Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next Mahender Singh 8 Jan 2019 · 1 min read इंसान की मनुष्य से अरदास भले गरीब हैं अशक्त असहाय नही, इंसान ही हैं बस इतना सा संभलकर बोल लेना, इंसाफ की जुर्रत नहीं है मुझे, हो सके तो खुद को परख लेना, मेरी मासूमियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 455 Share Mahender Singh 7 Jan 2019 · 2 min read खुद को अभिव्यक्त करने के लिये पढ़ें स्वप्न दो किस्म के होते है, एक जिनको हकीकत में बदला जा सके, दूसरे जो सिर्फ खयाली पुलाव हो, विचारों के साथ भी कुछ ऐसा ही है, एक जिन्हें कृत्य... Hindi · लेख 2 1 495 Share Mahender Singh 1 Jan 2019 · 1 min read नव-वर्ष और भारत-वर्ष कुछ बदला है शायद आया है सुकून लेकर अवसर ही सही .. भाग्योदय होगा अगर है ये शुरुआती शुभ् खबर परिवर्तन का हो गर जिक्र बदलाव को माध्यम चाहिये तमन्नाओं... Hindi · कविता 3 2 475 Share Mahender Singh 22 Dec 2018 · 1 min read 2018 का समापन नववर्ष का आगाज़ है, जाते जाते साल अठारह एक संदेशा देती जा, हो न कोई अकाल मौत जाते जाते इतनी अक्ल देती जा. . हो न कभी धर्म में हानि, जीवन में आस्था पैदा... Hindi · कविता 3 1 222 Share Mahender Singh 19 Dec 2018 · 1 min read परिवर्तन समय पर है भारी. समय बदलता है बदलाव नियति है पकडता है मन उसी को छोड़ देता है ऊभ गया जिससे, . रोना भी हंसा देता हंसना भी रुलाता गालियाँ भी चौंका देती, लौरिया... Hindi · कविता 4 2 512 Share Mahender Singh 17 Dec 2018 · 2 min read जीवन से संबंधित कुछ तथ्य. *जो इंसान समयानुसार अपडेट नहीं रहते बिछुड़ जाते है, *जो समुदाय संघठित नहीं रहते वे टूट जाते है ... *जो संघर्ष नहीं करते लुप्त हो जाते है, *जिनमें तर्क-शक्ति नहीं... Hindi · लेख 3 4 302 Share Mahender Singh 16 Dec 2018 · 1 min read तमस् से जागरण की ओर. आये है हम प्रेमी बनकर, हर नफरत को मिटा देंगे, लाख फैला दो पाखंड आज, हम जागरण मनाने आये हैं , जल रहा शहर आज क्रोध से, प्रेम पुष्पों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 323 Share Mahender Singh 15 Dec 2018 · 1 min read कौन धर्म कैसी मानसिकता. भारत संभावनाओं का देश है । राष्ट्रीयता भले भारतीय हो । भारतीयता के तात्पर्य से अनभिज्ञ हैं । हम एक दूसरे को रोकते जरूर है । भले रोकने की वजह... Hindi · लेख 2 2 304 Share Mahender Singh 14 Dec 2018 · 1 min read #ज़िंदगी तू ही दाता और विधाता. सिखाया ज़िंदगी ने जो मुझे, मिला है जो #प्रेम मुझसे, उसे बाँटता चल, जीवन जीने का नाम है, दूसरों के लिये प्ररेणा बन, तू महक तू न बहक है ये... Hindi · कविता 3 1 275 Share Mahender Singh 6 Dec 2018 · 2 min read सनातन और बाबा साहेब जी हाँ ठीक सुना आपने, सनातन हमारा जीवन है, सनातन हमारी जीवनशैली है, लेकिन क्या तना-तनी और क्या ताना-बाना है .. मर्ज क्या है ? जानने की जरुरत है, सिर्फ़... Hindi · लेख 2 5 253 Share Mahender Singh 29 Nov 2018 · 1 min read जय माँ भवानी :- एक आदर्श. करते हैं वंदन आज भी भले कलियुग हो माँ, हो आदि शक्ति कलियुग में भी हो सहारा माँ, जगत जननी हो जगदम्बा तेरो नाम है माँ, जय भवानी तू ज्वाला... Hindi · कविता 6 6 396 Share Mahender Singh 17 Nov 2018 · 1 min read परिंदे दीवाने तुम नहीं परवाने हम नहीं, कम से कम परिंदे ही बन देख लेते. . कभी प्रभावी कभी प्रवासी तनिक, सरहदें तोड़ कर जीना सीख लेते .. . न कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 327 Share Mahender Singh 3 Nov 2018 · 1 min read माँ की अलंकार महिमा माँ लफ्ज़ जब भी बोला जाता है ! जननी तेरा ही चेहरा नजर आता है ! माँ एक अलंकार संपूर्ण समर्पण ! प्राकृतिक चरित्र तेरा ही नज़र आता है! अस्तित्व... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 2 802 Share Mahender Singh 1 Nov 2018 · 1 min read मुशायरे का जुनून हजार मिटाओ यादें हमारी हम भी दाग हैं .. जुगनू बन रात पर भारी हैं. . दामन पर है दाग दूसरों को भारी हैं. . जीवन एक अभिनय. होना चाहिये... Hindi · कविता 4 3 241 Share Mahender Singh 2 Oct 2018 · 1 min read क्या है भ्रांति.. क्यों है हम अशांत प्रशंसा या निंदा प्रसंशक या निंदक पूर्णिमा या अमावस्या उजाले वा अंधेरे लेखन या रिक्तता आधा या खाली खाली के भरा प्रश्न के उत्तर या उत्तर ही उत्तर बहुत से... Hindi · लेख 2 1 399 Share Mahender Singh 23 Sep 2018 · 1 min read समय और परिवेश समय की कुछ आदत ऐसी रही. खुद बदलता गया .. मुझे बदलता रहा. न खुद रुका .. न मुझे महसूस होने दिया. कभी काल बनकर गरजता. कभी प्रेम बन बरसता.... Hindi · कविता 3 2 378 Share Mahender Singh 31 Aug 2018 · 1 min read कुण्डलिया ..हरियाणवी इब के नया होग्या जिब के पुराना था, हांगे आले मारैं मसकोड़ा हाल बुरा होग्या, हाल बुरा होग्या फैला अखत अंधकार, माणस माणस का बैरी होग्या,यो धर्म नहीं. जात-पात और... Hindi · कुण्डलिया 3 1 289 Share Mahender Singh 25 Aug 2018 · 1 min read रक्षा में सूत्र गिरे हैं मानवीय मूल्य घटा है जीवन में स्तर जरूरी है अहसास रिश्तों में उभरे गगन नभ इंद्रधनुष सा आभास .. झुक जाये जो प्रेम की बरसात सा. पुलकित हो... Hindi · कविता 2 1 483 Share Mahender Singh 9 Aug 2018 · 1 min read दोहों के शौकीन पढ़ें.. मेरी कलम से निकले कुछ दोहे 1. नफरत पलभर की चले ........क्रोध के संग, परमाणु सम अति सुक्ष्म है मार करे अतिदूर. 2. आतम तेरा नेह नहीं .....इस देह के संग, तेरा प्रवाह नदी सम खोज़ै... Hindi · दोहा 5 2 484 Share Mahender Singh 8 Aug 2018 · 1 min read हास्य और व्यंग्य आखिर कबतक नासमझी का ढोंग करोगे ? बहकावण की भी हद होवै सै, जिद्दी ऐसे कि मानते कोनी. इब थम ही देख लो ? लोग नाम के सामने. भारती भारतीय सरनेम ऐसे लगाते हैं जैसे ये ही... Hindi · कविता 1 1 547 Share Mahender Singh 3 Aug 2018 · 1 min read अस्तित्व के प्रकृति स्त्रीत्व की पुकार सजी है संवरी है आज फिर से, तू फिर भी उदास है, खामोशी तेरी नाखुश में हाँ है, मालूम है मुझे, तू बलात्कारी बना है ..जब से .। ~डॉ_महेन्द्र भाव:-... Hindi · कविता 1 1 307 Share Mahender Singh 27 Jul 2018 · 1 min read गुरु तत्व और समीक्षा जन्म हुआ निर्बोध आज, बोध ! जब लखावण लाग्या. रहग्या रहप जब दूध मायत .. तेरी छाती माहि आवण लाग्या. जुड़े थे सांस मह सांस. रोम रोम पुलकित था. हर... Hindi · कविता 1 1 520 Share Mahender Singh 26 Jul 2018 · 1 min read नाज़ है ..तुझ पर 'अ जिंदगानी' शीर्षक:- #नाज़ है तुझ पर 'अ जिंदगानी' नाराज न हो 'अ जिंदगानी. तुझ पर ही तो #नाज़ है . चमन में खिले कंटक पुष्प. हररोज इक नई कहानी है. होगा... Hindi · कविता 2 1 500 Share Mahender Singh 20 Jul 2018 · 1 min read जागरण ही मुक्ति द्वार है..एक प्रयास इस ओर. मैं कुछ कहता. इससे पहले सबकुछ कहा जा चुका था. कुछ ने अमल कर नकार दिया. अपने निज अनुभव से काम लिया. कुछ अनसुने रह गये. कुछ को सुनना था.... Hindi · लेख 1 1 262 Share Mahender Singh 6 Jul 2018 · 1 min read स्वाध्याय ! हाँ मुझे नफरत है तुमसे ! मेरे अंदर भी प्रेम की ललक है ! हाँ मैं गुस्सैल हूँ ! शांति चाहिये मुझे ! हाँ शैतान हूँ मैं, इंसानी चाहत है... Hindi · लेख 1 1 270 Share Mahender Singh 5 Jul 2018 · 1 min read लौट आओ ..अब शाम हुई. सिमट जाती है दिनभर की यादें ! चलो अब घर लौट चले .. शाम जो हुई , हर जीव हर पंछी हर पथिक तलाश है जिन्हें, आशा है उन्हें, सुख,... Hindi · कविता 3 1 280 Share Mahender Singh 24 Jun 2018 · 1 min read पहचान, समझ और जागरण. पहचान,समझ और जागरण ******************* पकड़ लिया जकड़ लिया उन्हीं संवेदनाओं ने, जिन्हें हम धर्म और स्वराज के लिये फैली हैं , समझते रहे .। #जागृति के लिये तह तक जाना... Hindi · कविता 2 1 238 Share Mahender Singh 5 Jun 2018 · 1 min read विश्व पर्यावरण दिवस और ये अल्फाज़ पर्यावरण बचाओ ! तभी जिंदा रह पावोगे ! ये एक समन्वय है ! इसके बिन ! कहाँ जिंदा रह पावोगे ! . गर लिया ! लौटा नहीं पाये ! कर्जदार... Hindi · कविता 1 1 243 Share Mahender Singh 2 Jun 2018 · 1 min read "जीवन एक अभिव्यक्ति" एक चालाक शातिर आदमी की कहानी में मैंने सुना है, आज चरितार्थ देख भी रहा हूँ ? . चार आदमियों ने दिन स्वादिष्ट खीर बनाई. और एक शर्त तय की... Hindi · कहानी 2 2 344 Share Mahender Singh 31 May 2018 · 2 min read स्वतंत्रता तुम्हारा जन्म सिद्ध अधिकार है, मुझे कभी नहीं लगा मैं एक चिकित्सक हूँ. डॉक्टर हूँ, वैध या भौतिक प्रतिभूति हूँ...। मैं स्वयं को एक सेवक समझने की भूल करता रहा, लोग बदल चुके थे,लोगों के... Hindi · लेख 2 1 555 Share Mahender Singh 21 May 2018 · 1 min read आनंद और प्राकृतिक सौंदर्य रे मानव तू काहे बन गया दानव क्या चाह है तेरी पहचान जरा गर तू सौंदर्य प्रेमी है क्यों बंद किये है आँखें खोल जरा खुली है तो कर बंद... Hindi · कविता 1 1 203 Share Mahender Singh 18 May 2018 · 1 min read वोटर और नेता . धरती बरसे . अम्बर भिजै . . हमनै थमनै . इब कुण समझे . . वोटों तक ही. मंथरा भड़के . . फेर तै वोटर . बंजर दिखे .।। .... Hindi · कविता 1 1 476 Share Mahender Singh 17 May 2018 · 1 min read जो जाग गये वो मुक्त हुये ! आपकी दुविधा अंध-भक्ति ! व्यंग्यात्मक शैली से भ्रम दुविधा द्वंद द्वैत का इलाज संभव है !! . श्रेष्ठ होना है तो ! पहले अच्छे बनो ! अच्छे बनने के मूलभूत सूत्र :- . लोगों... Hindi · लेख 1 1 245 Share Mahender Singh 14 May 2018 · 1 min read जल की मछलियां..फिर भी है बदबू ! हार तो वो गये. जो खुद को . गैर समझ बैठे . ?? भक्तों को हराना. चरित्र से गिरना. हराम की खाना . ? जिनकी नियति हो . वहाँ हर... Hindi · कविता 1 1 203 Share Mahender Singh 13 May 2018 · 1 min read फैसलों में फासले हो ही जाते है ! कुलहड़ की चाय. फूहड़ की चाल . मकड़ी का जाल . कचहड़ी की चाल. उम्र बीत जाती है . फैसले मृत्यु के बाद . जनता सुनती है . कभी काफिरों... Hindi · कविता 1 1 253 Share Mahender Singh 12 May 2018 · 1 min read "जीवन एक मधुशाला" मधुशाला है महकती . जलता दिल अपना . दुनिया है भौंकती . बदबू बहुत है आती ।। . शराब जो हैं पीते . आबरु उड़ जाती . दारू समझ कर... Hindi · कविता 1 1 296 Share Mahender Singh 5 May 2018 · 1 min read "अंजान जिंदगी.. जाने पहचाने लोग" "अंजान जिंदगी ..जाने पहचाने लोग" **************************** गुजर गई जिंदगी बस यूँही सफर में . मुसाफिर फिर भी अंजान है महेन्द्र । कौन हिंदू... कौन मुसलमान , ये तो पिटभर के... Hindi · कविता 1 1 235 Share Mahender Singh 22 Apr 2018 · 1 min read धरा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये. धरा दिवस पर विशेष :- ****************** है हरी भरी धरा निराली . बनी हुई सबमें मतवाली. सजी है उसपर जीवन रंगौली . रुपहले पर्दे पर छटा निराली. कोई पड़ा है... Hindi · कविता 1 1 265 Share Mahender Singh 13 Apr 2018 · 1 min read मैं अक्सर भूल जाता हूँ . मैं अक्सर भूल जाता हूँ . मैं कुछ हूँ दुनिया याद दिलाती है .। . फिर भी सजता हूँ संवरता हूँ । सौंदर्य बोध का आभास ...। संग जोड़ लेता... Hindi · कविता 1 1 324 Share Mahender Singh 6 Apr 2018 · 1 min read "ऊहापोह की स्थिति में समाज" “ऊहापोह की स्थिति में समाज” मैं भारतीय हूँ . मुझे भारतीय होने पर गर्व है. हर नागरिक यही कहता है..और मैं भी । वो कौन लोग हैं ? जिन्हें कथन... Hindi · लेख 1 1 556 Share Mahender Singh 26 Mar 2018 · 1 min read मनुष्य से ज्यादा विचलित कुछ भी नहीं । मनुष्य विचारवान् है . यही उसका विकास और पतन भी . . वह सही अर्थ में . इंसान खुद को खोजने में असमर्थ रहा . धर्म को तो बिल्कुल नहीं... Hindi · लेख 1 1 487 Share Mahender Singh 21 Mar 2018 · 1 min read कविता तुम मेरे हृदय की धड़कन हो. #विश्व कविता दिवस. पर हार्दिक शुभकामनाये क्यों रूठी रूठी हो तुम कविता. मेरा काव्य से नहीं था कोई नाता. . मेरे हृदय का जब कवि जगा. मालूम न था मुझे.... Hindi · कविता 1 1 709 Share Mahender Singh 17 Mar 2018 · 1 min read देश-प्रेम व्यक्तिगत योगदान. लेख:- हकीकत लय तोड़कर ही जान सकते हैं ।। . क्या आपकी रसोई दाल भात प्याज टमाटर रसोई-गैस सही चल रही है. क्या बिन रोजगार बिन व्यवसाय आपकी पहुंच के... Hindi · लेख 1 1 215 Share Mahender Singh 10 Mar 2018 · 1 min read कहीं आप भी किसी सेलेब्रिटी के प्रभाव में तो नहीं. सेलेब्रिटी क्या करते हैं. . लोगों को एक बार आकर्षित करते है. उनके मसीह होने का चोला ओढ़ते हैं. प्रशासन के खिलाफ़त करते हैं. लोगों को अपने साथ जोड़ने के... Hindi · लेख 1 1 481 Share Mahender Singh 9 Mar 2018 · 1 min read सभ्यता गड़े मुर्दे तथा न्यायालय कैसे मरे पूरजोर. सभ्यता सिखाती है. गडे़ मुर्दे कैसे उखाड़े. . और न्यायालय जिंदा इंसान कैसे मरे. . हमारी आशा है. मुर्दा कैसे जीवित हो. . आज भी सभ्यता आगे है. खूब उखाड़ो... Hindi · लेख 1 1 421 Share Mahender Singh 8 Mar 2018 · 1 min read अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भारत संयोग योग. मैं आज नारी जगत का अभिवंदन अभिनंदन करता हूँ आज "अंतर्राष्ट्रीय नारी दिवस" पर हर माँ के चरणों में झुका शीश नमन करता हूँ । हर कृत्य हों माँ तुझको... Hindi · कविता 1 1 341 Share Mahender Singh 6 Mar 2018 · 1 min read हाइकु :-जापानी लघु कविता का आनंद लें. देखें सोचना फिर पग बढ़ाना ध्यान ही है. . छोड़ दे पीछा कर अपना पीछा ध्यान ही है. . जान लें खुदी सिवा मोहब्बत के संसार ठग. . इतिहास में... Hindi · हाइकु 2 2 579 Share Mahender Singh 5 Mar 2018 · 1 min read देश-प्रेम का पहला लक्षण. दोस्तों हम सिद्ध क्या करना चाहते है. अतीत के. इतिहास से. अतीत के इतिहास से प्राप्त तथ्य अनुभव से वर्तमान सुखद सहज सरल होना चाहिये . होता विपरीत है. जो... Hindi · लेख 1 1 223 Share Mahender Singh 4 Mar 2018 · 1 min read भजन_अजब गजब यो खेला रे. .अज़ब गज़ब याे खेला रे. कोण दातार कोण आझी रे. सब ओर भुखमरी फैली रे. सेठ मारे पेट से रेला रे । . खाण पीण के ढ़ंग रचे. अभिमान रंगीला... Hindi · गीत 1 1 549 Share Mahender Singh 3 Mar 2018 · 1 min read कुछ लम्हें खुद से हो ..उनकी तलाश है । जिंदगी निराश है. कुछ लम्हें खुद से हो. उनकी तलाश है । रूठे बैठे हो जब अपने. कहाँ गुंजाइश है । धार्मिक लोग है. मतलबी क्रियाकलाप हैं । मंगल हो... Hindi · कविता 1 1 259 Share Previous Page 13 Next