Vindhya Prakash Mishra 422 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 20 Oct 2025 · 1 min read घर में हों लक्ष्मी का वास घर में हों लक्ष्मी का वास खुशियां आयें सबके पास अंधेरे का हो जाए नाश दिवाली शुभ होवे। जगमग हो दीप प्रकाश मिल जाए अभीप्सित खास फूलों सा फैले वास... Quote Writer 51 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Oct 2025 · 1 min read आप से तू की बात पर आ गए। आप से तू की बात पर आ गए। इतनी जल्दी ही औकात पर आ गए। रिश्ते की डोर इतनी कमजोर निकली। एक ही पल में घात- प्रतिघात पर आ गए।... Quote Writer 1 1 73 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Sep 2025 · 1 min read कुछ कहा करो कुछ कहा करो कुछ सुना करो। कुछ अमल करो अनसुना करो। जीवन अनमोल है साथी गंभीर बनों खुश रहा करो, खुश रहा करो । ✍️विन्ध्य Quote Writer 85 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Sep 2025 · 1 min read बाल कविता ( गिनती कविता) इक राजा की बेटी थी। दो दिन पलंग पर लेटी थी तीन संतरी दौड़े आए। चार दवा की पुडिया लाए पांच मिनट में घोल बनाए छह मिनट बाद पिलाये सात... Hindi 1 70 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Aug 2025 · 1 min read गगन मगन सूरज संग चमके गगन मगन सूरज संग चमके देख कली मुस्काती है। मलय पवन चलती है शीतल सुबह सुखद हो जाती है। स्वच्छ गगन है , मन मगन है झूम उठे पत्ते डाली... Quote Writer 73 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2025 · 1 min read तारे। आसमान में तारे हैं हमको लगता प्यारे हैं चमक रहे मुस्कुराते हैं टिम टिम करके गाते हैं सजे हुई है रंग रंगीले लाल हरी नारंगी पीले कुछ तो लंबी दौड़... Hindi · बाल कविता 1 89 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Aug 2025 · 1 min read प्यारी बहना तुम खुश रहना सबसे प्यारी मेरी बहना , तुम हरदम यूँ ही खुश रहना, मिले सदा ही प्यार रक्षाबंधन का त्योहार । पावन रिश्ता भाई बहन का, बढ़े प्रेम अपार रक्षाबंधन का त्योहार... Hindi 1 101 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Aug 2025 · 1 min read खुद ही राह चुना था मैंने। खुद ही राह चुना था मैंने। उसमें ही खुद खोया हूं, नागफनी कैसे उग आयी। आम रसीला बोया हूं। दिन को रात भला क्यों मानूं। जाग रहा ना सोया हूं।... Quote Writer 1 56 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2025 · 1 min read तिरंगा भारत की है शान तिरंगा भारत की है शान लहर रहा उत्तुंग शिखर तक विजय रही पहचान तिरंगा भारत की है शान। हानि नजर जब शत्रु उठाता पल भर जीवित न रह पाता। वीर... Hindi 1 100 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2025 · 1 min read सरस्वती वंदना कर में लेकर पुष्प हार करते वंदन शत शत बार हमको अज्ञानता से तार दे शारदे , शारदे,शारदे। आये शरण में तुम्हारे तू अंधेरों से निकाले। ज्ञान का भंडार दे।... Hindi · कविता 1 145 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Aug 2025 · 1 min read तोल नहीं कोई मोल नहीं है तोल नहीं कोई मोल नहीं है भाई बहन का प्यार है। दुआ करे बहना भाई को खुशियों का उपहार है। सदा उदित हो उन्नत मस्तक टीका लगाया भाल है। रोली... Quote Writer 63 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Jul 2025 · 1 min read विदाई गीत साथ में जो बिताए थे पल याद आएंगे आप कल। आंख ढूंढेगी जब आपको भर उठेगी तभी छल छल। आगे बढ़ने की रीति है पर अपनों से भी प्रीति है।... Hindi · गीत 1 133 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jul 2025 · 1 min read जन्मदिन की शुभकामनाएं जन्मदिवस हो मंगलकारी, खुशियों से महके फुलवारी। जीवन में शिखरों को परसो, अभीप्सित पूरी करे पुरारी। सदा मुदित मुस्कान रहे मुख जन्मदिवस हो मंगलकारी।। 🌷🌷🌷 Hindi 1 63 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Jul 2025 · 1 min read ठुकराल ठुमक ठुमक चलते ठुकराल गिरे कुएं में हो गए लाल चुनचुन ने जब सुनी पुकार। जोर लगाया तुरंत गुहार।। कुछ दूरी पर बैठे राजू। खा रहे थे तले हुए काजू।... Hindi · बाल कविता 1 112 Share Vindhya Prakash Mishra 14 May 2025 · 1 min read सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे, सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे, मुंह फुलाकर सगर्व अपने घर जाएंगे। जब आदत से न सुधर पाएंगे । मुंह पर कह दूंगा चेहरे उतर जाएंगे। ✍️विन्ध्य Quote Writer 1 84 Share Vindhya Prakash Mishra 9 May 2025 · 1 min read बना रहे जन्मो जन्मों तक बना रहे जन्मो जन्मों तक अपना दोनों का साथ आज दिवस वह शुभ घड़ी थामा था जिस दिन हाथ। जिसके होने से जीवन है सरस और सुखद रहा। जीवन से... Quote Writer 1 87 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2025 · 1 min read समय बदलता है। समय बदलता है, किस्मत के आगे न अपना बस चलता है। कैसे भी हों हालात कि, समय बदलता है। समय की कीमत न जो जानी पछतावा करता है अज्ञानी ।... Hindi 1 116 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Apr 2025 · 1 min read किया अपराध न फिर भी जुल्म सहा करतें हैं । किया अपराध न फिर भी जुल्म सहा करतें हैं । हम तो भरी भीड़ में भी तन्हा रहा करते हैं। आने दो समय अपना हम कहेंगे हालात दिल की। लोग... Quote Writer 1 150 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2025 · 1 min read बाल कविता बाल कविता उड़ती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उड़ती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट रहे... Hindi · कविता 1 138 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Apr 2025 · 1 min read सूरज क्यों गुस्से से लाल चिलचिल धूप सूरज है लाल मुंह बाये जैसे हो काल। लाल सूर्य की रश्मिवल्लियां, सीकर टपक रहे हैं भाल कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर काट दिये जो तरू धरा... Hindi 2 170 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Apr 2025 · 1 min read *बाल कविता*- *बाल कविता*- बिल्ली मौसी बड़ी सयानी, दिन भर करती है शैतानी। चूहों पर है राज चलाती, आंख दिखाकर उसे डराती। चूहे डर कर बिल में छिप जाते, सभी मित्रों को... Hindi 2 113 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Mar 2025 · 1 min read सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे कुछ इधर जाएंगे कुछ उधर जाएंगे संभव है कुछ तो सुधर जाएंगे। पर बहुतों के चेहरे उतर जाएंगे। विन्ध्य प्रकाश मिश्र Quote Writer 1 109 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Mar 2025 · 1 min read ऐसी है मेरी घरवाली। ऐसी है मेरी घरवाली। कभी कभी मिश्री सी मीठी कभी कडक चाय की प्याली। ऐसी हैं मेरी घरवारी। सुंदर मुखडा शुभ सूचक है । देखें दिन मंगल हो जाता ।... Quote Writer 3 1 166 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Mar 2025 · 1 min read जीवन सूखे बंजर हो गए, जीवन सूखे बंजर हो गए, कांटे बढकर खंजर हो गए। चुभे हृदय में शूल वो दिन कैसे जाऊं भूल। कही सहायक नहीं है अपने, भूल गए आंखो के सपने ।... Quote Writer 1 115 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Mar 2025 · 1 min read गांव की छांव गांव की मिट्टी में शोधी महक है। पेड़ के है छांव चिडियो की चहक है। संस्कारो से अभिसिंचित लोग है। कार्य मे मिश्रित यहां पर योग है। सादगी है मूलता... Hindi 2 1 121 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Mar 2025 · 1 min read महिला की हर जगह दिख रही, महिला की हर जगह दिख रही, है समान भागीदारी । जिसकी शक्ति का लोहा मान चुकी है दुनिया सारी। क्यों कहता नारी पीछे है। नही कहो अबला बेचारी। कंधा मिलाकर... Quote Writer 2 113 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Mar 2025 · 1 min read याद मुझको मेरे गांव की आ रही। आम में मंजरी बौर की आ गयी, ये वसंती हवा और महका रही। कोयले है मुदित डाल पर गा रही। है सुगंधित हवा हर तरफ छा रही। डालियां झुक रहीं,... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 128 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Feb 2025 · 1 min read नागफनी के कांटों को तुम नागफनी के कांटों को तुम क्या उपदेश सुनाओगे । जाओगे जब पास उसी के खुद छलनी हो जाओगे। जो जैसी है प्रकृति उसकी नहीं बदल तुम पाओगे। करोगे संगत यदि... Quote Writer 1 141 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Jan 2025 · 1 min read हुआ सबेरा प्राची है मुस्काई हुआ सबेरा प्राची है मुस्काई नजर मिली फूलो से उसकी मन मे रति भर आयी हुई प्रीति सूरज कलियो से भौरे ने आकर बात बताई नजर पडी चिडियो की जब... 1 134 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jan 2025 · 1 min read खुद को ही मैं भूल गया हूँ खुद को ही मैं भूल गया हूँ नहीं मिला हूँ वर्षो से। अपनी बातें भूल गया हूँ सबकी हालत चर्चो से। जेब कहा है पता नहीं पर बढते जाते खर्चों... Quote Writer 96 Share Page 1 Next