Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next Minal Aggarwal 27 Oct 2021 · 1 min read एक रंग है किन्तु एक रंग है किन्तु हर आंख को अलग दिखता है अब कैसे कौन साबित करे कि किसको क्या है और क्या दिखता है जिसको जो दिखता है दिखने दो तुम... Hindi · कविता 193 Share Minal Aggarwal 27 Oct 2021 · 1 min read मेरी परछाई तू कभी मेरी परछाई तू कभी मेरा साथ मत छोड़ना चाहे अंधेरा हो या उजाला तू कभी मेरा हाथ मत छोड़ना मेरा हाथ थामे रखना मेरे दिल का ख्याल रखना मुझे सम्भाले... Hindi · कविता 252 Share Minal Aggarwal 26 Oct 2021 · 1 min read जाले बंद कमरों में नहीं यहां तो बसे हुए घरों के कमरों में जाले लग रहे हैं आंखों पर पर्दे पड़े हैं दिल के दरवाजों पर ताले लग रहे हैं जिन्दा... Hindi · कविता 190 Share Minal Aggarwal 26 Oct 2021 · 1 min read मैं एक तितली हूं मैं एक तितली हूं इस संसार रूपी बगिया में मुझे एक फूल ऐसा नहीं मिल रहा जिस पर बैठकर मैं पल दो पल सांस ले लूं थोड़ा आराम कर लूं... Hindi · कविता 293 Share Minal Aggarwal 26 Oct 2021 · 1 min read ऐ कलम की स्याही ऐ कलम की स्याही आज कुछ अच्छा सोचना अच्छा कहना अच्छा लिखना जीवन का तुम कुछ महत्व समझो समझो उसकी सार्थकता माला में एक एक मोती पिरोना यूं ही फर्श... Hindi · कविता 389 Share Minal Aggarwal 25 Oct 2021 · 1 min read जिनके घर नहीं होते इस घर में ध्यान से देखो सारे रंग मौजूद हैं तुम उन्हें घर के बाहर ढूंढते हो घर के बाहर या घर में भी न ढूंढो कहीं मत ढूंढो दिल... Hindi · कविता 176 Share Minal Aggarwal 25 Oct 2021 · 1 min read एक लकीर भी एक लकीर भी महज एक लकीर नहीं छोटी छोटी ढेर सारी बिन्दुओं का घेरा है एक दूसरे के सब इतने करीब हैं कि दूरी का कहीं नामो निशान नहीं इनके... Hindi · कविता 188 Share Minal Aggarwal 25 Oct 2021 · 1 min read एक मायूसी का जंगल मां बाप का साया सिर पर बने रहना कितनी बड़ी बात होती है बस उनका दिखते भर रहना काफी होता है न रहें तो न सवेरा उगता है न शाम... Hindi · कविता 168 Share Minal Aggarwal 24 Oct 2021 · 1 min read मेरी किस्मत की लकीर मेरी किस्मत की लकीर एक सीधी सरल रेखा ही रहेगी या कुछ बदल जायेगी आकार बदले प्रकार बदले दिशा बदले या संवाद बदले रहेगी तो आखिरकार मेरी ही साथ साथ... Hindi · कविता 1 370 Share Minal Aggarwal 24 Oct 2021 · 1 min read कितना पुकारूं कितना पुकारूं तुम सुनते नहीं मैंने कभी नहीं चाहा था कि तुम भगवान बन जाओ तुम जब तक इंसान थे ठीक थे मेरी बात तो सुनते थे उसका जवाब तो... Hindi · कविता 217 Share Minal Aggarwal 24 Oct 2021 · 1 min read आज की शाम मैं सूरज को आज की शाम मैं सूरज को ढलने नहीं दूंगी यह क्या कि हमेशा इसकी चलेगी कभी कोई बात मेरी भी तो चले मैं सो जाऊंगी आज थोड़ा जल्दी सुबह जब... Hindi · कविता 235 Share Minal Aggarwal 23 Oct 2021 · 1 min read घर के सारे लोग घर के सारे लोग मर जायें पर मुझे घर के तहखाने में दबा सोने चांदी का कलश और तिजोरी की चाबी मिल जाये मैं बस पैसों की खनक को सुनता... Hindi · कविता 1 228 Share Minal Aggarwal 23 Oct 2021 · 1 min read जोंक की तरह जोंक की तरह चिपक जाते हैं कुछ लोग आपके जीवन की देह से और फूल सी कोमल पत्तियों की डंडियों को चाट लेते हैं एक दीमक सा सच में यह... Hindi · कविता 295 Share Minal Aggarwal 23 Oct 2021 · 1 min read कोई तुमसे रिश्ता रखना नहीं चाहता तो कोई तुमसे रिश्ता रखना नहीं चाहता तो उसके पीछे क्यों पड़ते हो छोड़ दो उसे जाने दो उसे बहने दो उसे अपनी तरह अगर तुम्हें सच में उससे प्यार है... Hindi · कविता 294 Share Minal Aggarwal 22 Oct 2021 · 1 min read यह चिड़िया बहुत खुश है यह चिड़िया पेड़ की एक डाली पर रहती है उड़ती भी कम है बस थोड़ा बहुत आसपास ही विचरती रहती है कूदती फांदती रहती है जमीन से थोड़ा ऊपर उठकर... Hindi · कविता 252 Share Minal Aggarwal 22 Oct 2021 · 1 min read जिन्दगी जो मिले तुम्हें जिन्दगी जो मिले तुम्हें किसी का हक छीनकर उसे बदहाली में रखकर उसका भरोसा तोड़कर वह जिन्दगी कभी कोई जिन्दगी नहीं होती अपनों का साथ छूट रहा है पराये अच्छे... Hindi · कविता 181 Share Minal Aggarwal 22 Oct 2021 · 1 min read इस महल के दरो दीवार को इस महल के दरो दीवार को सजाये जा रहे हो कभी खुद के दिल का और आत्मा का भी श्रृंगार करो उन्हें जीते जी कभी संवार लो साथ जिसे चलना... Hindi · कविता 380 Share Minal Aggarwal 21 Oct 2021 · 1 min read अपने से जुड़े हर रिश्ते को जीते जी और मरने के बाद कभी उसका उसके वालिदैन से वास्ता रहा नहीं बस उनसे ताल्लुक नहीं बाकी उनके हर सामान से तो है ऐशो आराम से तो है... Hindi · कविता 1 306 Share Minal Aggarwal 21 Oct 2021 · 1 min read आंखों के मायाजाल से अपनी प्यार भरी आंखों के मायाजाल से बांध लेती हो तुम मुझे दगा पर दगा देती हो दिल लगाने की सजा देती हो खुद से दूर करके मुझे अपने पास... Hindi · कविता 341 Share Minal Aggarwal 21 Oct 2021 · 1 min read इसकी आंखों के दो दीये बस इसकी आंखों के तो दो दीये रोशनी से भरे सितारों से टिमटिमाते रहते हैं मुंह से कुछ बोलती नहीं सारी उम्र बीत गई पर समझ में नहीं आया कि... Hindi · कविता 185 Share Minal Aggarwal 20 Oct 2021 · 1 min read घरौंदा मुझे यह पेड़ नहीं इसका एक तिनका चाहिए तिनकों को जोड़कर मुझे फिर खुद के रहने के लिए एक घरौंदा बनाना है मुझे उसमें फिर रहना है कभी आसमान में... Hindi · कविता 485 Share Minal Aggarwal 20 Oct 2021 · 1 min read मोहब्बत करोगे तो मोहब्बत करोगे तो जी नहीं पाओगे न जीते जी न मरने के बाद नफरत करो मोहब्बत का आवरण ओढ़कर उसका ढोंग करते हुए फिर देखना एक फूल से खिलोगे बहारों... Hindi · कविता 370 Share Minal Aggarwal 20 Oct 2021 · 1 min read सच्चाई को परछाई सा जिसे देखो उसके चेहरे पर रंग लगा है झूठ का तेरा साफ बिना रंग का बिना पुता हुआ चेहरा इनके बीच कहीं न ठहरेगा किसी को नहीं दिखेगा तू अपनी... Hindi · कविता 211 Share Minal Aggarwal 19 Oct 2021 · 1 min read दिल से खेलते हो यह एक इंसान है कोई खिलौना नहीं जो इसके दिल से खेलते हो कोई न माने गर तो फिर हो जाओ बिना दिलवाले इन बिना आत्मा वाले लोगों के लिए... Hindi · कविता 216 Share Minal Aggarwal 19 Oct 2021 · 1 min read दूसरे को दुख पहुंचाकर दूसरे को दुख पहुंचाकर तुम कैसे खुश हो लेते हो जो तुम दूसरे के साथ कर रहे हो उसे जरा खुद पर घटाकर देखो तुम खुश होते हो तो फिर... Hindi · कविता 179 Share Minal Aggarwal 19 Oct 2021 · 1 min read कच्चे धागे कच्चे धागे कच्चा रंग कच्चा तन कच्चा मन कच्चा प्रेम कच्चा जीवन पथ कच्चा समय का प्रत्येक क्षण कच्ची मिट्टी कच्ची माटी के खिलौने हम कच्चे घर कच्चे मकान कच्चा... Hindi · कविता 436 Share Minal Aggarwal 18 Oct 2021 · 1 min read अभ्यास सब पता है इस आसमान के नीचे धरती के ऊपर खिले फूल को कि इसे मुर्झाना है यह जहां छोड़कर एक न एक दिन तो कहीं जाना है फिर भी... Hindi · कविता 359 Share Minal Aggarwal 18 Oct 2021 · 1 min read दिल मेरा एक कुआं दिल मेरा एक कुआं है क्या कभी खाली कभी भरा हुआ न बारिश के पानी से भरता न तेज धूप में सूखता यह तो अपनी मर्जी से चलता बिना मौसम... Hindi · कविता 202 Share Minal Aggarwal 18 Oct 2021 · 1 min read एक तुझसे प्यार था और तू भी एक तुझसे प्यार था और तू भी मुझसे दूर भागती है मैं तुझे कोई नुकसान थोड़े ही न पहुंचाऊंगी लेकिन यह भोली नादान भी क्या करे इसके कटु अनुभवों की... Hindi · कविता 179 Share Minal Aggarwal 17 Oct 2021 · 1 min read मेरी उलझनें खुद से सवाल खुद को मिले जवाब कभी ठीक कभी गलत कोई कुछ सुनता ही नहीं तो फिर किसी की समस्या क्या सुलझायेगा खुद में सब उलझे पड़े मेरी उलझनें... Hindi · कविता 203 Share Minal Aggarwal 17 Oct 2021 · 1 min read जिन्दगी जीनी भारी बिना सोचे समझे कुछ जाने कुछ बोले चुपचाप जी लो तो ठीक नहीं तो जिन्दगी जीनी भारी पड़ेगी क्रिया पर कोई प्रतिक्रिया देनी ही नहीं है बस हर समय सब... Hindi · कविता 402 Share Minal Aggarwal 17 Oct 2021 · 1 min read जिन्दगी का हिसाब एक कदम आगे बढ़ाती हूं दुनिया चार कदम पीछे धकेल देती है जिन्दगी का यही हिसाब है जहां से चलो घुमा फिराकर वापिस लाकर उसी जगह छोड़ देती है। मीनल... Hindi · कविता 231 Share Minal Aggarwal 16 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारी यादों की प्यास यह तुम्हारी यादों की प्यास है किसी जल की शीतल धार से नहीं बुझ पा रही तुम्हारे जैसा अब इस संसार में कोई दूसरा भी तो मिलेगा नहीं यह बात... Hindi · कविता 471 Share Minal Aggarwal 16 Oct 2021 · 1 min read इस खामोशी को तुम्हारे मौजूद न होने पर यह चारों तरफ पसरी खामोशी मुझे एक नासूर सी चुभेगी यह अहसास मुझे तुम्हारे मेरे करीब होने पर न था न तुम्हारी तस्वीर से दिल... Hindi · कविता 563 Share Minal Aggarwal 16 Oct 2021 · 1 min read पाप ही पाप माथे पर शिकन नहीं चेहरे पर अफसोस नहीं आंखों में शर्म नहीं ऐसा लगता है कि इस आदमी ने कभी कोई पाप किया ही नहीं जितना मैं इसे जड़ से... Hindi · कविता 231 Share Minal Aggarwal 15 Oct 2021 · 1 min read रिश्तों के सूरज बहती उम्र के साथ रिश्तों के सूरज तो और अधिक चमकने चाहिए यह तो चमकने के बजाय ढलने लगे हैं खुद का अंत होने से पहले इनका अंत क्यों होने... Hindi · कविता 233 Share Minal Aggarwal 15 Oct 2021 · 1 min read यह तंग गलियां लोग चमकती हुई चीजों के पीछे क्यों भागते हैं कीचड़ में सनी गलियों में क्यों नहीं जाते जब तक उनकी कोई मजबूरी न हो एक चमकते हुए चांद के साथ... Hindi · कविता 434 Share Minal Aggarwal 15 Oct 2021 · 1 min read दफन हो जाती हैं दफन हो जाती हैं कितनी बातें जो सच होती हैं किसी के जीते जी वह सुना सकता है पर सामने नहीं आ पाती क्योंकि कोई उन्हें सुनना ही नहीं चाहता... Hindi · कविता 344 Share Minal Aggarwal 14 Oct 2021 · 1 min read दिल का दोष नहीं एक जख्म भरता नहीं दूसरा उभर आता है इसमें इस दिल का कोई दोष नहीं यह किसी के पास कभी मिलने नहीं जाता न ही डर के मारे किसी को... Hindi · कविता 249 Share Minal Aggarwal 14 Oct 2021 · 1 min read यह दिल बेचारा दिल ठंडी ठंडी आहें भर रहा है बाहर का मौसम तो वैसे अभी गरम है इसके मन के और प्रकृति के मौसमों के बीच अब कोई तालमेल ही नहीं रहा... Hindi · कविता 212 Share Minal Aggarwal 14 Oct 2021 · 1 min read मेरे घर की छत से तेरे घर की छत काश मेरे घर की छत से तेरे घर की छत दिखती और मैं एक पंछी सी तो कभी एक पतंग सी तो कभी एक बादल सी तो कभी एक बारिश... Hindi · कविता 224 Share Minal Aggarwal 13 Oct 2021 · 1 min read गर यह रिश्ता प्रेम का होता गर यह रिश्ता प्रेम का होता तो मेरा दिल इतना न घबराता इतना न रोता कुछ लोग मीठा बोलते हैं अपना हक भी कुछ ज्यादा ही जमाते हैं आपका समय... Hindi · कविता 207 Share Minal Aggarwal 13 Oct 2021 · 1 min read कोई बात बात सौ फीसदी समझ आ जाये और खिलाफ हो तुम्हारे तो बड़ा दुख देती है दिल धड़कता है बेहिसाब लगता है अब टूटा अब टूटा और यह चटका और यह... Hindi · कविता 258 Share Minal Aggarwal 13 Oct 2021 · 1 min read चूड़ी से बस इतना भर रिश्ता यह चूड़ी खनक रही है अब नहीं खनक रही चमक रही है अब नहीं चमक रही क्या हाथ की कलाई का चूड़ी से बस इतना भर रिश्ता है कलाई पर... Hindi · कविता 334 Share Minal Aggarwal 12 Oct 2021 · 1 min read दिल कितना हल्का दिल कितना हल्का होता है एक रुई सा जब दिल में कोई नहीं होता मन में कितनी असीम शांति होती है जब मन मन्दिर में बस भगवान बसता यह रिश्ते... Hindi · कविता 2 1 291 Share Minal Aggarwal 12 Oct 2021 · 1 min read यह दुनिया के लोग यह दुनिया के लोग हर समय उठते बैठते सोते जागते क्या जोड़ तोड़ करते रहते हैं जब दुनिया छोड़कर जाते हैं तो कुछ तो हाथ आता नहीं फिर तमाम उम्र... Hindi · कविता 1 230 Share Minal Aggarwal 12 Oct 2021 · 1 min read एक सुंदर दुनिया कहीं एक छोटा सा रंग बिरंगी तितली सा फूल कहीं भी दिख जाये चाहे तो किसी तस्वीर में या कपड़े पर मन पुलकित हो जाता है सारे बदन में एक... Hindi · कविता 1 217 Share Minal Aggarwal 11 Oct 2021 · 1 min read रिश्ते के समुन्दर में कभी वह ठहर जाती है एक रुके हुए पल की तरह कभी उसे बहुत जल्दी होती है एक बरसते हुए बारिश के पानी की तरह समुन्दर के किनारे घूमते घूमते... Hindi · कविता 460 Share Minal Aggarwal 11 Oct 2021 · 1 min read तन्हाई भी तन्हाई भी कभी कभी खुद से घबराकर दम तोड़ने लगती है समझाना पड़ता है फिर उसे किसी अनुभवी व्यक्ति की तरह बहलाना पड़ता है हाथ में झुनझुना पकड़ाकर एक बच्चे... Hindi · कविता 227 Share Minal Aggarwal 11 Oct 2021 · 1 min read जीते हैं इस अंदाज में मैं खुद की अपनी नहीं तो कोई अपना फिर मेरा अपना कैसे होगा लेकिन जीने के लिए बदल देते हैं इस कटु सच्चाई को और जीते हैं कुछ इस अंदाज... Hindi · कविता 175 Share Previous Page 13 Next