TARAN VERMA 100 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid TARAN VERMA 18 Sep 2024 · 2 min read कौन हुँ मैं? इधर-उधर की बातें करता खाने से कभी ना मन भरता बकर-बकर दिन भर करके रात को सपनो मे रहता पता नहीं क्या रूप लिया हुँ थोड़ी सी सोच-समझ लिया हुँ... Hindi 57 Share TARAN VERMA 8 Aug 2024 · 1 min read चले चलो नई जगह पर जाकर मुश्किलों को पाकर थोड़ा धैर्य बनाए हुए चले चलो,चले चलो। काम कोई भी करते रहो कभी उदासी सहते रहो पर अनोखी से मुस्कान लिए चले चलो,... Hindi 1 83 Share TARAN VERMA 28 Jul 2024 · 1 min read दू मै बता दू मै बता या रखू छुपा जो हाल बना हर साल रहा इसी अजब की बातों से मै जीत रहा मै सिख रहा। हाँ बोलकर सभी जगह बाद मे पछतावा... Hindi 1 94 Share TARAN VERMA 18 Mar 2024 · 1 min read नैन नैन बड़े पागल बनकर जब इधर-उधर मंडराते हैं, सुध प्यारी तब लेकर मन ही राह नई दिखलाते हैं। नैन-नैन से बात बढ़ने पर पाँव कहाँ रुक पाते हैं, जिम्मेदारी का... Hindi 94 Share TARAN VERMA 23 Jan 2024 · 1 min read विश्वास करो कर सकते हो तुम जो करना चाहो झुठ-मुठ की बात नहीं सच होंगे सारे खाव्ब सही विश्वास करो, विश्वास करो। प्रतिस्पर्धा की बात नहीं हैं कौन लोग अब साथ नहीं... Hindi 114 Share TARAN VERMA 5 Jan 2024 · 1 min read एकांत मन परिस्थिति की बात हुई है जन-जन मे अब चर्चा चली है कोई भला अनजान क्या होगा चुप रहकर भी साथ भली हैं कभी यही तो कभी कही पर एकांत मन... Hindi 2 4 176 Share TARAN VERMA 4 Oct 2023 · 1 min read अंत ना अनंत हैं लाख डरा पर रुका नहीं आँसू गिरा पर झुका नहीं बार-बार जब गिरा ज़मी पर एक बार ना थका कभी तब क्युकी अंत ना अनंत हैं। कईयों की परछाई देखी... Hindi 2 159 Share TARAN VERMA 29 Sep 2023 · 1 min read चाँद चाँद तुझे रंग दू मैं क्या चाँद तुझे रख लू मैं क्या स्वर्ग से सुंदर जग को बनाती अंधेरों मे भी पहचान बनाती बिना कहे रह पाऊँ ना पर चाँद... Hindi 1 190 Share TARAN VERMA 30 Aug 2023 · 1 min read रुई-रुई से धागा बना रुई-रुई से धागा बना धागो मे बसा कई रंग प्रेम भरी राखी से देखो बंधा अनोखा बंधन Quote Writer 173 Share TARAN VERMA 29 Aug 2023 · 1 min read इस राह चला,उस राह चला इस राह चला,उस राह चला जीवन जीने हर बार चला भरी-भरी राहो मे जग की अलग करता मै विचार चला Quote Writer 179 Share TARAN VERMA 22 Aug 2023 · 1 min read मतदान करो मतदान करो,मतदान करो अधिकार भरा मतदान करो ऊच-नीच,जाती-भेद छोड़कर पार्टियों की पहचान छोड़कर विकासशील समाज बनाने मतदान करो,मतदान करो। पैसे-कपड़ो को ना लक्ष्य बनाकर इच्छा को ना विकास बनाकर चुनाव... Hindi 1 410 Share TARAN VERMA 13 May 2023 · 1 min read नैन नैन बड़े पागल बनकर जब इधर-उधर मंडराते हैं, सुध प्यारी तब लेकर मन ही नैनो को राह पर लाते हैं। नैन- नैन से बात बढ़ती जब पाँव कहाँ रुक पाते... Hindi 194 Share TARAN VERMA 3 Apr 2023 · 1 min read बीत जाता हैं चलकर कदमों से आसमान भी नापा हैं बसंत बनी गुलजारों से शोले का पर्वत आँका हैं जीवन यू ही बीत जाता हैं।। पुरानी बनी जंजीरों से दूरियों को झाँखा हैं... Hindi 1 258 Share TARAN VERMA 19 Mar 2023 · 1 min read विश्वास मिला जब जीवन से विश्वास मिला जब जीवन से चारो ओर उजाला छाया, बन के मनुष्य अनोखा एक मैं संसार मे आया। Quote Writer 1 143 Share TARAN VERMA 18 Mar 2023 · 1 min read ना गौर कर इन तकलीफो पर ना गौर कर इन तकलीफो पर दो दिन मे चली जाती हैं ये, दिखता हैं सूरज का उजाला फिर होती खुशियों की बरसात हैं। Quote Writer 2 243 Share TARAN VERMA 18 Mar 2023 · 1 min read निकल गया सो निकल गया निकल गया सो निकल गया निकली बातों का क्यों शोक मनाता हैं, चलते- चलते आगे चलने पर संसार तेरा गुण गाता हैं। Quote Writer 1 432 Share TARAN VERMA 31 Jan 2023 · 1 min read उज्ज्वल भविष्य हैं सितारों सी चमक जो लाएँ पर्वत सी विशालता दिखाएँ उनका उज्ज्वल भविष्य हैं। बिना रुके जो चलते आगे मैदान छोड़कर जो ना भागे उनका उज्ज्वल भविष्य हैं। इधर- उधर जो... Hindi 2 224 Share TARAN VERMA 26 Sep 2022 · 1 min read एक सवाल एक बार धरती ने पूछा आसमान से एक सवाल क्यों जल को मेरा ही लेकर मुझ पर वर्षा तुम करती हो तब बोला आसमान मुस्काकर जल लेकर जब जल देता... Hindi 2 201 Share TARAN VERMA 12 Aug 2022 · 1 min read जीवन की तलाश चट्टानों की दीवारों से धूल भरी आंधी तक एक सिलसिला सवार है जीवन की तलाश है। पर्वत के राजा ने बोला चलो आज कुछ सिखलाएं की राह बड़ गयी आगे... Hindi 1 214 Share TARAN VERMA 5 Jul 2022 · 1 min read ये हरियाली ये हरियाली, ये हरियाली मनभावन लगती है प्यारी पेड़- पौधों पर दिख जाए तो सदासुहागन लगती सारी किसानों मे उम्मीद जगाती खिला हुआ उपवन दिखलाती बारिश मे आँखों पर छाती... Hindi 1 578 Share TARAN VERMA 29 Jun 2022 · 1 min read कहाँ चले गए तरस रहे ये नैन हमारे कहाँ किधर तुम चले गए। गहरी सी छवि दिखाकर कहाँ किधर तुम चले गए। आवाज आई थी कानों पर कहाँ किधर तुम चले गए। उम्मीद... Hindi 1 364 Share TARAN VERMA 26 Jun 2022 · 1 min read रुक क्यों जाता हैं एक चोट जो पैर में आई क्यों उसको तू घाव बनाता हैं राह छोड़कर तू रुक क्यों जाता हैं। बीज जब निकलता धरती से कितना साहस करता होगा उसको धरा... Hindi 3 306 Share TARAN VERMA 11 Jun 2022 · 1 min read पापा के निशान दिखते है अम्बर मे दिखते है जमीन पर बस पापा के निशान से। खेतों मे हल चलाते है धूप को मजा चढ़ाते है बस पापा के निशान से। बड़ी बड़ी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 4 2 532 Share TARAN VERMA 10 Jun 2022 · 1 min read पापा गोय पापा गोय ए पापा गोय गांव के चिन्हा देखादे भूल गे हो मे घूमे बर मोला गरति आमा खावादे पापा गोय ए पापा गोय। दाई देखत होहि मोला सिथा के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · Poem 470 Share TARAN VERMA 8 Jun 2022 · 2 min read पिता के गुण पिता एक ऐसा व्यक्तित्व होता है जिसे अगर एक वाक्य मे समझाने को बोला जाएं तो यहाँ असंभव होगा। और साथ ही ऐसा व्यक्ति जिसे दुनिया मे हमारी सबसे ज्यादा... Hindi · लेख 1 1k Share TARAN VERMA 6 Jun 2022 · 1 min read पापा महान है सीने मे एक दर्द सा लेके बच्चों का पालन करते है ऐसे मेरे पापा महान है। कैसे वो अनुमान लगाते की बच्चा क्या कर रहा ऐसे मेरे पापा महान है।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 236 Share TARAN VERMA 5 Jun 2022 · 1 min read शुरुवात ना आसान है ठानी कुछ करने की राह मे तो शुरुवात ना आसान है। नकारात्मकता से लड़ने की शुरुवात ना आसान है। आई कानों मे कई बाते कुछ सच्चे, कुछ झूठे थे पर... Hindi · कविता 4 142 Share TARAN VERMA 31 May 2022 · 1 min read पापा कहाँ हैं? हर एक दिन बीत रहे सालों साल दशक बीत रहे सवाल यही वो पापा कहाँ हैं? रौनक ना जिनके होने से खुशियाँ रूठ सी जाती हैं सवाल यही वो पापा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 7 242 Share TARAN VERMA 29 May 2022 · 1 min read चहल पहल सुबह उठा तो देखा की चहल पहल चल रही जहाँ मे एक चिड़िया उड़ रही थी आसमान की उचाई मे वही जमीन पर गिलहरी जो फिर रहा इधर उधर दिख... Hindi · कविता 361 Share TARAN VERMA 28 May 2022 · 1 min read पिता का साया एक अनोखी सुकून है देता फिक्र का आभास दिलाता आत्मविश्वास को जो बढ़ाता वही तो है पिता का साया। संघर्ष सदा सिखाते जो है बिना रोक आगे बढ़ाते जो हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 3 220 Share TARAN VERMA 20 May 2022 · 1 min read चिड़ियों की बातें एक समय की बात है, एक जंगल था जिसके एक पेड़ पर चिड़ियों का एक झुंड रहता था जिसमे पांच चिड़ियाँ थी इनमे एक बड़ी चिड़िया जिसे ज्यादा उड़ना घूमना... Hindi · लघु कथा 279 Share TARAN VERMA 12 May 2022 · 1 min read गुरुर मिट जाएगा एक दिन गुजार जमाने मे तो गुरुर मिट जाएगा लोगो की वो प्यारी मस्ती दिल से दिए जो अनुदान थोड़ी सी गुस्से भरी बातें जनता को साथ तो बिठा तो... Hindi · कविता 256 Share TARAN VERMA 6 May 2022 · 1 min read आसान नही आसान नही जीवन मे कुछ भी कीमत चुकानी पड़ती हैं सबकी उचे उचे ख्वाबों को रखकर पाना उनको आसान नही डूब जाती कश्ती सागर मे चप्पू जो ना लगातार चलाए... Hindi · कविता 153 Share TARAN VERMA 5 May 2022 · 1 min read पापा हैं आराध्य सदा, पूज्य सदा चरणों मे जिनके विश्व सदा कोई और नही मेरे पापा हैं प्रोत्साहन की मिसाल बने हैं एकता का सूत्र सदा देते कोई रूठ जाएं अगर तो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 137 Share TARAN VERMA 26 Apr 2022 · 1 min read सुबह सुबह एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही मन में आता हैं नई शुरुआत जो अदभुद आत्मविश्वास से भरी हो, सकरामकता से भरी हो और अगर इसमे दिन का लक्ष्य भी... Hindi · लेख 225 Share TARAN VERMA 21 Apr 2022 · 1 min read पिता के चरण में नित्य सजाकर फूल कई पिता के चरण मे चढ़ाते हैं। उन पैरो की धूलि लगाते जिन्होंने चलना सिखाया हैं। नियत नेक सदा जिनके थे उनके ही शरण मे जाते है।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 5 251 Share TARAN VERMA 19 Apr 2022 · 1 min read पापा मेरे पापा कई दर्द सीने मे लेकर दुनिया में चलना सिखाते हैं दूजा ना और कोई मेरे पापा हैं सच्चाई की हमेशा राह दिखाते झूट का हर साया हटाते हैं बिन बोले... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 145 Share TARAN VERMA 28 Mar 2022 · 1 min read कर रहें कमाल क्या बात करे उन लोगो की जो हर दम कर रहे कमाल धूप में भी जो छांव देखते हरे भरे संसार जो देखते ऊंची चोटी पर चढ़कर जो आसमान छू... Hindi · कविता 1 156 Share TARAN VERMA 24 Mar 2022 · 1 min read मेरा अभिमान है मान मेरा अभिमान मेरा भारत मां का लाल जो हूं जिनकी आंचल में जन्नत हैं रोज़ लगाता हूं टीका मैं धरती मां की इस धूल का शान बढ़ाते भारत... Hindi · कविता 311 Share TARAN VERMA 20 Mar 2022 · 1 min read जीवन बदल गया जोड़ी कड़िया से कड़िया मैंने कुछ सपने कुछ अपने लेकर थी राह नई थे लोग नए तब जीवन बदल गया। कौन दोष दे उन हिस्सों को जिन पर ना था... Hindi · कविता 224 Share TARAN VERMA 10 Mar 2022 · 1 min read उन्नत विकास उन्नत विकास उज्ज्वल प्रवाह विशाल विश्व तरुवर महान उन्नत विकास की राह नई हैं नया हैं हर्ष उल्लास यहां हुए नए नए परिवर्तन जहां लेकर आस्था रूपी गुरु साथ शिक्षक... Hindi · कविता 202 Share TARAN VERMA 1 Mar 2022 · 1 min read रिश्ते ये प्यार के रिश्ते हैं ये प्यार के नाजुक धागो से बंधे मां बाप का ये रिश्ता बलिदान को दिखाएं बहन का जो रिश्ता फिक्र को जताएं भाई का हैं जो रिश्ता वो... Hindi · कविता 228 Share TARAN VERMA 27 Sep 2021 · 1 min read हार हैं ही क्या सोच रहा हूं कुछ दिनों से हार हैं ही क्या होता हैं ऐसा क्या जिनको मिलती ये हार कहलाता सबसे बड़ा शिक्षक यहां बुरी आदत सुधार कर हैं जाता यहां... Hindi · कविता 272 Share TARAN VERMA 13 Sep 2021 · 1 min read ठिकाने हैं कहां? खोज रहे हैं बरसों से ठिकाने हैं कहां? नगरों में चौराहों पर, बंद पड़ी दीवारों पर, हो सुख चैन की बरसात जहां हो भाईचारा भर भर के वहां लेकर नजरों... Hindi · कविता 1 391 Share TARAN VERMA 22 Aug 2021 · 1 min read जीवन का सफ़र अनोखा हैं अनोखा जीवन का सफ़र। अजीब रास्तों से हैं चला नए मुकामों का चला है यहां पता विश्वास के डगर का हैं सफ़र लगे किसी को आफ़त की पुड़िया... Hindi · कविता 509 Share TARAN VERMA 10 Aug 2021 · 1 min read आखिरी सहारा एक समय की बात है एक गांव में आनंद नाम का एक आदमी रहता था जो किसानी के साथ ही गांव में मुनियादी और एक होटल में काम करता था... Hindi · कहानी 2 364 Share TARAN VERMA 2 Aug 2021 · 1 min read गम की रात गलती का कारण है ये रात। मन के दीप बुझाए ये रात। राहत की सांस घटाएं ये रात। सुकून के पल हटाएं ये रात। लालच से ही आए होती रात।... Hindi · कविता 1 521 Share TARAN VERMA 30 Jul 2021 · 1 min read राहत की सांस बहुत पुरानी बात है एक गांव जगदलपुर में एक किसान रहता था जिसका नाम रामू था जो हमेशा किसानी के कार्यो में व्यस्त रहता था। रामू का एक बेटा था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 536 Share TARAN VERMA 25 Jun 2021 · 1 min read एक रात ऐसी भी एक रात ऐसी भी आई जहन मे। नींद खुली आधी रात भूख से मेरा बुरा हाल पर उठने का मेरा इरादा ना था। लेकिन मैं उठा जागा और लगा ढूढने... Hindi · कविता 2 3 354 Share TARAN VERMA 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात हैं आई बरसात हैं आई, बरसात हैं आई। नभ में काली - काली घटा ले आई।। डर से भरी बिजली को संग हैं लाई। किसानों के आंखो का तारा बनने ये आई।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 365 Share Page 1 Next