नागफनी के कांटों को तुम
नागफनी के कांटों को तुम
क्या उपदेश सुनाओगे ।
जाओगे जब पास उसी के
खुद छलनी हो जाओगे।
जो जैसी है प्रकृति उसकी
नहीं बदल तुम पाओगे।
करोगे संगत यदि दुर्जन की
सिर धुनकर पछताओगे।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र