sushil sarna 1175 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 17 Next sushil sarna 15 Mar 2024 · 1 min read हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता । हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता । हर अश्क बेज़ुबाँ नहीं होता । गुलो, बच के रहना ज़माने में - हर शख़्स, पासबाँ नहीं होता। सुशील सरना Quote Writer 124 Share sushil sarna 15 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया राहें जीवन की बड़ी, होती हैं दुश्वार। एक छोर पर जिंदगी ,एक छोर भव पार। एक छोर भव पार, यहाँ सब बिखरे सपने । हर पल दें आघात ,... 31 Share sushil sarna 15 Mar 2024 · 1 min read तन तो केवल एक है, तन तो केवल एक है, मन क्यों कई हजार । मन में मन की कल्पना, मन करता साकार ।। सुशील सरना / 15-3-24 Quote Writer 180 Share sushil sarna 15 Mar 2024 · 1 min read कैसे प्रियवर मैं कहूँ, कैसे प्रियवर मैं कहूँ, विरही मन की बात । तुम बैठे परदेस मैं , जागूँ सारी रात ।। सुशील सरना / 15-3-24 Quote Writer 173 Share sushil sarna 15 Mar 2024 · 1 min read लवली दर्शन(एक हास्य रचना ) .... लवली दर्शन(एक हास्य रचना ) .... इंजर्ड नयनों की अभिलाषा वन्स मोर हुई जाए काहे विंडो बंद करो प्रिय ये दूरी सही न जाए स्पीड ब्रेकर न देखा हमने फुल... 94 Share sushil sarna 14 Mar 2024 · 1 min read ईश ...... ईश ... नैनों के यथार्थ को शब्दों के भावार्थ को श्वास- श्वास स्वार्थ को अलंकृत करता कौन है वो ईश तो मौन है रिश्तों संग परिवार को छोरहीन संसार को... 144 Share sushil sarna 14 Mar 2024 · 1 min read अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात । अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात । अधर समागम यूँ हुआ, मचल गए जज़्बात । अधरों की मनुहार का, अजब हुआ परिणाम - अधर द्वन्द्व देते रहे, अधरों... Quote Writer 121 Share sushil sarna 14 Mar 2024 · 1 min read अर्थ उपार्जन के लिए, अर्थ उपार्जन के लिए, हम भटके हर द्वार । ऐड़ी घिस- घिस थक गए, हुआ नहीं उद्धार ।। सुशील सरना / 14-3-24 Quote Writer 117 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read रोला छंद :- रोला छंद :- धड़की बन कर याद , सुहानी वो बरसातें । दो अधरों की पास, सुलगती दिल की बातें । अनबोली वो बात, प्यार का बना फसाना । धड़के... Quote Writer 148 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत । कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत । दम्भ युवा का बन गया, नव युग का संगीत ।। सुशील सरना / 13-3-24 Quote Writer 100 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read बहुत बहुत गहरे होते हैं अपनों से मिली चोट के निशान सुशील सरना / 13-3-24 Quote Writer 99 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read मन में मदिरा पाप की, मन में मदिरा पाप की, तन व्यसनों का धाम । कैसे ऐसे जीव की, भली करेंगे राम ।। सुशील सरना / 13-3-24 Quote Writer 135 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास । रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास । नैन ढूँढते नैन में, तृषित हृदय मधुमास । अन्तस के सम्बंध हैं , अनबोले अनुराग - मौन व्यथा का चरम है... Quote Writer 160 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read कौन गया किसको पता , कौन गया किसको पता , यह जग बहता नीर । कुछ पल चलते साथ सब, फिर बन जाते तस्वीर ।। सुशील सरना / 13-3-24 Quote Writer 196 Share sushil sarna 13 Mar 2024 · 1 min read आज सभी अपने लगें, आज सभी अपने लगें, कल की जाने राम । जी लो जी भर साँस फिर, कब ले ले विश्राम ।। सुशील सरना / 13-3-24 Quote Writer 114 Share sushil sarna 12 Mar 2024 · 1 min read ग़ज़ल - याद आयेगा हमें ..... याद आयेगा हमें ..... जान ले लेगा हमारी मुस्कुराना आपका इस गली का हर बशर अब है दिवाना आपका बारिशों में बाम पर वो भीगती अगड़ाइयाँ आँख से जाता नहीं... 68 Share sushil sarna 12 Mar 2024 · 1 min read आँख मिचौली जिंदगी, आँख मिचौली जिंदगी, करती है दिन-रात । सुख का झूठा आवरण , अक्सर दे आघात ।। सुशील सरना / 12-3-24 Quote Writer 106 Share sushil sarna 12 Mar 2024 · 1 min read डर .... डर .... डर लगता था गुज़रते हुए मरघट से मुझे शायद होता जा रहा था पुरातन मैं हर घड़ी सुशील सरना/12-3-24 Quote Writer 115 Share sushil sarna 12 Mar 2024 · 1 min read पुष्पों का पाषाण पर, पुष्पों का पाषाण पर, अनुपम है विन्यास । पतझड़ में क्रीड़ा करे , पत्थर पर मधुमास ।। सुशील सरना / 12-3-24 Quote Writer 98 Share sushil sarna 11 Mar 2024 · 1 min read आँसू छलके आँख से, आँसू छलके आँख से, जब-जब आई याद । अंतस के हर दर्द का , खूब हुआ अनुवाद ।। सुशील सरना / 11-3-24 Quote Writer 1 100 Share sushil sarna 11 Mar 2024 · 1 min read कब टूटा है कब टूटा है आसमान से चाँद टूटते तो तारे हैं अतृप्त अभिलाषाओं के दिल के आसमान से सुशील सरना / Quote Writer 1 105 Share sushil sarna 11 Mar 2024 · 1 min read मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास । मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास । तृप्ति तीर पर सर्वदा, उसको मिलती प्यास । मरीचिका सी जिन्दगी, आभासी अनुबंध - सुख पाने के अन्त में, होते व्यर्थ... Quote Writer 1 150 Share sushil sarna 11 Mar 2024 · 1 min read पोषित करते अर्थ से, पोषित करते अर्थ से, हम अपना अभिमान । मिट्टी के प्रासाद को, समझें अपनी शान ।। सुशील सरना / 11-3-24 Quote Writer 1 107 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read मन की परतों में छुपे , मन की परतों में छुपे , मन के कितने भेद । बस मन ही यह जानता , उसमें कितने छेद ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 107 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बचपन तो नटखट बड़ा, होता है शैतान । घर में इसका बचपना, ले आता तूफान । ले आता तूफान , इसे तो मस्ती सूझे । कोई इसकी बात, बड़ी... Quote Writer 1 137 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read इस जग में है प्रीत की, इस जग में है प्रीत की, दर्द भरी तासीर । बेचैनी दिल को मिले, नैन तटों को नीर । । सुशील सरना / Quote Writer 1 101 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read कहे स्वयंभू स्वयं को , कहे स्वयंभू स्वयं को , माटी का इंसान । मुट्ठी भर अवशेष बस, मैं -मैं की पहचान । सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 135 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read साथ चली किसके भला, साथ चली किसके भला, अर्थ दम्भ की शान। खाक चिता पर हो गई, इंसानी पहचान ।। सुशील सरना 10-3-24 Quote Writer 1 137 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read नश्वर तन को मानता, नश्वर तन को मानता, अजर -अमर परिधान । बस में समझे साँस को, यह दम्भी इंसान ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 120 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read भौतिक युग की सम्पदा, भौतिक युग की सम्पदा, कब देती आराम । अर्थ पाश में जिंदगी , भटके चारों याम ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 2 153 Share sushil sarna 10 Mar 2024 · 1 min read कर्मों के परिणाम से, कर्मों के परिणाम से, गाफिल क्यों इंसान । ऐसे जीता जिंदगी, जैसे हो भगवान ।। सुशील सरना / 10-3-24 Quote Writer 1 86 Share sushil sarna 9 Mar 2024 · 1 min read नैनों के अभिसार ने, नैनों के अभिसार ने, रचा प्रणय संसार । मौन व्योम को तोड़ कर, ध्वनित हुए स्वीकार ।। सुशील सरना/9-3-24 Quote Writer 174 Share sushil sarna 9 Mar 2024 · 1 min read बातों - बातों में छिड़ी, बातों - बातों में छिड़ी, फिर कुछ ऐसी बात । पर्दा बेपर्दा हुआ, मचल गए जज़्बात । । सुशील सरना / Quote Writer 98 Share sushil sarna 9 Mar 2024 · 1 min read काम क्रोध मद लोभ के, काम क्रोध मद लोभ के, मन छलनी में छेद । वेद मौन इस प्रश्न पर, मन के कितने भेद ।। सुशील सरना / 9-3-24 Quote Writer 207 Share sushil sarna 9 Mar 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . नारी दोहा पंचक. . . नारी नर नारी से श्रेष्ठ है, हुई पुरानी बात । जीवन के हर क्षेत्र में, नारी देती मात ।। नर नारी के बीच अब, नहीं जीत... 51 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read हिन्दी पर हाइकू ..... हिन्दी पर हाइकू ..... हिन्दी में बात अग्रेजी अनुवाद वक्त बर्बाद अपनी हिंदी हिन्दुस्तान का ताज विश्व को नाज अपनी भाषा पर भाषा से प्यारी अंग्रेजी हारी सुशील सरना / Quote Writer 1 137 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read जाने के बाद ....... जाने के बाद ... लघु रचना गुज़र गयी एक आंधी तुम्हारे स्पर्शों की मेरी देह की ख़ामोश राहों से समेटती हूँ आज तक मोहब्बत की चादर पर वो बिखरे हुए... 85 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read छल ...... छल ...... कल फिर एक कल होगा भूख के साथ छल होगा आशाओं के प्रासाद होंगे तृष्णा की नाद होगी उदर की कहानी होगी छल से छली जवानी होगी एक... 105 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read अजब तमाशा जिन्दगी, अजब तमाशा जिन्दगी, करती है दिन-रात । थोड़ी सी देती खुशी, ढेरों दे आघात ।। सुशील सरना Quote Writer 1 121 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read रोला छंद रोला छंद साबुन बचा न शेष, देह काली की काली । पहन हंस का भेष , मनाये काग दिवाली । नकली जग के फूल, यहाँ का नकली माली। सत्य यहाँ... Quote Writer 151 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read बूढ़ी माँ ..... बूढ़ी माँ ... अपनी आँखों से गिरते खारे जल को अपनी फटी पुरानी साड़ी के पल्लू से बार- बार पौंछती फिर पढ़ती गोद में रखी रामायण को बूढ़ी माँ व्यथित... 110 Share sushil sarna 8 Mar 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . दोहा त्रयी. . . . आक धतूरे से करें, भोले का शृंगार । जयकारों से गूँजता, भोले का दरबार । । शिव की माया का भला, किसने पाया पार ।... Quote Writer 270 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read याद में याद में हो जाएंगी नमनाक नज़रें खुल जाएँगे राज़ तमाम शब के तुमने जो उठाई नजरें अपनी सुशील सरना / 7-3-24 Quote Writer 118 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । कर्मों के अनुसार ही, भोगे वो परिणाम । काम क्रोध मद लोभ में, भूल गया इंसान - हर अभिमानी की यहाँ,... Quote Writer 178 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read चाँदनी ..... चाँदनी ,,,,,,, चमकने लगे हैं केशों में चाँदी के तार शायद उम्र के सफर का है ये आखिरी पड़ाव थोड़ा जलता थोड़ा बुझता साँसों का अलाव क्षितिज पर साँझ की... 97 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read मनवा मन की कब सुने, मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । कर्मों के अनुसार ही, भोगे वो परिणाम ।। सुशील सरना / 7-3-24 Quote Writer 214 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read तृष्णा के अम्बर यहाँ, तृष्णा के अम्बर यहाँ, तृप्ति मात्र आभास । अवगुंठन में तृप्ति के, सिर्फ प्यास ही प्यास ।। सुशील सरना / 6-3-24 Quote Writer 187 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read रात रात हो जाती है लहूलुहान काँटे हिज़्र के सोने नहीं देते तमाम शब सुशील सरना Quote Writer 125 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read मन को समझाने मन को समझाने आई है बादे सबा लेकर वस्ल का पैग़ाम मोहब्बत के दरीचों से सुशील सरना 6-3-24 Quote Writer 161 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read हो गया हो गया गिलास खाली पानी बिखर जाने के बाद फिर भी थी उसमें शेष थोड़ी सी नमीं अनदेखी जिंदगी की सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 110 Share Previous Page 17 Next