Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next Minal Aggarwal 23 Sep 2021 · 1 min read वह काठ का बना एक पुतला वह काठ का बना एक पुतला है बिना भाव भंगिमाओं का वह यही रूप धारण करे रहता है जब दूसरों की बारी आती है जब खुद का स्वार्थ होता है... Hindi · कविता 534 Share Minal Aggarwal 23 Sep 2021 · 1 min read एक अनदेखा कोई स्वप्न न कुछ पाने की चाहत न कुछ खोने का गम क्या इस छोटे से जीवन में कुछ ज्यादा ही देख लिया कि न जीने की इच्छा न मरना एक अनदेखा... Hindi · कविता 241 Share Minal Aggarwal 22 Sep 2021 · 1 min read श्वासों की नली में पिरोया हुआ कोई भी वृक्ष पहले एक बीज ही तो था कोई भी बीज पहले कभी एक पेड़ ही तो था सम्पूर्ण सृष्टि एक पहिये सी ही तो घूम रही है कुछ... Hindi · कविता 215 Share Minal Aggarwal 22 Sep 2021 · 1 min read प्रेम का ज्ञान मानवजाति के लिए प्रेम का अर्थ न जाने क्या है प्रेम की परिभाषा न मालूम क्या है प्रेम का ज्ञान है बिल्कुल शून्य या बहुत ही अल्प प्रेम सिर्फ पाना... Hindi · कविता 757 Share Minal Aggarwal 22 Sep 2021 · 1 min read हरि भी कहां अभी तो जीवन में सब हरा हरा है तो हरि भी कहां से याद आयेगा जब समय खराब आयेगा परिस्थितियां होंगी कठिन दुख का अंधेरा घर के कोने में घर... Hindi · कविता 412 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2021 · 1 min read एक खरीदार की भूमिका इस दुनिया के अधिकतर लोग बस एक खरीदार की भूमिका अदा करते हैं तन की सुंदरता को देखते हैं मन के भावों को पढ़ते नहीं एक पल में भोगी हैं... Hindi · कविता 1 238 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2021 · 1 min read बस यही वह वजह वह उड़ाते रहे उम्र भर मेरी खिल्ली और दर्द मुझे देते रहे बदस्तूर बस यही वह वजह बनी कि मुझे लोगों की पहचान हुई जीना आया और जिन्दगी में अपने... Hindi · कविता 1 551 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2021 · 1 min read कहां से लाऊं कहां से लाऊं वह चादर खरीदकर या फिर चुराकर जो मेरे सारे ऐब ढक दे कहां से लाऊं उस फरिश्ते को आसमान से उतारकर या इस जमीन पर ही कहीं... Hindi · कविता 332 Share Minal Aggarwal 20 Sep 2021 · 1 min read क्या गम सीने से यह बिना बात के दिल क्यों भरा रहता है मेरा क्या मरने की कुछ ज्यादा ही जल्दी है यह दुनिया खूबसूरत है इतनी बुरी भी नहीं ऐसे क्या गम सीने... Hindi · कविता 267 Share Minal Aggarwal 20 Sep 2021 · 1 min read चांद सा एक चमकता सितारा बनी तो मैं कहां किस कोने में तन्हा पड़ी हूं किसी को मेरी फिक्र नहीं हां अभी कहीं मैंने जो आसमान की बुलंदियां छू ली और चांद सा एक चमकता सितारा बनी... Hindi · कविता 630 Share Minal Aggarwal 20 Sep 2021 · 1 min read आसमान पर काले बादलों का आसमान पर काले बादलों का अधिक देर तक मंडराना अच्छा नहीं मौसम खिला रहे अधिक समय तक तो बेहतर है फूल खिलते अच्छे लगते हैं बेमौसम बेवक्त फूलों का मुर्झाना... Hindi · कविता 196 Share Minal Aggarwal 19 Sep 2021 · 1 min read मेरे भीतर की दुनिया कभी लगता है यह दुनिया मेरी है कभी लगता है मैं खुद की भी अपनी नहीं खुद से हूं पराई बाहर कुछ बदलता हो या न बदलता हो लेकिन मेरे... Hindi · कविता 371 Share Minal Aggarwal 19 Sep 2021 · 1 min read खुद का चेहरा आईने में देखकर दिल भारी होने लगा है अब तो खुद का ही चेहरा आईने में देखकर तन बदन में हर अंग की तरंग में रूह में नस नस में खौफ सा समा... Hindi · कविता 217 Share Minal Aggarwal 19 Sep 2021 · 1 min read जीवन की राहें मुझे जीवन की राहें मुझे डरा रही हैं कि तुझे हम जीवन की डगर पर अकेले न चलने देंगे जीवन की लड़ाई अकेले न लड़ने देंगे जीवन के फैसले अकेले न... Hindi · कविता 440 Share Minal Aggarwal 18 Sep 2021 · 1 min read कितने प्यार से कितने प्यार से लोग किसी के मुंह पर ही उसे गालियां देते हैं जैसे कि उसके हाथ में गुलाब का फूल पकड़ा रहे हो इस तरह का अपमानजनक व्यवहार करते... Hindi · कविता 1 1 269 Share Minal Aggarwal 18 Sep 2021 · 1 min read मेरा इंतजार करते वह चाहे कहीं भी रहते थे पर तसल्ली होती थी कि इस दुनिया में रहते हैं मिलना न हो पाये तो कोई बात नहीं उनका होना ही दिल में एक... Hindi · कविता 349 Share Minal Aggarwal 18 Sep 2021 · 1 min read मेरी माला का मेरी माला का एक और मोती टूट गया मेरी बगिया का एक और फूल मुर्झाकर सूख गया जो आया है वह जायेगा भी लेकिन एक एक करके सब जा रहे... Hindi · कविता 381 Share Minal Aggarwal 17 Sep 2021 · 1 min read खून का एक एक कतरा मेरे जिस्म से खून का एक एक कतरा बहा दिया फिर भी उस वहशी दरिन्दे की प्यास न बुझी कुछ लोग लगता ऐसा है कि कुछ नहीं कर रहे पर... Hindi · कविता 404 Share Minal Aggarwal 17 Sep 2021 · 1 min read यह गली मुझे यह गली मुझे मेरे घर तक नहीं पहुंचाती तो मैं इसमें चल क्यों रही हूं इससे होकर गुजर क्यों रही हूं मुझे आखिर जाना कहां है मैं आखिरकार अपनी जिन्दगी... Hindi · कविता 250 Share Minal Aggarwal 17 Sep 2021 · 1 min read यह शमा यह शमा आहिस्ता आहिस्ता नहीं पिघली दर्द के उफनते अंगारों पर रखी होगी पलक झपकते ही एक ही पल में जलकर स्वाह हो गई। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन... Hindi · कविता 277 Share Minal Aggarwal 16 Sep 2021 · 1 min read उसे पत्थर में भगवान कहां उसका दिल पत्थर का है और वह पत्थर को ही पूजती है उसे पत्थर में भगवान कहां दिखेंगे जिसे इंसान में इंसान या इंसान में भगवान कभी न दिखते हों।... Hindi · कविता 1 219 Share Minal Aggarwal 16 Sep 2021 · 1 min read किसी से प्रेम नहीं भगवान उन्हीं लोगों को शक्ति देते हैं जिन्हें दिल से किसी से प्रेम नहीं होता वह लोग ही इस दुनिया में सही प्रकार से जी पाते हैं जो दूसरों से... Hindi · कविता 1 202 Share Minal Aggarwal 16 Sep 2021 · 1 min read अमृत की वर्षा करता एक वृक्ष कोई अमृत रस का पान करवा दे कि जिन्दगी अमृतमय हो जाये मैं अमृत की वर्षा करता एक वृक्ष हो जाऊं और मेरे जीवन की सारी कड़वाहट मेरे सारे बन्धन... Hindi · कविता 273 Share Minal Aggarwal 15 Sep 2021 · 1 min read तुम डर जाते हो मैं तो कह रही हूं कि तुम मुझसे मिलने आओ मैं तुमसे बिल्कुल नहीं डरूंगी लेकिन एक तुम हो कि डर जाते हो यह सोच कि तुम्हें देखकर मैं अवश्य... Hindi · कविता 335 Share Minal Aggarwal 15 Sep 2021 · 1 min read काले गुलाब की पंखुड़ियों पर काले गुलाब की पंखुड़ियों पर सफेद ओस की मोती सी बूंदे ऐसे ही कुछ अंजाने से ख्याल नैनों की पलकों पर बैठ जाते हैं और चूम लेते हैं अधरों के... Hindi · कविता 1 231 Share Minal Aggarwal 15 Sep 2021 · 1 min read मैंने छोड़ दिया सपनों के महल बनाना कोई ख्वाहिश तो पूरी होती नहीं तो मैंने फिर छोड़ ही दिया सपनों के महल बनाना अब जिन्दगी जो देगी सहजता से स्वीकार कर लेंगे इस दुनिया में रहकर बादशाह... Hindi · कविता 1 238 Share Minal Aggarwal 14 Sep 2021 · 1 min read मात पिता का प्रसाद न मुझे भगवान मिलते न ही मिलता कोई उनसे वरदान जो कुछ भी इस संसार में थे तो वह मेरे मात पिता थे वो रहते थे मेरे समक्ष मुझे होते... Hindi · कविता 1 509 Share Minal Aggarwal 14 Sep 2021 · 1 min read बरगद की जब नहीं मिल रही छांव जिन्दगी में कोई मोड़ ऐसा भी आता है कि जहां जिन्दगी समझ नहीं आती बरगद की मिलती थी जब छांव समझ नहीं आती थी धूप अब जब नहीं मिल रही... Hindi · कविता 1 203 Share Minal Aggarwal 14 Sep 2021 · 1 min read इस दुनिया के कारोबार इस दुनिया के कारोबार मेरी समझ से परे हैं जो कुछ भी यह दुनिया पाना चाहती है मैं हर उस चीज से दूर भागती हूं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार... Hindi · कविता 209 Share Minal Aggarwal 13 Sep 2021 · 1 min read मौत का फरमान अभी जीना शुरु भी नहीं किया कि मुझे मौत भी आ गई जब मौत का खौफ नहीं था तो जिन्दगी का ऐतबार नहीं था अब जिन्दगी आहिस्ता आहिस्ता समझ आने... Hindi · कविता 1 552 Share Minal Aggarwal 13 Sep 2021 · 1 min read सदियां गुजरी पर नयनों का काजल धुल गया यह रात का इंतजार बहुत लम्बा था सदियां गुजरी पर मैं न बदली मैं पीछे रह गई बहुत पीछे रह गई यह वक्त का पहिया... Hindi · कविता 1 500 Share Minal Aggarwal 13 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी एक लकीर सी न मुझे अब खुद की तलाश है न मेरे साथ चलते सायों की जिन्दगी कैसे एक लकीर सी हवा की तरह तैर रही है न मुझे अब आगे बढ़ने और... Hindi · कविता 2 231 Share Minal Aggarwal 12 Sep 2021 · 1 min read कोई कोई मुझसे कितना प्यार करता है तो कोई मुझसे कितनी नफरत मैं तो हूं एक ही इंसान सबको देखकर मुस्कुराती हूं कोई मेरी खुशी से जल जाता है तो कोई... Hindi · कविता 292 Share Minal Aggarwal 12 Sep 2021 · 1 min read दिन बदन पर दिनभर बांसुरी की एक मधुर धुन सी बजाती है रात दिन बदन पर जगह जगह दिनभर कंकड़ मारता रहता है पागल है सिरफिरा आशिक सा जहां जहां मैं जाऊं मेरे पीछे... Hindi · कविता 1 1 325 Share Minal Aggarwal 12 Sep 2021 · 1 min read कोई जाये तो जाये कहां न मेरा घर अपना न यह दुनिया अपनी कोई जाये तो जाये कहां न सिर के ऊपर कोई आसमान न पांव के नीचे कोई जमीन ही अपनी। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 1 418 Share Minal Aggarwal 11 Sep 2021 · 1 min read यह रिश्ता तो यह रिश्ता तो यकीनन दिल तोड़ने वाला रिश्ता है लेकिन दिल को जोड़ने जायें कहां जब घर में ही हर किसी की आंख से खून रिसता है। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 2 235 Share Minal Aggarwal 11 Sep 2021 · 1 min read इस दुनिया में हैं इस दुनिया में हैं बहुत सारी दुनियायें एक दुनिया में ही क्या सारी उम्र उलझा रहेगा इससे बाहर निकल और आंख खोलकर देख नहीं तो हो जायेगी बहुत देर अंधेरा... Hindi · कविता 2 211 Share Minal Aggarwal 11 Sep 2021 · 1 min read मोम से लिपटा धागा मोम से लिपटा धागा मोम की लौ के साथ जल गया जलना उसकी नियति थी या निर्णय यह तो वो ही जाने लेकिन उसकी नजर कहीं न कहीं फिसली जरूर... Hindi · कविता 1 1 250 Share Minal Aggarwal 10 Sep 2021 · 1 min read इस दुनिया के बाहर कहां अपनी अपनी कहानी सब सुनाना तो बेशक चाहते हैं पर कोई किसी की तकलीफ या कहानी सुनना नहीं चाहता सुनते भी हैं गर कभी भूले भटके तो मुजरिम अक्सर आप... Hindi · कविता 1 293 Share Minal Aggarwal 10 Sep 2021 · 1 min read दुख के दलदल में इंसान बेकार की छोटी छोटी बातों से दुखी है हर समय दुख के दलदल में फंसा रहता है तो फिर सुख आयेगा कहां से उसने आने की गलती से भी... Hindi · कविता 1 352 Share Minal Aggarwal 10 Sep 2021 · 1 min read परेशान मैं परेशान हूं मैं परेशान हूं हर समय यह सोचते या कहते रहने से कभी कोई परेशानी हल नहीं होती अपने पर से ध्यान हटाकर यह सोचो कि एक मैं... Hindi · कविता 492 Share Minal Aggarwal 9 Sep 2021 · 1 min read एक पेड़ के पास एक पेड़ के पास सब कुछ तो है इसका तना इसकी टहनियां इसके पत्ते इसके फूल इसके फल इसके घोंसले इसके पक्षी इसका आसमान इसकी जमीन इसकी मिट्टी इसकी जड़ें... Hindi · कविता 287 Share Minal Aggarwal 9 Sep 2021 · 1 min read आवाज दे सुबह की दस्तक सांझ की आहट दोपहर के दरवाजे पर रात होती है रात भर आहत कि कोई फिर उसे भी तन्हा न छोड़े उसे भी तो आवाज दे। मीनल... Hindi · कविता 275 Share Minal Aggarwal 9 Sep 2021 · 1 min read बर्बाद करो बात में बात बात में बात फिर देखो तो कुछ बात निकलती नहीं न शब्दों के अर्थ हैं न बातों के कोई मर्म हम बेवजह ही कितना अमूल्य समय बर्बाद... Hindi · कविता 236 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2021 · 1 min read तेरा इस संसार में मां मेरी नहीं पिता मेरे नहीं बहिन मेरी नहीं भाई मेरा नहीं मेरा परिवार मेरा नहीं तो फिर पगले यह तो बता कि तेरा इस संसार में क्या है भगवान... Hindi · कविता 1 229 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2021 · 1 min read रेत का एक दरिया यह सुख भी बस पल दो पल का है जितना हो सके बस इसी पल में जी ले और मुस्कुरा ले यह रेत का एक दरिया है तुझे इसमें धंसाकर... Hindi · कविता 1 204 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2021 · 1 min read साहिल की रेत पर साहिल की रेत पर सो रहे हैं कुछ ख्वाब समुन्दर से निकली किनारे लगी छटपटाती मछलियों से पूरे नहीं होंगे शायद कभी यह ख्वाब पर उम्मीद की किश्ती आस का... Hindi · कविता 1 242 Share Minal Aggarwal 7 Sep 2021 · 1 min read इन रिश्तों के उपवन को कितना समय दिया इन रिश्तों के उपवन को पर इनके पौधों में कभी कोई फूल खिला ही नहीं वह मेरी मेहनत का फल मुझे देने को राजी ही नहीं वह... Hindi · कविता 2 1 414 Share Minal Aggarwal 7 Sep 2021 · 1 min read यहां कभी कोई रहता था कितना अजीब सा महसूस होता है जब यह सोचो कि यहां कभी कोई रहता था अब नहीं है ऐसा ही मेरे साथ भी होगा लेकिन ऐसा सोचने वाला मेरे जैसा... Hindi · कविता 1 443 Share Minal Aggarwal 7 Sep 2021 · 1 min read मन में उतरते भावों के सैलाब को कागज खत्म कलम टूट गई इसकी स्याही खत्म अब लिखना बंद भी करो चलो मन में उतरते भावों के सैलाब को कुछ देर पीछे धकेलकर इसकी चौखट के दरवाजे के... Hindi · कविता 256 Share Previous Page 15 Next