Dr Vipin Sharma Tag: कविता 45 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Vipin Sharma 12 Jan 2022 · 1 min read बहुत दिनों से बहुत दिनों से कुछ लिखा नहीं मैंने सूख गई है कलम की स्याही या सूख गए दिल के जज्बात रूठ गई बरसातें बदल गए हालात कुछ लिखा नहीं मैने बहुत... Hindi · कविता 3 2 284 Share Dr Vipin Sharma 23 Apr 2021 · 1 min read आओ मिल कर पेड़ लगाएं कुदरत से खिलवाड़ हुआ है कुदरत हाहाकार करेगी तुम जो सौ सौ वार करोगे वह महती प्रतिहार करेगी नहीं सधे अब तो फिर डूबे यही सोच हुंकार लगाएं आओ मिल... Hindi · कविता 1 2 349 Share Dr Vipin Sharma 23 Apr 2021 · 1 min read वक्त ने हमको सिखाया वक्त ने हमको सिखाया क्या है बुनियादी ज़रुरत साफ हवा, साफ पानी न कि पैसा वक्त ने हमको सिखाया। प्यार है सबकी ज़रूरत न कि नफरत न कि ईर्ष्या वक्त... Hindi · कविता 239 Share Dr Vipin Sharma 19 Apr 2021 · 1 min read निरंग बैरागी मन मेरा निरंग बैरागी मन मेरा तरसे तेरे दरस को साजन जैसे रैन सवेरा निरंग बैरागी मन मेरा। पवन हिंडोलों में खोया सा यह मेरा मन तरसे जैसे तेरे दरस को साजन... Hindi · कविता 3 2 374 Share Dr Vipin Sharma 6 Apr 2021 · 1 min read आज होता कृष्ण कोई आज होता कृष्ण कोई इस हृदय के मर्मभेदी और व्यथित अर्जुन से कहता नव उछाह उत्तेजना की दो किरण मन में फैलाता चिर सुषुप्त मेरे मन के उग्र दानव को... Hindi · कविता 3 361 Share Dr Vipin Sharma 5 Apr 2021 · 2 min read दूर कहीं उड़ जा रे पँछी दूर कहीं उड़ जा रे पँछी अंधड़ है उतरा आया। आस के नन्हे पत्तों को चुन तूने नीड़ बनाया था गुंथे गुंथे तृण तारों से अद्भुत प्राचीर बनाया था दीप... Hindi · कविता 1 2 367 Share Dr Vipin Sharma 20 Mar 2021 · 1 min read आज सूरज खो गया आज सूरज खो गया पलक भी झपकी न थी कि लौ बुझी आज का दिन एक सपना हो गया आज सूरज खो गया। तरु लताओं के सहारे झूमता अंध कूपों... Hindi · कविता 444 Share Dr Vipin Sharma 13 Mar 2021 · 1 min read अलविदा दोस्तो अलविदा दोस्तो अलविदा दोस्तो मैं चला मैं चला रात गहरा रही आस की एक लड़ी टूटती जा रही मैं बनाऊं तो क्या टूटे सपनोँ का घर ढूंढूं किरणे कहाँ, रोशनी... Hindi · कविता 1 352 Share Dr Vipin Sharma 3 Oct 2020 · 1 min read तू भी एक लहर है तू भी एक लहर है मैं भी एक लहर हूँ उसी सागर के पटल पर लहराती इठलाती तू गीत गा रही है मैं नृत्य कर रही हूँ तू भी एक... Hindi · कविता 4 433 Share Dr Vipin Sharma 18 Sep 2020 · 1 min read चल रे मन और कहीं चल चल रे मन और कहीं चल चल रे मन और कहीं चल बहती हो धारा प्रशांत सी दिवा निशि, निशि दिन कल कल चल रे मन और कहीं चल। भासमान... Hindi · कविता 3 285 Share Dr Vipin Sharma 1 Jun 2020 · 1 min read शून्य की नाव अव्यक्त को व्यक्त करना उतना ही असम्भव है जैसे सोते सोते जगना या रोते रोते मुस्कुराना दुखी मन से मधुर गीत गाना मौन को व्यक्त करना उतना ही असम्भव है।... Hindi · कविता 5 3 335 Share Dr Vipin Sharma 24 Nov 2019 · 1 min read जीवन क्या है, पल पल, क्षण क्षण जीवन क्या है, पल पल, क्षण क्षण बारिश की बूंदों सा गिरता नदिया, सागर बहता बहता लहरों के आकार बनाता बनता, बहता फिर मिट जाता तन, मन में प्राणों में... Hindi · कविता 3 1 247 Share Dr Vipin Sharma 4 May 2019 · 1 min read क्या फिर वे दिन आएंगे क्या फिर वे दिन आएंगे क्या फिर वे दिन आएंगे। अलबेली यादों का मिलना कलियों जैसे हरदम खिलना बारिश की बूंदों सा बहना कागज़ की कश्ती सा चलना क्या हृदय... Hindi · कविता 2 361 Share Dr Vipin Sharma 16 Aug 2018 · 1 min read एक दिन और एक दिन और ढल गया ज़िंदगानी का एक दिन और मौत करीब आई। एक दिन और बहा कोई पानी एक दिन और समंदर करीब आया एक दिन और घट गया... Hindi · कविता 1 254 Share Dr Vipin Sharma 31 Jul 2018 · 1 min read जीवन नौका तिरती जाए जीवन नौका नदिया पर वह तिरती है लहरों से अंठखेली करती तूफ़ानों से लड़ती है मन्थर मन्थर कभी चले यह कभी गति को पकड़ती है धीरज दे कर... Hindi · कविता 272 Share Dr Vipin Sharma 29 May 2018 · 1 min read घूमां हूँ मैं गली गली घूमा हूँ मैं गली गली ढूंढता अपनी परछाईं ढूंढ रहा हूँ बचपन अपना बचपन की वह अंगड़ाई। अल्हड़ सा आवारा बादल बिन बरसातें बरस रहा ममता का भीगा सा आँचल... Hindi · कविता 1 296 Share Dr Vipin Sharma 13 May 2018 · 1 min read प्रवाहमान ज़िंदगी प्रवाहमान है समय प्रवाहमान ज़िंदगी बहे नदी, तिरे घटा बदल बदल रहे छटा है एक गान ज़िंदगी प्रवाहमान ज़िंदगी। रंग हैं बदल रहे रूप भी बदल रहे बदल रहा है... Hindi · कविता 389 Share Dr Vipin Sharma 22 Apr 2018 · 1 min read मेरी इच्छा उग आए चंद्र, खिल जाए छटा खो जाए तिमिर का यह कोहरा मिट जाए व्यथा , संगीत बने हो जाये ह्रदय का भार वृथा। नव दीप जले , नव आस... Hindi · कविता 375 Share Dr Vipin Sharma 2 Apr 2018 · 1 min read मेरा गांव नदी का किनारा बादलों की छांव सुरम्य वादियों में बसा मेरा गांव। इठलाते पल्लव सरसराती हवाओं में महकते पुष्प मदमाती फिज़ाओं में शिखरों से आकंठ मिले घटाओं के हार सहलाये... Hindi · कविता 269 Share Dr Vipin Sharma 27 Mar 2018 · 1 min read रुक जाओ समय रुक जाओ समय जी लेने दो मस्ती के पल रुक जाओ ज़रा होने दो कुछ हल चल रुक जाओ समय। करने दो चाहत पूरी जो हो न पाई खिलने दो... Hindi · कविता 291 Share Dr Vipin Sharma 12 Mar 2018 · 1 min read यादें जब खोलता हूँ यह वाटस अप्प ग्रुप मुस्कान अधर पर छाती है एक याद सी ताज़ा हो कर फिर यादों की गली ले जाती है। मित्रों के बोल मुखर हो... Hindi · कविता 535 Share Dr Vipin Sharma 9 Mar 2018 · 1 min read नारी गौरव तुम हो भारत की अटल ढाल तुम हो भारत का उदित भाल। कोमलता और दृढ़ता का तुम समुचित परिचय देती हो तुम जीवन के विकट क्षणों को साहस से हर... Hindi · कविता 469 Share Dr Vipin Sharma 3 Mar 2018 · 1 min read समय की धारा समय की धारा बहती जाती कभी नहीं वह रुकती है जीवन का संगीत सुनाती कभी नहीं वह थकती है समय की धारा बहती जाती। खुशी हो या अवसादित क्षण धार... Hindi · कविता 697 Share Dr Vipin Sharma 2 Mar 2018 · 1 min read होली रंग बिखराओ कि.आज होली है दिलों को दिल से मिलाओ कि आज होली है। भुला दो रंजो गम दुनियाँ भर के खुशी चेहरे पर सजा लो कि आज होली है।... Hindi · कविता 496 Share Dr Vipin Sharma 27 Feb 2018 · 1 min read जीवन का अर्थ उड़ बैठा पिंजरे का पंछी गगन में हो उन्मुक्त उड़ा ओर छोर न रहा किसी का सीमाओं से मुक्त उड़ा। मिल बैठा सूरज चन्दा से धरती का संघर्ष गया मलय... Hindi · कविता 443 Share Dr Vipin Sharma 22 Feb 2018 · 1 min read मेरी मासूम सी बच्ची मेरी मासूम सी बच्ची बड़ी होने लगी है जो कल तक उठ नहीं पाती खड़ी होने लगी है। वह मुस्काये तो रौशन हों ये दिलकश फिजायें वह बोले तो बरस... Hindi · कविता 2 1 421 Share Dr Vipin Sharma 19 Feb 2018 · 1 min read क्या यही है ज़िन्दगी का सबब यूँ तो सब अपनी ज़िंदगी जीते हैं टुकड़ों टुकड़ों में अपने ही सपने अपने तक सीमित क्या यही है ज़िंदगी का सबब क्या यही है ज़िन्दगी का मकसद। टुकड़े टुकड़े... Hindi · कविता 311 Share Dr Vipin Sharma 18 Feb 2018 · 1 min read वट्स अप की महिमा वट्स अप की ज़िंदगी चलती रही वह दिन भर भी कहाँ मौन हुआ टूट गया नभ से तारा और पल भर में ही कौन हुआ। यह कैसा विश्व जगत प्यारे... Hindi · कविता 473 Share Dr Vipin Sharma 17 Feb 2018 · 1 min read चश्मों के शीशों से चश्मों के शीशों से देख रहा हूँ गुज़रा वक्त कुछ धुंधलाते साये अनसुनी बातें मुस्कुराते पल अनकही चाहें चश्मों के शीशों से देख रहा हूँ गुज़रा वक्त। चमकता सवेरा खिली... Hindi · कविता 275 Share Dr Vipin Sharma 14 Feb 2018 · 1 min read मुझे आज़ाद रहने दो मुझे आज़ाद रहने दो मुझे आज़ाद रहने दो मैं हूँ इंसान तुम जैसी मुझे आज़ाद रहने दो। न बांधो मुझको ज़ंजीरों से फर्जों की वफाओं की न बेचेनी की ज़ंजीरें... Hindi · कविता 225 Share Dr Vipin Sharma 12 Feb 2018 · 1 min read चलो चलो ए राही चलो चलो ए राही, अपनी मंज़िल है आसान नहीं रुको नहीं तुम पल भर, अब है रुकने का अरमान नहीं चलो चलो ए राही.. बढो जतन से और लगन से... Hindi · कविता 465 Share Dr Vipin Sharma 9 Feb 2018 · 2 min read मेरा मुरशिद उस दर पर मैं कई बार गया उस दर पर मुरशिद रहता था वह ज्ञान का दीप जलाता था मुस्काता था और गाता था उस दर पर मै कई बार... Hindi · कविता 245 Share Dr Vipin Sharma 7 Feb 2018 · 1 min read बाज़ार बेच रहे हैं कुछ न कुछ सब दुनियाँ के बाजारों में बेच रहे हैं रस्मे कसमें अपने ख़ातिरदारों में बेच रहे हैं कुछ न कुछ। कोई है इमां बेचता कोई... Hindi · कविता 410 Share Dr Vipin Sharma 3 Feb 2018 · 1 min read हृदय गीत सुर से जब सुर जुड़ जाते हैं शब्दों के दिल मिल जाते हैं मुस्काती हैं लहरें हिल मिल और एक ग़ज़ल बन जाती है। पानी में होती है हल चल... Hindi · कविता 312 Share Dr Vipin Sharma 29 Jan 2018 · 1 min read नारी से कितनी पदमिनियाँ जल बैठीं ज्वाला के अंगारों से कितनी सीतायें चुप बैठीं रावण की हुंकारों से। लेकिन अब भी छद्म वेश में कितने खिलजी चलते हैं अब भी अपना वेष... Hindi · कविता 1 458 Share Dr Vipin Sharma 23 Jan 2018 · 1 min read एक बहादुर लड़की जीवन पथ पर बढ़ती जाती एक बहादुर लड़की कितनी बाधाएँ थी आईं कितनी पीड़ाएँ थी आईं कितनी शंकाओं ने घेरा कितनी आशाएं मुर्झाँई पर न रुकी वह पर न झुकी... Hindi · कविता 2k Share Dr Vipin Sharma 20 Jan 2018 · 1 min read जीवन धारा जीवन की दो धारा एक बने रातों की स्याही एक बने उजियारा। एक दिखाए सपन सलोने तपी तपी सी राहें बन जाये मुस्कान हृदय की बोझिल सी कुछ आहें। कठिन... Hindi · कविता 429 Share Dr Vipin Sharma 17 Jan 2018 · 1 min read अनुरोध कुछ शब्द पिरो कर लाया हूँ कुछ गीत संजो कर लाया हूँ । तुम चाहो तो स्वीकार करो तुम चाहो तो इनकार करो तुम चाहो तो नाराज रहो तुम चाहो... Hindi · कविता 1 521 Share Dr Vipin Sharma 17 Jan 2018 · 1 min read जीवन दिशा मसीह आये थे इस ज़मीं पर मसीह तुम भी किसी के बनना। उन्होंने पोंछे थे सब के आंसू उन्हीं की राह तुम भी चलना। फलक पर चमका था एक सितारा... Hindi · कविता 448 Share Dr Vipin Sharma 16 Jan 2018 · 1 min read नेह पाश सौहार्द परस्पर रखो तुम फूलों की तरह हँसते हँसते नेह पाश हो जाओ तुम आओ समीप कसते कसते। नहीं तिक्तानुभव की रेखा हो मुखमण्डल पर शोभित तेरे। नहीं क्रोद्घ रश्मि... Hindi · कविता 1 428 Share Dr Vipin Sharma 7 Jan 2018 · 1 min read जीवन दर्शन कुछ मत सोचो जीवन की सरिता को बहते जाने दो लहरों से मत नाता जोड़ो उनको सागर का संगीत बनाने दो। जो कुछ है तुम्हे स्वयम ही मिलता जाएगा राही... Hindi · कविता 1 486 Share Dr Vipin Sharma 7 Jan 2018 · 1 min read ख्यालों के झुरमुट ख्यालों के झुरमुट वो ख्यालों के झुरमुट वो कल्पना के साये मेरे साथ घूमते हैं। वो जो खो गया डगर पर बेचैन ढूंढ़ते हैं। वो मस्त बादलों से मन का... Hindi · कविता 480 Share Dr Vipin Sharma 3 Jan 2018 · 1 min read नव वर्ष नई दृष्टि, नया उत्कर्ष नव वर्ष, नव वर्ष नया सृजन,नया संघर्ष नव वर्ष,नव वर्ष। नया उछाह, नव प्रवाह, नए भँवर,नई डगर नया उजास,नई प्यास नया सृजन,नया संघर्ष नव वर्ष,नव वर्ष।... Hindi · कविता 283 Share Dr Vipin Sharma 1 Jan 2018 · 1 min read मन का मीत जन्म जन्म का बिछड़ा कोई मीत मिला आज हृदय की देहरी पर संगीत मिला पंख लगे आसों की एक ललक जागी आज मुझे अपना ही एक अतीत मिला। बचपन के... Hindi · कविता 419 Share Dr Vipin Sharma 29 Dec 2017 · 1 min read अनन्त प्रश्न जीवन ज्योति जलाने वाले जीवन ज्योति बुझाता क्यों है। जीवन को मुस्काने वाले दुख के बादल लाता क्यों है। प्यासे मन का अमृत बन कर तूने तृप्त किया तन तन... Hindi · कविता 265 Share