Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Page 120
मजबूरन आँखें छिपा लेता हूं,
मजबूरन आँखें छिपा लेता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
जीया ख़ान ख़ान
जीया ख़ान ख़ान
goutam shaw
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
Ranjeet kumar patre
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
Ranjeet kumar patre
अटूट प्रेम
अटूट प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
चंदन का टीका रेशम का धागा
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
घडी के काटोंपर आज ,
घडी के काटोंपर आज ,
Manisha Wandhare
राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा
राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा
Shashi kala vyas
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
उस के धागों में दिल के ख़ज़ाने निहाँ
उस के धागों में दिल के ख़ज़ाने निहाँ
पूर्वार्थ
देखो भय्या मान भी जाओ ,मेरा घरौंदा यूँ न गिराओ
देखो भय्या मान भी जाओ ,मेरा घरौंदा यूँ न गिराओ
पूर्वार्थ
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
पूर्वार्थ
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
पूर्वार्थ
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
सारे रिश्तों से
सारे रिश्तों से
Dr fauzia Naseem shad
मां मैं तेरा नन्हा मुन्ना
मां मैं तेरा नन्हा मुन्ना
पूनम दीक्षित
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
पूर्वार्थ
Some friends become family, & then you can't get rid of 'em.
Some friends become family, & then you can't get rid of 'em.
पूर्वार्थ
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बलात्कार
बलात्कार
Dr.sima
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
Indu Singh
मैं गर ठहर ही गया,
मैं गर ठहर ही गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
😊अजब-ग़ज़ब😊
😊अजब-ग़ज़ब😊
*प्रणय प्रभात*
The darkness engulfed the night.
The darkness engulfed the night.
Manisha Manjari
सब कुछ दिखावा लगता है
सब कुछ दिखावा लगता है
नूरफातिमा खातून नूरी
पतोहन के साथे करें ली खेल
पतोहन के साथे करें ली खेल
नूरफातिमा खातून नूरी
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर का लेख नियति से बदल गया
ईश्वर का लेख नियति से बदल गया
Trishika S Dhara
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Dr.sima
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
3968.💐 *पूर्णिका* 💐
3968.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
Ajit Kumar "Karn"
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
Ajit Kumar "Karn"
अच्छे बने रहने की एक क़ीमत हमेशा चुकानी पड़ती है….क़ीमत को इ
अच्छे बने रहने की एक क़ीमत हमेशा चुकानी पड़ती है….क़ीमत को इ
पूर्वार्थ
कभी कभी ये जीवन आपके सब्र की परीक्षा लेता है आपको ऐसी उलझनों
कभी कभी ये जीवन आपके सब्र की परीक्षा लेता है आपको ऐसी उलझनों
पूर्वार्थ
3967.💐 *पूर्णिका* 💐
3967.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
3966.💐 *पूर्णिका* 💐
3966.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" can we take a time off from this busy world, just to relax
पूर्वार्थ
3965.💐 *पूर्णिका* 💐
3965.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
Rj Anand Prajapati
Page 120
Loading...