विनोद सिल्ला 581 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read वादा ___________वादा____________ वो वादों पे वादा किए जा रहे हैं! हम फिर भी इन्हें वोट दिए जा रहे हैं!! न सूरत दिखाते इलैकशन के बाद, ये जनता को धोखा दिए जा... Hindi · कविता 429 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जहन्नुम जहन्नुम उनकी महंगी-महंगी गाङियाँ आसमान चूमता बंगला शानोशौकत से लबरेज शाही तौरतरीके उनकी एक छोटी हरकत से मुझे जहन्नुम से लगने लगे -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 291 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read तुम अभी तक सोए हो तुम अभी तक सोये हो जाग गया सारा संसार तुम अभी तक सोये हो। शासक हो गया मक्कार तुम अभी तक सोये हो। वंचित वर्ग हुआ लाचार तुम अभी तक... Hindi · कविता 202 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read शासक चुन लिया शासक चुन लिया पांच साल बाद एक बार फिर निरिह जानवरों ने अपने भक्षक शियार को शासक चुन लिया उसकी ताजपोशी में मान रहे हैं अपनी खुशी मान कर अपना... Hindi · कविता 471 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read ये आग ये आग जून का है महीना चल रही है लू पारा है छियालीस पार धूप है झुलसाने वाली जैसे-तैसे गुजर जायेगा जून भी इससे भी अधिक झुलसाने वाली है सांप्रदायिक... Hindi · कविता 398 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अनिश्वरवादी अनिश्वरवादी ईश्वर की शपथ लेकर करते हो ऐलान संविधान की अनुपालना का विधी अनुसार कार्य करने का अगले रोज से ही रख देते हो ताख पर संविधान को पूरे पाँच... Hindi · कविता 427 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read कुसूरवार कौन है कुसूरवार कौन है मेरा गांव जो बहुत ही प्यारा होता था चौपाल जो बच्चों की किलकारियों से गूंजती थी शामलात में कबड्डी-कुश्ती के पहलवानों की ललकार गूंजती थी गांव के... Hindi · कविता 209 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मुझे गर्व है मुझे गर्व है मुझे गर्व है अपने पूर्वजों पर क्योंकि उन्होंने कभी खाया नहीं मांग कर कभी खाया नहीं छीन कर कभी खाया नहीं छल-कपट या हेरा-फेरी करके उन्होंने खाया... Hindi · कविता 329 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read एक नई मुलाकात एक नई मुलाकात मैं जब भी फरोलता हूँ अलमारी में रखे अपने जरूरी कागजात तो सामने आ ही जाती है एक चिट्ठी जो भेजी थी वर्षों पहले मेरे दिल के... Hindi · कविता 2 199 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बच्चे नर होंगे या मादा बच्चे नर होंगे या मादा हमारे मुख्य द्वार पर बैठा है चिड़ियों का जोड़ा दोनों ने बना लिया एक-दूसरे को अपना साथी दोनों का संगम बढ़ाएगा वंशबेल वे निश्चिंत हैं... Hindi · कविता 441 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जंगली कौन जंगली कौन कितना भाग्यशाली था आदिमानव तब न कोई अगङा था न कोई पिछङा था हिन्दू-मुसलमान का न कोई झगङा था छूत-अछूत का न कोई मसला था अभावग्रस्त जीवन चाहे... Hindi · कविता 179 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मगरमच्छों से अनुरोध मगरमच्छों से अनुरोध सभी बङे-बङे मगरमच्छों से मेरा विनम्र अनुरोध है वो छोटी मछलियों से पेट भरना छोङ दें शाकाहारी बने छोटी मछली भी उन्हीं की जाति की उन्हीं के... Hindi · कविता 186 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read कोई बात नहीं कोई बात नहीं जब मैं गया किसी कार्यवश स्वर्णों की बस्ती में औपचारिकतावश वो लेकर आए पानी मैंने की जाहिर पानी की अनिच्छा तो उन्होंने दिखाई दरियादिली कहने लगे "कोई... Hindi · कविता 208 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जाने क्यों जाने क्यों एक क्यारी में अनेक हैं पेड़-पौधे अलग-अलग हैं जिनकी नस्ल अलग-अलग हैं गुण अलग-अलग हैं रंग-रूप फिर भी नहीं करते नफरत एक-दूसरे से नहीं है इनमें भेदभाव की... Hindi · कविता 248 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पुलिस मेरे शहर की पुलिस मेरे शहर की अपनी पर आ जाए तो मुर्दों से भी उगलवाती है जटिल से जटिल मामला यूं मिनटों में निपटाती है पुलिस मेरे शहर की|| सुस्ती और लापरवाही... Hindi · कविता 239 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read झोपड़पट्टी झोंपड़पट्टी ढह गईं झुग्गियाँ उनके स्थान पर बन गए शॉपिंग मॉल साथ में ढह गई बस्ती के छोटे दुकानदारों की हाट वहीं उसारे गए गगनचुंबी भवन एक बार फिर बन... Hindi · कविता 509 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read सम्मान सम्मान होते थे सम्मान मिलते थे सम्मान-पत्र देखी जाती थी उपलब्धियाँ तब मिलता था सम्मान-पत्र अब हर गली हर मोड़ पर हो रहे हैं सम्मान समारोह लग जाती हैं लंबी... Hindi · कविता 182 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अनसुलझा प्रश्न अनसुलझा प्रश्न बनाया जिसने राजमहलों, भवनों, मिनारों को तरसता रहा वो ताउम्र छाँव के लिए खोदा जिसने तालाबों, कुओं, बावड़ियों को तरसता रहा वो ताउम्र पेयजल के लिए बनाए जिसने... Hindi · कविता 447 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read लाइक व कॉमेंट लाइक व कॉमेंट मस्त हैं आज सब युवक-युवती एंड्रॉयड फोन में बातें हैं उनके पास लैपटॉप-महंगी गाड़ियों की गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड की शोसल-साइटस की शोसल-साइटस पर डाले स्टेटस की वे हैं अनजान... Hindi · कविता 247 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read वोट वोट तेरा वोट उन्हें बैठा देगा सिंहासन पर लगा देगा उनकी गाड़ी पर लाल बत्ती वो अपनों को ठेके दिलवाएंगे आला अधिकारियों की कसरत करवाएंगे लूट-लूट के वतन को खाएंगे... Hindi · कविता 415 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read देश बदल रहा है देश बदल रहा है देखो सत्तापक्ष मचल रहा है। कहते हैं देश बदल रहा है।। किसान फंदा लगा रहे हैं, दलित नित मार खा रहे हैं, अल्पसंख्यक दले जा रहे... Hindi · कविता 203 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read कलरव कलरव पक्षियों का कलरव भा रहा है मन को हवा की सांय-सांय है कर्णप्रिय इनके राग नहीं हैं किसी वाद से प्रेरित नहीं हैं सांप्रदायिक नहीं हैं जातिवादी ये राग... Hindi · कविता 200 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read महानगर महानगर में महानगर में अंतहीन भीड़ थी भागमभाग थी स्वार्थपरता थी भीड़ में भी था एकाकीपन व्यापार था बाजार था खरीददार था मैट्रो ट्रेन थी महँगी गाड़ियाँ थीं फुटपाथ नापते... Hindi · कविता 1 323 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा बात हजम नहीं हुई (लघुकथा) रेलवे स्टेशन पर रमेश बाबू, सुबह-सुबह पूछताछ खिड़की की अपनी सीट पर, बैठे ही थे। उनका मोबाईल फोन घनघना उठा। स्क्रीन पर नाम था "पंडित... Hindi · लघु कथा 235 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read विरोधी विरोधी भले वो है विरोधी परन्तु नहीं है घृणा का पात्र वो है धन्यवाद का पात्र उसके द्वारा दी गई चुनौतियों ने भी समय-समय पर किया है प्रेरित आगे बढ़ने... Hindi · कविता 207 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read घोटालों के गवाह घोटालों के गवाह अ रोज नए नए घोटालों के गवाह लोगो! क्या होने दोगे इस देश को तबाह लोगो!! देश को जरूरत महान क्रान्तिकारी की, देशभक्त नेता की ईमानदार अधिकारी... Hindi · कविता 200 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read वास्तविक होना वास्तविक होना बहुत कठिन है वास्तविक होना कठिन ही नहीं असंभव है वास्तविक होना वास्तविक हम या तो बचपन में होते हैं या अपने जीवनसाथी के पास होते हैं असल... Hindi · कविता 233 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read शब्दों के अर्थ शब्दों का अर्थ उनके शब्द स्पष्ट थे परन्तु उन शब्दों के नहीं थे अर्थ स्पष्ट सबने अपने-अपने विवेक से निकाले अर्थ उन शब्दों के अर्थ का कर दिया अनर्थ वो... Hindi · कविता 498 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read नहीं है साधारण नहीं है साधारण कवि होना नहीं है साधारण अपेक्षित हैं उसमें असाधारण विशेषताएं मात्र कवि होना ही बहुत बड़ी बात है लेकिन फिर भी आत्मश्लाघा के मारे लगते हैं नवाजने... Hindi · कविता 340 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read हुनरमंद है वो हुनरमंद है वो वो भिगो लेता है शब्दों को स्वार्थ की चाशनी में रंग जाता है अक्सर अवसरवादिता के रंग में वो धार लेता है मौकाप्रसती के आभूषण ओढ़ लेता... Hindi · कविता 194 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जुदाई जुदाई मैं कितनी दूर से उससे मिलने आया पर वो रो रहा था उसे गम था किसी से बिछुड़ने का वो आंसू बहा रहा था सभी उसके बहते आंसू रोमांच... Hindi · कविता 484 Share Previous Page 12