दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कभी कभी चाह होती है
हिमांशु Kulshrestha
हे भारत की नारी जागो
Dheerendra Panchal
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
अबूझमाड़
Dr. Kishan tandon kranti
"दुधावा डैम"
Dr. Kishan tandon kranti
4471.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
#परिहास-
*प्रणय प्रभात*
सूखता पारिजात
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खजूर के वृक्ष का दुख
Laxmi Narayan Gupta
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
😊सुप्रभातम😊
*प्रणय प्रभात*
"दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो गम की घड़ी भी खुशी स
Harminder Kaur
रिश्ते समय रहते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
हो जाती हैं आप ही ,वहां दवा बेकार
RAMESH SHARMA
लाख कर कोशिश मगर
Chitra Bisht
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
Ravikesh Jha
நீ இல்லை
Otteri Selvakumar
இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நின
Otteri Selvakumar
காதலும்
Otteri Selvakumar
ମୁଁ କିଏ?
Otteri Selvakumar
गुफ्तगू करना चाहो तो
Chitra Bisht
Who am I?
Otteri Selvakumar
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
छूकर आसमान फिर जमीन पर लौट आएंगे हम
Ankita Patel
" जन्नत "
Dr. Kishan tandon kranti
" मतलबी "
Dr. Kishan tandon kranti
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
Rj Anand Prajapati
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
Dr fauzia Naseem shad
4470.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
इशरत हिदायत ख़ान
वैश्विक बाज़ार और हिंदी
Shashi Mahajan
4469.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4468 .*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी पर यक़ीन आ जाता ,
Dr fauzia Naseem shad
4467.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
टूटता है यकीन खुद पर से,
Dr fauzia Naseem shad
हाल हुआ बेहाल परिदे..!
पंकज परिंदा
4465.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बस्तर का वैलेंटाइन
Dr. Kishan tandon kranti
मित्र धर्म और मैं / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"बस्तर हाट"
Dr. Kishan tandon kranti
जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,
Manisha Manjari
खटाखट नोट छापो तुम
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ख्वाब टूट जाते हैं
VINOD CHAUHAN