शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) Language: Hindi 896 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-17💐💐 29- हे शिकारी!कर दिया न तुमने शिकार मेरा,तुम्हें शान्ति का दान मिल गया होगा न।तुम्हें कोई तो चमत्कार दिखाई दिया होगा अपने घाव देने के तरीके से।कितने घाव दिए हैं... Hindi · कहानी 696 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-16💐💐 30- जानते हो तुम्हारी शब्दों की शीतल अग्नि मेरे शरीर को दाह दे रही है।तुम्हारी ओर से आने वाली स्मृति इसके ईंधन के कर्तव्य को बख़ूबी निभा रही है।तुम्हारा निश्चिन्त... Hindi · कहानी 1k Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-15💐💐 31-बचे हुए अवशेष इस प्रेम के अब बाट जोह रहें हैं, यह कहकर की उन्नति की दिशा में परिश्रम ही प्रभावी नहीं है फिर उस श्रद्धा का स्थान भी है... Hindi · कहानी 1 663 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-14💐💐 32-रात्रि को टिमटिमाते हुए तारे ऐसे चमकते हैं जैसे उन्होंने चमक तुमसे उधार ले ली हो।उन्हें मैंने धोखे से देखा,छिपकर, क्यों पता है वह निश्चित ही मुझसे कहते कि ए... Hindi · कहानी 997 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-13💐💐 33-मैं पराधीन नहीं हूँ।मैं स्वतंत्र हूँ उस कोयल की कुहू-कुहू की मधुरध्वनि की तरह जो मनुष्य की श्रवणेन्द्रिय को अनायास ही सुख के व्यवहार से युक्त बनाती है।तो मेरी स्वतंत्रता... Hindi · कहानी 475 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-12💐💐 34-हे तितलियों तुम्हारी रंगीन आभा मुझे हास्यास्पद सन्देश देने के कार्य में लिप्त है।तुम्हारी रंगीन लकीरें मुझे बरबस एक स्थिर रंगीन आभा धारण स्त्री की याद दिलाती हैं।तुम्हारा परागों को... Hindi · कहानी 241 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-11💐💐 35-परिस्थिति जन्य दोष तो सभी में अंकुरित होते हैं।फिर मैं और तुम किसी भी दोष से मुक्त न हो सकेंगे।दोषारोपण भी सामान्य कृत्य नहीं हैं।कहीं न कहीं आप निश्चित ही... Hindi · कहानी 1 449 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-10💐💐 36-परिस्थिति जन्य दोष के विषय में एक वार्ता विस्मृत हो गई कि यह विघटनकारी भी है।तत्क्षण निर्णय लेने की दक्षता को यह परखता है।यदि निर्णय सत्यावरित हुआ तो निश्चय ही... Hindi · कहानी 360 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 1 min read 🌺🌻🌷तुम मिलोगे मुझे यह वादा करो🌺🌻🌷 तुम मिलोगे मुझे यह वादा करो, अपनी यादों के संग चले आया करो, बहती है हवा तो अपने ही ख़्याल में, चाँद की चाँदनी है अपने जमाल में, मेरी फ़ितरत... Hindi · कविता 1 1 263 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 1 min read 🍀🌸🍀🌸आराधों नित सांय प्रात, मेरे सुतदेवकी🍀🌸🍀🌸 रंग की सुरेख देख,घटा है सुविशेष की, विशेष में भी शेष बची आभा अशेष की, अशेष की माया से सब रंग रहे जग में, जग है या माया है बूझें... Hindi · मुक्तक 219 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 🌺🌺प्रेम की राह पर-9🌺🌺 37-मुदित प्रकरण की सूचना प्राप्त होना निश्चित ही नेत्रों को सजल करता है।इस शरीर में कोई यदि सबसे ज़्यादा पीड़ा महसूस करता है तो वह नेत्र हैं।विकार की पुष्टि हो... Hindi · कहानी 1 448 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 15 Apr 2022 · 1 min read 🌺🌺🌺शायद तुम ही मेरी मंजिल हो🌺🌺🌺 शायद तुम ही मेरी मंजिल हो, तुम्हें देखा मैंने दिल की रोशनी के लिए, तलब उठती रही तेरी मस्ती के लिए, कू-ए-यार की तुम ही असली महफ़िल हो, शायद तुम... Hindi · गीत 1 374 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 15 Apr 2022 · 1 min read 💐💐तुमसे दिल लगाना रास आ गया है💐💐 तुमसे दिल लगाना रास आ गया है। अकेले रह कर भी मुस्कराना आ गया है। तुमसे दिल .................................... छोड़ जाने दो उसे जो हमारा था ही नहीं, मेरी हस्ती का... Hindi · गीत 213 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 14 Apr 2022 · 4 min read प्रेम की राह पर -8 38-मनरूपी शिलालेख पर तुम्हारे लिए लिखे गये लेख कभी न मिटेंगे।मिटेंगे तो अपनी अवशेष निश्चित ही छोड़ जावेंगे।जिन्हें कब वे अपने स्वरूप से ढाला करेंगे।अज्ञेय है।लिखते समय जिसके लिए लिखें... Hindi · कहानी 277 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Apr 2022 · 1 min read 💐💐💐तेरे बिन गीत अधूरे हैं💐💐💐 तेरे बिन गीत अधूरे हैं, हवाएँ जो बह रहीं हैं, सुनाई दें पक्षियों के कलरव, ठहरकर मन भी सोचे है, न दिखाई दे किसी में अपनापन, अभी सपने न पूरे... Hindi · गीत 1 186 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 16 Feb 2022 · 1 min read ??विकल्प रहित कल्पना-तेरी भ्रू वल्लरी?? प्रतीति है, जो अगाध सागर, के आवृत्त तरंगों की, पराजय निश्चित हो, तिमिर की, संकुचन हो, निमिष भर, सूचक है क्रोध की, विकुंचित प्रकट करें, सुगन्ध प्रसन्नता की, लजाती आँख... Hindi · कविता 337 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 13 Feb 2022 · 1 min read ???तुम्हे खोजने का आनंद??? खोजता हूँ, सरणी को, स्वयं में, प्राशस्त्य से, आवरण हो, सत्य का, धैर्य का, उत्साह का, चिन्तन का, एकत्व में, सूक्ष्म बनकर, अव्याकृत भाव से, सहास से, अरुणिमा जब फूटती,... Hindi · कविता 213 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 12 Feb 2022 · 1 min read ??स्मरण ही प्रेम का शुद्ध व्यापार?? स्मरण करना, अपनत्व से, क्या प्रेम नहीं है, नहीं है क्या उसमें, जीवटता, सूक्ष्मता, का है अभाव, संकुचित भावना, समन्वित भावना, में निर्मित करता, अन्तर की उज्ज्वल, प्रखर ध्वनि, गूँजती... Hindi · कविता 241 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Jun 2021 · 1 min read **टिप-टिप मेरे मेघ बरस** आहट पाकर रिम-झिम रिम-झिम, खग कुल की बदली है रौनक़, दीख रही है मञ्जुल मञ्जुल, किसलय की कोपल भी सुन्दर, डाल डाल पर गीत बज रहे सरस, टिप-टिप मेरे मेघ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 10 367 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 28 May 2021 · 1 min read 【 जब हुई बरसात आँगन में,वो बीते दिन याद आए】 जब हुई बरसात आँगन में, वो बीते दिन याद आए। जो दीपक जलता था, झरोखे के तले, उसका बुझना ठण्डी हवा के झोकों से, फिर जलाना उसी दृढ़ उत्साह के... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 2 569 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 27 May 2021 · 1 min read 【अश्रुरूपी गीतों की बरसात】 तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं, संसार से आती हैं जो आवाजें, तुझे ही खोजता हूँ अपने मन से, जो ख़्याल बनकर, लफ्ज़ बने, उन्ही लफ्जों में तेरी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 3 490 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 26 May 2021 · 1 min read **बरसात** ब बन्धन से जब स्वतंत्र हों, ज्ञानदीप जले, जले साथ ही अगणित शत्रु छिपे हुए तन में, तन ही ज्ञानाज्ञानाश्रय है और विवेक शिखर, शिखर पर बैठा प्रभु करता अमृत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 279 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 25 May 2021 · 1 min read "सहजविद्या की प्राप्ति ही वास्तविक वृष्टि" अव्याकृता है सरल दृष्टि उसकी, अनुस्यूत जिसमें ब्रह्माण्ड सारा, अधम भी अनुभव करे पुण्यशाली, मातृका निज ममता पिरोती, है विवेचित शब्दों का अन्तर, प्रेमहेतु सृजन करता वह सृष्टि, सहज विद्या... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 3 460 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 24 May 2021 · 1 min read **हे प्रभु!यह कैसा मृत्योत्सव है** टूट चुके हैं स्वप्न जगत के, जीवन का परिमल सब छूटा, आशाएँ हैं भय से आकुल, बचे प्रेम का पुल जब टूटा, थोड़ी जो कुछ सहानुभूति थी, घर का रोशनदान... Hindi · कविता 1 290 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 16 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-7 लाल सिंह- हाँ क्यों नहीं।उन्होंने सर्वदा विचार रूपी जलजीरे की स्वाद वाली साधारण व्यक्तित्व से प्रभावित भाषिक पूरी का सेवन किया।मुंशी जी का साधारण व्यक्तित्व असाधारण था।पढ़ने के बहुत शौकीन... Hindi · कहानी 278 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 14 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-6 लाल सिंह-चिंता न करो, तुम्हारे ख़्यालात के अनुसार ही सभी कालों की ऐतिहासिक क्रमशः झण्ड उतारेंगे। चुनौती की आन्तरिक पहलू ऐसा रहा है कि इतिहास को फिरंगियों ने जैसा तय... Hindi · कहानी 1 1 264 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 13 Apr 2021 · 2 min read प्रेम की राह पर-5 लाल सिंह-(द्विवेदीजी की लाली से)ख़ैर,तुम्हारा ज्ञान आगरा के श्री राम कचौड़ी वाले की कचौड़ी जैसा है, जो झण्ड उड़ाते हुए घासलेट में सिकती है, परन्तु यह देखकर भी भूख तेज़... Hindi · कहानी 488 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 12 Apr 2021 · 3 min read प्रेम की राह पर-4 लाल सिंह-(द्विवेदीजी की लाली से)आद्यऐतिहासिक काल हड़प्पा की संस्कृति और वैदिक संस्कृति की गणना इस काल में की गई है, परन्तु इतिहासकारों की झण्ड तब उड़ जाती है जब इस... Hindi · कहानी 270 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 11 Apr 2021 · 3 min read प्रेम की राह पर-3 नवपाषाण काल का प्रथम प्रस्तर उपकरण झण्ड उड़ाते हुए टोन्स नदी के किनारे मिला था, जिसे लेन्मेसुरिअर ने 1860 में प्राप्त किया था।तो उसे झण्ड का परम लाभ मिला। वह... Hindi · कहानी 288 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 10 Apr 2021 · 3 min read 'प्रेम की राह' पर -2 प्रागैतिहासिक काल में झण्ड पुरापाषाणकाल, मध्यपाषाणकाल,नवपाषाणकाल में कई जगह उतरी है।जिसमें झण्ड का व्याख्यान पुरातात्विक,साहित्यिक स्त्रोत, विदेशी यात्रियों के विवरण से कई जगह झण्ड उड़ाते हुए मिल जाता है।तो इसका... Hindi · कहानी 275 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 9 Apr 2021 · 2 min read 'प्रेम की राह पर-1 मेरे उपन्यास से। तुम ऑनलाइन आकर ऐसे शरमाती हो,जैसे ससुर के कमरे में घुस रही हो और पर्दा डालकर ऐसी हो जाती हो जैसे मुझे कोई देख नहीं रहा है" द्विवेदीजी की लाली-(लाल... Hindi · कहानी 286 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 8 Apr 2021 · 1 min read 【तू सर्वदा, सत्य के साथ, मुक्त है】 मरा हुआ हूँ मैं जन्म लेते ही, मर चुका हूँ मैं, जीवन ढूँढ रहा हूँ, जो मुझे, जिलाए हुए हैं, वही तो सत्य है, जो जीवन है, शोध ही लूँगा,... Hindi · मुक्तक 1 547 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 8 Apr 2021 · 1 min read 【विशुद्ध प्रेम से, वह परमपुरुष भी, रीझ जाता है】 स्नेहिल हूँ, नहीं भी, प्रमाण दूँ, कुछ नहीं, क्या कहूँ, कुछ भी तो, कहा, क्यों कहा? कहकर क्या मिला? हल्का हुआ।, कहाँ, पेट पर, हाथ पर, सिर पर, भाल पर,... Hindi · मुक्तक 228 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Apr 2021 · 1 min read 【सुख के अभाव का चिन्तन ही कष्ट】 कष्ट क्या है? सुख के अभाव, का चिन्तन, बार-बार, कारण है जो, विनाश का, भ्रमित करता जो, नर को, भिन्न-भिन्न मार्गों पर, विकर्षण करता, आदर्श से, जो उपस्थित करता कैफ़ियत,... Hindi · मुक्तक 1 259 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Apr 2021 · 1 min read 【इस तरह न दो मुझे नज़र की सफ़ा】 इस तरह न दो मुझे नज़र की सफ़ा, कभी तो मेरे लिये सरेआम बन।।1।। ज़ख्म जो मिले तेरी वज़ह से दिल को, भरने को उनको सुहबत-ए-ताज़* बन।।2।। *अच्छी संगति चलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 325 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 6 Apr 2021 · 1 min read 【मित्र, एक चलता फिरता, हृदय】 मित्र, एक चलता फिरता, हृदय, द्वितीय, कर्तव्य, अधिकार, की भावना, का मिश्रण, प्रकाशक, संकटों का, अग्रिम, निवारण भी, देता संग संग, विनोद भी, प्रवर्त्तक सभी, कार्यों का, जो हितैषी है,... Hindi · मुक्तक 1 246 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 6 Apr 2021 · 1 min read 【मुझे जिंदगी का अंदाज़ क्या मिला】 मेरे फ़र्द^ इश्क़ का तग़ाफुल* क्या मिला, मुझे इस जिन्दगी का इनाम क्या मिला।।1।। ^इकलौते *उपेक्षा सवाल जो थे सब्र की सुर्खियाँ लिए हुए, इक ज़बाब को छोड़कर ज़बाब क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 407 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 5 Apr 2021 · 1 min read 【ज्ञान का दीपक,जो स्वयं भी, प्रकाशित है】 चाँद से होती बात, मिली शीतलता, जो करती है, शीतल, नख से शिख तक, उस दर्शन को, जो समाया है, मानव के रोम रोम में, वह रोम क्षण भर में,... Hindi · मुक्तक 439 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 5 Apr 2021 · 1 min read 【नष्ट नहीं होने वाला मैं, क्यों कि मैं, मैं हूँ】 सन्देह की, मर्यादा, पर अंकुश, प्रभावी हो, अगर, तो, व्याकुलता का, भंजन, हकीकत को, प्रमाणित कर, संयोग का अधिकार, विवेक का अधिकार, विनोद का अभिप्राय, संजोकर, निर्मित करता है, अन्तः... Hindi · मुक्तक 252 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 4 Apr 2021 · 1 min read 【लक्ष्य को, प्रदर्शित करता,एक, उत्प्रेरक तीर्थ】 कर न्यौछावर, कभी देह में, स्थिर कुटिलता, की डगर को, यह सोचकर कि, बुरा नहीं इससे अधिक, कोई विधानवश, संयम से, रख नज़र, इसके अन्य, पहलुओं पर, जो छलते हैं,... Hindi · मुक्तक 1 546 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 4 Apr 2021 · 1 min read 【कितने बसन्त अतीत के घूमते】 आँख से गिरते मोती, कहीं जम गए तो, बीतीं हुई यादों का सैलाब टूटेगा ये, कितने बसन्त अतीत के घूमते, लफ्जों के हक़ का बनाते साम्राज्य, उन्हीं लफ्जों के महल... Hindi · मुक्तक 1 272 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Apr 2021 · 1 min read 【मधुर स्मित, अधरों की लहर】 लोकों को, मोहित करती है, सँवारती है, बस यही है, सब कुछ जगत में, यही वर्ण का वेग, यही योग है, यही सुयोग है, न हो सम्मुख ये, तो महसूस... Hindi · मुक्तक 1 385 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 3 Apr 2021 · 1 min read 【अन्तिम किरण, पुकारती है सुधार करो】 जलते दिये, रोशनी पर रोशनी, की परतें, बहुत दूर, पश्चाताप के अन्धेरें को, नष्ट करती उस रोशनी की, विलासी अन्तिम किरण, पुकारती है सुधार करो, ऐसे जैसे पंकज रहता है,... Hindi · मुक्तक 285 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 2 Apr 2021 · 1 min read 【जैसे शशि से, विलग न होती, तेजस्वी चाँदनी】 अधखुली झोली, दीखतीं रश्मियाँ, तेज की, ज्ञान की, वही तेज,जिससे, प्रकाशित साधक की, साधना, कल्पना, कल्पना में एक ही, अड़िग उद्देश्य जो, प्रदर्शन करता है, कभी न रुकने का, कभी... Hindi · मुक्तक 219 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 2 Apr 2021 · 1 min read "बातों की, बात में◆साहस का एकीकरण" सहसा, साहस का एकीकरण, बातों की, बात में, लच्छेदार, चित्रकारी, चित्रकारी में, शब्दों के पुष्प, शब्दों की सुबह और शाम, खिलने और बन्द होने की, प्रक्रिया अनवरत चलती हुई, द्योतक... Hindi · मुक्तक 407 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 1 Apr 2021 · 1 min read "उद्यम की क्रान्ति से तृप्त होती भूख" कोई, आवाज़ नहीं है, मूक पक्षी, और भूखा, देख रहा है, क्या वास्तव में, वह नहीं बोलता है, वह बोलता है, एकान्त में, वह देखता है, वह सुनता है, अपने... Hindi · मुक्तक 305 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "शुद्ध प्रेम नहीं अगर, हृदयरूप द्वार पर" अन्तरंग राग पर, स्नेह की नाव पर, प्रेम के दबाब पर, लफ्ज़ के ख़्याल पर, आशा की डोरी पर, श्वांस के अन्तराल पर, मूर्ख के आह्लाद पर, स्वयं के उद्यम... Hindi · मुक्तक 1 248 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "मन, भी अनन्त है,ईश्वर जैसा" कगार पर, खड़ा हुआ ज्ञान, अन्तर्द्वन्द से मचलती, वृत्ति को स्पर्श, न कर पाने से, संकोच की परिधि में, सामंजस्य की नित, नई प्रभाती से, विरोध की वृष्टि, भी सहकर... Hindi · मुक्तक 1 287 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "द्वेष भाव सब तजें" द्वेष भाव सब तजें, नेक राह सब चले, किसी से भी सदैव ही, व्यंग्य बात यूँ कहें, उसे वहीं नष्ट करें, विचिंत्य ही बोलते, मनद्वार खोलकर, बुद्धि के प्रभाव को,... Hindi · मुक्तक 1 410 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 31 Mar 2021 · 1 min read "शान्ति का उलाहना" असेव्य देव की तरह, सूखे पाषाण की, छाया भी शुष्क, वायु से खड़खड़ाते पत्ते, अज्ञात पुष्प की सुगन्धि, मन्द मन्द लहर, बलात खींचती नाक को, सुगन्ध प्रमाणित करती, जीवन भी... Hindi · मुक्तक 1 380 Share Previous Page 16 Next