Umender kumar Language: Hindi 125 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umender kumar 31 Dec 2023 · 1 min read माता - पिता मां का पालन, खून से सींच कर , पिता का पालन, जिमेदारी से, मां का पालन, उंगली पकड़ कर चलना सीखना, पिता का पालन, अपने पैरो पर खड़ा करना, मां... Hindi 2 113 Share Umender kumar 30 Jul 2023 · 1 min read उनकी आदत गुरूर था जमाने को हमें नीचा दिखाने का, उन्हें पता नहीं था, उनकी आदत ने हमे ऊंचा मुकाम दिला दिया, अफसोस तो इस बात का है, वह जब भी हमें... Hindi · कविता 1 228 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read ठोकर खाई है, पर गिरा नहीं हूं…… ठोकर खाई है, पर गिरा नहीं हूं…… लड़खड़ाया जरूर हूं मगर गिरा नहीं हूं, यह सोचा ना था , के तू हाथ भी ना बढ़ाएगा… इससे तूने, दोस्ती पर भी... Poetry Writing Challenge 102 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read आंसुओं की उधारी इन आंसुओं को संभाले रखा है अपने जनाजे के लिए, के चार आंसू भी उधार न मांगने पड़े मतलबी दुनिया से, अगर लिए तो फिर वापस आना पड़ेगा, जिंदगी भर... Poetry Writing Challenge 1 137 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read दुखी जीवन मुद्दतों बाद महफिलों से रू-ब-रू तो हुए, मगर तेरी कमी सी (खुशी) थी, अगर तू थोड़ी भी होती, अगर तू साथ होती… इस अंजुमन को दीवाने खास बना देते….. उमेंद्र... Poetry Writing Challenge 106 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read दर्द दर्द को दर्द ही रहने दो, मरहम लगाने की कोशिश ना करो , शुक्रिया अदा तो उनका है जो घावों को कुरेद देते हैं, जिससे दर्द तो महसूस होता है!... Poetry Writing Challenge 112 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read सांपों का जहां यह सांपों का जहां है, साहब जरा संभल कर चलो, यहां आस्तीनो में भी सांप मिलते हैं, जो अपना बना कर डस लेते हैं उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 89 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read कीमत कीमत…. पापड बेलकर कमाने वालों की नहीं, पापड़ बिलवाकर कमाने वालों की है…. बेलने वाले रुपया कमाते हैं, बिलवाने वाले लाखों कमाते हैं… जानते हुए भी हम, बेलने वाले बने... Poetry Writing Challenge 144 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की व्यथा यह शरीर है साहब बीमारी भी इसी में है और भूख भी …… इसी में …… इल्जाम मत दो मुझे बाहर निकलने के लिए, डरता हूं मैं, बीमारी से पहले... Poetry Writing Challenge 107 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read “वक्त“ मत दो मुझे, “वक्त“ मत दो मुझे, मशगूल रहने दो जरा भी “वक्त” मिला तो मैं नहीं रहूंगा किसी की याद में … उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 93 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read हम तो खाली हाथ थे लुटा कर बैठा महफिल में था सब अपना, क्या पता था, लूटने वाले फिर भी ना छोड़ेंगे… गम इस बात का नहीं के लुटे को लूट लिया, अफसोस रहा के,... Poetry Writing Challenge 109 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मुर्दों के जज़्बात मुर्दों के जज़्बात नहीं होते, उनके अपने तो होते हैं मगर पास नहीं होते, दिख जाते कहीं / कभी अपने, तो आज हम यहां श्मशान में नहीं होते….. सुकून में... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read जीवनसंगिनी की याद आज अचानक तुम्हारी याद आई है जब मैं आईना देख रहा हूं अब सजने सवरने का क्या मतलब जब जिंदगी में अकेले काट रहा हूं आज याद आ रही है... Poetry Writing Challenge 66 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read विरानो से निकलकर जख्म- ए- निशान थे बहुत, दिल पर, कलेजा मुंह को आया था, देख कर। कलेजे को सीने में दफना क्या लिया है हमने, विरानो से निकलकर, अब जिंदगी, जिंदगी सी... Poetry Writing Challenge 82 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read टूटा दिल टूट गया हूं शीशे सा, अगर कोई समेटने भी आता है ना…. …उसको भी चुभ जाता हूं उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 68 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मेरी बेचैनी दिन इंतजार में है रातें आंसुओं में है और कितना सब्र करूं, यह तो बतला दो मुझे… उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 93 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read अपनों की भूख का डर रुक जा अब तो के अब बहुत हुआ, बक्श दे सबको के अब बहुत हुआ, जी लेने दे सबको के अब बहुत हुआ, अब तो खुद का कत्ल हुआ सा... Poetry Writing Challenge 84 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read तेरी महफिल तेरी महफिल चर्चा ए आम हो गई, थोड़ी सी नजरे फेर हम चले क्या आए, जिक्र था जुबां पर सबकी, अब क्या रोशन समा करेगी, चिराग थे महफ़िल की जो... Poetry Writing Challenge 105 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read ऐ जिंदगी ऐ जिंदगी नादान न समझ मुझे ऐ जिंदगी, सीखा भी तुझी से हूं, और जीना भी तेरे साथ है…. अब समझ लिया है तेरे उतार-चढ़ाव को, अब कुछ शर्त हमारी... Poetry Writing Challenge 83 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read तेरा अक्स तेरा अक्स इस कदर आंखों में समाया है , जहन में तेरा ख्याल आते ही , दिल को सुकून मिल जाता है… आंखें बंद कर , दो बातें क्या कर... Poetry Writing Challenge 98 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read तेरा ख्वाब तेरे ख्वाब ख्वाब हूं तेरी आंखों का, मंजिल हूं तेरी राहों का, रोज भरते हो दरिया आंखों में, बसा कर हमें अपनी सांसो में, देख कर तस्वीर हमारी, आहें भरते... Poetry Writing Challenge 345 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मां मां का एक दिन नहीं, मां से ही सब दिन है…. मां ही दिन का उजाला है, मां ही शक्ति है, मां ही ऊर्जा है, मां की प्रेणना ही सही... Poetry Writing Challenge 229 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read तेरी याद तेरी याद ज़िंदगी जीने नहीं देती, यादें भूलने नही देती, क्या पता किस मोड़ पर मिल जाए दुबारा, इसलिए, इंतजार कर जीए जा रहे है… उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 76 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read “पापा आप बहुत याद आते हो” “पापा आप बहुत याद आते हो” “पापा आप बहुत याद आते हो” रोज़ दिन आता है बीत जाता है, पर तुम नहीं आते….. याद आती है, आखो मे पुरानी तस्वीरे... Poetry Writing Challenge 1 2 254 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read हम पत्थर हैं हम पत्थरो को हथौड़ी की चोट खानी ही है, क्योंकि हमसे कुछ अमीरों के ताजमहल जो बनने हैं उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 71 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read पिता की अस्थिया रूह कॉप रही थी, पिता की अस्थिया समेटते-समेटते, पल भर में बेसाया हो गए थे. आसू पोछते-पोछते, आस्तीन के सापों से बचाया,माँ ने अपने आचल में समेटते-समेटते, दुनिया की तपिस... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का, जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का, जब अपना साया ही शाम होते-होते हजारो रंग दिखा जाता है…… उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 1 105 Share Umender kumar 3 Feb 2023 · 1 min read दोस्ती और जलन मुझे क्या पता था , मुझसे जलने की वजह मेरी कामयाबी निकली.... जलन ना करके खुद मेरे जैसा बनते, तो तुम्हारी भी कीमत बढ़ती... तुम्हारी जलन ने, मुझ जैसा दोस्त... Hindi 199 Share Umender kumar 1 Jan 2023 · 1 min read मोहब्बत के वादे हम उनसे इतनी मोहब्बत कर बैठे, बिन पूछे एक वादा कर बैठे, भले ही साथ रहने का वादा ना किया उन्होंने, मगर बिन बोले ही, मेरी यादों में आने का... Hindi 447 Share Umender kumar 7 Dec 2022 · 1 min read कीमत.... कीमत.... पापड बेलकर कमाने वालों की नहीं, पापड़ बिलवाकर कमाने वालों की है.... बेलने वाले रुपया कमाते हैं, बिलवाने वाले लाखों कमाते हैं... जानते हुए भी हम, बेलने वाले बने... Hindi 4 2 161 Share Umender kumar 18 Oct 2022 · 1 min read फरेबी दुनिया की मतलब प्रस्दगी विश्वास का खून कर कमजोरी का फायदा उठा ले गए, खुद गलती कर , दुनिया के लिए नफरत पैदा कर गए, मतलबी दुनिया की तस्वीर हमे दिखा गए, कमज़ोरी जाहिर... Hindi · कविता 3 478 Share Umender kumar 16 Oct 2022 · 1 min read हम पत्थर है हम पत्थरो को हथौड़ी की चोट खानी ही है, क्योंकि हमसे कुछ अमीरों के ताजमहल जो बनने हैं उमेंद्र कुमार Hindi 2 1 311 Share Umender kumar 15 Oct 2022 · 1 min read पिता की अस्थिया रूह कॉप रही थी, पिता की अस्थिया समेटते-समेटते, पल भर में बेसाया हो गए थे. आसू पोछते-पोछते, आस्तीन के सापों से बचाया,माँ ने अपने आचल में समेटते-समेटते, दुनिया की तपिस... Hindi · कविता 2 263 Share Umender kumar 15 Oct 2022 · 1 min read माता-पिता की जान है उसकी संतान माता-पिता की ख़ुशी है उसकी संतान, माता-पिता की जान है उसकी संतान, संतान को कुछ हो तो, निकलती है माता-पिता की जान, संतान की खातिर, एक करते है अपनी जी... Hindi · कविता 2 825 Share Umender kumar 9 Oct 2022 · 1 min read तेरी याद ज़िंदगी जीने नहीं देती, यादें भूलने नही देती, क्या पता किस मोड़ पर मिल जाए दुबारा, इसलिए, इंतजार कर जीए जा रहे है... Hindi 1 243 Share Umender kumar 8 Oct 2022 · 1 min read हम कुछ भी नही... हम उस किताब की तरह है, जो किमती तो बहुत है, पर बिकती नही, लिखा भी उसमे खूब है, पर दिखने में कोरी है, खुशी तो देती है पर, आईना... Hindi · कविता 1 262 Share Umender kumar 3 Oct 2022 · 1 min read तुन्हे क्या कहे अब हम तुम्हें क्या, कहे तुम्हारी फितरत ही ऐसी है फूलों की महक तो देते हों, मगर उससे पहले कटीले झाड़ो से रूबरू कराते हो.. Hindi · मुक्तक 193 Share Umender kumar 9 Jun 2022 · 1 min read “पापा आप बहुत याद आते हो” “पापा आप बहुत याद आते हो” रोज़ दिन आता है बीत जाता है, पर तुम नहीं आते….. याद आती है, आखो मे पुरानी तस्वीरे तिरती रहती है, पर तुम नहीं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 268 Share Umender kumar 8 May 2022 · 1 min read मां मां का एक दिन नहीं, मां से ही सब दिन है.... मां ही दिन का उजाला है, मां ही शक्ति है, मां ही ऊर्जा है, मां की प्रेणना ही सही... Hindi · कविता 2 616 Share Umender kumar 24 Dec 2021 · 1 min read तेरे ख्वाब ख्वाब हूं तेरी आंखों का, मंजिल हूं तेरी राहों का, रोज भरते हो दरिया आंखों में, बसा कर हमें अपनी सांसो में, देख कर तस्वीर हमारी, आहें भरते हो, छुपाकर... Hindi · कविता 418 Share Umender kumar 14 Dec 2021 · 1 min read तुमसे मुलाकात आज तुमसे मुलाकात कुछ अधूरी सी लगी... मिले तो थे मगर, दिल से नहीं, दिल रखने के लिए.... उमेंद्र कुमार मुरादाबाद Hindi · लेख 469 Share Umender kumar 14 Dec 2021 · 1 min read तेरा अक्स तेरा अक्स इस कदर आंखों में समाया है , जहन में तेरा ख्याल आते ही , दिल को सुकून मिल जाता है... आंखें बंद कर , दो बातें क्या कर... Hindi · कविता 277 Share Umender kumar 7 Dec 2021 · 1 min read ऐ जिंदगी नादान न समझ मुझे ऐ जिंदगी, सीखा भी तुझी से हूं, और जीना भी तेरे साथ है.... अब समझ लिया है तेरे उतार-चढ़ाव को, अब कुछ शर्त हमारी भी होंगी,... Hindi · कविता 397 Share Umender kumar 22 Oct 2021 · 1 min read प्रेम की करवा चौथ पूरा दिन भूखे रहकर करवा चौथ मत कर.... इससे मेरी उम्र नहीं बढ़ती तेरा घमंड बढ़ता है... बस किसी भी दिन तू प्यार से रह ले उसी दिन मेरी करवा... Hindi · कविता 266 Share Umender kumar 22 Oct 2021 · 1 min read मोहब्बत मे दर्द, दर्द से मोहब्बत... मोहब्बत मे दर्द मिला, दर्द से मोहब्बत... कर बेठा मोहब्बत की इन्तहा मे दर्द मिला बेहिसाब ज़माने की नजरों ने किया बेहिजाब... मेरे अफसानो पर मुस्कुराता है ज़माना अपने मचलते... Hindi · कविता 1 293 Share Umender kumar 26 Sep 2021 · 1 min read मैं ऐसा हु हम मीठे के सौदागर नहीं , यहां नीम के पत्ते मिलते हैं...... उमेंद्र कुमार Hindi · मुक्तक 285 Share Umender kumar 21 Sep 2021 · 1 min read नमक मुझे शिकायत है नमक से जो मेरे जखमों पर नहीं लगते..... उमेन्द्र कुमार Hindi · मुक्तक 432 Share Umender kumar 21 Sep 2021 · 1 min read तेरी महफिल तेरी महफिल चर्चा ए आम हो गई, थोड़ी सी नजरे फेर हम चले क्या आए, जिक्र था जुबां पर सबकी, अब क्या रोशन समा करेगी, चिराग थे महफ़िल की जो... Hindi · कविता 370 Share Umender kumar 27 Aug 2021 · 1 min read आजादी हम अभी आजाद नहीं कुछ लोगों की हैवानियत से उस दिन हम आजाद होंगे जब लड़की निडर हो घूम सकेगी बाजार में.. आओ आजादी की खुशियां हम सब लोग मिलकर... Hindi · कविता 2 324 Share Umender kumar 27 Aug 2021 · 1 min read कोई तो याद करेगा कभी तो याद करेगा लिख दिया करते थे शब्दों को कभी कागज पर अपने दिल का हाल जानकर गुमनामी में ही सही निशान तो रहेंगे हमारे जाने के बाद कोई तो याद करेगा कभी... Hindi · कविता 479 Share Page 1 Next