Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2022 · 1 min read

सुबह

सुबह एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही मन में आता हैं नई शुरुआत जो अदभुद आत्मविश्वास से भरी हो, सकरामकता से भरी हो और अगर इसमे दिन का लक्ष्य भी शर्मिल हो की क्या पाना है, कहा पहुँचना है जीवन मे तो सुबह की बात ही कुछ अलग होती है।
सुबह उठते ही वो पंछीयों की आवजे, मंदिर मे पूजा होते हुए बजती घंटियों की आवाज तथा ठंडी ठंडी चलने वाली हवाएं जो भीनी भीनी खुशबु लिए होती है बड़ी मनमोहक होती हैं सुबह होना कुछ वैसा ही लगता है जैसे किसी नवजीवन की शुरुवात हो रही हो प्रकृति और ईश्वर के आशीर्वाद से।
सुबह होते ही हर प्राणी अपने अपने कामों मे बहुत ही निष्ठा और मेहनत से लग जाता है और इस सुबह के लिए दिनभर ईश्वर का धन्यवाद करता हैं।
एक और बात की अगर सुबह दिन की शुरुआत अगर किसी वन मे हो, नदी के किनारे हो, वादियों के बीच अर्थात प्रकृति की गोद मे हो तो कुछ अलग ही आनंद भरा होता हैं
अब सुबह की शुरुआत करने के कुछ तरीके:-
1. रॉबिंन शर्मा द्वारा लिखी किताब ‘The 5am Club’ अनुसार सुबह के 5 बजे उठकर 5-6 बजे के समय का उपयोग तीन भाग मे बाटकर करे 1 बीस मिनट मे व्यायाम करे 2 बीस मिनट मे चिंतन मनन करे और आखिरी के 3 बीस मिनट मे कोई भी खुद को अच्छी बनाने वाली कोई भी किताब पढ़े।
2. सुबह 4 बजे बृह्ममुहूर्ट होता है तो इस समय शांति होने के कारण और मन शांत होने के कारण चीज़े जल्दी याद होती हैं।

Language: Hindi
Tag: लेख
196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
Dr Nisha nandini Bhartiya
3277.*पूर्णिका*
3277.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
संत कबीरदास
संत कबीरदास
Pravesh Shinde
........
........
शेखर सिंह
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
माँ महान है
माँ महान है
Dr. Man Mohan Krishna
शेयर
शेयर
rekha mohan
"ये याद रखना"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
Manoj Mahato
जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
यह सब कुछ
यह सब कुछ
gurudeenverma198
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
कुछ चूहे थे मस्त बडे
कुछ चूहे थे मस्त बडे
Vindhya Prakash Mishra
योग
योग
जगदीश शर्मा सहज
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
मुनादी कर रहे हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)
मुनादी कर रहे हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*Author प्रणय प्रभात*
कभी भूल से भी तुम आ जाओ
कभी भूल से भी तुम आ जाओ
Chunnu Lal Gupta
Loading...