Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read सड़क से संसद सड़क से संसद तक मौन डोल रहा है क्या बात है जो... सिर्फ डेढ़ आदमी ही बोल अब रहा है सब के गहरे राज वो अपने होठों से खोल रहा... Hindi · कविता 1 1 483 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक जो कभी झुके नही हैं, वो झुकना सीखा रहे हैं, मंजिलों से पहले बचपन को रुकना सीख रहे हैं। वो दिन ए इलाही का लेते हैं जोर से नाम दीन... Hindi · मुक्तक 2 220 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. ज़िस्म की गली में जिंदगी का सूरज ढल भी जाय शब्दों के आंगन से बिछोड़ा किस तरह हो पाय । मिट जाते हैं बारहा हर नक़्श कदम के शब्दों... Hindi · मुक्तक 1 2 557 Share Mugdha shiddharth 11 Oct 2019 · 1 min read खुश रहा करो तुम ... सिद खुश रहा करो... पत्थरों पे फूल उगाया करो तलाश सेहरा में दरिया करो अमरबेल हो तुम, हर बार किसी भीत से लिपटी हुई जंजीरों में सिमटी हुई जंजीरे मत खनकाया... Hindi · कविता 1 241 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read छोटी कविता १. प्रेम सावन का पहला मेघ है , जो बिना गरजे भी बरस जाता है ... सिद्धार्थ २. मैं सारी रात बैठ के कगज से नाव बनाती रही दर्द के... Hindi · कविता 4 741 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्त १. अब कोई मेरी सारी सुबहों में सूर्य ग्रहण लगा दो मगर सारी बेटियों के मन आंगन में धूप खिलने दो ! ...सिद्धार्थ २. तू नीम नींद से जागेगा भी,... Hindi · मुक्तक 3 1 378 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्त १. बिका हुआ कलम क्रांति गीत नही गाता थूक से कभी भी इतिहास नही रचा जाता । ...सिद्धार्थ 2 ख़ता गर कर ही लिया तो सज़ा से क्या डरे हम... Hindi · मुक्तक 3 460 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक जुस्तुजू उसकी करके भी ख़ाके मुहब्बत ही उड़ाया मैंने दीद की बस आरज़ू ही रही, चैन भी तो गवाया मैंने ! बस एक तेरी दीद की रही आरजू दिल में... Hindi · मुक्तक 1 1 369 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read क्या हम दोनों वही तो नही... कहीं हम दोनों वही तो नही… जो प्रेम के छनिक उफान में बहने को हो आतुर ... एक दूसरे के बांहों में सूखे झरने की शीतल छाँव की तलाश में... Hindi · कविता 2 192 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ गम कुछ खुशियां तेरे दामन में वो टांक गया उम्र था कि एक और साल चुपके से फलाँग गया ! ...सिद्धार्थ २. हम दोनों एक ही माँ की... Hindi · मुक्तक 1 477 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read गीत बाबा के दुलारी धीया, अम्मा के भी प्यारी हो चरखा की सूत भईली बिटिया हमारी हो ललना सब राग गावें, धियवा भईल भारी हो कइसे बचाईं इनका इनकर जिनगी दुधारी... Hindi · गीत 2 1 359 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक हमारी किस्मतों के फ़ैसले वो क्यों करें ? हमारे प्यार जताने के तरीक़े वो तय क्यों करें ? हमारी माँ अभी जिन्दा है, हम गाय को माँ क्यों कहें ?... Hindi · मुक्तक 1 1 254 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १ कुछ अपने कुछ मेरे कुछ सब के बारे में लिखो, कुछ तो लिखो यूँ चुप न रहो चुप्पी मुर्दों पे जंचती है जिन्दा हो तो जिंदगी की गिरहों को... Hindi · मुक्तक 1 1 245 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. अच्छा है दिल को भी कभी कभी खून के आंसू रोने दो अपनी आवारगी पे इसे भी तो पशेमाँ कभी जरा होने दो ! ... सिद्धार्थ २. मेरे इंतजार... Hindi · मुक्तक 3 460 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read ऊर्जा का अभिनव रूप... न तो तुम्हें परेशान न ही तंग देख सकती हूं तुम परेशान हुए तो इस चरा चर में सब बेरंग सा हो जाएगा, शब्दों का सारा का सारा माधुर्य खो... Hindi · कविता 2 1 218 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read कुछ पूछूं तुमसे... कुछ पूछूं तुमसे... क्या तुमको हंसना अच्छा नही लगता ? ...ऐसा तो नही तो हंसों न...दांत से नही, दिल से चीज कहने पर नही मेरी जां कहने पे खुल के... Hindi · कविता 1 231 Share Mugdha shiddharth 6 Oct 2019 · 1 min read एक हसीन वादा था तुम से १. एक हसीन वादा था तुम से, कुछ न मांगने का भी इरादा था एक गिला किये बिना ही जाना, क्या ये इश्क से भी ज़्यादा था। ...सिद्धार्थ २. मौत... Hindi · मुक्तक 1 430 Share Mugdha shiddharth 6 Oct 2019 · 2 min read हम मर चुके हैं हम मर चुके हैं हम उतने ही मरे हैं जितना पांडव स्वर्ग जाते समय मरे थे जब उनका मानव देह गल- गल कर गिर रहा था हमारा भी अंग प्रत्यंग... Hindi · कविता 2 167 Share Mugdha shiddharth 5 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक सब ये कहते हैं आँखों में मेरे समंदर, होठों पे फूलों के मुस्कान की कहानी है एक जेब है जो मेरे सीने से लिपटा है जिसमे क़तरा-क़तरा अपनों के प्यार... Hindi · मुक्तक 3 1 208 Share Mugdha shiddharth 4 Oct 2019 · 1 min read कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है दिल अपना अजब सा कारखाना है, इसे कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है छोटी सी बात है मुझे हर शय से प्यार है पलकों पे ख़्वाबों का उम्दा सा... Hindi · कविता 2 236 Share Mugdha shiddharth 4 Oct 2019 · 1 min read 'मेरी नन्ही सी गुड़िया' जमीं पे चलते चलते किसी दिन आसमां के सीने पे तू पांव रख देना मेरे ख़्वाबीदा आँखों के पानी से अपने कहकशां के दिलक़श रवानी से ये रौशनी का है... Hindi · कविता 1 648 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read औरत के अंदर एक औरत थी औरत के अंदर एक औरत थी डरी हुई सहमी सी वो लिखती आग थी बोलने से डरती थी इस लिए वो चुप ही रहती थी उसे और डराया गया उसे... Hindi · कविता 1 483 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read कदमों के निचे से तेरे कदमों के निचे से तेरे धर्म के ख़ार हटाने थे मुझे इस लिए कागज़ कलम की अहमियत बताने थे तुझे फूलों भरा होता नही जीवन का डगर मेरे बच्चे इसे... Hindi · कविता 1 1 360 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read किस का जूता, किस का सर किस का जूता, किस का सर कौन है किस के कदमों पर जातिवाद गर खत्म हुआ तो ये कौन भंगी है जो, झुका है गुठनों पर... ? थूक चाटता है... Hindi · कविता 1 411 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. जिसकी पंखुड़ियों को न खिलने की सज़ा मिली हो यार वो फूल खुशबू कहां तक लुटाए जमाने में... ... सिद्धार्थ २. तुम पंख क्यों नहीं देते अपना परवाज करना... Hindi · मुक्तक 1 541 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read अनुत्तरित प्रश्न और मैं कई अनुत्तरित प्रश्न और मैं एक युद्ध जो मुझ में ही विराजमान है जाने कब से, युद्धविराम की तलाश में भटक रही हूँ, मन के गलियारे में और, तुम जाने... Hindi · कविता 1 225 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का विपक्ष में बैठे थे तो, थे बेटियों के पहरेदार। तब बढ़-बढ़ कर बताते कभी थकते नही थे बेटियों के इज्जत का खुद... Hindi · कविता 1 1 192 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. हजारों एब हैं मुझमें, एब से लबालब भरी हूं मैं खूबी बस इतनी,नफरत में भी प्यार ढूंढ लेती हूं मैं जख्म गर सीने के हो तो,ठहाकों से सी लेती... Hindi · मुक्तक 1 280 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read जब तक हम भीड़ से,समूह में नही बदलेंगे जब तक हम भीड़ से समूह में नहीं बदलेंगे जब तक अपनी बिखरी हुई एकता को नहीं समेटेंगे जब तक अपनी छोटी-छोटी शक्तियों को एकत्रित कर एक हो,भेड़ियों के मुँह... Hindi · कविता 2 1 221 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक हर गली हर नुक्क्ड़ से बस एक आवाज़ अब आएगा भगत अश्फाक के देश में अब भूरे गोरे न टिक पायेगा ग़ुलाम होठ भी उठ के तब इंक़लाब के नगमे... Hindi · मुक्तक 1 1 222 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मैं सदैव तुम्हारे मौन का साथ दूंगी मैं सदैव तुम्हारे मौन का साथ दूंगी तुम्हारे मौन को सुनुंगी उसे पूरी सिद्दत से गुनुंगी क्यूं कि तुम ने सुना था मेरे अंतहपुर के मौन को तुमने एक भीत... Hindi · कविता 1 228 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 2 min read तुम सदैव रहोगे केंद्र बिंदु... तुम रूह में बसे हो निकालूं कैसे अपने बेपरवाह ज्जबतों को संभालूं कैसे...? ... सिद्धार्थ २. वो देखो, नदी का दूसरा किनारा अनंत तक दोनों किनारे साथ चलेंगे सागर की... Hindi · कविता 2 1 217 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read प्यार छुपी होती है... १. उदासी के सूखे पत्तों में भी बहार छुपी होती है... उदास दिलों के बंद दरवाज़े में भी हंसी की हल्की सी टंकार छुपी होती है जो कानों तक न... Hindi · मुक्तक 1 1 207 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read ३.भगत कितने वादे किये थे तुम सब ने, बलिदान हमारा व्यर्थ न जायेगा स्वतंत्र भारत के आंगन में सब को एक समान ही हक मिल जायेगा सारे के सारे वादे झूठे... Hindi · कविता 1 1 182 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read 2 . भगत चलो आज फिर से एक बार 'भगत' को पुकार जाय इंक़लाब की नोक पे भूरे अंग्रेजों को ललकारा जाय। कुंडली मार के जो हैं बैठे हुए, भूखे बच्चों के पेट... Hindi · कविता 2 1 188 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read 1 .भगत १. आज हमारे नायक का दिन है आज भारत के पहले अर्बन नक्सल का जन्म दिन है एक दिन उनकी यादों के नाम एक दिन क्रांति के जियाले के नाम... Hindi · कविता 1 3 574 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. उसने सारे शब्द गुमा दिए थे इस लिए नाव भेजी है ढूंढ़ के लाने को मेरे सुने आंगन को शब्दों से महकाने को ... सिद्धार्थ २. भगत तेरा हंस... Hindi · मुक्तक 1 189 Share Mugdha shiddharth 2 Oct 2019 · 1 min read बापू तुम्हें आना ही होगा बापू तुम्हें आना ही होगा सत्य अहिंसा वाली दांडी एक बार फिर घूमना ही होगा हिंसा पर लगाम नहीं अबके सचाई-अच्छाई बंदनी बनी बैठी है शांति और सौहाद्र की बातें... Hindi · कविता 1 1 278 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read बस अविराम मैं और तुम... कई अनुत्तरित प्रश्न और मैं एक युद्ध जो मुझ में ही विराजमान है जाने कब से, युद्धविराम की तलाश में भटक रही हूँ, मन के गलियारे में और, तुम जाने... Hindi · कविता 6 2 237 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read दो कौर के घटिया निवाले पे... कई प्रश्न है, जो टांक रखे हैं मन के अजीब से आले पे क्या,तुम भी गिरे हो चोट खाके दिल के दोहरे से दीवालों पे अहसास शायद तुम में भी... Hindi · कविता 4 1 222 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read और यही हमारा रामराज्य वाला देखो सरकार है ! अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का विपक्ष में बैठे थे तो, थे बेटियों के पहरेदार। तब बढ़-बढ़ कर बताते कभी थकते नही थे बेटियों के इज्जत का खुद... Hindi · कविता 3 1 221 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2019 · 1 min read गिला कोई नही १. कितना कुछ कहना था तुमसे पर... गिला कोई नही जो गुजरी हो तुमसे, फिर क्या कहूं मैं अब तुमसे ढूंढती हूँ बहाने कई जो कुछ भी ऐसे ही कहूँ... Hindi · मुक्तक 2 227 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2019 · 1 min read कितना पानी क्या करोगी ईतना पानी क्या करोगी मेरे आंखों का पानी काफी हैं सेहरा को तर कर जाने के लिए उम्मीदों का सूरज गहरा है सपनों का दीपक बुझाने के लिए। वो इम्तहाँ... Hindi · मुक्तक 3 1 571 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read मैं सोचती हूँ मैं सोचती हूँ 'मैं' हंसी हो जाऊं सब में फुलझरी की तरह फुटु सब चहक उठे,सब महक उठे जैसे चिरइया चहकती है सबके होठों पे ठहरुं और खुद को भूल... Hindi · कविता 2 1 248 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read चुप १. तुमने आज वो दिया जिसकी हमें बेहद जरूरत थी अपने बिकारों को चीख में पिरोने की बहसत थी ! ...सिद्धार्थ २. मुझमें भी बसता है एक चुप पैर मोरे... Hindi · मुक्तक 2 278 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read हम नाभि के दम पे दाँत निपोरते हैं तुम न जाने कितने जतन करते हो अपनी चमड़ी को दमड़ी खरच के सुंदर करते हो हम माटी, कीचड़ में लोटते हैं फिर भी खरा हैं हम तुम्हरे तरह नही... Hindi · कविता 2 1 414 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read तुम सब कुछ याद रखना मैं भूल जाऊं तो चलेगा तुम मत भूलना मेरे दोस्त हमें कितने सितारे तोड़ने थे हमें साथ में रोशनी के बुर्ज तक जाना था एक दूसरे के साथ ताकि कहीं... Hindi · कविता 2 211 Share Mugdha shiddharth 10 Sep 2019 · 1 min read मैं भी हूँ अगर राणा का वंशज अब हम से ये सब न संभाला जाय प्रेम को कहो कैसे घृणा पे वारा जाय आदम के ही हांथों मरते आदम को बोलो हम से कैसे आँख मूंद देखा... Hindi · मुक्तक 3 2 256 Share Mugdha shiddharth 9 Sep 2019 · 1 min read याद तुम्हें याद करने को रूह को काम पे लगाया है जिस्म को तो यारा, मेरे फुरसत ही नही मिलती ! ...सिद्धार्थ २. हरदम याद करते हैं, तेरे ही साथ रहते... Hindi · मुक्तक 2 1 543 Share Mugdha shiddharth 8 Sep 2019 · 2 min read मैं भूखा हूँ... मैं भूखा हूँ... अंदर बाहर सभी जगहों से भूखा हुं मैं अपने ही दाँत से अपने ही आंत को चबाता हुआ वो इंसानी बच्चा हूँ ... जो भूखा हूँ मैं... Hindi · कविता 3 3 555 Share Previous Page 12 Next