Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हें मिल जाता होगा चैन कई ठिकाने जो होंगे मेरी तो बेचैनियों की सबब तुम से क्या अब मुझे ये भी, तुमको पुर्दिल बताने होंगे ! ...सिद्धार्थ *** सब ने... Hindi · मुक्तक 2 398 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक दिल को जुबां नही होता, आंखे नही होती, बस धडकने- धडकनों को पहचान लेती हैं मुहब्ब्त जिसको कहते हैं, अंधे - गूंगे दिल की धडकनों में ही अक्सर वो पल... Hindi · मुक्तक 1 204 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक खिलौनों से खेलने की थी हसरत, भूख ने दिल को बड़ा बेज़ार किया रोटी के खातिर मैंने बच्पन की हसरतों को बाज़ार के नाम कर दिया ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 1 527 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2019 · 1 min read राम... राम... क्या अब भी तुम्हें पत्थरों में ही बसे रहना है ? क्या तुम्हें भी रहीम के औरतों को भोगना है ? क्या नोच- चोथ कर औरतों को गिद्ध तुम्हें... Hindi · कविता 2 415 Share Mugdha shiddharth 7 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक इंसानियत लंगड़ा हुआ धर्म के बाजार में खून की तलब लगी है मज़हबी तलबार में ! ...सिद्धार्थ *** सदा-ए-इंक़लाब की उठी तो पूजीं टिक न पायेगी हर जर्रे से फिर... Hindi · मुक्तक 2 387 Share Mugdha shiddharth 7 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 'प्यार'... तुम से कैसे कह दूँ प्यार नहीं है हमें बस कहने नही आता जिस तरह आता है तुम्हें ! ...सिद्धार्थ *** तुमने पलट कर कुछ तो कहा फिर, जहाँ... Hindi · मुक्तक 1 418 Share Mugdha shiddharth 7 Aug 2019 · 1 min read बेटी हूँ दो-चार किताबें मेरे हिस्से भी रख दो दो-चार पहाड़े मेरे जेहन में भी भर दो बेटी हूँ कुछ ख्वाब के सलमा -सितारे मेरे हाथों की लकीरों में भी जर दो।... Hindi · कविता 2 1 338 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read शायरी हम अपनी आद्तों से न जाने कब तक बाज आएंगे किसी की मर्जी हो के न हो हम आवाज़ उठाते जायेंगे। हम अकेले वो नहीं जो इस दहर में दफ़नाये... Hindi · मुक्तक 3 1 427 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक बड़े सलीके से दबा रखा था, 'इश्क' को दिल कि संदूकची में वो बाज़ीगर निकला, दिल ले गया दर्द का दरिया दे गया ! ...सिद्धार्थ २. ये इश्क मेरा शराब... Hindi · मुक्तक 1 295 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हारी ख़ामोशी का मलाल नही बस अपनी साफगोई से डरती हूँ कहीं किसी रोज पलट के न कह दूँ जा तुझे अब मैं आजाद करती हूँ ! ...सिद्धार्थ २. नए... Hindi · मुक्तक 2 1 420 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तन को जंजीरों से तो बांध भी सकते हैं, मन को किसी बिधि न साधा जायेगा, बाजु कटे तो कट जाये, सर भी डाला जायेगा और नहीं तो रूह... Hindi · मुक्तक 2 230 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमने ठोकरों में रखा है एहसास-ए-मसर्रत को तुम्हें गर दरकार हो इसकी तो लेते हुए जाना ! ...सिद्धार्थ २. दिल से याद कर मगर फ़रियाद न कर दिल कि बातों... Hindi · मुक्तक 1 423 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. अपने कई ताज़ा जख़्म खुला छोड़ रखा है मैंने नमक के सौदागर हो तो मल जाओ जख़्मों पे ...सिद्धार्थ ***२. था भरा उपवन सारा रंग बिरंगी फूलों से मैंने... Hindi · मुक्तक 1 474 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक पत्थरों की सोहबत ने पत्थर का ही बुत बनाया मुझ को बिछड़ के तुझ से रोया था, क्या पत्थरों ने बताया तुझ को ! ...सिद्धार्थ *** ख्वाबों के टूटने से... Hindi · मुक्तक 1 227 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक ! चूल्हे में डालो बंदूकों को, प्यार की रोटी सिक जाने दो धर्म की बातें छोड़ गरीबी-भुखमरी की बातें हो जाने दो। मुंसिफ हुई है जो सरकार उसे प्रतिकार का महत्व... Hindi · मुक्तक 2 439 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2019 · 1 min read मिट्टी का चूल्हा ! मक्के की रोटी और सरसो का साग जब सिकती थी मिट्टी के चूल्हे कि आंच पे गरीब थे तब पर रहते थे हम भी ठाठ से, होके अमीर अब गैस... Hindi · कविता 1k Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक एक किताब से दूसरे तक जाते-जाते नट सी हो जाती हूँ मैं अल्फ़ाजों के भँवर में कभी-कभी उलट पलट हो जाती हूँ मैं ! ...सिद्धार्थ दोस्तों के दोस्त हैं ये,... Hindi · मुक्तक 1 384 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2019 · 1 min read भागो मत... भागो मत... देखो जरा इसे गौर से क्या दिखती है ये तुम्हें ? भोग की वस्तु, भोग्या क्या ? पर मुझे तो धरती दिखती है... बसंत की हरी-भरी धरती ये... Hindi · कविता 1 554 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक अबकी राख से आग होने का सोचा है, ये न कर, मुझ से मेरी औकात न पूछ । माँ बहनों की आन-मान के लिए, ताव देख मेरी, देख न मेरी... Hindi · मुक्तक 3 487 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैं कभी कसी दोस्त बनने न पाई पुर्दिल कोई सांस-सांस में दोस्त बन पल रहा है ! ...सिद्धार्थ २. समय के नर्म रेत पर एक दिन यूँ ही गुजर... Hindi · मुक्तक 2 276 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तुम गलतियाँ करते रहो हम सुधार देंगे मुहब्बत है तुम से, कैसे तुम्हें उजाड़ देंगे। २. हमने तो मुहब्बत को अलफाज बना कर जज्बात अपने बिखेरे थे कहाँ पता... Hindi · मुक्तक 3 1 287 Share Mugdha shiddharth 4 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे जिस्म के गली में तुमने जश्न मनाई थी मार कर मुझको, मुझ में मेरी कब्र बनाई थी ! ...सिद्धार्थ *** सांप की बांबियों को तुम दूध पिलाते हो ?... Hindi · मुक्तक 429 Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. फूलों के जन्मदिन को कब उत्स्वित किया जाता है दिल की बातें हैं शब्दों से सोपान कहां दिया जाता ! ...सिद्धार्थ *** २. कुछ मेरे हिस्से केख़्वाबों को तुम्हारा... Hindi · मुक्तक 1 1k Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. लिख-लिख कर सफ़हे से मिटाया जा रहा है, कुछ तो एहसास बचा है जिसे छुपाया जा रहा है ! ...सिद्धार्थ *** २. बस एक आश लिए बैठी हूँ काश... Hindi · मुक्तक 1 216 Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मुन्सिफ़ हुए थे वो, हम आवाम की आवाज ठहरे सच को सज़ा भी हुई थी, लगाए गए थे खूब पहरे। न हम रुके, न ही खरीदे गए न गालियों... Hindi · मुक्तक 1 346 Share Mugdha shiddharth 3 Aug 2019 · 2 min read लेख सच की आवाज को मिला रेमन मैग्सेसे सम्मान ; ये अजीब बिलकुल नही, अप्रत्यासित भी नही इसे होना ही चाहिए था और हुआ भी। बहुत खुशी कि बात है, इस... Hindi · लेख 2 2 502 Share Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने सोचा है... रुह के दीवानखाने में रख लूँ तुम्हें,... किरायेदार बनाकर पहले कहो तो... मकां पसंद आया... *** २. वो मुझ में मेरा हिस्सा बन के ही छूटा... Hindi · मुक्तक 329 Share Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read तीन मुक्तक १. बहुत खाये- अघाये हो तुम, बहुत ज़्यादा मैं भी भूखी हूँ करूँ क्या मैं… ? मुझ तक पहुँचने वाली, रहमत की हर नदी ही सूखी है ! २. जीता... Hindi · मुक्तक 423 Share Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुझे मेरे हिस्से का दर्द बहुत अजीज है पहली बार मिला है आखिरी तक रखूंगी। दो पर दिए थे कुदरत ने नेमत कह कर परवाज़ छोड़ के अब मौत को... Hindi · मुक्तक 307 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2019 · 2 min read लेख क्यूँ पूछते हो 'सनम' क्या है हाल तेरा काफूर बस होने को ही है जलाल मेरा ; सभी मुस्लिम औरतों को बधाई, तीन तलाक बिल के पास होने पर। हाय... Hindi · लेख 2 1 312 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक अक्सर दिलों में पुर्दिल, शैतान चुपके से सोता है देख के दूसरों का दुख, मन ही मन वो हंसता है। हस लो तुम अब जी भर के, दर्द न अब... Hindi · मुक्तक 440 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2019 · 1 min read तुम तो वही हो न,उन्नाव रेप केस वाली ? तुम तो वही हो न,उन्नाव रेप केस वाली ? तुम तो मर चुकी थी न ? एक साल पहले... जब तुम्हारे जिन्दा जिस्म को नोचा गया था इंसान जैसे ही... Hindi · कविता 2 591 Share Mugdha shiddharth 23 Jul 2019 · 2 min read तुम अपने गिरने कि हद खीचते ही नहीं, देखो हम गर गिरे तो जलजला आएगा ! अख़बार बेच रहे हैं वो सस्ती में सपने बिखरे हैं अपनी बस्ती में। बांकी सब अपने-अपने मस्ती में फांका बस गरीबों की बस्ती में। किस को पड़ी है भूखे नंगों... Hindi · कविता 1 420 Share Mugdha shiddharth 10 Jul 2019 · 2 min read शान्ति की चाह ! कितनी शांत दिखती है धरती रहती है सब के पैरों के नीचे बनती है सब का बिछौना, यही सोच कहा धरती से, एक दिन हस कर मैंने... मुझे मिला ले... Hindi · कविता 1 1 354 Share Mugdha shiddharth 29 May 2019 · 1 min read तुम तो बस बेटी थी ! न तुम चमार थी, न वो राजपूत या ब्राम्हण था, न वो आगरा वर्ग का था, न तुम पिछड़ा वर्ग की थी, न तुम्हें वर्ण व्यवस्था की आग में तपाया... Hindi · कविता 2 1 302 Share Mugdha shiddharth 27 May 2019 · 1 min read मुक्तक कुछ स्याह से दिख रहे हो तुम... कुछ बदला है क्या ? तुम तो लड़ाकों के पहचान हो... तुम्हें याद दिलाना पड़ेगा क्या ? अपने लाल पंखों को लहराओ फिर... Hindi · मुक्तक 1 193 Share Mugdha shiddharth 27 May 2019 · 1 min read जरा ठहर तो वक्त ... जरा ठहर तो वक्त, मैं अपनी हालत तो सुधार लूँ लडख़ड़ाते कदमों को जरा हौसलों से सवार लूँ । इजाजत हो गर तो आसमाँ से विशालता उधार लूँ कुछ बिजलियाँ... Hindi · कविता 1 200 Share Mugdha shiddharth 25 May 2019 · 1 min read मन के सारे मोड़ सच्चे थे ! मन के सारे मोड़ सच्चे थे बस रास्ते जरा से कच्चे थे ! / उम्मीदें सारे अच्छे थी बस बांधी थी जिससे वो दिल के थोड़े बच्चे थे कान के... Hindi · कविता 4 3 434 Share Mugdha shiddharth 21 May 2019 · 1 min read जो तू न भूले तो बात बराबर। आगाज़ किया है मैंने साथी, सच से सीधा आँख मिला कर, क्या इंकलाब भी रोया होगा, भूखे बच्चों से आँख मिला कर गंगा-सतलुज में क्या आँखे धोया होगा खुद डुबकी... Hindi · कविता 4 2 269 Share Mugdha shiddharth 19 May 2019 · 1 min read मुक्तक ! मुर्दों की बस्ती में कुछ जिन्दा लोगों को देखा मैंने मुर्दा होकर भी तुमको यारा ज़िंदा देखा। *** ख़ाहिश है देश के काम मैं भी आऊं लड़की हूँ पर आसमान... Hindi · कविता 1 244 Share Mugdha shiddharth 19 May 2019 · 1 min read तेरे नीरस जीवन में मधुर स्वप्न अभी मुझे भरना है। जिन कातर नयनों में सपने बेजान पड़े हैं भूखे हड्डी में जिनकी अभी भी जान पड़ी है। उन नन्हें कोमल अबोध बच्चों की गरज मुझे पड़ी है सारे रोते बच्चों... Hindi · कविता 1 191 Share Mugdha shiddharth 18 May 2019 · 1 min read हम लड़खड़ाए फिर संभल कर चल दिए। सब अपनी मजबूरियां उठाए चल दिए हम लड़खड़ाए फिर संभल कर चल दिए। कौन रोकेगा लुटेरों को वतन को लूटने से हम कुछ सुस्त कुछ तेज कदम से चल दिए।... Hindi · कविता 2 2 359 Share Mugdha shiddharth 18 May 2019 · 1 min read हाँ, मैं नास्तिक हूं ! हाँ, मैं नास्तिक हूँ मुझे नास्तिक ही रहने दो धकेलो मत मुझे आस्तिकता के खाई में बहुत अंधकार है वहां बदबू और सीलन है वहां और सीलन भरे जमीन मजबूती... Hindi · कविता 2 4 420 Share Mugdha shiddharth 15 May 2019 · 1 min read हँसो कि सुबह की पहली धूप हो जाओ ! हँसो, उनकी आँख में आँख डाल कर हँसो उनके मुँह पे हँसो, ठहाके मार कर हँसो उनके चबूतरे और खलिहान में हँसो उनके भविष्य और वर्तमान पे हँसो उनके भूत... Hindi · कविता 1 308 Share Mugdha shiddharth 12 May 2019 · 1 min read बढ़ो कि माँ ने तुम्हें बुलाया है ! माँ पे गिद्धों का पड़ आया साया है चोरों ने माँ को बहुत ही रुलाया है, कुछ खुद खाया, कुछ अज़ीज़ों को भी खिलाया है, कुछ चोरों को देश से... Hindi · कविता 1 459 Share Mugdha shiddharth 12 May 2019 · 1 min read 'माँ' तेरे साथ तेरे हांथ के बिन, अकेले में रोती हूँ मैं ! 'माँ' तेरे साथ तेरे हांथ के बिन, अकेले में रोती हूँ मैं आ कि तुझ बिन सब होके भी कुछ नहीं होती हूँ मैं। तेरी वो डांट, तेरा वो चिल्ला... Hindi · कविता 2 566 Share Mugdha shiddharth 11 May 2019 · 1 min read मुक्तक ! 56 इंच का सीना लेकर कह रहे खुद को चौकीदार हम ने देखा है भईया देश को लूटते इनको ही बार-बार कैसा अजब-गज़ब माया है, चोर कहे खुद को चौकीदार... Hindi · मुक्तक 2 254 Share Mugdha shiddharth 11 May 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हें अपनी आना को सरे बाम सहलाना था बस इस लिए अहले बतन को बेच आना था। हिन्दू - मुस्लिम जो कभी थे भाई- भाई उनके हाथों में नफ़रत की... Hindi · मुक्तक 270 Share Mugdha shiddharth 9 May 2019 · 1 min read माँ है वो मेरी ! कौन है वो जो, मेरे 'ऐब' को भी आंचल समोता है 'खूबियों' को भी मेरे, अपने दामन में संजोता है। देखने वालों ने बस अपनी आँखों की पुतली से देखा... Hindi · मुक्तक 2 373 Share Mugdha shiddharth 9 May 2019 · 1 min read अब उनकी कुर्सी पे बात बन आई है ! वो वोटी हमारी नोच रहे हम रोटी-रोटी करते हैं , वो शासक हैं, हम शोषित हैं वो मालिक हैं हम चाकर हैं. हम दीन-हीन वो धनी बने हम बेबस वो... Hindi · कविता 4 313 Share Previous Page 15 Next