उमेश बैरवा Language: Hindi 36 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमेश बैरवा 12 Jun 2024 · 1 min read पिता का अभिमान बेटियाँ एक पिता का अभिमान होती है! कुल की शान कहीं जाती है! बेटियाँ घर की रौनक होती है! परिवार बढ़ाती है!बेटियाँ जिस तरह पुष्प की अभिलाषा होती है! उसी तरह... Hindi · कविता 2 64 Share उमेश बैरवा 10 Jun 2024 · 1 min read -:मजबूर पिता:- बेटा समय पर नहीं आता घर तो बोल नहीं पाता हुँ! में क्योंकि मजबूर पिता हुँ! में बेटा पेट भर नहीं खाता तो खाना नहीं खा पाता हुँ! में क्योंकि... Hindi · कविता 2 109 Share उमेश बैरवा 7 Jun 2024 · 1 min read अकड़ाई कड़ाई काम नहीं आती}======= दादा की दादी से, दादी की बहु से माँ की पिता से, ननंद की भोजाई से ========={अकड़ाई काम नहीं आती}======= बहन की भाई से,भाई की भाई... Hindi 2 93 Share उमेश बैरवा 31 May 2024 · 1 min read जिंदगी लिखूंगा तेरे नाम का एक खत जरा एक पन्ना तो बेटर लेने दे!... कलम की स्याही सूख गई मेरी जरा आंसुओं से भिगो तो लेने दे!... कही लिख ना दु... Hindi 2 56 Share उमेश बैरवा 19 May 2024 · 1 min read नानी का घर घर तो नाना का था पर अब नानी का कहलाया है! बच्चों को क्या पता इस बात का कभी उनकी मां का भी कहलाया था! घर नानी का है! ........ Hindi 1 79 Share उमेश बैरवा 16 May 2024 · 1 min read लिवाज लिवाज भले बदलते रहो! लेकिन वास्तविकता में रहो! मुकल्लम वही सारी बातें होगी! जो रूहानियतो ने अपने कानों में कहीं! Hindi 1 54 Share उमेश बैरवा 16 May 2024 · 1 min read शून्य कहने को शुन्य होता है!! लेकिन उसकी गति सबसे तेज होती है!! Hindi 1 87 Share उमेश बैरवा 16 May 2024 · 1 min read पात्र होते होंगे कहानियों के पात्र काल्पनिक लेकिन हम जैसे भी हैं! वास्तविक है! Hindi 1 44 Share उमेश बैरवा 7 May 2024 · 1 min read नज़रिये की बाते आमंत्रण और निमंत्रण दोनों में अंतर होता है! बात सिर्फ नज़रिये की होती है! Hindi 1 35 Share उमेश बैरवा 2 May 2024 · 1 min read चंचल मन चंचल मन चंचल चलत है! मन मेरा भटकत भटकत रहता है! मन मेरा जब भी कुछ करना चाहता हूं! मैं काम विचलित हो बिगाड़ देता है!काम क्योंकि चंचल चलत है!... Hindi · Quote Writer 1 209 Share उमेश बैरवा 8 Nov 2022 · 1 min read थू थू हो गई थू थू हो गई मेरी इस जमाने में! मेरा लड़का लड़की भगा लाया इस जमाने में!! Hindi 1 139 Share उमेश बैरवा 20 Oct 2022 · 1 min read मेरी पहचान मेरी पहचान तुम से नहीं है। इसके लिए बहुत लिवाज बदले है। मैंने Hindi 1 162 Share उमेश बैरवा 16 Oct 2022 · 1 min read मेहनत के मोती मेहनत कर मोती चुने थे। हमने हमें क्या पता था। मेहनत हमें चुन लेगी Hindi 1 260 Share उमेश बैरवा 22 May 2022 · 1 min read बिना मिले बिना मिले अंदाजा मत लगाना बिना सुने किसीकी बातें मत बनाना अरे किसको पता अरे किसको पता कौन क्या है! यह किसी को मत बताना रहने दो कुछ बातें अपनी... Hindi · कविता 2 307 Share उमेश बैरवा 12 May 2022 · 1 min read मेरा पेड़ कुछ समय पहले में कुछ बीज मैं लाया था अपने घर के आंगन में बीज को लगाया था बच्चों जैसे पाला पानी देकर बढ़ाया उसको बढ़ा हुआ जब वह उसने... Hindi · कविता 1 382 Share उमेश बैरवा 13 Feb 2022 · 1 min read नाम नाम के पीछे क्या पढ़ते हो यह तो मृत्यु प्रमाण पत्र में लिखा जाता है!!! Hindi · मुक्तक 1 475 Share उमेश बैरवा 27 Dec 2021 · 1 min read बरसती बूंदों मेरी बिखरी हुई जुल्फों से बरसती बूंदों को देख पागल हुआ था तू मुझे क्या पता था दस्तूर ए दोस्ती ऐसी निभाएगा तू के दिन रात मेरी कब्र को आंसुओं... Hindi · शेर 1 501 Share उमेश बैरवा 27 Dec 2021 · 1 min read इत्र न जाने किसने मेरे जनाजे पर ऐसा इत्र छिड़क दिया जो आया मेरे जनाजे को कंधा देने मेरे शहरे से लिपट गया उड़ रही खबरें मेरी रुखसत की फूल चढ़ाने... Hindi · शेर 1 251 Share उमेश बैरवा 27 Dec 2021 · 1 min read रूहे जब रात परस्ती है! तो दिल धड़कते हैं! अरे कब्र कब्रिस्तान और विरानिया छोड़ रूहे आपस में मिलती है! Hindi · शेर 1 241 Share उमेश बैरवा 15 Dec 2021 · 1 min read प्राण रण क्षेत्र मैं प्राण जाएंगे मेरे यह मत सोचना बच जाएंगे तेरे Hindi · शेर 1 289 Share उमेश बैरवा 13 Dec 2021 · 1 min read सिसकियां "डर लगता है मुझे उन सिसकियों से जो किसी के दूर जाने से निकलती है डर लगता है" Hindi · कोटेशन 2 321 Share उमेश बैरवा 5 Dec 2021 · 1 min read जन्म दिवस की बधाई संतोष मन में तेरे क्रांति और चेहरे पर भी ओज है! मन तेरा शांत है! ना तू देखता किसी मैं दोष है! चला जा रहा तू निरंतर क्रांति के पथ पर... Hindi · कविता 1 480 Share उमेश बैरवा 30 Nov 2021 · 1 min read एक माँ का अरमान एक माँ अपने बच्चे को बचपन में कहती पढ़ लिखकर बेटा तू जल्दी से बड़ा हो जा तुझको डॉक्टर मैं बनाऊंगी! एक माँ अपने बच्चे को बचपन में कहती पढ़... Hindi · कविता 2 1 378 Share उमेश बैरवा 29 Nov 2021 · 1 min read इम्तिहान मत ले ए जिंदगी तु इतना इम्तिहान मेरा! चले जाऊंगा नहीं तो एक दिन सबकुछ छोड़कर कुछ नहीं तु कर पाएगी मेरा! तू भी परेशान होती रहेगी मेरे जाने से... Hindi · कविता 3 2 299 Share उमेश बैरवा 28 Nov 2021 · 1 min read राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले महाराष्ट्र राज्य में जन्मे थे माता पिता के प्यारे थे! बचपन से ही तर्कशील वैचारिक क्रांति वाले थे! बचपन में ही ब्याह हुआ और वह किस्मत वाले थे! उन्हें मिली... Hindi · कविता 3 2 497 Share उमेश बैरवा 25 Nov 2021 · 1 min read मृत्यु भोज जीवन भर मैंने जो कमाया है उसे यूं ना गवाना बेटा ना हो तेरे पास में तो कर्जा मत करना बेटा मैं जब भी मर जाऊं मृत्यु भोज मत करना... Hindi · कविता 2 4 529 Share उमेश बैरवा 23 Nov 2021 · 1 min read पीहर सुबह सवेरे उठती हूं तो याद पीहर की आती है! मां की ममता पिता की आवाज बहुत आती है!! जब भी लगती हूं सुबह सवेरे घर के काम पर! घर... Hindi · कविता 2 2 574 Share उमेश बैरवा 19 Nov 2021 · 1 min read मजदूर सुबह उठे जब घर पर सिर्फ चाय ही सहारा था! भरने पापी पेट को सिर्फ काम ही सहारा था! जैसे पहुंचे मजदूर चौक पर मजदूरों ने अपना डेरा जमाया था!... Hindi · कविता 1 534 Share उमेश बैरवा 17 Nov 2021 · 1 min read जनाजा उठ रहा जनाजा तब खामोश होंगे लोग कुछ अच्छा किया होगा तभी तो रो रहे होंगे लोग!! हो जाऊंगा सुप्रदे खाक तब भी बतिया रहे होंगे लोग!! कुछ तो बात... Hindi · कविता 2 2 495 Share उमेश बैरवा 13 Nov 2021 · 1 min read तू चल थक मत तू चल तू चल थक मत थक मत! हिम्मत बड़ा और कोशिश पूरी कर!! याद कर उन मां के पैरों के छालों को! भूखा पेट और सिसकती रातों को!! उलझन... Hindi · कविता 1 314 Share उमेश बैरवा 13 Nov 2021 · 1 min read परिंदा बन परिंदा उड़ चला हूं! अभी उड़ान बाकी है! खामोश रहना साथियों मंजिलें मुकाम परिणाम बाकी है!! लेखक:- उमेश बैरवा Hindi · शेर 3 398 Share उमेश बैरवा 12 Nov 2021 · 1 min read सुबह सवेरे उड़कर पंछी सुबह सवेरे उड़कर पंछी दाना चुगने जाते हैं! शाम होते ही अपने घर को आते हैं! चिंता रहती उनको अपने बच्चों की कुछ बीमार और कुछ अपनों की खुद खाएं... Hindi · कविता 2 204 Share उमेश बैरवा 11 Nov 2021 · 5 min read उत्सव मैं जन्मोत्सव बात उन दिनों की है जब मैं लगभग 8 वर्ष की आयु पूर्ण करने की दहलीज पर था मुझसे उम्र में बड़ी मेरी बहन घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 555 Share उमेश बैरवा 10 Nov 2021 · 4 min read "रक्त उज्जवला स्त्री एवं उसके हार" #किंतुपरंतु अभी नहीं शाम को लौटते वक्त ले आऊंगा और कुछ व्यंगात्मक बातों के साथ जैसे ही घर से निकला और गाड़ी स्टार्ट करने वाला था!पड़ोस के कुछ ही मकान... Hindi 2 1 402 Share उमेश बैरवा 10 Nov 2021 · 2 min read दीपोत्सव #दीपोत्सवदीपदान से दीपावली बना त्यौहार छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यापारी से लेकर मजदूर तक त्योहारों की दृष्टि से मनाए जा रहे हैं अति उत्साहित दीपावली त्यौहार मैं... Hindi · लेख 1 379 Share उमेश बैरवा 10 Nov 2021 · 2 min read करवा चौथ #करवाचौथ सुकून भरा महिला की जिंदगी मैं आया हुआ वह दिन जब प्रिय पति की नजरों मैं उपाशीका हूं क्योंकि मैं दिन भर से भूखी हूं प्यासी हूं सिर्फ इसीलिए... Hindi · लेख 1 414 Share