Neelam Sharma 660 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read गज़ल फ़िलबदीह -११९ तारिख़-२१/५/१७ मिसरा-इल्म उसका घटा नहीं सकता। क़ाफ़िया-आ रद़ीफ़-नहीं सकता। गिरह-इस क़दर है खफा माशूका मेरी, इल्म उसका मैं घटा नहीं सकता। १) रोज़ ही मिलतें हैं दो दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read सीप और मोती सीप और मोती मेरा दिल बंद सीप है और सनम तू उसमें है मोती तेरा मेरा साथ ऐसा है कि जैसे दीपक संग ज्योति। तू जुल्म करता है मुझपर, दिल... Hindi · गीत 664 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। गज़ल मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। हर इक सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी सच है कि जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। जीते जी जो कभी मिट ना पाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 251 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक इंतजार बस तेरा ख़याल तेरा इंतजार करते हैं खुशी तेरी चाहत में खुदी को बेक़रार करते हैं खुशी मेहनत करके तुझे पाना लुत्फ़ देता है जब इंतजार में भी तेरा... Hindi · मुक्तक 251 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read सुन ए खुशी, सुन ए खुशी, बातें दिल की जों तेरे लबों पे आजाएं !! तो मेरा इश्क सोने पे सुहागा हो जाए । हां दो घड़ी तू जो पास आ जाए जीस्त... Hindi · कविता 263 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read अहसास अनोखा अहसास सुन मेरी भी एक बार ए मेरे विचलित चंचल मन कर तू अश्कों के समंदर से निकलने का प्रयास खुदमें भर आनंद,उमंग, मस्ती और थोड़ा उल्लास सुखी दिखेगा... Hindi · कविता 319 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मेरी मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... Hindi · मुक्तक 249 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read बंद पन्नों का सफर अब भी महकता है बंद पन्नों में वह सूखा गुलाब.......। अब भी तेरी यादों को इत्र सा महकाता है सनम जो तुमने दिया था कभी हमको वो सुर्ख गुलाब हां,अब... Hindi · कविता 491 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक हरित पल्लवित अचला वसुधा सुंदर अति मनोहर क्यों किया अवसादित खंडित,मानव अब दयाकर भांति-भांति की लता वल्लरी वनस्पतियांहैं उजाड़ी है दुखी जीव पक्षी मृग उजाड़ धरा पर विचरकर। नीलम... Hindi · मुक्तक 268 Share Neelam Sharma 25 Dec 2016 · 3 min read किन्नर ......माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती किन्नर ...... कहते हैं मनुष्य गलतियों का पुतला है.यह सार्वविदित व स्वीकार्य भी है ,किंतु ईश्वर ! क्या ईश्वर... Hindi · कविता 1 2k Share Previous Page 14