Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Next Minal Aggarwal 10 Oct 2021 · 1 min read ऐसे मेहमानों का यह माचिस की डिब्बी मुझे घर में रखनी ही नहीं क्योंकि जाने अंजाने मुझे अपने घर को जलाना ही नहीं न खुद को न अपने घर को आग लगानी ही... Hindi · कविता 218 Share Minal Aggarwal 10 Oct 2021 · 1 min read यह मन है कि यह क्या कि एक पूरे जीवन चक्र में भी छोटे छोटे जीवन की दिनचर्यायों के चक्र चलते ही रहते हैं कितना समझाये कोई खुद को कि चाहे कुछ हो जाये... Hindi · कविता 445 Share Minal Aggarwal 10 Oct 2021 · 1 min read कोई कुछ समझता नहीं यही तो बात है कि कोई कुछ समझता नहीं किसी को कोई फिर कितना भी क्यों न समझे सुनने को उसे मिलता फिर यही है कि किसी को कोई समझता... Hindi · कविता 1 201 Share Minal Aggarwal 9 Oct 2021 · 1 min read मैं तो एक रोशन ज्वाला हूं मैं तो एक रोशन ज्वाला हूं मुझे जलने दो और मुझे चलने दो मेरे पीछे मत भागो मुझे पकड़ने की कोशिश मत करो जल जाओगे मेरी पावन ज्योत जलती रहेगी... Hindi · कविता 261 Share Minal Aggarwal 9 Oct 2021 · 1 min read जिसने तुम्हें जन्म दिया जिसने तुम्हें जन्म दिया जिनके कारण तुम्हारा अस्तित्व इस संसार में है उनके रहते या उनके न रहते उनसे कभी कोई सम्बन्ध तुम्हारा था या शून्य था या वह भी... Hindi · कविता 232 Share Minal Aggarwal 9 Oct 2021 · 1 min read यह तो मैंने कभी सोचा न था मैं जिस किश्ती पर सवार वह झील के जल में परछाई बनकर एक कंवल सी खिल जायेगी यह तो मैंने कभी सोचा न था सूरज की एक उगती किरण मुझे... Hindi · कविता 275 Share Minal Aggarwal 8 Oct 2021 · 1 min read तन हरा मन नारंगी कर दो कभी पठार सा कठोर कभी दूब सा नरम कभी बादल सा बरसता कभी भूमि सा स्थिर गतिमान है चलायमान है यह मन बहुत रहस्यमयी भी कहां से पाऊं अपने भीतर... Hindi · कविता 1 496 Share Minal Aggarwal 8 Oct 2021 · 1 min read चमक जाये मोती सी मैं एक पानी का बुलबुला जज्ब हो जाऊं तेरी खुशबू में हे प्रभु कहीं मैं तुझे जो न देख पाऊं तू मुझे देख ले और कर ले मुझसे जी भरकर... Hindi · कविता 1 328 Share Minal Aggarwal 8 Oct 2021 · 1 min read हर पल एक उत्सव हम तो नन्हे नन्हे बालक हैं छोटी छोटी जीत हासिल करने पर खुशियां मना लेते हैं फूलों से खिलकर अपने दिल की बगिया सजा लेते हैं खुद को और सबको... Hindi · कविता 1 244 Share Minal Aggarwal 7 Oct 2021 · 1 min read तेरा साथ पतझड़ के मौसम में पत्तों की बरसात दरख्तों के सिर पर साये आसमान की छतरी मौसम रंगीन सफर हसीन तेरा साथ फूलों का सेहरा कलियों का दामन आसमान पर बादल... Hindi · कविता 264 Share Minal Aggarwal 7 Oct 2021 · 1 min read उम्र की आखिरी दहलीज पे चेहरे पर झुर्रियां आंखों में इंतजार मान क्यों नहीं लेते जैसे पहले था वैसे ही अब भी करती हूं उम्र की आखिरी दहलीज पे मैं सबको भरपूर प्यार मेरी उम्र... Hindi · कविता 235 Share Minal Aggarwal 7 Oct 2021 · 1 min read कोई तो है प्रकृति की गोद में सौ रंग मिल जाते हैं अपनों का संग हो तो जीने के हजार बहाने मिल जाते हैं लाख ठुकराये यह दुनिया प्यार के गीत गुनगुनाने के... Hindi · कविता 1 257 Share Minal Aggarwal 6 Oct 2021 · 1 min read दिल कड़वा आत्मा विषैली बातों में मिठास नहीं दिल भी कड़वा आत्मा भी विषैली कुछ लोग इस संसार में न जाने कैसा जीवन जीते हैं खुद भी दुखी खुद भी परेशान दूसरों का जीना... Hindi · कविता 1 1 313 Share Minal Aggarwal 5 Oct 2021 · 1 min read यह किताब बंद कर दो यह किताब बंद कर दो अब कभी जीवन भर न खोलना इसे इसे तो बंद कर दूं पर इसकी कहानी जो मन की किताब में दिन रात सुबह शाम चल... Hindi · कविता 1 460 Share Minal Aggarwal 5 Oct 2021 · 1 min read ऐसा तो कभी सपनों में भी न सोचा था मेरे मरने से पहले यह जहां छोड़ने से पहले मेरे दिल में बसे रिश्ते दम तोड़ने लगेंगे ऐसा तो कभी सपनों में भी न सोचा था पर जो सामने पड़े... Hindi · कविता 210 Share Minal Aggarwal 5 Oct 2021 · 1 min read दोस्ती करो तो चाय सी जीवन की उलझनों से बाहर निकलकर एक कप गर्मागर्म चाय पीते हैं इसकी शक्कर में घुलते हैं इसके रस को चखते हैं और थोड़ा सा तरोताजा होते हैं थोड़ा आहिस्ता... Hindi · कविता 233 Share Minal Aggarwal 4 Oct 2021 · 1 min read इस जीवन का सार सुबह दोपहर शाम रात बस क्या यही है इस जीवन का सार हर पल पर एक सा नहीं होता एक पल हंसता है तो दूसरा है रोता एक पल में... Hindi · कविता 1 1 321 Share Minal Aggarwal 4 Oct 2021 · 1 min read इन रेत के बने महलों में हर आने वाला पल एक बीता पल बनकर गुजरता जा रहा हाथ तो किसी के सच में देखा जाये तो कुछ भी नहीं आ रहा कैसे रह पा रहे हैं... Hindi · कविता 335 Share Minal Aggarwal 4 Oct 2021 · 1 min read किसे सच मानूं कहानी शुरू होती है समाप्त हो जाती है जिन्दगानी मिलती है खत्म हो जाती है अभी तो तुम थे अब नहीं हो किसे सच मानूं मैं तुम्हारे होने को या... Hindi · कविता 280 Share Minal Aggarwal 3 Oct 2021 · 1 min read धार्मिक हूं तो अच्छी मैं धार्मिक हूं तो मैं अच्छी हूं बात कुछ जमी नहीं हजम नहीं हुई मेरी सौ पर्दों के पीछे भी सच देखने वाली आंख का तो कहना है जैसे धार्मिक... Hindi · कविता 1 250 Share Minal Aggarwal 3 Oct 2021 · 1 min read घर से बाहर निकलकर वह रास्ता थोड़ा सा चलता है फिर रुक जाता है फिर मुड़ जाता है फिर थोड़ा सा टहलकर घूम फिरकर वापिस मुझे मेरे ही घर पहुंचाता है कुछ नहीं मिलता... Hindi · कविता 1 387 Share Minal Aggarwal 3 Oct 2021 · 1 min read माला तो लम्बी बना ली एक एक मोती पिरोकर माला तो लम्बी बना ली गले में डाल नहीं पा रहे हो गई इतनी भारी गर्दन झुक गई तुम तो धरती को शीश नवा रहे फांसी... Hindi · कविता 1 320 Share Minal Aggarwal 2 Oct 2021 · 1 min read जीवन का दीया किसी दिन अचानक ही कहीं यह जीवन का दीया जलते जलते न बुझ जाये बहुत मायूस है यह इसकी रोशनी की तरफ कोई आंख भरकर देखता नहीं कोई लाभ उठाता... Hindi · कविता 1 324 Share Minal Aggarwal 2 Oct 2021 · 1 min read मखमली लिबास में मखमली लिबास में भी छेद कर करके उसे तार तार करोगे तो अपने आत्मसम्मान की रक्षा भी कभी कहां कर पाओगे हर कोई किसी न किसी से कहीं न कहीं... Hindi · कविता 338 Share Minal Aggarwal 2 Oct 2021 · 1 min read सितारे की रोशनी तुम्हें दीपक की रोशनी अच्छी लगती है या लैम्प की मुझे तो सितारे की लगती है चाहे तो वह आसमान पर टंका रहे चाहे तो मुझसे मीलों दूर रहे चाहे... Hindi · कविता 345 Share Minal Aggarwal 1 Oct 2021 · 1 min read तन की परिधि से तन की परिधि से बाहर आओगे तभी तो मन की बातें समझ आयेंगी अन्यथा हुए तो एक इंसान बनकर पैदा तुम एक पशु की तरह ही संवेदनाओं को कभी खुद... Hindi · कविता 1 1 269 Share Minal Aggarwal 1 Oct 2021 · 1 min read कई बरस और जिन्दा अभी तो कई बरस और जिन्दा रह सकते थे वे बशर्ते कि खुदा नहीं बल्कि उनके घर में साथ रहने वाले उनके अपने गर यह बात चाह रहे होते तो।... Hindi · कविता 1 410 Share Minal Aggarwal 1 Oct 2021 · 1 min read याद का कोई पंछी यह तो मेरी रूह को छूकर गुजरता हुआ बस सीधा कहीं मेरे दिल में उतर गया याद का कोई पंछी होगा पर कटा यह तो मेरे घर के यादों के... Hindi · कविता 1 453 Share Minal Aggarwal 30 Sep 2021 · 1 min read शिव बनो छलका छलका दर्द छलका कोई खाली गागर लाओ इसे भरने के लिए अब कोई खाली गागर बची नहीं तुम्हारे दर्द का सागर भरने के लिए दर्द को छलकाना बंद करो... Hindi · कविता 1 276 Share Minal Aggarwal 30 Sep 2021 · 1 min read एक दयावान मछुआरा मेरी अंगुली में तेरा जो छल्ला है मेरे गले में जो तेरी माला है मेरा जीवन यह मेरा कहां मेरी हर सांस पर कर्ज तुम्हारा हे प्रभु तू मेरा रखवाला... Hindi · कविता 219 Share Minal Aggarwal 30 Sep 2021 · 1 min read तुम अपनी कृपा दृष्टि हे प्रभु तुम अपनी कृपा दृष्टि मुझ दुखियारी पर बस ऐसे ही बनाये रखना अपना आशीर्वाद मुझ पर बरसाते रहना इस दुनिया के हर वैभव और वैमनस्य से मुझे दूर... Hindi · कविता 460 Share Minal Aggarwal 29 Sep 2021 · 1 min read खुद का हृदय टटोलकर देखो खुद का हृदय टटोलकर देखो भगवान उसमें निवास करते हैं वह हरदम तुम्हारे साथ रहते हैं तुम खोजते हो उन्हें इस दुनिया में वह तुम्हें तुम्हारे मन के मन्दिर में... Hindi · कविता 1 359 Share Minal Aggarwal 29 Sep 2021 · 1 min read मेरे दिल के आश्रम में मैं उन दोनों के शरीर का एक अंश थी अब वह मेरे दिल के आश्रम में स्थाई निवास करते मेरी आत्मा में समाहित एक अविभाजित अंश मौत जुदा नहीं कर... Hindi · कविता 243 Share Minal Aggarwal 29 Sep 2021 · 1 min read आत्मा के सौन्दरिकर्ण के लिए एक बुरी संगत से बेहतर है खुद की सोहबत में रहना दर्पण में झांकते हुए भी तो श्रृंगार करने हेतु हम खुद का ही चेहरा खोजते हैं फिर आत्मा के... Hindi · कविता 194 Share Minal Aggarwal 28 Sep 2021 · 1 min read एक भ्रमजाल सा दूर से देखा तो वह एक भ्रमजाल सा था पास आकर पाया कि वह तो मेरे एक अधूरे स्वप्न का साकार रूप सा था लेकिन यह मेरी बदकिस्मती थी कि... Hindi · कविता 245 Share Minal Aggarwal 28 Sep 2021 · 1 min read इनके चेहरे के कसीदों को सिर घूम जायेगा इनके चेहरे के कसीदों को पढ़ पढ़कर बेहतरी इसी में है कि कसीदों को पढ़ने की कोशिश करना तो दूर इनके चेहरों की तरफ भी न देखें।... Hindi · कविता 249 Share Minal Aggarwal 28 Sep 2021 · 1 min read यह रिश्ता तो एक तरफा है यह रिश्ता तो एक तरफा है अपने सुख के बारे में बस सोचता रहता है दूसरे के हिस्से में आ रहे पन्ने को तो कभी पलटता ही नहीं उसपर कभी... Hindi · कविता 224 Share Minal Aggarwal 27 Sep 2021 · 1 min read रेलगाड़ी मुझपर से होकर मैं रेल की पटरी पर सो रही जागती हुई रेलगाड़ी मुझपर से होकर गुजर गई और मुझे कुछ न हुआ यह दुनिया के गमों के बोझ से ज्यादा भारी नहीं... Hindi · कविता 1 346 Share Minal Aggarwal 27 Sep 2021 · 1 min read सवालों के जवाब जैसे उसने मेरे साथ किया क्या मैं वैसा कर सकती हूं जैसे उसने आपके साथ बुरा व्यवहार किया क्या आप उसके साथ या किसी और के साथ ऐसा कभी कर... Hindi · कविता 1 406 Share Minal Aggarwal 27 Sep 2021 · 1 min read अपने घर के आंगन में लगे पेड़ के अपने घर के आंगन में लगे पेड़ के उसने सारे फूल अपने हाथों से तोड़ दिये उस पेड़ को नंगा करते उसे तनिक भी शर्म न आई अब उसे उसकी... Hindi · कविता 1 271 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2021 · 1 min read तुम एक आवाज ही तो थे तुम एक आवाज ही तो थे लौट आओ ना कहां गुम हो गये सम्पूर्ण नहीं तो एक अंश तो वापिस लौट आओ ना मेरे पास आओ ना मुझे इतना तो... Hindi · कविता 388 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2021 · 1 min read फूल रात्रि बेला में कली खिल रही फूल बन रही फूल रात्रि बेला में बंद हो रहा कली बन रहा सुबह खिलेगा फिर फूल बनकर किसने देखा उसके रात का स्वप्न टूटते हुए सुबह... Hindi · कविता 408 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2021 · 1 min read नीले आसमान के नीचे उड़े चुनर धानी नीले आसमान के नीचे उड़े चुनर धानी इक तेरी इक मेरी इकतारे की धुन पे लहराती फूलों की ताजगी सी महकती एक जीवंत अमर प्रेम कहानी न तू है न... Hindi · कविता 426 Share Minal Aggarwal 25 Sep 2021 · 1 min read पता नहीं दिल हर पल कुछ तलाशता रहता है क्या पता नहीं समझ नहीं आता न हाथ में कलम है न कलम में स्याही न कोई कोरा पन्ना न उसपर कुछ लिखने... Hindi · कविता 1 281 Share Minal Aggarwal 25 Sep 2021 · 1 min read इन्हें फुरसत नहीं यह दुनिया न तेरी मुस्कान को पहचानती है न तेरे आंसुओं को तेरी तरफ एक नजर देखने तक की इन्हें फुरसत नहीं हर कोई मसरूफ है अपनी ही बनाई दुनिया... Hindi · कविता 374 Share Minal Aggarwal 25 Sep 2021 · 1 min read धूप में पसीना बहाकर दिनभर धूप में पसीना बहाकर तुम मुस्कुरा दी मुझे देख मेरी खातिर मुझे खुश करने के लिए यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है कोई समझे या न समझे तुम्हारी... Hindi · कविता 1 334 Share Minal Aggarwal 24 Sep 2021 · 1 min read आज के युग का मानव आजकल जो भी माहौल है उसमें घुटन बहुत है हर कोई अपने आप से बुरी तरीके से जूझ रहा है मशीन की तरह जी रहा है आज के युग का... Hindi · कविता 216 Share Minal Aggarwal 24 Sep 2021 · 1 min read मेरे वालिदैन कहते थे मेरे वालिदैन यह कहते थे वह कहते थे अरे कभी जब बेटा अपने होशो हवास में उनसे मिला ही नहीं उनके पास समय निकालकर दो घड़ी कभी पास बैठा ही... Hindi · कविता 341 Share Minal Aggarwal 24 Sep 2021 · 1 min read पत्थरों को भी फूल कोई बरसाये या न बरसाये हम तो पत्थरों को भी दुआयें देते हैं वह पत्थर हमारी राहों में बिछाते हैं पर हम तो उनपर फूलों की, कलियों की बेशुमार... Hindi · कविता 593 Share Minal Aggarwal 23 Sep 2021 · 1 min read बड़े अच्छे लगते थे तुम बड़े अच्छे लगते थे तुम जब दूर थे मुझसे अब न पास हो न दूर हो जाने कहां हो किस दुनिया में किस हाल में मेरा हाल तो अब तुम... Hindi · कविता 522 Share Previous Page 14 Next