहा। ख़ुद के सिवाय कोई सहारा नहीं हुआ।। इक़ वार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके... आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके। अब बसर होता नहीं साथ गुज़ारा करके।। जीत लेना मुझे बस एक इशारा करके। छोड़ती रंगे धनक आंख हजारा करके।। आग बुझ जाएगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:-खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में... खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में। दिन के हिस्से में गया सूरज तभी ख़ैरात में।। तप रहा उसका बदन जैसे शरारा आग का। हो सितारों से अलग आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी... मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। सज़ी महफ़िल यहां आख़िर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। ज़मा साहित्य के साहिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। हसीं महफ़िल बड़े शाइर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। नज़र पैनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 492 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब... तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब। मेरे ईमान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब।। किये ऐलान की ख़ातिर मिले अनुदान की ख़ातिर। हुए नुक़सान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे... ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे मंज़र हसीन दिल का वो पहरा लगा मुझे क़ातिल निगाह उसकी मेरा क़त्ल कर गई मासूम फिर भी यार का चेहरा लगा मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़रिये देखने के गर बदल गये होते... नज़रिये देखने के गर बदल गये होते। दिलों की बात क्या पत्थर पिघल गये होते।। ज़रा सा तुम भी जो पीछे पिछल गये होते। लगा के सीने से हम भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे... हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे। हमारे दिल की हसीं वादियों में तुम ही थे।। हमारे हुस्न की रानाईयों में तुम ही थे। हमारी आंख की बीनाईयों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 267 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन... हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन। हमारी जान ही ले कर निकल गए साजन।। हमारी हड्डियों का चूरमा बना डाला। समझके हमको तो गद्दा उछल गये साजन।। समझ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 449 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Jan 2022 · 1 min read @ग़ज़ल:- .. मत दिखाओ आंखें अपनी असलियत तो पूछ लो। जाओ बेटा घर में अपनी हेसियत तो पूछ लो।। जिनके दम पर हो फुदकते ले रहे किलकारियां। अपने आकाओं से उनकी खैरियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा... शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा। सोना बन पीतल खरा होने लगा।। मुफ़लिसी में छोड़ देते थे कभी। अब निमंत्रण भी झरा होने लगा।। कैसे जिंदा हम रहेंगे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 455 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2021 · 1 min read आध्यात्म गीत-व्यापक हूं आकाश समाना... अमृत रूपी ज्ञान हूं, आत्म जनित सुप्रकाश। व्यापक हूं सर्वत्र मैं, समरस ज्यों आकाश।।१।। हूं मैं अजन्मा कारण हीना। मैं निर्धूमा मैं मलहीना।। बिन दीपक प्रकाश है मेरा। यत्र तत्र... Hindi · गीत 1 425 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2021 · 2 min read कल्प अध्यात्म: जीवन मुक्त गीता.... जीवन मुक्त गीता श्री, दत्तात्रेय उचार।। करहिं सरल रुपांतरण, कल्प मंदमति धार।। वेदांत सार सद्गुरु कहें, सहज सुबोध स्वरूप। ब्रह्म जीव एकत्व है, सम्यक रूप अनूप।। देह बुद्धि आसक्तिन भारी।... Hindi · गीत 1k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Nov 2021 · 4 min read गीत:- गोविंद भजो..... गोविंद भजो, गोविंद भजो, गोविंद भजो, हे मूढ़ मते। गोविंद जपो, गोविंद रटो, गोविंद से प्रेम करो पगले।। जब मौत हमारी आयेगी, रह जायेंगे सब नियम धरे। गोविंद भजो, गोविंद... Hindi · गीत 568 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 13 Oct 2021 · 1 min read दोहे:- मानसिक कुंभ स्नान फल गंगा जमुना सरस्वती, रेवा क्षिप्रा स्नान। कावेरी गोदावरी, सप्त सरित धर ध्यान।।१।। हरि प्रयाग नासिक सहित, उज्जैनी कुंभ भराय। मन ईश धरे स्नान कर,शाही कुंभ फल पाय,।।२।। पावन पुण्य पवित्र... Hindi · दोहा 393 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल- भुला दूं कैसे... भुला दूं कैसे भला प्यारी झप्पियां उसकी। सदाएं बनके खनकती है चूड़ियां उसकी।। गिनाऊं कैसे जमाने को खूबियां उसकी। हैं याद आती बहुत ही वो मस्तियाँ उसकी।। सुकूं मिला था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 389 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Aug 2021 · 1 min read गीत:- माॅं..… जब भी तेरा मुझे स्मरण हो गया आंसुओं से तभी आचमन हो गया दर ब-दर खोजता हूॅं इधर और उधर क्यों न मिलती मुझे छुप गई तू किधर पागलों सा... Hindi · गीत 1 479 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Aug 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया... आता चुनाव देख शिलान्यास हो गया। गंजे के सर पे केश का विन्यास हो गया।। उड़ते थे हम गगन में घरौंदों से मुक्त थे। पिंजरे में कैद करके पुनर्वास हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया... अजीब वाक़या तफ़्तीश मे नज़र आया मेरे ही क़त्ल का इल्ज़ाम मेरे सर आया अभी तो साॅंझ के पल्लू से बाॅंध कर आया फलक पे शम्स़ ऐ कब दूसरा उभर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 319 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Aug 2021 · 1 min read मित्र हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मित्र रहा होगा। कर्णवीर सम देहदान का भाव पवित्र रहा होगा।। जिसका मन निर्मल पावन और शील चरित्र रहा होगा। दिल में उसके... Hindi · मुक्तक 2 587 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- दे मौला.... ऐ भूत मज़हबी सर से उतार दे मौला मेरे वतन में भी चैनो-बहार दे मौला उबाऊ जिंदगी से अब उवार दे मौला जो एक पल दे मग़र यादगार दे मौला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 381 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अक़्सर.... खुश़्बुओं पर मैं लपक जाता हूॅं अक़्सर।। राह से अपनी भटक जाता हूं अक़्सर। मिल गया चुनने अगर दाना कहीं तो। मैं परिंदों सा चहक जाता हूं अक़्सर।। एक पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल :- कल्प' अभी भी बाक़ी है... हारो नहीं विकल्प अभी भी बाक़ी है। जीतोगे संकल्प अभी भी बाक़ी है।।। जिंदा रहूंगा इस दुनिया से जाकर मैं। मेरा ये संकल्प अभी भी बाक़ी है।। ख़त्म हुए सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 574 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल- इश़्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब... फूल ख़ारों में न पड़िए कल्प साहिब। गुल बहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। ख़ुद-ब-ख़ुद ही शख़्शियत देती गवाही। इश्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब।। इक़ अकेला शम्स काफी आसमां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 335 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- पिता मिट न जाये छांव मेरी धूप में चलता रहा। क़द बड़ा हो जाए उसका सूर्य सा ढलता रहा।। ये अंधेरा कब निगल ले प्यारी सी परछाईं को। रात भर इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 358 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सयाने हो गये... ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सियाने हो गये… दर-ब-दर, हम बे-ठिकाने हो गये। अपने बच्चे अब सयाने हो गये।। खंडहर से हम पुराने हो गये।। थे महल अब भूतखाने हो गये।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 414 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Jul 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- क्या रक्खा है... कलियों का मकरंद पिया तो, क्या रक्खा है फूलों में बाहों में जब झूल लिया तो, क्या रक्खा है झूलों में।। आज़ाद गगन के पंछी को, बंधक बन रहना ठीक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 311 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:-हर इक़ दिल में तिरंगा रचा-बसा होता.... किसी को सच का सही में अता पता होता। ख़ुदा न आदमी का यूं ज़ुदा-ज़ुदा होता।। हमारा मुल्क़ न टुकड़ों में यूं बटा होता। न मेरे मुल्क़ का नक़्शा कटा-छटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 490 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Jul 2021 · 1 min read @ग़ज़ल:- वब़ा नहीं ये सियासी ज़ुकाम लगता है... यूॅं राजनीति में तो साम दाम लगता है। छुपाने ऐब उसे तामझाम लगता है।। जहां की नीम में जामुन या आम लगता है। वहां के वाग का किस्सा तमाम लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 344 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jul 2021 · 1 min read कविता- नैना ?️ *नैना* ?️ ✍ *अरविंद राजपूत 'कल्प'* सुंदर और सजीले नैना नट-खट और हटीले नैना करें शिकार शिकारी बन के छल-बल छैल छबीले नैना सुरा-सुंदरी से भी बढ़कर है मदमस्त... Hindi · कविता 923 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया... तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया। तनक़ीद करने वाला गुनहगार हो गया।। सच बोलना पसंद किसी को नही यहाँ। तारीफ़ झूठ-मूठ ही उपहार हो गया।। आभासी फेसबुक पे चलन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 553 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Nov 2020 · 1 min read #ग़ज़ल- #वो_चाहता_है कि मैं उसको अब #मुआफ़ करूँ... वो चाहता है कि मैं उसको अब मुआफ़ करूँ। ख़ुद अपने क़त्ल के ही ख़ून को मैं साफ़ करूँ।। रहें ये राज़ सदा राज़ अब नही मुमकिन। घुमाफिरा के नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Oct 2020 · 1 min read #ग़ज़ल:- दे नशा भरपूर मेरी शाइरी... दे नशा भरपूर मेरी शाइरी। ग़म से रक्खे दूर मेरी शाइरी।।1 मयकशी भी जब असर करती न हो। तब करे मख़मूर मेरी शाइरी।।2 फ़लसफ़ा हर शे'र में भरपूर हैं। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 588 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Oct 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खोटे सिक्के अब चलन में चल रहे हैं... खोटे सिक्के अब चलन में चल रहे हैं। झूठ के परिवेश में सब ढल रहे हैं।। डस रहें हैं साँप बन कर वो मुझे ही। आस्तीनों में जो मेरी पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 355 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Aug 2020 · 1 min read दोहे:- निर्वानाष्टकं 1⃣ मन मेधा मद मैं नही, नाहि चित्त विधान। जीभ नासिका नयन नही, न स्रोता न कान।। न नभ न बसुधा अगन, न वायु जल जान। मैं ही अनादि चेतना,... Hindi · दोहा 1 535 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Aug 2020 · 2 min read #नर्मदा_कल्प_स्तुति हिरणन्यतेजा शिवप्रिया, उदयाचला मां नर्मदा। है अमर जो प्रलय में भी 'कल्प' कोटि सर्वदा।। मेकलनंदनी जनमनरंजनी नर्मविनोदनी माँ रेवा। पर्वतवासिनी विंध्यनिवासिनी मगरविराजनी माँ रेवा।। सन्तन पालनी तीर्थ गामनी शैलविदारणी माँ... Hindi · गीत 4 13 781 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Jul 2020 · 2 min read शिव-ताण्डव स्तोत्रम हिंदी में- ॐ नमः शिवाय ?ॐ~शिव-ताण्डव स्तोत्रम हिंदी में~ॐ? 1⃣ जटा-लटा प्रवाहिते, सघन वने प्रभेदना, गले भुजंग माल को, प्रक्षालती प्रवेगना। डमड्-डमड् निनाद से, प्रचण्ड ताण्डवा करे, शिव: हरे शुभंकरे, शुभम करो सदाशिवा।। 2⃣ सघन... Hindi · गीत 2 4 636 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Jul 2020 · 1 min read अष्टांग-दोहे ?⚪️अष्टांग दोहे ?⚪️ तन मन प्राणन शुद्धता, परम् योग अष्टांग। जीवन सफल बनाइये, कर गुरु को शाष्टांग।। यम नियम अरु वासना, प्राणा प्रत्याहार। धारणा, ध्यान, समाधि से, हो जाये भव... Hindi · दोहा 1 5 776 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे... आसरा जब दिया बाजुओं ने मुझे। गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे।। इक़ बहम था कि मैं टूट सकता नहीं। रात पिघला दिया आँसुओं ने मुझे।। था अँधेरा समेटे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 350 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :-दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ... दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ। हाल संताप का समझता हूँ।। जल रहा जिस विरह की वेदी पर। फल तेरे श्राप का समझता हूँ।। ज़िंदगी हो गई जहन्नुम सी। कर्ज उस पाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 324 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है... क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है। ये आसमाँ तेरा कोई आधार नही है।। इक शम्स चमकता है अकेला ही फ़लक में। मत भूल उसी शम्स का इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 379 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- आसमाँ को जमीं पे लायेंगे... आसमाँ को जमीं पे लायेंगे। एक दिन हम ये कर दिखायेंगे।। रस्म-ए-उल्फ़त सदा निभायेंगे। बीज नफ़रत का हम मिटायेंगे।। जल रहे लोग जो भी नफरत से। प्रेम का हम सबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 273 Share Page 1 Next