ओनिका सेतिया 'अनु ' Language: Hindi 1908 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Mar 2022 · 1 min read भक्त और भगवान का अटूट रिश्ता भक्त प्रह्लाद की भक्ति उसे श्री हरि की समीप ले आई । अटूट विश्वास की यह श्रृंखला थी , जिसे हिरण्य कश्यपु की शक्ति तोड़ न पाई । जलती आग... Hindi · कविता 2 462 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Mar 2022 · 1 min read कश्मीर फाइल्स : एक उत्कृष्ट फिल्म कश्मीर में घटित हिंदुओं पर त्रासदी , को जिसने बड़ी निडरता से बयान किया। बनाकर फिल्म विवेक ने इंसान होने का, अति उत्तम फिल्म जगत को प्रमाण दिया। जो राज... Hindi · कविता 2 4 255 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Mar 2022 · 1 min read होली में मर्यादा रखें होली है प्रेम का त्योहार, घृणा का रंग न इसमें घुलने पाए । बैर ,ईर्ष्या ,द्वेष सब भुला दे,, कोई भी दुर्भावना न मन में सामने पाए। नारी और पुरुष... Hindi · कविता 2 4 221 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Mar 2022 · 1 min read नेताओं की होली कभी अपशब्दों के कीचड़ की बौछार । तो कभी तानों और उलाहनों की धार । यूं नेताओं की होली तो साल भर है चलती , मगर इस विशेष दिन परस्पर... Hindi · मुक्तक 1 2 159 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Mar 2022 · 1 min read आदर्श नेता के गुण शिक्षा दीक्षा और खुले विचार होना बहुत है जरूरी , उस कर्मयोगी होना तो बहुत अधिक है जरूरी , साबित कर दिया आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने , देश के... Hindi · मुक्तक 284 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Mar 2022 · 1 min read बहुत जरूरी है .. देश के जर -जर हो रहे , कानून को पेस्ट-कंट्रोल बहुत ज़रूरी है । मचा रखा है जिन खटमलों ने आतंक , उन्हें मिटाना बहुत ज़रूरी है। गर ना मिटाया... Hindi · कविता 307 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 15 Mar 2022 · 1 min read गद्दारी मंजूर नहीं मेरे प्यारे भारत देश से यदि किसी को प्यार नहीं है, और वोह इसका गुणगान करने, राष्ट-गान गाने और इसकी जय-जयकार करने में उसे बड़ी तकलीफ होती तो ऐसे गद्दारों... Hindi · लेख 136 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 15 Mar 2022 · 1 min read जुल्मत क्या ज़ुल्मत पड़ी तेरे जाने के बाद, के रौशनी के लिए हमें अपना चिराग-ऐ-दिल जलाना पड़ा. Hindi · शेर 4 148 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 15 Mar 2022 · 1 min read कांटों की राह मायूसियों से भरी है अपनी जिंदगी , हमने अब तलक यही है जाना. वोह भले ही फूलों पर चले , हमें तो काँटों से ही है निभाना. Hindi · शेर 106 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Mar 2022 · 1 min read बेजुबानों को न करो परेशान अरे इंसानों ! तुम खुशी से होली मनाओ, मगर आपसे है यह हाथ जोडकर विनती , मासूम बेजुबानों को न परेशान करो। फेंक कर उनके तन पर होली के रंग... Hindi · कविता 223 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Mar 2022 · 3 min read सूर्य पुत्र कर्ण की पीड़ा मेरी माता कोमार्य अवस्था में,, भूल कर बैठी । और मेरा जन्म हुआ । क्या इसमें मेरा कोई दोष था ? मुझे नदी में बहा कर , भाग्य के भरोसे... Hindi · कविता 2 5 543 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Mar 2022 · 1 min read औरत का अपना घर झूठ कहते है लोग , औरत का घर होता । सही मायने में औरत का , कोई घर नहीं होता । औरत के बिना माना कोई , घर नहीं होता... Hindi · कविता 2 2 730 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Mar 2022 · 1 min read यूँ खेलें होली .... ( कविता) होली का उत्सव ज़रूर मनाये , ख़ुशी से मेहरबां ! मगर पर्यावरण का भी हुजुर! कुछ रखिये ध्यान । प्राकृतिक रंगों का करें सदा उपयोग , परस्पर रंग लगाने में।... Hindi · कविता 1 2 156 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Mar 2022 · 1 min read शक का दायरा एक छोटी सी जीत मिली है , मगर वोह भी शक के दायरे में। हों न हो इसमें है कोई गहरा राज़ , वरना " आप" इतने तो काबिल नहीं... Hindi · मुक्तक 2 2 218 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Mar 2022 · 1 min read आईना तो देखो पहले .. छोटी सी जीत पर इतना इतराना , बहुत बुरा होता है इतना उड़ना। "आप" तो पहले आईने में चेहरा देखो , फिर प्रधान मंत्री बनने के ख्वाब देखना । Hindi · शेर 3 2 166 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Mar 2022 · 1 min read रिश्तों का जहरीला पेड़ हमने सुना था बुजुर्गों से कभी , रिश्ते रूपी वृक्ष को जितना , प्रेम रूपी जल से सींचे , फलते फूलते है अधिक तभी । परंतु वर्तमान में इस घोर... Hindi · कविता 1 2 237 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Mar 2022 · 1 min read बदल गए घिसे पीटे मुद्दे ... बदल गई राजनीति देश की , बदल गए सब घिसे पीटे मुद्दे । अब तो कर्म प्रधान होगी जीत, नहीं चलेंगे जाति और धर्म के मुद्दे । दलों के इस... Hindi · कविता 1 120 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Mar 2022 · 1 min read महिला दिवस : एक छलावा क्या वृद्धावस्था केवल पुरुषों को ही आती है ? स्त्रियों को नहीं। क्या अपने कार्यक्षेत्र से काम करके थकते केवल , पुरुष है ? स्त्रियां नहीं। तो खुद को अधिक... Hindi · कविता 1 2 293 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Mar 2022 · 1 min read बातें तो बस बातें है बातों का क्या ? महिला सशक्तिकरण वहां होता है , जहां उन्नत और ऊंचे विचारों वाला पुरुष हो । महिला दिवस भी उस महिला का सदा होता है , जिस घर में महिला का... Hindi · कविता 1 2 137 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Mar 2022 · 1 min read जलवे हाय रे मेरी कमनसीबी तेरे जलवों की इन्तेहा नहीं, जिधर देखा नज़रों ने ,उधर पाया तुझे. Hindi · शेर 151 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Mar 2022 · 1 min read कैसे मनाऊं? रूठे हैं वोह हमसे क्यों ,जाने क्या खता हुई ? कैसे मनायुं अपने खुदा को ,कोई तरकीब तो बताओ . Hindi · शेर 281 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Mar 2022 · 1 min read जिंदगी से थकान आज कल बहुत थकने लगी हूं , जिंदगी से कुछ ऊबने लगी हूं । किसी काम में मन लगता नही , हर काम को बोझ समझने लगी हूं। उम्र का... Hindi · कुछ दिल ने कहा ... · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 281 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 8 Mar 2022 · 1 min read तुम्हें बदलना होगा ! ....... ( कविता) यह कठोर सत्य है , तुझे स्वीकारना होगा। जग में होती शक्ति की पूजा , तुझे अब शक्ति बनना होगा। हे नारी ! तुझे बदलना होगा। …। तुझे गर घूँघट... Hindi · कविता 1 2 338 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 8 Mar 2022 · 1 min read एक स्त्री की अभिलाषा ( कविता ) चाह नहीं आसमान पर बैठा दी जायूं , चाह नहीं फूलों से सजा दी जायूं , चाह नहीं स्वर्णभूषणों से लादी जायूं , चाह नहीं रुपयों -पैसों से तौली जायूं... Hindi · कविता 2 6 319 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Mar 2022 · 1 min read क्यों और कैसे पितृसत्तात्मक समाज ?( महिला दिवस पर विशेष) जब जन्म से लेकर मृत्यु तक , नारी ही करती पुरुष का पालन पोषण। तो क्यों कैसे सहती नारी ! तू पुरुष सत्तात्मक समाज का शोषण। नारी ! तू ही... Hindi · कविता 1 2 400 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Mar 2022 · 1 min read हम हिन्दोस्तानीयों का दिल ( व्यंग्य कविता) हम हिन्दोस्तानी बड़े भावुक होते हैं जी ! , हमारे भी सीने में है एक धड़कता हुआ दिल। सुबह अखबार में जब मिले कोई हादसे की खबर , तो एक... Hindi · कविता 1 2 388 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read इंसान बनो एक शहर को बसाने में युग लग जाते है , और मिटाने में एक पल भी नहीं लगता । उजड़ी जिंदगियां भी बा मुश्किल संभलती है, घाव तो फिर भी... Hindi · कविता 2 2 449 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read दृष्टिकोण बदलो एक छुरी गला भी काटती और फल भी , तो छुरी से फल ही काटा जाए क्यों नहीं। परमाणु बम से मानवता का संहार करते हो, इसे मानव जाति के... Hindi · मुक्तक 1 204 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read जंग क्यों इंसानियत के दुश्मन बने हुए हो । अपने ही हाथों अपनी कब्र खोद रहे हो । यह जंग तो किसी मसले का हल नहीं, तुम नाहक शोलों को हवा... Hindi · शेर 339 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read हरजाई खुशी चुपके से नजरों से बचके मेरी चली जाती है कहां, मैं ढूंढा करती हूं उसे हमेशा जाने कहां कहां । यह लुका छिपी का खेल कब तक चलेगा बता दे,... Hindi · कुछ दिल ने कहा ... · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read एकमत्वता तेरे मेरे मन की भाषा , रचे प्रेम की नव परिभाषा। एक सपना, एक अभिलाषा, और हो एक ही आशा । दो तन परंतु एक जान, आत्मा आत्मा करे परस्पर... Hindi · कविता 2 2 188 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read एकता की माला हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई , इक डाल के फूल है भाई । भिन्न रंग और भिन्न महक , एकता की सुन्दर माला बन आई । इस माला ने भारत माता... Hindi · कविता 1 338 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Mar 2022 · 1 min read पंखों को तौल जरा ... जो भी है तेरे मन में, वो बोल दे जरा। खामोश न रह , बेखौफ बोल जरा। जो भी विषमताएं है , जीवन में अधिक या जरा जरा । तू... Hindi · कविता 513 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Mar 2022 · 1 min read यह भूत वूत सब मन का वहम है ... दिखाकर भुतहा फ़िल्में और नाटक , क्यों जनता को डराकर खून सुखाते हो । २१ विन सदी की और जा रहा भारत , और खामखा अन्धविश्वास फैलाते हो । भूत... Hindi · कविता 3 4 379 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Mar 2022 · 2 min read यूक्रेन की वीरता को नमन बहुत प्रभावित हुए हम , इस यूक्रेन की बहादुरी देखकर । राष्ट्रपति हों या देशवासी , खड़े है किस तरह कफन बांधकर । इनकी वीरता यह शोर्य को , प्रणाम... Hindi · कविता 1 471 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Mar 2022 · 1 min read दंभी मनुष्य मनुष्यता के गुण किसी में भी नहीं , परंतु फिर भी मनुष्य स्वयं को कहलवाते है। देख रहे हैं नित्य प्रति इनका पतन , फिर भी इस सत्य को दंभी... Hindi · मुक्तक 231 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Mar 2022 · 1 min read पतित मनुष्य गुरु को मानना और गुरु की मानना बात में बहुत बड़ा अंतर होता है । फिर भी खुद को जो जितना धर्मात्मा दर्शाए , समझो वोह व्यक्ति उतना ही पतित... Hindi · मुक्तक 179 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Mar 2022 · 1 min read लोह पथ गामिनी ( रेल गाड़ी ) की महिमा जनता की प्यारी लोह्पथ गामिनी , चपल -चंचल इठलाती हुई भोंपू बजाती , यूँ लगे जैसे सर्पिनी कोई फुफकारती हुई. नए साल में प्रभु ने दिए इसे अनमोल उपहार ,... Hindi · कविता 525 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Mar 2022 · 1 min read युद्ध के साए तले ... भयंकर युद्ध के साए में जी रहे व्यक्ति को यूं लगे , जैसे दो धारी तलवार के बीच फंसी बेबस जिंदगी । ना जाने अगले मोड़ पर कब मिल जाए... Hindi · कविता 2 350 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 2 min read स्वार्थी पंछी यह कैसे पंछी है जो , हरे भरे वृक्ष को छोड़कर , चले जाते है और अधिक , दाना पानी की तलाश में। क्या यह वास्तव में जरूरतमंद होते है... Hindi · कविता 2 4 321 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 1 min read अश्क ए आब जिंदगी बेनूर सी हो जाती है उस पर अश्क ए आब , एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद । Hindi · शेर 2 129 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 1 min read कुर्बान क्या लुत्फ हो उस मौत का जिसे दुनिया देखे , मुहोबत की राह में जो इस तरह कुर्बान हो गया । Hindi · शेर 2 368 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read बेवफा तकदीर यह कैसा शहर है पत्थरों का, यहां की तो हवाएं भी बेवफा है। लोगों से क्या शिकवा करें हम, जब तकदीर ही अपनी बेवफा है। Hindi · शेर 1 3 186 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read दिलवाला इंसान मिलते हैं जब कदम से कदम , फासले कम होते हैं तभी। गुरूर के करीब तो कोई आता नहीं, परस्पर प्रेम ही करीब लाता है , दोनो ओर फलता हो... Hindi · कविता 4 167 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read दस्तक ज़रा सी आहट होती है , और फिर दस्तक भी होती है , कभी कभी । इस शेदाई मन को लगता है , जैसे कोई आया हो , अभी अभी... Hindi · कविता 4 243 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read समुंद्र की खिड़कियां खुलती हैं जब आसमान की , समुंद्र के लिए खिड़कियां । एकाकार होकर एक दूजे से, करते तो होंगे प्यारी बत्तियां । आभास तो होता है क्षितिज का , एक... Hindi · कविता 2 185 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read अहंकारी देश होकर ताकत के अभिमान में चूर , कमज़ोरों पर सितम ढाते हैं। ऐसे देश और इंसान जरूर मिट्टी , में मिला दिए जाते हैं। अभिमान तो रावण का भी न... Hindi · कविता 2 4 297 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read जिजीविषा की हत्या हत्या वह ही केवल नहीं होती , जो जिसकी जान लेकर की जाती है। हत्या वह भी होती है जब किसी से , उसकी जीने की इच्छा छीन ली जाती... Hindi · कविता 2 5 492 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 25 Feb 2022 · 1 min read इंसान नहीं यह कोई और है ... किस किस तरह से रंग बदला है ये इंसान, ये देख कर यारों ! गिरगिट भी है परेशान। कहां से पाई है ऐसी खूंखार तबियत ? इंसान है या कुछ... Hindi · शेर 2 286 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read हे ईर्ष्या ! तू न जाने वाली दिलों से ... जाने क्यों कुछ लोग , न खुद जीते है ना , औरों को जीने देते हैं। बेवजह ही औरों के जीवन में , खलल डालते रहते हैं। ना जाने क्यों... Hindi · कविता 1 2 245 Share Previous Page 10 Next