विनोद सिल्ला 581 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जुर्म भी बता दो जुर्म भी बता दो हमें सज़ा दो लाख, पर जुर्म भी बता दो। चाहे न करो माफ, पर जुर्म भी बता दो।। घुङचढी पर घोङी से,भी हमें उतार दिया, मंदिरों... Hindi · गीत 511 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read राष्ट्रवादी राष्ट्रवादी उनके संगठन का नाम है विदेशी भाषा में उनकी वेशभूषा वो भी विदेशी नहीं लगा आज तक उनकी मुंडेर पर राष्ट्रध्वज दावा है उनका राष्ट्रवादी होने का -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 195 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बदलना चाहते हैं बदलना चाहते हैं वो चाहते हैं पूरी दुनिया को बदलना इसी उद्देश्य से लगाते है शाखाएं गांव-गांव शहर-शहर लेकिन अफसोस खुद को नहीं बदलना चाहते -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 599 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पीड़ा पीड़ा मोहब्बत दिल को द्रवित करने वाली पीड़ा होती है जिसे न तो ढंग से कहा जाता और न ही ढंग से सुन जाता मात्र दफन किया जाता है दिल... Hindi · कविता 180 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read प्यार प्यार प्यार शब्द भले ही छोटा हो लेकिन इसका अर्थ बहुत बड़ा है बहुत गहरा है शायद आसमां से बड़ा शायद समुद्र से गहरा परन्तु तह तक जाता कौन है... Hindi · कविता 439 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read वो आजाद हैं वो आजाद हैं वो पक्षियों का जोड़ा बैठा है पेड़ पर लड़ा रहे हैं चोंच कर रहे हैं कलोल कर रहे हैं मस्ती होकर बेपरवाह दकियानूसी रस्मों से खाप-पंचायतों से... Hindi · कविता 231 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read आते हैं चोर आते हैं चोर मेरी गली में आते हैं चोर चोरों को भौंकते हैं कुत्ते आस-पास के लोग चोरों पर नहीं कुत्तों पर ही उठाते हैं उंगली लगाते हैं आरोप नींद... Hindi · कविता 460 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read संदेश भीम का संदेश भीम का मान लीजिए दोस्तो संदेश भीम का। बना दीजिए भारत को देश भीम का।। शिक्षित करो अपने पूरे समाज को, ढूंढ लो मनुवाद रोग के इलाज को, याद... Hindi · गीत 499 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भीम की औलाद हैं हम भीम की औलाद हैं हम भीम की औलाद हैं हम। इसीलिए फौलाद हैं हम।। है संघर्ष हमारा मूलमन्त्र, इसीलिए आबाद हैं हम।। बाबा साहब हक दे गए, इसीलिए आजाद हैं... Hindi · कविता 1 1 532 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read सलाम सिल्ला का सलाम सिल्ला का बाबा साहब आपको सलाम सिल्ला का। आपसे है महके सुबह-शाम सिल्ला का।। आपके संघर्ष से हमे, मिला है तमाम, आपसे संघर्ष का हमे, मिला है पैगाम, जानने... Hindi · गीत 201 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read दहेज दानव दहेज दानव ये दहेज दानव हजारों कन्याएं खा गया। ये बदलता माहौल भी रंग दिखा गया।। हर रोज अखबारों में ये समाचार है, ससुराल जाने से कन्या का इंकार है,... Hindi · गीत 325 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read श्राप श्राप जब-जब भारत पर आक्रमण करने विदेशी आए जब चीन भारतीय भू-भाग पर अतिक्रमण कर रहा था जब पाकिस्तान आधे कश्मीर को अपने अधीन कर रहा था जब-जब प्राकृतिक आपदाएं... Hindi · कविता 399 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मानसिक विकास मानसिक विकास दोष होता है या नहीं होता व्यक्ति विशेष का गालियों से नवाजा जाता है आरोपी के पूरे समाज को उसकी पूरी जाति को उसके धर्म को उसके घर... Hindi · कविता 449 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read लगते हो श्राप लगते हो श्राप तुम डराते रहे हो आमजन को श्राप का भय दिखाकर लेकिन मुझे तुम स्वयं मानवता के लिए लगते हो श्राप -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 199 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भूमिका भूमिका तुम बखूब निभा सकते हो स्वयं की भूमिका लेकिन अफसोस तूने खो दिया स्वयं का व्यक्तित्व औरों की भूमिका अदा करने में कभी तुम पर हावी रहा धर्मगुरुओं का... Hindi · कविता 444 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read काठ की हांडी काठ की हांडी तेरे वोटों से जीतकर चुनाव वो पहुँच गया संसद में अब वो पूरी तरह भूल गया तुझे वोटार्थ फिर आएगा कहना उसे काठ की हांडी बार-बार नहीं... Hindi · कविता 656 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भोर का सपना भोर का सपना भोर में सपना आया सपने में था जातिविहीन समाज भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन चिकित्सा-शिक्षा व रोजगार के समान अवसर वर्ग व वर्ण विहीन समाज महिला-पुरुष सभी को समान... Hindi · कविता 753 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read स्वच्छता अभियान स्वच्छता अभियान जरूरत है भारत को स्वच्छता अभियान चलाने की जिससे हो जाए स्वच्छ मानव-मन हो जाए स्वच्छ मानव-मन में भरा कूड़ा-कर्कट हर गली में व्याप्त जाति-पांति का कीचड़ धर्मस्थलों... Hindi · कविता 540 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read परम्परा परम्परा होता है विरोध हर नवीन परिवर्तन का दी जाती है दुहाई परम्पराओं की कहा जाता है अक्सर करते रहे हैं निर्वहन हमारे पूर्वज इन परम्पराओं का परम्पराओं के निर्वहन... Hindi · कविता 414 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पावनता पावनता नहर का नीला पानी लगा मुझे चिरयात्री आया पहाड़ों से चलता रहा है निर्बाध थकान भी नहीं है ऊबा भी नहीं सफर से जाना भी है बहुत दूर चला... Hindi · कविता 424 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read आदमी का प्रतिरूप आदमी का प्रतिरूप आदमी नहीं रहा आदमी हो गया यन्त्र सा जिसका नियन्त्रण है किसी न किसी नेता के हाथ किसी मठाधीश के हाथ या फिर किसी धार्मिक संस्था के... Hindi · कविता 457 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read ऊर्जा ऊर्जा वो मुझसे नहीं मेरी तरक्की से जलते हैं इसमे मेरा क्या कसूर है मैंने अपनी उर्जा अपनी तरक्की मे लगाई है उन्होंनें अपनी उर्जा जलने मे गवाई है -विनोद... Hindi · कविता 201 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बचपन बचपन मैं हूँ एक अभागा बचपन। समाज द्वारा त्यागा बचपन।। कूङे से रोटी बीन रहा, भूखी नींद से जागा बचपन।। भूख गरीबी का पहनावा, कहें सभी ये नागा बचपन।। राहें... Hindi · कविता 363 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read लाजवाब जोड़ा लाजवाब जोड़ा रहता है हमारी लॉबी में चिड़ियों का जोड़ा इनमें है अत्यधिक स्नेह नहीं रहते पल भर एक-दूसरे से दूर नहीं है इनमें सॉरी-धन्यवाद सी औपचारिकताएं ये बात-बात को... Hindi · कविता 157 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read कह गया अलविदा कह गया अलविदा हाड़तोड़ मेहनत ने बेढंग कर दी चाल पर नहीं जुटा पाया ढंग के वस्त्र ताउम्र अपने और परिवार के नहीं लगवा पाया पैबंद अपने फटे कमीज पर... Hindi · कविता 205 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read ऐ! मजदूर तूं बेजोड़ ऐ! मजदूर तूं बेजोड़ इतना सुंदर भवन खड़ा है इतने लंबे-चौड़े रोड़ ऐ! मजदूर तूं बेजोड़ दरियाओं पर बना के पुल जोड़ दिए हैं दोनों छोर ऐ! मजदूर तूं बेजोड़... Hindi · कविता 179 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पशु बनाम मानव पशु बनाम मानव सुनसान से निर्जन जंगल में करती मादा विचरण जंगल में नर पशुओं के बीच है रहती न यौन शोषण का दंश सहती रुत आने पर ही होए... Hindi · कविता 464 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बड़प्पन बड़प्पन अक्सर बच्चे लगा बैठते हैं जिद्द बड़े भी लगा लेते हैं जिद्द बच्चे जाते हैं रूठ बड़े भी जाते हैं रूठ जबकी बच्चों का रूठना होता है क्षणिक और... Hindi · कविता 454 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read नहीं बताई नहीँ बताई समाचारों में अमितभ बच्चन की लम्बाई भी बताई अटल बिहारी वाजपेयी की कविताई भी बताई टाटा, बिड़ला, अम्बानी की कमाई भी बताई मोदी की लाखों के सूट की... Hindi · कविता 206 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read दुखिया का दुख दुखिया का दुख बस्ती का दुखिया दिहाड़ीदार मजदूर है, आर्थिक तौर पर वो लाचार मजबूर है, उसकी पत्नी जो सालों से बीमार है, ऊपर से रूढ़िवादी रिवाजों की मार है,... Hindi · कविता 339 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read समता का भाव समता का भाव फूल उपवन को महका रहे हैं हर एक पर खुशी लुटा रहे हैं हर चेहरे को खिला रहे हैं पावन अहसास करा रहे हैं अगङे पिछङों का... Hindi · कविता 671 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read डर डर माँ मुझको बङा डर लगता है काँटों से भरा डगर लगता है गर कन्या होना गुनाह नहीं माँ तो क्यों घूरता शहर लगता है हर एक नजर मुझे नोचना... Hindi · कविता 220 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मैं पीड़ा हू मैं पीड़ा हूँ मैं पीड़ा हूँ उस दरिद्र की जो नित भूखा सो जाता है पीने को तो आंसू खूब हैं भूख लगे तो गम खाता है मैं पीड़ा हूँ... Hindi · कविता 203 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read क्यों क्यों अग्नि परीक्षा तेरी ही क्यों? तिरस्कार तेरा ही क्यों? भ्रूण हत्या तेरी ही क्यों? उपेक्षा तेरी ही क्यों? बंदिशें तुझपे ही क्यों? दहेज हत्या तेरी ही क्यों? आखिर ये... Hindi · कविता 382 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read छोटी मछली छोटी मछली मैं हूँ एक छोटी - सी मछली ! सपनों के सागर में मचली !! सोचा सारा सागर मेरा , ले आजादी का सपना निकली ! बङे - बङे... Hindi · कविता 618 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भूले बुद्ध की बात भूले बुद्ध की बात जग भूल के बुद्ध की बात को झेल रहा आतंकी घात को लहूलुहान हो गया संसार हर तरफ है हा हा कार अमन चैन को विसार... Hindi · कविता 200 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जय-जयकार मठाधीशों की जय जयकार मठाधीशों की सेवकों के श्रमफल से ही जय जयकार मठाधीशों की । वोट बैंक अंध भक्तों का बनी सरकार मठाधीशों की। चढावा चढाया भक्तों ने महंगी कार मठाधीशों... Hindi · कविता 183 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मैं क्या करता मैं क्या करता उसकी दोस्ती से साजिशों की बू आ रही थी उससे पीछा न छुङाता तो क्या करता भले ही वह आज मुझे बेवफा कहे -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 200 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read चुनाव चुनाव देखा चुनाव का दौर प्रचार का शोर लगा हुआ एड़ी-चोटी का जोर किसी को बेचा किसी को खरीदा शह-मात का खेल शेर-बकरी का मेल किसी को रिझाया किसी को... Hindi · कविता 429 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बैठक बैठक वंचित समाज की बैठक हुई प्रभावशाली लोग शामिल हुए सामाजिक पिछङेपन पर चिन्तन किया गरीबों का रोना रोया गया वंचितों के दुख पर दुखी हुए एकत्रित पैसे से येलो... Hindi · कविता 447 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read इधर-उधर की मिट्टी इधर-उधर की मिट्टी ऐ! हवा ये मिट्टी जो तुम साथ लाई हो ये यहाँ की प्रतीत नहीं होती तुम चाहती हो मिलाना उधर की मिट्टी इधर की मिट्टी में और... Hindi · कविता 328 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अजीब हैं लोग अजीब हैं लोग लोग काली चीजों को मानते हैं अशुभ दुल्हन भी लाना चाहते हैं गोरी रात भी पसंद करते हैं चांदनी भविष्य भी चाहते हैं उज्ज्वल गङबङी की आशंका... Hindi · कविता 190 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भारत बनाम हिन्दुस्तान भारत बनाम हिन्दुस्तान भारत में तो ममता है और समता है। हिन्दुस्तान में बस जातीय विषमता है।। भारत में देखो बुद्ध हैं और महावीर हैं। हिन्दुस्तान में तो लकीर के... Hindi · कविता 278 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बहार बहार न बैठ बहार आने के इंतजार में उठ और लग जा इस प्रयास में कि बहार लानी है और हाँ निसंदेह बहार आएगी तेरे प्रयासों से ही आएगी उस... Hindi · कविता 413 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पैसा --------पैसा-------- अब तो ये पैसा ही महान हो गया। सारा जग इसका गुलाम हो गया।। क्या साधु -संत क्या योगी -भोगी, क्या डाक्टर-वकील क्या मुजरिम रोगी, ये पैसा ही दीन... Hindi · गीत 272 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read खो गया है आदमी खो गया है आदमी रोजमर्रा की जिंदगी में खो गया है आदमी। सब कायदे भूल गहरा सो गया है आदमी।। कुदरती सौगातों को ये बर्बाद कर रहा, पैसे कमाने की... Hindi · कविता 183 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मेरा परिचय मेरा परिचय चौबीस मई तारीख भई, उन्नीस सौ सत्ततर सन। सन्तरो देवी की कोख से विनोद सिल्ला हुआ उत्पन्न।। माणक राम दादा का लाडला, उमेद सिँह सिल्ला का पूत। भाटोल... Hindi · कविता 339 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बदली बदली घर की छत पर बैठे-बैठे निहार रहा था बादलों को तभी एक सुंदर बदली आई मेरे मन को खूब भाई वो आई और चली गई मेरी रूह छली गई... Hindi · कविता 368 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read सरकारों के बाप सरकारों के बाप जब भी बदलती है सरकार बदल जाती हैं नीतियाँ नई नीतियाँ बनाती है सरकार अपने बाप के नाम पर बदल जाती हैं पुरानी नीतियाँ जो थीं पुरानी... Hindi · कविता 213 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा तुलना शहर से आकर, गाँव के बस अड्डे पर बस रुकी। बस से अन्य सवारियों के साथ, दो दशक पूर्व सेवा निवृत हुए, शिक्षाविद शिवलाल भी उतरे। बस अड्डे के... Hindi · लघु कथा 1 244 Share Previous Page 11 Next