Comments (3)
26 Feb 2022 08:34 PM
ये पत्थरों का शहर है ,
यहां किसको अपना बनाइए ,
ये दाग़-ए- दिल किसको दिखाइए ,
ये रूदादे दिल किसको सुनाईए ,
ज़ब्ते ग़म का सिला ना मिला ,
ग़िला है कोई अपना सा ना मिला,
श़ुक्रिया !
ये पत्थरों का शहर है ,
यहां किसको अपना बनाइए ,
ये दाग़-ए- दिल किसको दिखाइए ,
ये रूदादे दिल किसको सुनाईए ,
ज़ब्ते ग़म का सिला ना मिला ,
ग़िला है कोई अपना सा ना मिला,
श़ुक्रिया !
धन्यवाद मित्रों