Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next Minal Aggarwal 6 Sep 2021 · 1 min read दिल का रिश्ता यह दिल का रिश्ता है कुछ ज्यादा ही करीबी तभी तो आपस में कोई बातचीत नहीं है बस जब देखो रहता है खामोश ही लेकिन थोड़ी सी आहट पाकर इसके... Hindi · कविता 1 282 Share Minal Aggarwal 6 Sep 2021 · 1 min read एक इमारत होती एक एक करके यहां रहने वालों के सबके जनाजे उठ गये एक यह इमारत है जो गुजरते वक्त के साथ खंडहर न हुई कई बार तो मैं फिर सोचती हूं... Hindi · कविता 1 255 Share Minal Aggarwal 6 Sep 2021 · 1 min read यह मेरी परछाई कहां खुद की परछाई है पर यह मेरी परछाई कहां जब मैं ही खुद की अपनी न हुई तो यह मेरी तस्वीर मेरी शक्ल मेरे मन में बजती शहनाई कहां। मीनल... Hindi · कविता 345 Share Minal Aggarwal 5 Sep 2021 · 1 min read ख्वाबों की मंजिल खौफ में हरदम जीने से तो बेहतर है कि मर जायें मरकर शायद वह हासिल हो जाये ख्वाबों की मंजिल मिल जाये जो जीते जी न मिली। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 230 Share Minal Aggarwal 5 Sep 2021 · 1 min read तन्हाई कैसी यह जीवन की राह अकेली उसपर चलता मैं एक राहगीर अकेला मेरी मंजिल भी मेरी राह की तरह तन्हा होगी लेकिन जब मिल जायेंगे हम दो तो फिर तन्हाई कैसी।... Hindi · कविता 342 Share Minal Aggarwal 5 Sep 2021 · 1 min read आस का तारा बहुत याद करा उन्हें पल पल याद करा पर वह लौटकर वापिस मेरे पास नहीं आये लेकिन अपने दिल में पलती आस का तारा कभी तोड़ा नहीं मैंने चाहे तो... Hindi · कविता 368 Share Minal Aggarwal 4 Sep 2021 · 1 min read इस घर में एक दरवाजा दूसरा दरवाजा तीसरा दरवाजा इस घर में सौ दरवाजे हैं लेकिन यह घर मेरे लिये एक कैदखाना है यह सारे दरवाजे दिनभर क्या रात में भी खुले रहते... Hindi · कविता 464 Share Minal Aggarwal 4 Sep 2021 · 1 min read यह घर नहीं इस घर में आने का दरवाजा अलग है बाहर जाने का अलग यह घर नहीं एक सराय है यह किसी मुसाफिर का एक रैन बसेरा है उसके रहने का ठिकाना... Hindi · कविता 301 Share Minal Aggarwal 4 Sep 2021 · 1 min read भीगी भीगी चुनर में भीगी भीगी चुनर में पैबंद लगे और धुल धुलकर साथ की साथ मिटते चले गये वह पैरों में घुंघरू बांधकर नाचती रही और लोग उसकी आंखों में भर भरकर धूल... Hindi · कविता 462 Share Minal Aggarwal 3 Sep 2021 · 1 min read यह बावरा मन सब कुछ अस्थाई है कुछ तो इस जीवन में स्थाई नहीं यह पल भी पलभर में एक गुजरा हुआ पल हो गया मेरे बस में इसके बस में उसके बस... Hindi · कविता 501 Share Minal Aggarwal 3 Sep 2021 · 1 min read यह मौसम भी यह मौसम भी अपने हृदय से निकला एक गीत सुनाते सुनाते कहीं खामोश हो जाता है खुद भी सोच में कहीं पड़ जाता है दूसरों को भी एक गहरी सोच... Hindi · कविता 526 Share Minal Aggarwal 3 Sep 2021 · 1 min read तेरी जन्नत के मयखानों में बारिश की बूंदें तेरे तन की चिकनी डाली पर ठहर नहीं रही एक एक करके सरक रही बारिश की एक बूंद तेरे होठों के गुलाब पर बैठ गई किसी भंवरे... Hindi · कविता 244 Share Minal Aggarwal 31 Aug 2021 · 1 min read मन के भरे प्यालों को यह मन का प्याला बार बार भरता है फिर खाली हो जाता बार बार न जाने वह क्या है जिससे यह भरता है और खाली होता है पर यह सिलसिला... Hindi · कविता 1 382 Share Minal Aggarwal 31 Aug 2021 · 1 min read दर्द की इन्तहा जब कांच के गिलास में पानी लबालब भरा होता है तो पता नहीं पड़ता कि यह भरा हुआ है जब थोड़ा भी खाली होता है तो नंगी आंखों से दिखाई... Hindi · कविता 1 1 317 Share Minal Aggarwal 31 Aug 2021 · 1 min read दीपक जो बुझे पड़े थे मेरे घर में आग घर के लोग ही लगा रहे थे दुनिया ने पूछा कि यह आग कैसे लगी मैंने हंसकर कहा कि हम जैसे लोगों के क्या कहने घर... Hindi · कविता 1 290 Share Minal Aggarwal 30 Aug 2021 · 1 min read एक प्रतिद्वंदी अपने आंगन में एक पौधा ही गर लगाना था तो मीठी नीम का लगा लेते कड़वी नीम का क्यों लगाया तुम तो वैसे ही जन्म से एक कड़वे इंसान हो... Hindi · कविता 488 Share Minal Aggarwal 30 Aug 2021 · 1 min read दर्द भरी गागर को दर्द को छिपाने की कला में वह माहिर है सारी उम्र यही तो किया है दिल की सड़क पर दर्द भरी गागर को अपने सिर से अब तो पल भर... Hindi · कविता 469 Share Minal Aggarwal 30 Aug 2021 · 1 min read वरदान तेरे माथे की लकीर में लाल सिन्दूरी रंग भर दूं तेरी किस्मत चमक उठे ऐसा कोई मन्त्र पढ़ दूं तू फूल से खिल उठे ऐसी उपवन की कोई महक तुझ... Hindi · कविता 232 Share Minal Aggarwal 29 Aug 2021 · 1 min read एक तन्हा चिड़िया एक बिजली की तार उसपर बैठी एक तन्हा चिड़िया एक साधक सी एक आंख में पिरोये रात्रि के काजल सी क्या सोच रही क्या मनन कर रही उड़ भी नहीं... Hindi · कविता 1 237 Share Minal Aggarwal 29 Aug 2021 · 1 min read आज हवा चली तो आज हवा चली तो पेड़ के पत्ते थोड़े से हिल गये थोड़े से यह भी हिले थोड़े से यह भी चले थोड़े से यह भी गये काम से कि खड़े... Hindi · कविता 3 248 Share Minal Aggarwal 29 Aug 2021 · 1 min read इनके हुस्न से पेड़ के हरे पत्तों ने लाल गुलमोहर के फूलों को छिपा दिया कोई इनके हुस्न से जल गया या फिर इनसे जलकर इसने अपना घर जला लिया। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 216 Share Minal Aggarwal 28 Aug 2021 · 1 min read सूरज के सौ प्रतिरूप आज सुबह मेरे आसमान में एक नहीं छोटे छोटे सूरज के सौ प्रतिरूप उगें उजाला चाहे उतना ही बिखेरें लेकिन अपना अपना जोर लगाकर जिससे जितना बन पड़े पूरी ताकत... Hindi · कविता 1 227 Share Minal Aggarwal 28 Aug 2021 · 1 min read जीवन के चित्रों की पुस्तिका का कोई एक पृष्ठ कभी जो लोग प्रेम करते हैं वही लोग ठुकरा भी देते हैं कभी सान्त्वना देते हैं कभी भर भर कहर ढाते हैं पल पल रूप बदलते हैं इनके अलग अलग... Hindi · कविता 1 229 Share Minal Aggarwal 28 Aug 2021 · 1 min read एक प्रण जो पल गुजर रहे हैं वह आने वाले पलों से बेहतर प्रतीत हो रहे हैं मैं बेवजह ही समय को कोस कोसकर तब रोया करती थी अब भी रो रही... Hindi · कविता 1 222 Share Minal Aggarwal 27 Aug 2021 · 1 min read रिश्तों की गली से निकलते हैं हर रोज उस रिश्तों की गली से हम यह उम्मीद दिल में बांधे कि इस बार वह मुझसे अच्छे से पेश आयेगा लेकिन हर बार की तरह मायूसी... Hindi · कविता 231 Share Minal Aggarwal 27 Aug 2021 · 1 min read बेअदबी वह आदमी ठीक है पर कभी कभी नहीं अक्सर ही बेअदबी कर जाता है अब उसे यह कौन समझाये कि आजकल के व्यस्त माहौल में सब दिल को न टटोलकर... Hindi · कविता 1 1 334 Share Minal Aggarwal 27 Aug 2021 · 1 min read दरिया में गिरकर एक पत्ता एक दरख्त की शाख से दरिया में गिरकर एक पत्ता उसके पानी के संग संग बह रहा एक किश्ती की तरह बिना माझी बिना पतवार यह साथ क्षणिक है या... Hindi · कविता 291 Share Minal Aggarwal 26 Aug 2021 · 1 min read बीच रास्ते कहां ऐसा क्या हुआ जो रास्ते में ही कहीं रह गई मैं तुम्हारी मंजिल थी फिर बीच रास्ते कहां खो गई अपने घर वापस लौट गई या चौराहे से किसी अजनबी... Hindi · कविता 310 Share Minal Aggarwal 26 Aug 2021 · 1 min read एक रात के ख्वाब से ही इंतजार की घड़ियां खत्म हुई उन्होंने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी देख रही थी मैं कोई स्वप्न पर आंख खुलते ही पूरा हुआ वह खड़े थे मेरे सामने एक रात... Hindi · कविता 312 Share Minal Aggarwal 26 Aug 2021 · 1 min read बिना पतझड़ की बहार के तुम मेरे घर पधार रहे हो ऐसे जैसे पतझड़ के पश्चात आ रही हो झूम झूमकर फूलों की बहार तुम मुझे कोई कांटा न चुभाना मैं करती हूं तुमसे इस... Hindi · कविता 276 Share Minal Aggarwal 25 Aug 2021 · 1 min read यह इमारतें गगनचुम्बी मेरे घर की किसी भी दिशा में खड़े हो जाओ पर कोई दिशा नहीं दिखती मैं दिशा विहीन नहीं हुई यह इमारतें ही गगनचुम्बी हो गई हैं कि कोई सड़क... Hindi · कविता 229 Share Minal Aggarwal 25 Aug 2021 · 1 min read उनके प्यार में वह दावा करते हैं प्यार का लेकिन उनके प्यार में कोई रस की फुहार नहीं एक तेजाब के छींटे से पड़ते हैं हर दफा पर वह इसी को प्यार कहते... Hindi · कविता 349 Share Minal Aggarwal 25 Aug 2021 · 1 min read मैं आज नहीं हूं पर मैं तो आज नहीं हूं पर मैं कितना कुछ कह गई आने वाली सदियों के लिए पीढ़ियों के लिए आज की तारीख में पलटकर देखना मेरे जीवन की पल पल... Hindi · कविता 272 Share Minal Aggarwal 24 Aug 2021 · 1 min read याद की मकड़ी यह खिड़की की जाली में लगे जाले किसी के जाने के निशान हैं वह तो चला गया उसकी यादें रह गई खिड़की को कभी खोला होगा और किया होगा बंद... Hindi · कविता 321 Share Minal Aggarwal 24 Aug 2021 · 1 min read यह दीवार पर पड़ती तेज धूप यह दीवार पर पड़ती तेज धूप एक शीशे की तरह चमक रही है इसने दीवार पर पड़े सारे निशान सारे दाग धब्बे सारे इसके ऐब छिपा दिये लोगों की आंखों... Hindi · कविता 315 Share Minal Aggarwal 24 Aug 2021 · 1 min read प्यार नहीं होता कुछ लोगों को किसी के होने पर भी उनसे प्यार नहीं होता वह न रहे तब भी नहीं होता अपने घर से भी नहीं होता उसके सामान से भी नहीं... Hindi · कविता 233 Share Minal Aggarwal 23 Aug 2021 · 1 min read वह झूठ वह आदमी झूठ क्यों बोलेगा अब जिससे यह कहकर उन दोनों का आमना सामना कराना चाह रहा है तो फिर जिससे यह कह रहा है वह भी आखिर झूठ क्यों... Hindi · कविता 307 Share Minal Aggarwal 23 Aug 2021 · 1 min read सबसे बड़ा मूर्ख वह सबसे बड़ा मूर्ख होता है जो खुद को इस दुनिया का सबसे बड़ा समझदार समझे जीवन में धीरे धीरे सब कुछ तो खोता चला जा रहा है अपने ही... Hindi · कविता 2 520 Share Minal Aggarwal 23 Aug 2021 · 1 min read वह मोती भी वह सुलझे हुए रिश्तों के धागे को भी हर समय उलझाता ही रहता है यूं तो मैं एक मोती था गांठों से बचता रहा उनके बीच ही कहीं झूलता रहा... Hindi · कविता 1 1 302 Share Minal Aggarwal 22 Aug 2021 · 1 min read दिल है खाली यह महफिल है लोगों से भरी पर दिल है खाली मुझे ही खुद से प्यार करना होगा सब लोगों के दिल तो भरे हुए हैं एक का भी दिल मेरे... Hindi · कविता 385 Share Minal Aggarwal 22 Aug 2021 · 1 min read कांच के टुकड़े सा यह रिश्ता कांच के टुकड़े सा यह रिश्ता बहुत ही दर्द देता है जब जब सामने पड़ता है दिल में कांटे चुभाता है जख्म कुरेदता है और बस खून के आंसू रुलाता... Hindi · कविता 397 Share Minal Aggarwal 22 Aug 2021 · 1 min read एक फूल की तरह ही मैं एक जीवन की किताब हूं इसके पन्नों के बीच दबा कोई गुलाब का सूखा फूल नहीं मैं एक रंगीन तितली हूं पंख फैलाकर उड़ने वाली फूलों पर न मंडराने... Hindi · कविता 620 Share Minal Aggarwal 21 Aug 2021 · 1 min read घर की देहरी पर ही मन मुझे आवाज लगाकर कह रहा है कि चल उठ कहीं टहल कर आते हैं रेगिस्तान में पहुंचे चारों तरफ रेत ही रेत मिली रेत के बवंडर में घिरे सिर... Hindi · कविता 621 Share Minal Aggarwal 21 Aug 2021 · 1 min read एक ठंडी फिर चाहिए एक गरम लहर एक ठंडी लहर ठंड लगती है तो फिर चाहिए एक गरम लहर गर्मी लगती है तो फिर चाहिए एक ठंडी लहर हर पल एक नया स्पर्श एक नई अनुभूति चाहिए... Hindi · कविता 236 Share Minal Aggarwal 21 Aug 2021 · 1 min read मैं हूं पर नहीं हूं मैं हूं पर मुझे लगता है मैं नहीं हूं मेरे अस्तित्व का कोई महत्व है यह अहसास तो मेरे मां बाप ही मुझे कराते थे अब तो मैं एक बेकार... Hindi · कविता 1 247 Share Minal Aggarwal 20 Aug 2021 · 1 min read सुकून के पल कहां दिन में भी आंखों में नींद भरी रहती है रात को भी मैं ठीक से सो पाती नहीं मां बाप के बिना मेरी दुनिया उजड़ी मेरी जिन्दगी में अब उनके... Hindi · कविता 525 Share Minal Aggarwal 20 Aug 2021 · 1 min read सच की राह सच्चाई की राह पर चलते चलते अब तक की उम्र तो तन्हा कट गई आगे भी कोई साथ देने वाला शायद ही मिले लेकिन मैंने इसपर भी सच की राह... Hindi · कविता 373 Share Minal Aggarwal 20 Aug 2021 · 1 min read प्रेम अधिक करने वाला आदमी प्रेम अधिक करने वाला आदमी जीता है या मरता है जीवन जीता तो अवश्य है कुछ ज्यादा लम्बा दिल में सदैव प्रेम का भाव लिए लेकिन हर पल मर मर... Hindi · कविता 231 Share Minal Aggarwal 19 Aug 2021 · 1 min read साथ साथ दो लोगों की दो तस्वीरें एक दीवार पर साथ साथ टंगी हैं कोई सोचकर देखे कभी यह दोनों तस्वीरों में नहीं बल्कि एक दूसरे के साथ रहते होंगे उठते बैठते... Hindi · कविता 1 506 Share Minal Aggarwal 19 Aug 2021 · 1 min read उनके साथ बिताये पलों की यादें याद तो तुम हर पल ही आते हो मैं तुम्हें कैसे भूल जाऊं और क्यों भूल जाऊं जिसने मुझे इतना प्यार किया इतना स्नेह दिया खुद से भी बढ़कर उसे... Hindi · कविता 546 Share Previous Page 16 Next