Neelam Sharma Language: Hindi 518 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read मन और जीवन मन और जीवन है मन चंचल-जीवन गतिवान, दोनोंही परस्पर चलते हैं। ग़र मन है शाश्वत और कर्मठ, तभी जीवन उद्देश्य फलते हैं। जब मन के दीपक जलते हैं, जीवन को... Hindi · कविता 254 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read - दिल वही खामोशियां बोता रहा। - दिल वही खामोशियां बोता रहा। गिरह- रात थी गहरी बहुत,मोम सा जल रहा था हर लम्हा, बड़ी शिद्दत से,ये दिल वही खामोशियां बोता रहा। १) इश्क नहीं बनता क्यों... Hindi · गीत 217 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read उसके लिए। रद़ीफ-उसके लिए। हैं सारे के सारे रहमों करम सिर्फ उसके लिए, इश्क पहुंचा मेरा, सीमा-चरम सिर्फ उसके लिए। है आमो-खास जिंदगी का फलसफा,उसके लिए, हम तो घूमते रहे हो बदहवास,सिर्फ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 344 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read चांद चांद १) शरद की श्वेत रात्रि में इक दिन उदास था मेरा मन, तभी अकस्मात ही हुआ मयंक का आगमन। २) बोला मुझसे उठो ना कुछ तो बातें करो ना।... Hindi · गीत 316 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read नयन तेरे नयन तेरे..... लोचन,नयन,नेत्र,चक्षु हैं , अति मनमोहक और चितेरे। हृदय के भाव मेरे पढ़ लेते, ये दृग,विलोचन,अक्षि तेरे। नील वर्ण गहरे समुद्र से रहते इनमें कुछ भाव से ठहरे। क्या... Hindi · गीत 360 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read संस्मरण अलौकिक संस्मरण......। मीठी सी यादों का मैं लाई हूं आवरण गुदगुदी यादों का। किए जो भोले बचपन में , खुद के हसीन वादों का। हां है मुझे आज भी स्मरण... Hindi · कविता 540 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read खिलौनों का सफ़र खिलौनों का सफ़र ज़ीस्त यह है बस खिलौनों का सफ़र, कोई सस्ता, कोई महंगा खिलौना है। है बना कांच से कोई मिट्टी से हां जी, अंजाम फना होना है। तुम्हें... Hindi · गीत 221 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read सिंदूरी शाम सिंदूरी शाम थककर है आया देख सूरज सांझ की बांहों में, शर्म से हो गई सांझ सिंदूरी। भोर बोली कि सूरज मेरा है पास तेरे आना बस है मजबूरी। कुछ... Hindi · कविता 744 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read गज़ल फ़िलबदीह -११९ तारिख़-२१/५/१७ मिसरा-इल्म उसका घटा नहीं सकता। क़ाफ़िया-आ रद़ीफ़-नहीं सकता। गिरह-इस क़दर है खफा माशूका मेरी, इल्म उसका मैं घटा नहीं सकता। १) रोज़ ही मिलतें हैं दो दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read सीप और मोती सीप और मोती मेरा दिल बंद सीप है और सनम तू उसमें है मोती तेरा मेरा साथ ऐसा है कि जैसे दीपक संग ज्योति। तू जुल्म करता है मुझपर, दिल... Hindi · गीत 664 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। गज़ल मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। हर इक सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी सच है कि जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। जीते जी जो कभी मिट ना पाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 251 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक इंतजार बस तेरा ख़याल तेरा इंतजार करते हैं खुशी तेरी चाहत में खुदी को बेक़रार करते हैं खुशी मेहनत करके तुझे पाना लुत्फ़ देता है जब इंतजार में भी तेरा... Hindi · मुक्तक 251 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read सुन ए खुशी, सुन ए खुशी, बातें दिल की जों तेरे लबों पे आजाएं !! तो मेरा इश्क सोने पे सुहागा हो जाए । हां दो घड़ी तू जो पास आ जाए जीस्त... Hindi · कविता 262 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read अहसास अनोखा अहसास सुन मेरी भी एक बार ए मेरे विचलित चंचल मन कर तू अश्कों के समंदर से निकलने का प्रयास खुदमें भर आनंद,उमंग, मस्ती और थोड़ा उल्लास सुखी दिखेगा... Hindi · कविता 318 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मेरी मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... Hindi · मुक्तक 249 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read बंद पन्नों का सफर अब भी महकता है बंद पन्नों में वह सूखा गुलाब.......। अब भी तेरी यादों को इत्र सा महकाता है सनम जो तुमने दिया था कभी हमको वो सुर्ख गुलाब हां,अब... Hindi · कविता 488 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक हरित पल्लवित अचला वसुधा सुंदर अति मनोहर क्यों किया अवसादित खंडित,मानव अब दयाकर भांति-भांति की लता वल्लरी वनस्पतियांहैं उजाड़ी है दुखी जीव पक्षी मृग उजाड़ धरा पर विचरकर। नीलम... Hindi · मुक्तक 268 Share Neelam Sharma 25 Dec 2016 · 3 min read किन्नर ......माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती किन्नर ...... कहते हैं मनुष्य गलतियों का पुतला है.यह सार्वविदित व स्वीकार्य भी है ,किंतु ईश्वर ! क्या ईश्वर... Hindi · कविता 1 2k Share Previous Page 11