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सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
AJAY AMITABH SUMAN
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
कभी कभी हमारे पास
कभी कभी हमारे पास
हिमांशु Kulshrestha
खुदा तो रुठा था मगर
खुदा तो रुठा था मगर
VINOD CHAUHAN
फिर फिर गलत होने का
फिर फिर गलत होने का
Chitra Bisht
कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
पंकज परिंदा
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
Aisha mohan
खत्म हुआ एक और दिन
खत्म हुआ एक और दिन
Chitra Bisht
Ak raat mei  ak raaz  hai
Ak raat mei ak raaz hai
Aisha mohan
Vo yaad bi kiy yaad hai
Vo yaad bi kiy yaad hai
Aisha mohan
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
रोला छंद -
रोला छंद -
sushil sarna
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
😢
😢
*प्रणय प्रभात*
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
gurudeenverma198
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
SHER
SHER
*प्रणय प्रभात*
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
नशा नाश करके रहे
नशा नाश करके रहे
विनोद सिल्ला
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
jogendar Singh
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वाक़िफ़ नहीं है कोई
वाक़िफ़ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
एक रचयिता  सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
Dr.Pratibha Prakash
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
Ravikesh Jha
काली एली अंगना
काली एली अंगना
उमा झा
अहाॅं बाजू नै बाजू पैर बजै पेजनियाॅं
अहाॅं बाजू नै बाजू पैर बजै पेजनियाॅं
उमा झा
गंभीर बात सहजता से
गंभीर बात सहजता से
विनोद सिल्ला
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
महाकाल
महाकाल
Dr.Pratibha Prakash
मुझमें क्या मेरा है ?
मुझमें क्या मेरा है ?
अरशद रसूल बदायूंनी
F
F
*प्रणय प्रभात*
दोहे
दोहे
seema sharma
दोहे
दोहे
seema sharma
दोहे
दोहे
seema sharma
दोहे
दोहे
seema sharma
दोहे
दोहे
seema sharma
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
Dr fauzia Naseem shad
इन हवाओं को न जाने क्या हुआ।
इन हवाओं को न जाने क्या हुआ।
पंकज परिंदा
..
..
*प्रणय प्रभात*
!! पर्यावरणीय पहल !!
!! पर्यावरणीय पहल !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
Gaurav Bhatia
*कष्ट का सुफल*
*कष्ट का सुफल*
*प्रणय प्रभात*
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